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चूत का बुरा हाल किया मैने

तो दोस्तों पहले भाग में बताया कि चूत की चुदेली करीना आंटी जिनकी उमर सैफू अंकल से आधी है, हमारे घर शादी कर के आईं। और बुढे लंड से काम न चल पाने के कारन मैं उनको पटाने में सफल रहा, शायद सैफू अंकल भी यही चाहते थे कि मैं उनको चोदूं और घर की बात घर में ही रहे। इसलिए मैने उनको चोदने के लिए उस दिन कैरम कैरम खेलते हुए ही पटा लिया और उनकी चूत का पानी पी गया। कहानी पिछले भाग के उस सीन से प्रारंभ होती है जहां कि वो हमसे अप्ने चूत के पानी को चूसने के बाद मेरे घुटने के पास बैठ कर मेरे पाजामे को खोल देती है और मेरे लंड को निकाल कर के एक जोरदार देसी मुखमैथुन का मजा देने लगती है मुझको

इस बात से मस्त हुआ मेरा लंड एकदम उसके गले तक पेल कर मैने उसको गैग कर दिया था। वो फर्श पर किलो के भाव से थूक रही थी, पर मैने उसके मुह में से लंड निकालने के लिए तैयार न हुआ। मैने उसको बालो से पकड़ कर चोदना जारी रखा और फिर चोदते हुये उसके गले के अंदर तक लंड पेल दिया। उसकी हालत खस्ता होते देख कर मैने अपना लंड बाहर निकाला और उसको एक प्यारा सा किस दिया।

अब वो बोली ' दीपू तुम तो बड़े सयाने हो, यार तुम तो डोमिनेटिंग हो, मैं तो तुम्हारे काका जान को डोमिनेट कर लेती हूं पर आज तुमने तो मुझे चोद चोद कर के हालत खस्ता कर दी, आओ ना फिर से शुरु कर्ते हैं। इस बार मैने उसके मुह में उंगली डालकर के उसके मुह से लार बटोरा और फिर उसके चूंचों पर मल कर के उसके चूंचियो का मसाज करने लगा।

उसकी मस्त बड़ी बड़ी चूंचियां पकड़के मलते ही करीना आंटी एकदम से मस्ताने लगी, मैने उनके चमकते चांद जैसे बदन पर उनकी फिसलन भरी लार मल कर जब उनके चूंचों को अपने डंडे जैसे लंड से फट्कार कर पीटने लगा तो वो मस्त होकर सिस्कारी मारते हुए कहने लगीं ' आह जिंदगी का असली मजा तो तुमने मुझे दिया है दीपू, वो बुढ्ढा सैफू तो मेरे लिए बस एक गोल्ड मेडल की तरह है जिसको न मैं अपनी जवानी दे सकती हूं ना कि उससे संतुष्ट हो सकती हूं। तुमने मेरे सपनो की चुदाई दी है मुझे। पेलो मुझे और जोर जोर से पेलो और पेल कर मेरे चूंचो को पी जाओ ये तुम्हारे हैं ये तुम्हारी मां समान आंटी के चूंचे हैं पेलोगे नही क्या अपनी आंटी को। मैने उसकी ये बातें सुनकर उसके चूंचों को पकड़ के दोनों हाथों से दबा दिया और उसके घाटियों में लंड घुसा कर चोदने लगा। उसकी नन्गी चूत पानी से भर चुकी थी और उसमें से टप टप पानी नीचे फर्श पर टपक रहा था।

शायद उसकी चूत को मेरे लंड का बेसब्री से इंतजार था पर इंतजार का मजा ही कुछ और होता है। इसलिए मैने उसकी चूत को अभी इंतजार ही कराना उचित समझा। अब मैं अपने लंड को खड़ा करके उसके चूंचों को पेल रहा था, वो अपनी गर्दन नीचे झुका कर होटो को नीचे लाकर मेरे लंड का सुपाड़ा पकड़ने की कोशिश कर रही थी। इसका मतलब कि वो एक साथ चूंच चोदन और मुख चोदन दोनों का मजा लेना चाहती थी।

चोद कर के चूत का बनाया पुलंदा

मैने अपना लंड जरा और दूर तक अंदर उसके चूंचे में ठेला, इस बार मेरा आधा लंड उसके मुह के भीतर चला गया। अब मुझे ज्यादा मजा आ रहा था। लंड का आधा जड़ उसके चूंचे के बीच और आधा लंड उसके मुह में था। मैं झटके पर झटके मार रहा था और दनादन पेलते हुए उसको चोदे जा रहा था। इस बार का माहौल दिव्य था, उसने मेरे लंड को चूसते हुए अपने चूंचों पर द्बाव ऐसे बनाया कि मेरे लंड से पिचकारी उसके मुह में निकल पड़ी। जैसे ही पिचकारी उसके मुह पर गयी, मैने लंड को अंदर ठेल दिया और वीर्य उसके हलक में उतरता चला गया।

अब मेरा लंड ढीला हो गया था। थोड़ी देर मैं उसके साथ लेटकर उसके बदन से खेलता रहा। अपने लंड के सुपाड़े को उसकी चूंचियों पर, निप्पलों पर, और गांड पर सटा कर के मजे लेता रहा और जब लंड फिर से खड़ा होने लगा तो मैने उसके सुपाड़े को करीना आंटी के मुह में रख दिया। वो इसे लेमन चूस की तरह धीरे धीरे सहलाके चूसने लगी और पांच मिनट के अंदर में ही लंड एकदम से खड़ा हो गया।

अब देर करने का कोई कारण नहीं था मेरे पास। मैने लंड को उसके पानी से भरे हुए चूत के पास लाकर के टिकाया, लंड को अंदर धकेलते हुए उसके चूंचों को किसी हैंडल की तरह पकड़ लिया और झुकते हुए उसको किस करने लगा। अब कमर को नीचे धकेलते हुए मैने पहला धक्का मारा और मेरा लोहे जैसा सुपाड़ा उसकी चूत की तिग्गा बोटी करते हुए अंदर चला गया। वो चिल्लाई हाय रब्बा मरी मैं तो पर मैने उसके होटो को अपने होटो से सिल दिया और चीख और गरम सांसों के बीच धक्कों का सिलसिला चल पड़ा। धुम चक धुम चक पेलते हुए मैने उसको यमुना एक्सप्रेस हाइवे पर दौड़ रही गाड़ियों की स्पीड दी। उसकी चूत में फच फच करता हुआ मेरा लंड मुझे अत्यत मानसिक संतुष्टि दे रहा था। उसको भी अपने औरत होने का पता चल रहा था। औरत होने का मजा तभी आता है जब उसके चूत के अनुरुप एक लड़ मिल जाए

अब मैने पोजिशन बदली। उसको पेट के बल लिटाकर के एक तकिया उसके पेट और चूत के बीच नाभि वाले हिस्से पर रखी और पीछे से गांड पर चढ के चूत में लंड को घुसा दिया। अब एक बार गाड़ी फिर से स्पीड पकड़ चुकी थी। आधे घंटे तक मैने उसके चूत में मारकाट मचाने के बाद अपने लंड को खींच कर उसकी गांड में डाल दिया।

टाइट गांड चूत से भी ज्यादा चुनौतीभरी थी। लंड के अंदर बाहर जाने से वो एकदम से ढीली होने लगी और पेलते हुए मैने आधे घंटे में अपने लौड़े की पिचकारी उसकी गांड के अंदर छोड़ दी। गांड से बहता वीर्य उसकी चूत में समाने लगा।
 
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