खूबसूरत कली को मैंने फूल बनाया

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अब वह भी मेरा साथ देने लगी. इस तरह मैंने उसकी पेन्टी में अपना एक हाथ डाल दिया और दूसरे हाथ को उसके ब्रा में डाल कर उसके मम्मों को दबाने लगा. क्या ममे थे यार उसके! कितने सॉफ्ट और मुलायम थे! अब मैं लगातार उसके मम्मों को और उसकी चूत को मसल रहा था. इस तरह वह गर्म होने लगी तथा मेरे भी कपड़े उतारने लगी और मैं भी उसके कपड़े उतारने लगा. अब हम दोनों सिर्फ अन्डर वियर में रह गये थे और वो ऊपर से ही मेरे लंड को देखने लगी. फिर मैंने उसकी ब्रा और पेंटी को भी उतार फेंका और उसकी संतरे जैसी खिली हुई चूत पर अपना मुंह रख दिया…

अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा प्यार भरा नमस्कार! दोस्तों मेरा नाम ए.एस. है. आप कंफ्यूज न हों यह मैंने अपनी पहचान छुपाने के लिए चुना है और मैं अमरोहा का रहने वाला हूँ. दोस्तों यह अर्न्तवासना पर मेरी पहली कहानी है और अगर इसमें मुझसे कोई गलती हो जाए तो माफ कर देना.

अब मैं अपनी कहानी पर आने से पहले मैं आप लोगों को थोड़ा अपने बारे में बता देना चाहता हूँ. दोस्तों, मैं देखने में एक दम ठीक – ठाक युवक हूँ और मेरी हाईट 5 फिट और 8 इंच है और मेरी उम्र भी अभी 19 साल ही है. दोस्तों, मेरे लिंग का साईज 7 इंच का है और यह किसी भी औरत और लड़की को संतुष्ट करने में बखूबी सक्षम है.

अच्छा दोस्तों, अब हम अपनी कहानी शुरू करते हैं. बात उस समय की है जब मैं 12वीं में पढ़ता था. उस समय मेरे पड़ोस में एक लडकी रहती थी जिसका नाम रेखा था. वह देखने में एक दम पटाखा लगती थी और उसके शरीर का साईज 34-28-34 का था. उस वक्त उसकी उम्र शायद 18 साल रही होगी.

दोस्तों, जब भी मैं उस हुस्न की परी को देखता तो मेरा लंड खड़ा हो जाता था. उसके बाद फिर मैं अकेले में जाकर उसके बारे में सोच कर मुठ मारा करता था. इस तरह कई दिन, कई महीने निकल गये और मैं उसके नाम की मुठ मारने के सिवा और कुछ भी नहीं कर पाया था.

अब फिर मैं धीरे – धीरे करके उसको चोदने का प्लान बनाने लगा था. तो दोस्तों, एक दिन हुआ कुछ यूं कि वह हमारे घर आई और फिर मेरी मम्मी से बात करके वापस अपने घर चली गई. अब इस तरह धीरे – धीरे करके हमारा एक – दूसरे के घर आना जाना शुरू हो गया और उसके बाद फिर धीरे – धीरे करके हमारी बातें भी होने लगी.

फर इस तरह एक दिन बातों ही बातों में मैंने उसे ‘आई लव यू’ बोल दिया. इस पर उसने बिना किसी न – नुकर के मेरी बात मान ली और इस तरह अब हम आपस में किस विस करने लगे. ऐसे ही फिर एक दिन मैंने उससे सेक्स करने के लिए कहा तो वह मना करने लगी और बोली – मुझे ये सब अभी नहीं करना है, ये सब तो मैं शादी के बाद अपने पति के साथ करूंगी.

