कॉलेज सेक्स का अनुभव जरीन मैम के साथ

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कॉलेज सेक्स का अनुभव जरीन मैम के साथ

मेरी मैम बेहद खूबसूरत दिलदरिया और गाँड समुंदर!! हाँ कुछ ऐसा ही कह सकता हूँ मैं अपनी बीएड की लेक्चरर जरीन मैम के बारे में। खूबसूरत, सांवली, सलोनी, पावरोटी की तरह फ़ूली गाँड और पपीते के तरह मोटे चूंचे मैम की पर्सनालिटी को चार चाँद लगाते थे। मजेदार गुदाज हुस्नो शबाब की मल्लिका और कोयल के कंठ से फ़ूटती सेक्सी आवाज की तरह कूहूकने वाली जरीन मैम को चोदने के लिये मैम के छात्रों का मन हर सेमेस्टर में बेकरार रहता था। जब अपने बाल झटक के सामने वाले पर जादू कर के वो पलट के मुसकरा के चल देती, मैम की गाँडके गोले एक दूसरे पर चढते हुए सामने वाले पर सेक्स का कीचड़ उछालते मजाक उड़ाते और अगला आदमी हाथ में अपने बड़ा लण्ड को पकड़ कर बैठ जाता। जरीन मैम पैंतीस-छत्तीस साल की थी लेकिन पच्चीस-छब्बीस से ज्यादा की नहीं लगती थी। हमेशा फ़ैशनेबल कपड़ों के साथ सैंडल और एक्सेसरिज़ पहनती थी।

जरीन मैम दो दफ़ा तलाक़शुदा थीं और मैम की ऐय्याशियों के किस्से भी आम थे की वो एक नंबर की चुदक्कड़ और बड़ा लण्डखोर औरत थी। मैम की ऐसी रेप्यूटेशन थी की वो उभयलिंगी (बॉयसेक्ज़ुअल) थीं और कईं मर्दों के अलावा औरतों के साथ भी मैम के शारिरिक संबंध थे। जरीन मैम के बारे में ये भी अफ़वाह थी कि गत वर्षों में कुछ छात्रों और छात्राओं के साथ भी मैम के अवैध संबंध रहे हैं लेकिन वो हर किसी को घास नहीं डालती थी और काफी च्यूज़ी थीं।

मेरी उम्र बाईस साल थी और बीएड के दूसरे सेमेस्टर में सायकोलोजी की मेरी पहली क्लास थी और सामने अगले बेंच पर मैं बैठा हुआ था। जैसे ही जरीन मैम अंदर घुसीं सारे छात्र-छात्राएँ खड़े हो गये। खड़ा तो मैं भी होने वाला था लेकिन मुझसे पहले हमारा बड़ा लण्ड खड़ा हो गया। मैंने तुरंत अपने हाथों से अपनी जींस को दबाया और हक्का बक्का रह गया जब देखा कि सामने खड़ी जरीन मैम मेरी इस फ़्रस्ट्रेशन को देख कर मुस्करा रही है। मैंने किताब उठायी। अपनी जिप के आगे वाले हिस्से को ढका और धम्म से बेंच पर बैठ गया। वो साइकालोजी की टीचर थी। लेक्चर स्टार्ट हुआ और जैसे ही मैम ने कहा, "सायकोलोजी मन का विज्ञान है.!" मैं समझ गया कि ये हमारे मन की बात तो जान ही गयी होंगी। मैं उन्हें एकटक देख रहा था और वो भी तिरछी नजरों से शायद मेरी हाइट को निहार रही थी जो छ: फ़ीट तीन इंच है और हमारा बदन भी कसरती है।

