अँधेरे में दिया जानेमन को प्यार

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हाई दोस्तों,

मेरा नाम प्रवीन हे और मैं एमबीए कर रहा हू | मेरे क्लास में एक लकड़ी पढ़ती थी जिसका नाम सोनम था और वो एक दम मस्त माल थी | पर वो गली भी देती थी जब उसे कोई परेशान करता था तो ये बात अपने क्लास में सबको पता था पर उसे इससे कुछ फर्क नही पड़ता था | एक दों महीने में हम दोनों अच्च्चे दोस्त बन गए थे | मेरा जन्मदिन आने वाला था ये बात क्लास में सिर्फ उसी को पता था और जन्मदिन पे वो सुबह सुबह मुझे फोन कर के विष की और पूछी आज का क्या प्रोग्राम हे, मेने कहा आज का दिन तेरे नाम और उसे उसके घर तक में अपने बाइक में गया उसे लेने के लिए |

हम दोनों पुरे दिन बहुत जगह घुमे मस्ती किया मजे किये सब कुछ किये और फिर जेसे जेसे शाम होने लगी हम और मस्ती में आने लग गए | हम दोनों एक विउ पॉइंट गए, जो की पहंड के उपर था और शाम के वक्त बहुत कम लोग आते थे, बोले तो न के बराबर क्युकी वहा लाईट नही होती थी | हम दोनों एक मस्त अँधेरे वाला कोना देख के वही खड़े होके मस्त बातें करने लग गए मीठी मीठी और फिर वही पे उसने अपने प्यार का इजहार किया और मेने उसके जवाब में मेने उसके होठो को चूम लिया और जेसे ही अलग होने वाला था उसने फिरसे मुझे खीच के मेरे होठो को चूसने लग गयी |

हम दोनों एक दूसरे के होठो को दो तिन मिनट तक चुसे और फिर मैं सुके जिस्म पे हाथ फेरने लग गया और फिर धीरे धीरे उसके छाती तक पहुच के उसके मम्मे दबाने लग गया, उसके नरम नरम मम्मे दबाने में मुझे बहुत मजा आ रहा था | वो सिसकिय पे सिसकिय भरी जा रही थी और फिर वो मुझे बोली की उसे लेटने का मन कर रहा हे तो फिर मेने अच्चा सा जगह देख के उसे लेटा दिया और फिर उसके मम्मे चूसने लग गया टॉप के उपर से | कुछ देर के बाद मेने उसके टॉप को उपर कर दिया और उसके ब्रा को भी खोल दिया | उसके चुचे मुझे उतना साफ़ दिख नही रहा था पर दिख रहा था क्युकी उस वक्त रात के आठ बज रहे थे |

मेने उसके निप्पल को मुह में लेके चूसने लग गया और दूसरे को मसलने लग गया | वो मेरे सर पे हाथ फेरने लग गयी और फिर मैं उसके चुचो को करीब पन्द्रह मिनट चूसा और फिर उसकी जींस का बट्टन खोल के जींस निचे को सरका दिया और उसके एंटी के उपर हाथ फेरने लग गया | उसकी पेंटी एक तरफ से गीली थी और मस्त महक दे रही थी | मैं उसके चुत को उसके पेंटी के उपर से ही काटने लग गया और मसलने लग गया, वो एक दम से कसने लग गयी और मेरे हाथो को नोचने लग गयी |

मेने फिर उसकी पेंटी उतार दी और फिर उसकी चुत पे हाथ फेरने लग गया, हाथ फेरने से पता चला की उसकी चुत एक दम चिकनी थी और फिर मैं उसके चुत में ऊँगली करने लगा और वो कराहने लग गयी, मैं झुक के उसकी चुत को चाटने लगा तो वो एक दम से झड गयी और बोली कुछ करो, आज जो करने का मन हे सब करदो आज मैं तुम्हारी हूँ | मेने अपने लंड को निकाला और उसकी टांगो को उपर की तरफ उठा के उसकी चुत पे र्ग्दाताकी चुत रस लंड पे भी लग जाये | लगने के बाद मेने उसके चुत पे लगातर धक्का देता रहा और मेरा लंड धीरे धीरे उसकी चुत को चीरता हुआ अंदर जाता रहा | वो दर्द से चिल्लाने लग गयी और रोने लग गयी पर कुछ देर के लिए मेने अपने दिल को पत्थर बना दिया और लंड को अंदर तक पंहुचा के ही रुका |

उसका रो रो के बुरा हाल था पर में रुका नही और लंड को आगे पीछे करता रहा | वो दर्द से चिल्लाते चिल्लाते शांत हो गयी और फिर मुझे पकड़ के कसने लग गयी | मैं लगातार शोट देता रहा और वो अह्ह्ह्ह्ह ईई ह्म्म्म ऊऊह्ह्ह्ह्ह्ह्ह करती रही और करीब आधे घंटे के बाद मैं उसकी चुत में ही झड गया | वो मुझे चूमने लगी और बोली तुम्हे अपना जीवन साथी बना के कोई गलती नही की |
 
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