किरायेदार की अधूरी चुदाई

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हेलो फ्रेंड, आई एम् तय्येब खान एंड २४ फ्रॉम महारास्ट्र. मैं ज्यादा टाइम बर्बाद नहीं करूँगा और सीधे कहानी पर आऊंगा. ये मेरी पहली कहानी है, तो कोई गलती हो जाए; तो माफ़ी चाहूँगा. ये कुछ दिन पहले की ही बात है. मेरी किरायेदार जिसका नाम सीमा (नाम चेंज) है, वो देखने में काली और सांवली है पर फिगर मस्त है उसका, किसी को भी फेल करे दे. उम्र २८ होगी तक़रीबन. या ये बोलू, कि जिसको भी वो मिल जायेगी, वो मज़े में आ जाएगा. बात उन दिनों की है, जब मैं शाम को खड़ा था घर के पास. वो हमें बचपन से जानती थी, तो बात भी करती थी और मजाक भी. उनकी एक शॉप भी थी, तो मैं वहीँ पर खड़ा था. उन्होंने मुझे बुलाया और हम दोनों हंसी मजाक करने लगे. मैं बार - बार बीच में उसके ब्रेस्ट को घुर लेता था, जो उसके हंसने की वजह से उछल रहे थे. वो मुझे देख कर भी इग्नोर कर दे रही थी, क्योंकि हम दोनों एक दुसरे को बचपन से जानते थे.

फिर वो एकदिन मुझे घर में मिली और कहा - मुझसे ज्यादा बात मत किया करो मीन्स सब के सामने स्पेसिअली. मैंने कहा - क्यों? तो वो कहने लगी, कि मेरे शौहर को अच्छा नहीं लगता है. तो मैं बोला - मैं तो करूँगा. वो बोली - नहीं सबके सामने नहीं, पर अकेले में कर लेना. मैंने कहा - ठीक है. वो मुझे स्माइल देकर जाने लगी और मैंने उनका हाथ पकड़ कर दबा दिया. वो शरमा गयी और फिर वो चली गयी. कुछ दिन बाद, जब वो मुझे हमारे घर के दरवाजे पर मिली, तो वो बाज़ार से आ रही थी. मैंने अपना हथियार उसकी कमर की तरफ कर दिया, ताकि मेरा लंड उसकी गांड पर लगे. वो बहुत दूर से जाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन मैंने उसको फसा दिया और आखिर उसे मुझसे लग कर ही जाना पड़ा. जैसे ही वो मेरे लंड के करीब आई, मैंने उसकी कमर को मेरे लंड से दबा दिया.

वो एकदम से सहर गयी और जैसे उसका पानी निकला हो. मेरा तो जी कर रहा था, कि उसको वहीं दबा दू, लेकिन इंतज़ार का मज़ा बहुत ही मीठा होता है. वो जैसे ही मेरे लंड से दूर हुई, मैंने उसे देखा, कि वो कोई ग्रीन सिग्नल दे दे. वो एकदम से पलटी, तो मुझे उसकी आँखे नशीली सी महसूस हुई और वो किसी तरह से संतुष्ट हुई हो, जैसे कि उसकी चूत में पानी छोड़ दिया हो. वो अगले दिन, मुझे अपनी दूकान में मिली, तो मैंने उसे स्माइल दे दिया. उसने कुछ भी रियेक्ट नहीं किया और फिर शाम के टाइम, वो मुझे घर पर मिली, तो मैंने थोड़ी सी हिम्मत जुटा कर उसका हाथ पकड़ किया. वो अपना हाथ मुझसे छुड़ाने लगी. पर मैं भी कहाँ मानने वाला था. उसे अपनी तरफ खीच लिया और फिर वो बोली - क्या चाहिए? मैंने कहा - एक हग और उसने कहा - नहीं. मैं जिद करने लगा. तो वो बोली - ठीक है. फिर वो सीधी हो गयी और बोली जल्दी से मिलो. मैंने आहिस्ते - आहिस्ते उसकी ओर बड़ने लगा और फिर अपने हाथो में भर कर फुल टाइट पकड़ लिया.