क्लास खत्म होने के बाद लैब थी और साइकोलोजी लैब में सभी को एक टेस्ट करने को दिया गया था। ख़ुशक़िस्मती से मेरी इंस्ट्रक्टर वही थी - जरीन मैम। अलग-अलग साउंड प्रूफ़ केबिन में ये टेस्ट करना था। हम दोनों प्रैक्टिकल के लिये एक केबिन में अंदर घुसे। अंदर घुसते ही मुझे उसके बदन की सुंदर ख़ुशबू मदहोश करने लगी। हम दोनों आमने-सामने बैठे थे और बीच में एक टेबल थी। मैम ने कहा, "टेस्ट निकालो!" तो मैं उन्हें देखता रहा। दो दफ़ा तलाक़शुदा मैम पैंतीस साल के करीब होंगी पर खुद को बेहद मेंटेन कर रखा था। हमारा बड़ा लण्ड फ़नफ़ना रहा था। सामने मैम के चूंचे इतने भारी थे कि मैम के कसे हुए लो-कट ब्लाऊज़ में से उछलकर बाहर आने को तैयार थे और लाल-लाल होंठों पर लिप ग्लॉस उन्हें चूत के अंदरुनी दीवारों की तरह पिंक बना रहा था। थोड़ी देर के लिये मैं कल्पना करता रहा कि ये कोई चूत ही है। उन्हें भी हमारे जज़्बातों का एहसास हो गया था की ये लड़का दिल ही दिल में उन्हें चोदने के ख़्वाब देख रहा है।

मैम के हावभाव से वो भी बेकरार नज़र आ रही थी। टेबल के नीचे से मैम की उँची हील वाली सैंडल का सिरा सीधा मेरी जींस की जिप से बड़ा लण्ड पे टकराया। हमारे को जैसे चार सौ चालीस वोल्ट का झटका लगा। मैम मुझे पहले ही दीवाना बना चुकी थी और हमारे पहले से तने हुए बड़ा लण्ड का लहू तो वैसे भी गरम हो चुका था। सैंडल की रगड़ से बड़ा लण्ड का लावा निकलने वाला था। जरीन मैम अदा से मुस्कुराते हुए बोली "सौरी!" लेकिन अपना सैंडल हमारे बड़ा लण्ड से दूर नहीं हटाया और हल्के-हल्के हमारा बड़ा लण्ड रगड़ती रहीं। अब तक इतना तो मैं समझ ही गया थी की मैम की चूत भी गरम हो चुकी थी और जो कुछ भी इस राँड के बारे में सुना था वो सब सच था। मैम के सैंडल की रगड़ से हमारा बड़ा लण्ड बुरी तरह से अकड़ गया था। मेरी फ़्रस्ट्रेशन देखकर जरीन मैम अंजान बनते हुए बोली, "क्या हुआ? चोट तो नहीं लगी!" जबकि ये सब तो मैम ने जान बूझ कर ही किया था। मैं भी ये मौका गंवाना नहीं चाहता था तो मैंने टेबल के नीचे हाथ लगा कर उनका पैर पकड़ लिया और सहलाते हुए जवाब दिया, "नहीं नहीं मैम. मुझे नहीं लगी लेकिन आपके पैर में दर्द हो तो मसाज कर दूँ?" ये कहते हुए मैं साईड से मैम के पैर और सैंडल के बीच में उंगली डाल कर उनका तलवा सहलाने लगा और मैम के पैरों की उंगलियों के बीच अपने उंगलियों से गरमा गरम मसाज देने लगा।
हम दोनो ही एक दूसरे को चोदने की फ़िराक में थे और अंजान बन कर एकदूसरे को धोखा दे रहे थे। जरीन मैम कुटिल मुस्कान के साथ रसभरी आवाज़ में बोली, "पैर में नहीं लेकिन उपर तक़लीफ हो रही है. जरा सा उपर हाथ लगाओ ना!"

मैंने कहा, "कहाँ मैम?" तो मैम ने अपनी साड़ी और पेटीकोट ऊपर सरका कर अपनी चिकनी जांघ की तरफ़ इशारा करके आँख मारते हुए कहा - "यहां!" मैंने मैम की सुडौल जांघ पर हाथ फिराया। मस्ती का ज्वर छा रहा था हमारे लौड़े पे। सीधा एक बार हाथ लगाने की देर थी और जैसे पानी डालो तो गड़ढे में गिरता है वैसे ही हमारा हाथ फ़िसलते हुए मैम की टांगों के बीच चूत के होंठों तक जा पहुंचा। जरीन मैम ने नीचे पैंटी तो पहनी ही नहीं हुई थी।

