गरीबी ने उसे चुदवाने पर मजबूर किया

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और फिर मैं बात करता – करता घर चला गया. फिर उसने रात को भी मेरे से बात की. मैंने उस रात 3 बार मुठ मारी. अगले दिन उसका फोन आया कि मैं आ रही हूं, आप लेने आ जाना. मैं तुरन्त ही फोन काट कर गाड़ी लेकर निकल गया और उसे लेकर अपने फार्म हाउस पर आ गया…

हेलो दोस्तों! मेरा नाम अर्जुन है और मेरी उम्र 23 साल है. यह एक सच्ची कहानी है. इस कहानी की शुरुआत करीब 7 साल पहले हुई होगी, जब मैं स्कूल में 10वीं कक्षा में पढ़ता था. मेरा स्कूल घर से 30 किलोमीटर दूर है तो रोजाना इतनी दूर आना – जाना पड़ता था. इसलिए घरवालों ने मुझे पल्सर 150 बाइक दिला दी थी, तो अब मेरा आना – जाना बाइक पर था.

मैं अपने दोस्तों के साथ घर आता था. घर आते टाइम रोज हम सब एक दूकान पर रुकते थे जोकि फास्ट फूड की थी. उस दुकानदार की शादी हो गयी थी और उसके 4 बच्चे भी थे. लेकिन उसकी बीबी एक दम मस्त लगती थी. लगता ही नहीं था कि वो चार बच्चों की मां है. उसका शरीर काफ़ी भरा था. मैं मज़ाक में उस दुकानदार से बोल दिया करता था कि उसकी बीबी माल है. लेकिन वो इस बात को हंसी में ले जाता था.

ऐसे ही समय बीतता गया और मैंने 12वीं कर ली और कॉलेज में चला गया. अब उस दूकान पर जाना भी कम हो गया था, लेकिन उस दुकानदार से मेरी काफ़ी अच्छी दोस्ती थी तो एक – दो महीने में मैं चला जाता था. ऐसे ही कॉलेज भी हो गया और मेरी जॉब लग गई अब मेरा उस दूकान पर आना – जाना एक दम न के बराबर हो गया.

आज से करीब 1 साल पहले मैं उस दूकान पर गया तो पता चला कि उस दुकानदार का निधन हो गया और अब उसकी बीबी उस दूकान चलाती है. यह सुन कर मुझे काफ़ी दुख हुआ. फिर मैंने उस दुकान पर जाना ही छोड़ दिया.

एक दिन अपने दोस्तों के साथ स्कूल के दोस्तों से मिलने जा रहा था तो जब मैं उस दुकान के सामने से गुज़रा तो उस दुकानदार की याद आई तो मैंने सोचा कि क्यों न इसकी कुछ मदद कर दूं. बेचारी कैसे अपना घर चला रही होगी. तो मैंने उससे कुछ समान लिए और उसे ज्यादा पैसे दे दिए ओर फिर उससे कहा कि रख लो ज़रूरत पड़ेगी.

अब दोबारा आना – जाना शुरू हो गया. एक दिन वो मुझे अपना मोबाइल नंबर दिया और बोली कि आप इतनी दूर से आते हो तो फोन कर के आया करो और कभी दूकान बंद मिले तो फोन कर लिया करो. मैं वहां से घर आ गया. एक बार दोस्तों का वहां जाने का मन किया तो मैंने पहले उसे फोन किया और उससे बात की और फिर वहां चले गये.

एक दिन अचानक उसका फोन आया तो मैंने काट कर फोन किया तो वो कुछ दुखी सी लग रही थी और वो अपनी दुखी आवाज़ में बोली – अगर मैं कुछ बोलूं तो आप बुरा तो नहीं मनोगे (सच पूछो तो दोस्तों मेरा लंड तो इतना सुनते ही खड़ा हो गया था).

मैंने कहा – बोलो क्या बात है?

तो उसने कहा कि मुझे 500 रुपए की ज़रूरत है, दे सकते हो?

मैंने कहा – ठीक है आता हूं थोड़ा टाइम लगेगा, दे दूंगा.

दोस्तों उस समय बारिश हो रही थी तो मैं घर से गाड़ी ले कर निकला ही था कि मेरा चचेरा भाई आ गया और बोला – कहां जा रहा है.

मैंने उससे सब बताया तो वो भी मेरे साथ चल दिया. अब हम उस दूकान पर पहुंचे और कुछ खाने के बहाने मैंने उसे 1500 रुपए दे दिए और घर की तरफ चल दिया. करीब 10 किलोमीटर तक आने पर उसका फोन आया. मैंने फिर कॉल की तो वो बोली – आपका बहुत – बहुत धन्यवाद.
आपका यह एहसान मैं कभी नहीं भूलूंगी.

मैंने बोला – कोई बात नहीं, अगर कभी भी कोई काम पड़े तो बता देना.

थोड़ी देर ऐसे ही बात चलती रही फिर वो बोली – अपने गाड़ी से आकर ठीक नहीं किया ठंड लग जाती है.

