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करीना आंटी की जबरदस्त चूत सैफू अंकल के लंड के उमर की आधी है।

जब से करीना आंटी जैफू अंकल के घर ब्याह कर आई हैं तब से मुहल्ले में एक ही चर्चा है, कैसे लेता होगा सैफूवा उसकी चूत। चाचा के उमर का जैफू, करीना के उमर का दोगुना है। बेचारी करीना अपने मन से शादी की, मां बाप के फैसले के खिलाफ। अब हम का करें भाई, हमको तो मिली एक नाजनीना चाची जान जिनका नाम भी है हिरोइन के नाम पर और नखरे नाज तो पूछो मत, एक दम चोदवासी रहने वाली करीना आंटी हमेशा लाल लाल लिपस्टिक लगाके तैयार रहती हैं। पहले तो वो बहुत घूमती फिरती थीं पर जब से शादी करके घर आई हैं चाचाजान घर से बाहर नहीं निकलने देते। अलबत्ता अपने महफिलों में जाने और शम्मा बुझाने की उनकी आदत आज तक नहीं गयी। तो बता दें कि हम सारा परिवार एक ही में रहता है। हमारे अब्बू, चाचाजान, अम्मी और करीना चाची। मेरी उमर करीना चाची के उमर की ही है और इसलिए हम दोनों में खूब पटती है। चार पांच दिनों के बाद जब सैफू अंकल का मन चोद चोद के भर गया तो वो बाहर ही ज्यादा रहने लगे। अब करीना चाची की चुदास भी खतम न होए और उदास भी रहने लगीं। इधर गर्मियों की छुट्टीया हो गयीं थी हमारे कालेज में तो मैं भी खाली ही था।

इसलिए मैने करीना आंटी के साथ खेल करने के बारे में सोचा। दूधिया गोरा रंग, मलमली काली जुल्फें, कसी हुई मझोले कद की गांड और सी कप इंडीयन ब्रा पहनने वाली करीना आंटी की जीरो फिगर देख कर मेरा लंड पहले ही उनकी चूत की कल्पना करके डांस करने लगता था। इसलिए मैने आज उनके साथ कैरम खेलने का सोचा। कैरम बोर्ड लेकर हम दोनों खेलने लगे। बुढे सैफू अंकल बाहर टहलने गये थे। करीना आंटी और हम आमने सामने बैट कर कैरम की गोटियों पर निशाना लगा रहे थे। करीना आंटी का दुपट्टा सरक रहा था और वो बेतकल्लुफी से अपने मस्त गोरे गोरे बड़े चूंचों को लटका के निशाने लगा रहीं थीं। इन चूंचों को देख कर मेरा लंड एक दम से डिस्को करने लगा मेरे ट्राउजर के अंदर। मैने अपने हाथ से उभरे हुए लंड को सहेज कर सीधा करने की कोशिश की तो मेरे लंड को गियर बाक्स की तरह सीधा करते देख कर करीना आंटी मुस्कराईं और बोलीं क्या बात है दीपू, तुम ठीक तो हो, तो मैं झेंप गया। फिर मैने अपने लंड को सम्भाल कर सीधा किया और फिर खेलने लगा। अचानक से लाईट कट गयी, अब करीना आंटी ने दुपट्टा ढुलकाया और मजे से अपने हाथों में उसे लेकर हवा करने लगीं, बिना दुपट्टे के उनके बड़ी गरदन वाली सलवार को देख कर मेरा लंड एकदम से बिगड़ गया, फिर उभर कर खड़ा हो गया। उनके हाथ हिलाने से हिलते हुए बड़े बड़े चूंचे और मनोरम और लंडोत्तेजक दृश्य पैदा कर रहे थे। मेरा ध्यान अचानक से आंटी के चूंचे पर काले तिल के उपर चला गया, एक दम मस्त मस्त काला काला तिल, मेरा मन उसको चूम लेने को कर रहा था कि मैने देखा, आंटी का एक हाथ मेरे लंड के उपर था। पाजामे के उपर से ही उभरे हुए लंड को पकड़ कर के वो सहला रहीं थीं और मेरा दिमाग सन्ना गया था। मैने अचानक से अपने लंड को एकदम से अकड़ते हुए पाया।