यही तो चाहती थी वो रांड। मैम के मुँह से सिसकारियों निकलने लगी थीं। मैंने मैम की आंखों की गहराई में झांका तो लाल डोरे तैर रहे थे और वो कातिलाना स्माईल मार रही थी। हमारे लौड़े के उपर मैम की जीत पर यह मुस्कान घमंड से भरी थी। मैं उनका नया शिकार जो था।
जरीन मैम कुर्सी से उठ कर खड़ी हुईं और हमारे सामने टेबल पर आकर बैठ गयीं। अगले ही पल जरीन मैम ने झुक कर अपने गरम होंठ हमारे होंठों पर चिपका दिये और वो अपनी जीभ हमारे होंठों के बीच में घुसाने लगी। अपनी जीभ हमारे मुँह में डाल कर जरीन मैम उसे घुमा-घुमा कर टटोलने लगी। हमारा बड़ा लण्ड तो जींस को फाड़ कर बाहर आने को तैयार हो गया। हम इसी तरह कुछ देर एक दूसरे के मुँह में जीभ डाल कर चूमते रहे।

जरीन मैम ने जब हमारे होंठों से अपने होंठ अलग किये तो हम दोनों हाँफ रहे थे। सीधे बैठ कर मैम ने आननफानन अपना ब्लाऊज़ और ब्रा उतार दिये और उत्तेजना में हाँफते हुए हमारा सिर पकड़ कर हमारा चेहरा अपने मम्‍मों पे दबा दिया। मैंने भी देर नहीं की और मैम के निप्पल चूसते हुए अपने हाथों से मैम के पपीते जैसे बड़ी चूच दबाने लगा। वो जोर-जोर से सिसकारियाँ भरते हुए हमारे बालों में अपनी नर्म उंगलियाँ फिरा रही थी। "उम्म्म. हाँ. वेरी गुड. ऐसे ही.!"

मैं तो फूला नहीं समा रहा था। अपनी और बाकी सभी छात्रों की ड्रीमगर्ल को मैं प्यार कर रहा था। जरीन मैम फिर टेबल से उतर कर खड़ी हुईं और अपनी साड़ी और पेटीकोट उतार कर बिल्कुल नंगी हो गयी। अब हमारे सामने उसकी बिना बालों वाली चिकनी चूत नंगी थी। पैरों में उँची पेंसिल हील के सैंडल पहने बिल्कुल नंगी जरीन मैम का गोरा और संगमरमर सा तराशा जिस्म कयामत ढा रहा था। किसी पॉर्न स्टार की तरह लग रही थी वो। उफ़्फ़ कितना सुगंधित जिस्म था उनका। मैम की भीनी-भीनी महक हमारे नथुनों में घुस रही थी।
जरीन मैम फिर से टेबल पर बैठ गयीं और मुझे खड़ा करके खुद ही मेरी जींस की ज़िप खोलने लगी। मेरी जींस की ज़िप और बटन खोलकर मैम ने मेरी जींस और अंडरवियर एक साथ हमारे घुटनों तक नीचे खिसका दिये। अकड़ कर लोहे के रॉड की तरह सख्त हमारा बड़ा लण्ड जींस की कैद से आज़ाद होकर सीधा खड़ा था। इसी हथियार से जरीन मैम को अपनी गाँड तहस नहस करवानी थी और चूत की बैंड बजवानी थी।

"मममऽऽऽ!" जरीन मैम मस्त बिल्ली की तरह घुरघुराते हुए बोली, "कितनी शान से तन कर खड़ा है तेरा बड़ा लण्ड!" मैम के मुँह से 'बड़ा लण्ड' शब्द सुनकर मुझे अच्छा लगा। इसका मतलब वो सही में चालू और चुदक्कड़ औरत थी। अपने हाथों में हमारा बड़ा लण्ड पकड़कर जरीन मैम ज़ोर-ज़ोर से सहलाते hue मुठियाने लगी। हमारे बड़ा लण्ड से चिकना सा साफ रस निकल रहा था। हमारा बड़ा लण्ड मुठियाते हुए वो हमारे बड़ा लण्ड का सुपाड़ा अपनी रसभरी अन्नानास जैसी चूत पर रगड़ने लगी। मैम की चूत से भी रस बह रहा था जिससे हमारे बड़ा लण्ड का सुपाड़ा भीग कर लथपथ हो गया।