मैंने कहा – उसका भी कोई जुगाड़ देख लेंगे.

ऐसे ही उसने भी मज़ाक में बोल दिया – मैं हूँ न दूसरा जुगाड़ क्या करना.

दोस्तों यह सुन कर तो लंड समझो पैंट फाड़ कर बाहर आने को तड़प गया. तभी मैंने भी मज़ाक में बोल दिया – क्या कर सकती हो?

तो वो बोली – एक बार मौका तो दो.

मैंने कहा – ठीक है, अभी आता हूँ.

तो उसने कहा – आज नहीं कल आना. आज टाइम नहीं है.

मैंने कहा – ठीक है.

और फिर मैं बात करता – करता घर चला गया. फिर उसने रात को भी मेरे से बात की. मैंने उस रात 3 बार मुठ मारी. अगले दिन उसका फोन आया कि मैं आ रही हूं, आप लेने आ जाना. मैं तुरन्त ही फोन काट कर गाड़ी लेकर निकल गया और उसे लेकर अपने फार्म हाउस पर आ गया.

थोड़ी देर मैंने उससे इधर – उधर की बातें की फिर वो मेरे लंड पर हाथ फेरने लगी. मैं भी उसके चूचे दबाने लगा. जिससे उसके निप्पल एक दम टाइट हो गये थे. फिर उसने मेरा लंड पैंट से बाहर निकाला और मुंह में लेकर पीने लगी. वो जैसे पागल सी हो गई थी. करीब 10 मिनट तक वो मुंह में लेकर मज़ा लेती रही. उसके बाद मेरा पानी निकल गया. उसने मेरे पानी की एक – एक बूँद चाट कर साफ कर दिया और उसके बाद बोली – आप मुझे कितने रुपए दोगे?

मैं बोला – तू टेंशन मत ले, तू खुश होकर जाएगी.

उसके बाद वो खड़ी हुई और नहाने चली गयी. जब वह वापस आई तो वो सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में थी. यह देख कर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. अब हम दोनों बेडरूम में गये और वहां मैंने उसे अपना लंड फिर से पिलाया. जैसे ही मैंने चूत में अपना लन्ड डाला तो मुझे कुछ मज़ा नहीं आया. एक तो वो पानी बहुत छोड़ रही थी और दूसरा उसकी चूत कुछ खुली हुई थी.

दोस्तों मेरा लंड करीब 5 इंच मोटा है और साढ़े नौ इंच लंबा है. मेरा लन्ड रंडियों को भी हिला देता है पर आज इसमें मुझे कुछ मज़ा नहीं आया. मैं अपना मन मारकर बस काम खत्म किया और नहा कर बाहर आ गया. फिर वो आई और बोली – कैसा लगा? मुझे तो बहुत मज़ा आया.

मैंने भी बोल दिया – हां सच में बहुत मज़ा आया.

फिर मैंने उसे 5000 रुपए दिए. मैं खुश नहीं था. थोड़ी देर बाद वह बोली कि मुझे फिर से करना है. मैंने कहा – देख तेरी चूट कुछ खुली है. लंड को मज़ा नहीं आ रहा. और फिर मैंने उससे गांड़ मरवाने को कहा तो वो मना करने लगी.

फिर वो काफ़ी देर सोचती रही और फिर मान गयी. फिर मैंने उसको करीब 20 मिनट तक लंड चुसवाया और उसे नीचे लिटा दिया. मैंने डालने की कोशिश की लेकिन नहीं गया फिर मैंने उसकी गांड़ पर क्रीम लगाई और एक ज़ोरदार झटका मारा उसकी चीख निकल गयी और वो भागने लगी. मैंने उसे भागने नहीं दिया.

फिर एक और ज़ोर का झटका मारा और पूरा लन्ड अंदर घुस गया. जिससे वो रोने लगी थी. कुछ देर बाद जब वो थोड़ी शांत हुई और उसे मज़ा आने लगा तो मैंने फिर से धक्के मरना शुरू कर दिया. करीब 1 घंटे तक मैं उसकी चूत फ़ाड़ता रहा और फिर उसकी गांड़ में ही झड़ गया.

कुछ देर बाद वो बोली – मैं अभी शांत नहीं हुई हूँ. मेरी चूत को भी फाड़ों.

मैंने कहा – अभी नहीं, रूको थोड़ी देर. पर वो नहीं मानी और फिर मेरा लन्ड फिर से पीने लगी लेकिन अब मेरे बस की बात नहीं थी तो मैंने उससे बोला – रुक मैं अभी किसी को बुलाता हूँ वो तुझे चोदेंगे.

फिर मैंने अपने दोस्तों के पास फोन किया और फिर मेरे चार दोस्त आए और उन्होंने उसको हर तरीके से चोदा. वह करीब 1 घंटे तक चुदती रही. क्योंकि उसने और मेरे दोस्तों ने शराब पी ली थी. दोस्तों हम आज भी उसको एक साथ ही चोदते हैं.

मेरी यह कहानी आपको किसी लगी मुझे मेल करके जरूर बताना-
 
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