वो थोड़ी देर मेरी बाहों में ही मेरा साथ दे रही थी. मैं ने उसके शोल्डर पर किस किया. वो सहम गयी और फिर मैंने उसकी गर्दन पर किस किया. वो कराह उठी और मुझे पीछे हटाने के लिए धक्का देने लगी. पर मैं भी कहाँ मानने वाला था. मैंने उसका फेस पकड़ लिया और उसके होठो तक अपने होठ ले आया और उसके होठो को अपने मुह में ले लिया. वो भागने लगी अपने कमरे की तरफ. मैं भी उसके पीछे चला गया. वो काँप रही थी, कि उसकी साँसे मुझे सुनायी दे रही थी. वो एक दिवार की तरफ खड़ी हुई मुझे देख रही थी और मैं उसके नजदीक गया और उसे अपनी बाहों में भर लिया. मैं उसे चूमने लगा और बड़ी ही बेदर्दी से उसके होठो को काटने लगा, चूसने लगा. वो अभी तक रियेक्ट नहीं कर रही थी और मैं ने सोचा, कि चूत के दाने को पकड़ता हु. जैसे ही मैंने सलवार के ऊपर से उस की चूत पर हाथ रखा, उसके मुह से निकला - अहहह्हः हहहहह्हाह्हा. मैं समझ गया था, कि वो अब गरम हो चुकी थी पूरी तरह से और मैंने झट से उसकी सलवार का नाडा खीच दिया. अब उसने मुझे नहीं रोका और नाडा खुल कर सलवार को गिरने दिया.

फिर मैं ने उससे कहा - अब मान जाओ. वो कुछ नहीं बोली और अब मैंने उसके बोब्ब्स पर हाथ फेरे और वो एकदम मछली की तरफ तड़प उठी. मैंने उससे अपने फेस की तरफ किया और कहा, कि वो सिर्फ मेरी आँखों में देखे. फिर उसने भी आगे बढ़कर अपने होठो को मेरे होठो से मिला दिया. फिर वो बहुत ही गरम हो चुकी थी और उसने मुझे कसकर पकड़ रखा था और हम एकदूसरे के होठो को चूस रहे थे और जीभ एक दुसरे के मुह में डाल रहे थे और हमारा थूक एकदूसरे के मुह में जा रहा था और हम उसे चाट रहे थे. मैं उसे लगातार आई लव यू बोले जा रहा था और वो उसका रिप्लाई मुझे पागलो की तरह किस करके दे रही थी. वो अब उछल - उछल कर मेरे ऊपर आ रही थी और मैंने अब उसकी कुर्ती निकाल दी और उसे बेड पर लिटा दिया. फिर मैंने उसे अपनी तरफ लिया और किस करने लगा. वो भी मेरा हाथ दे रही थी. फिर मैंने उसकी ब्रेस्ट को दबाना शुरू किया और जोरदार किसिंग करने लगा. वो मेरी जुबान अपने मुह में लेकर चूस रही थी. उसे ये भी ध्यान नहीं रहा था, कि वो शादीशुदा है और फिर मैंने उसे कहा - क्या तुम अपने शौहर को भी ऐसे किस देती हो?

वो कहने लगी - पहले मैंने कभी इतने जोर से किस नहीं दिया और बस तुम्हे ही दिया और आगे किसी और भी नहीं दूंगी. तू एकदम पागल है और मुझे भी पागल कर दिया. इस जोरदार किस पर बस तेरा ही अधिकार है. उस दिन हम सेक्स पूरा नहीं कर पाए, क्योंकि तभी उसके शौहर की बाइक की आवाज़ आ गयी, वो आ गया था. मैं जल्दी से उसके कमरे से भागा और वो भी अपने कपड़े लेकर बाथरूम में भाग गयी. अब हम दोनों की शरम खुल चुकी थी और हमने दोनों ने उसके बाद उसके बाद कई बार मस्त सेक्स किया. वो कहानी फिर कभी..
 
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