जैफू अंकल भर पेट न चोद पाये करीना आंटी की चूत

चूत का दीवाना होने की वजह से वर्ज्य रिश्तों की मर्यादा को देखते हुए जो काम मैं कर रहा था, उसमें उत्तेजना स्वाभाविक थी और मेरा यह हाल इस प्रकार होते हुए देख कर के आंटी की मुस्कराहट बढती जा रही थी। उन्होने कमरा भेड़ दिया, घर में अब्बू अम्मी सो रहे थे और मेरा लंड आंटी की चूत की प्यास में खड़ा था। अब आंटी खुद कैरम वाले स्टडी टेबल पर बैठ गयी, अपनी सलवार ढीली कर के उन्होने उसे नीचे सरका दिया और फिर अपनी हल्के झांटों वाली डीजायनर चूत को सहलाते हुए मुझको अपने टांगों के बीच छुपा लिया। बोली ' कभी देखा है ये वाली चीज दीपू, हालांकि मैं अपनी एक और कजिन को चोद चुका था पर मैने आंटी से झूठ बोला, और कहा - नहीं आंटी मैने नहीं देखा है ऐसी चूत कभी भी।

तो वो बोली, अरे बेटा इसीसे तो तू पैदा हुआ था, ले आज इस जगह को चूम ले। ऐसी ही चूत से पैदा होकर तू इतगा गबरु जवान हो गया। तो आज तु इसे खुश कर दे। मैं तो अंदर ही अंदर खुश था, उनके चूत में मुह लगाकर मैने चपड़ चपड़ करके गीली फुद्दी चूसनी शुरु कर दी। मैं जैसे जैसे चूसता गया, उनको ऐसा लगता कि जैसे बहुत मजा आ रहा हो। वो सिस्कारियां मारते हुए बोल रहीं थीं हाये अब्बा, हाये रब्बा, लड़का है या लेमनचूस है, गजब चूस रहा है। चूस बेटा चूस और अब मैने उनकी चूत से छलछला के पानी निकलते हुए देखा। वैसे भी आंटी का पानी कितना मजेदार था। मैने वो पानी पी लिया। आंटी एकदम से ढीली पड़ गयी।

दो मिनट तक चूत ढीली पड़ने के बाद वो भूखी शेरनी की तरह उठी और मेरे पाजामें को एक ही झटके में खोल कर नीचे गिरा दिया। मेरा लंड बाहर खींच कर मेरे सामने बैठी और अपना छोटा सा सेक्सी मुह खोल कर मेरे मोटे लंबे लंड को अंदर लेने लगी। वो अपने होटों को इतना कस के मेरे उपर जमाए हुए थी कि मेरे होश उडे जा रहे थे। और तो और अपने दांतों की हल्की रगड़ से मेरे लंड को एक अलग प्रकार का घर्षण दे रही थी। मैने उनको अपने लंड से खेलने दिया। जैसे ही लंड उनके गले में टकराया, उनको एक हूल सी उठी और उसने लंड को बाहर उगल दिया, और फर्श पर थूकना शुरु कर दिया।

हाए अब्बा, मारोगे क्या, मुझे बेटा दीपू, तुम्हारा लंड तो तुम्हारे चाचाजान का भी चाचा निकला आओ आराम आराम से करते हैं। आंटी के इस बात पर मेरा कान्फिडेंस और बढ गया और मैने उनके मुह में अपना लंड इस बार पूरे जोर से धकेल दिया। बेचारी आंटी, एकदम से गें गें करने लगीं पर मैने उनके सिर को दबाए रखा, और हलक में लंड को पेले ही रखा। आगे पढिए दूसरे भाग में करीना आंटी का जलवा और कैसे बनाया उनकी चूत का हलवा मैने।
 
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