जरीन मैम ने फिर झुककर अपनी चूत के रस से लिसड़े सुपाड़े पर अपने होंठ रख कर अपनी जीभ गोल-गोल फिरा कर चाटने लगी। फिर हमारे बड़ा लण्ड को अपने मुँह में अंदर लेकर चूसने लगी लेकिन टेबल पे बैठ के इस तरह झुके हुए बड़ा लण्ड चूसने में उन्हें दिक्कत हो रही थी।
इसलिये जरीन मैम पीठ के बल टेबल पे ऐसे लेट गयीं कि उनका मुँह नीचे टेबल के किनारे आ गया। मैम ने मुझे अपने करीब बुलाया और हमारा लोहे सा सख्त बड़ा लण्ड फिर से अपने मुँह में भर लिया। मैम ने सुपड़-सुपड़ करके चटपटा लण्ड चूसना शुरु किया । मैं तो मस्ती से झूम उठा और सिसकने लगा। अपने चूतड़ चलाने से मैं खुद को रोक नहीं सका और हमारा बड़ा लण्ड जरीन मैम के गले में टकराने लगा। मैंने देखा की जरीन मैम एक हाथ से नीचे अपनी चूत भी सहला रही थीं।

फिर अचानक जरीन मैम हमारा बड़ा लण्ड अपने मुँह से बाहर निकल कर बोली, "जब तक मैं तेरा बड़ा लण्ड चूसती हूँ. तू भी मेरी चूत चाट!" ये कहते हुए किसी जिमनास्ट की तरह जरीन मैम अपनी कमर उठा कर चक्र की तरह मोड़ते हुए अपनी टांगें हमारे कंधों पर रखकर अपनी चूत को हमारे मुँह के करीब ले आयीं। मैम के जिस्म का लचीलापन देख कर मैं हैरान था। मैम ने फिर से हमारा बड़ा लण्ड अपने मुँह में ले लिया। अब ये 69 पोजिशन की स्पेशल स्टाइल थी। हमारा लण्ड मैम के मुँह में गले तक अंदर था और मेरी जीभ कभी मैम की गाँड और कभी चूत की गहराई नाप रही थी। जरीन मैम सिसकारियाँ निकाल रही थी पर मुँह भरा होने के चलते चिल्लाना असंभव था । पाँच मिनट तक एक दूसरे की चुसाई के बाद हम दोनो चुदाई के लिये तैयार थे।

जरीन मैम केबिन के शीशे का सहारा लेकर आगे झुककर अपनी टांगें चौड़ी करके खड़ी हो गयी। उँची हील की सैंडल पहने इस तरह खड़े होने से मैम की गाँड पीछे निकल कर उठी हुई बहुत सैक्‍सी लग रही थी। "चल जल्दी से घुसेड़ दे अपना बड़ा लण्ड मेरी चूत में!" वो मेरी तरफ गर्दन घुमा कर बेक़रारी से बोली! मैंने मैम की कमर पकड़ कर पीछे से मैम की चूत में अपना बड़ा लण्ड घुसा दिया। अब वो मरमराने लगी थी और मैम की चूत की लिजलिजी पंखुड़ियों को कुचलते हुए हमारा अनाकोंडा जैसा बड़ा लण्ड अंदर घुसने लगा। वो काफी चुदी चुदाई औरत थी और शायद इसीलिये हमारे बड़ा लण्ड की मोटाई बिल्कुल उसे फ़िट आ रही थी और उसे तकलीफ नहीं हुई। धकपक करते हुए बड़ा लण्ड मैम की चूत में अंदर तक घुसेड़ते ही मैंने पीछे से मैम की चूचियाँ कस कर पकड़ लीं। मैम ने अपनी गरदन पीछे करके अपने होंठ हमारे होंठों से छुआ दिये। चूत, होंठ और चूचियाँ तीनो जगह से मजे लेते हुए मैम ने जबरदस्त चुदासी हो गयी थी। लंबे मोटे बड़ा लण्ड से मैम की चूत भर आयी थी मारे मजे के मैम की आँखें बंद हुई जा रही थी। बीस मिनट तक ऐसी ही कट्टर चुदाई के बाद मैंने मैम की बड़ा गांड को अपनी सेवाएं दीं और फ़िर अपनी मलाई उन्हें पिला दी। उसके बाद कभी मुझे कोई दिक्कत नहीं हुई। हमेशा अच्छे मार्क्स मिले और कॉलेज सेक्स की बदौलत मैं हो गया बीएड टापर। जब मन चाहा मैम को चोदा।
 
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