अंजू के प्यार की सजा

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नमस्कार दोस्तों,

आज मैं आपको अंजू की मज़े दार चुत के बारे में आपको बटन जा रहा हूँ जिसकी चुदाई मैंने उसके घर घर पर बड़े बेतहाशा तरीके से ही थी | अंजू कोई और नहीं दोस्तों बल्कि मेरी पुरानी गर्लफ्रेंड की बड़ी बहन ठो और अब मेरा उसकी चुत पर ही सीधा निशाना था | अंजू से मेरी उसी के छोटी बहन द्वारा बात काफी समय पहले शुरू हो चुकी थी जिसे मैंने चुत की आस में फिर कुछ महीनो बाद शुरू कर दिया | हमारी फोन पर बात के अलावा कभी - कभार मिलना - जुलना भी हो जाया करता और धीर - धीरे मुझे ऐसा लगने लगा जैसे वो मुझे चाहने लगी थी | हालांकि मैं उसके साथ किसी भी बंधन में नहीं बंधा पर अपनी ज़रूरतों को पूरा करना ज़रूर जनता था |

अंजू अप जब भी मुझसे प्यार की बातें करती तो मैं उससे कुम्ता का विषय छोड़ उसे चूमता या उसकी चुचियों हल्का - फुल्का दबाता हुआ उसे ताल दिया करता और वो भी अपनी चाहत को सच्चाई को दिखने के लिए मुझे कभी ना रोकती | अंजू के मोटे गोरे चुचे ही मेरे दिमाक में हेशा बने रहते और अब तो मेरा रोज का काम हो गया उनकी जमकर सेवा करना | अब एक दिन मैंने अंजू के प्यार की सीमा की बात छेडते हुए उसे हमारे यौन - सम्बन्ध पहुंचाने लगा | जिसपर वो चाहकर भी मुझे ना कर पाई और अगले ही दिन जैसे ही उसका घर खाली हुआ तो उसने मुझे बुला लिया | मैंने भी वहाँ पहुंचकर अब उसे साथ कुछ इधर - उधर बातें करता हुआ उसकी गौद में सर रखा उसके होठों को चूसना शुरू कर दिया |

मैंने वहीँ लेटे हुए अंजू के अंगों को छेड़ते हुए उसकी कुर्ती के उठाते हुए चूचियों को दबाते हुए पीने लगा जिसपर वो अपनी आँख बंद कर मदहोश होती चली गयी | जब मुझे अंजू नशे में बिलकुल चूर होती हुई नज़र आने लगी तो मैंने उसकी नीचे के पहनी हुई सलवार भी खोल उसकी पैंटी को भी उतार दिया | अब मैंने अपनी उँगलियों को उसकी चुत में अंदर - बहार देनी शुरू करदी | कुछ देर बाद ही दोस्तों मेरी जबरदस्त ऊँगली करने से उसकी चुत गीली हो चुकी थी | अब मैं उसकी चुत को चोदने के लिए बेचैन होने लगा तो उसे वहीँ बिस्तर पर लिटा दिया और अपना लंड का सुपाडा उसकी चूत के द्वार पर टिका दिया और कुछ देर उसी के उप्पर आगे - पीछे मसलने लगा |

जैसे ही मैंने अपने दोनों हाथों से जकदते हुए धक्का मारा तो उसके मुंह से जोर की चींख निकल पड़ी और उसकी आँख से आंसू भी निकल रहे थे | मैंने अब पहले अपने लंड को निकालते हुए कुछ समय अंजू माने में लगा दिया और फिर उसकी चुत में ऊँगली करता हुआ उसके उप्पर कुछ १५ मिनट बाद चढ गया और इस बार मैं बस उसकी चुत को खिन का नहीं छोड़ने वाला था | अब मैंने उसके टांगों को अच्छी तरह से फैलाते हुए बेचुका अपने लंड के धक्के मारे और दोस्तों लगभग २० मिनट तक इसी तरह उसके उप्पर छाडे हुए मारता चला गया जिससे आह्खिर में मेरे लंड का भी सार वीर्य वहीँ उसके उप्पर गिर गया | आज तक मैंने अंजू के प्यार पर हामी नहीं भरी पर उसकी चुत की चुदाई करना भी नहीं छोड़ा है |
 
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