लेकिन फिर मेरे बार – बार कहने पर वह सेक्स करने के लिए आखिर मान ही गई. लेकिन अब मेरे सामने समस्या जगह की थी जहां ले जाकर मैं उसके साथ सेक्स कर सकूं. मैं जगह की ही तलाश में था कि एक दिन मेरे मम्मी – पापा और भाई को शहर से बाहर शादी में जाना था तो मैंने उसे तैयार कर लिया.

घर के सब लोगों के शादी में जाने के बाद तय समय पर वो मेरे घर आ गई. उसने नीला शूट तथा पजामी पहनी हुई थी. इन कपड़ों में वह क्या गजब की माल लग रही थी दोस्तों मैं बता नहीं सकता! उसको देख कर मैं उस पर टूट पड़ा और उसे किस करने लगा तथा कपड़ों के ऊपर से ही उसके बूब्स दबाने लगा.

अब वह भी मेरा साथ देने लगी. इस तरह मैंने उसकी पेन्टी में अपना एक हाथ डाल दिया और दूसरे हाथ को उसके ब्रा में डाल कर उसके मम्मों को दबाने लगा. क्या ममे थे यार उसके! कितने सॉफ्ट और मुलायम थे! अब मैं लगातार उसके मम्मों को और उसकी चूत को मसल रहा था. इस तरह वह गर्म होने लगी तथा मेरे भी कपड़े उतारने लगी और मैं भी उसके कपड़े उतारने लगा. अब हम दोनों सिर्फ अन्डर वियर में रह गये थे और वो ऊपर से ही मेरे लंड को देखने लगी. फिर मैंने उसकी ब्रा और पेंटी को भी उतार फेंका और उसकी संतरे जैसी खिली हुई चूत पर अपना मुंह रख दिया.

जिससे वह सिसकारी लेने लगी और साथ ही साथ अब वह मेरे बालों को भी खींचने लगी थी और फिर बोली – अब देर न करो, बस जल्दी से अंदर डाल दो.

फिर मैंने भी देर न करते हुऐ अपना अन्डर वियर निकाल फेंका. लेकिन जैसे ही उसने मेरा लंड देखा तो वह डरने लगी और कहने लगी कि इतना मोटा मेरी चूत में कैसे जायेगा? इससे तो मेरी चूत ही फट जायेगी.

लेकिन फिर मेरे समझाने के बाद वो राजी हो गयी और फिर मैंने उसे बेड पर लिटा कर उसकी टांगें अपने कंधे पर रख लिया और लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा. फिर मैंने मौका देख कर एक धक्का दिया और मेरा लन्ड अंदर घुस गया. अब वह रोने लगी और मना करने लगी.

लेकिन मैंने उसकी एक ना सुनी और फिर के उसे किस करने लगा. जब वह नार्मल हुई तो इस बार फिर मैंने एक धक्के में अपना पूरा 7 इंच लम्बा लंड उसकी चूत में उतार दिया. अब उसकी आँखों से आंसू बहने लगे थे. फिर मैं रूक कर उसे किस करने लगा और उसके मम्मों को सहलाने लगा.

फिर उसके नार्मल होते ही मैंने धीरे – धीरे धक्के देना शुरू कर दिया. कुछ वक्त ऐसे ही चुदाई करने के बाद मैंने उसको घोड़ी बनाया और उसकी मस्त चुदाई करने लगा. अब उसको भी चुदाई का पूरा मजा आ रहा था. करीब 10 मिनट की चुदाई करने का बाद हम दोनों ही लगभग साथ – साथ झड़ गये.

फिर उस दिन मैंने उसको तीन बार और चोदा था और फिर उसके बाद उसको घर के बाहर तक छोड़ा और फिर वह अपने घर चली गई. अब हमें जब भी चुदाई का मौका मिलता है हम उसे जाने नहीं देते और मस्ती से चुदाई करते हैं. दोस्तों, यह थी मेरी पहली सच्ची कहानी. अगर आपको पसंद आई हो तो यारों मुझे मेल जरूर करना. मेरी मेल आईडी –
 
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