गांड पर हाथ मार कर चला गया

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antarvasna, kamukta मै मर्चेंट नेवी में नौकरी करता था मुझे मर्चेंट नेवी में नौकरी करते हुए काफी समय हो चुका था और मैं अपने परिवार को कभी अच्छे से समय नहीं दे पाया इसलिए मैंने नौकरी छोड़ने का फैसला कर लिया और मैंने नौकरी छोड़ दी परंतु जब मैं घर पर आया तो मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मुझे क्या काम करना चाहिए मेरे पास पैसे की तो कोई कमी नहीं थी क्योंकि मेरे पिताजी भी डॉक्टर रह चुके हैं और उनके मृत्यु के बाद ही सारी संपत्ति मेरे नाम हो चुकी है, मैं घर में इकलौता हूं इसलिए मुझे बचपन से ही कभी कोई परेशानी नहीं हुई और ना ही मुझे कभी कोई पैसे की तकलीफ हुई। एक दिन मैंने अपनी पत्नी से कहा कि आज तुम्हारा क्या प्लान है, वह कहने लगी कि आज हम लोग कहीं घूम आते हैं या फिर आज मम्मी के पास चलते हैं, मैंने अपनी पत्नी से कहा चलो ठीक है हम लोग आज तुम्हारी मम्मी के घर ही चले जाते हैं।

उस दिन मेरे बच्चों की भी छुट्टी थी और दो-तीन दिन तक स्कूल भी बंद था इसलिए मैंने सोचा कि चलो क्यों ना अपनी पत्नी के घर चला जाए वैसे भी मुझे अपनी सास और ससुर जी से मिले हुए काफी समय हो चुका था इसलिए मैं अपने बच्चों और अपनी पत्नी को लेकर उनके घर पर चला गया, रास्ते में एक स्वीट शॉप है मैंने वहां से मिठाई ले ली और फ्रूट ले लिए उसके बाद मैं जब उनके घर पर गया तो वह लोग हमें देखते ही खुश हो गए और कहने लगे नीरज तुमने बहुत अच्छा किया जो हम से मिलने के लिए आ गए हम लोग भी तुम्हें याद ही कर रहे थे। मैंने अपने ससुर जी से कहा हां सासूजी आज पूजा कह रही थी कि मम्मी पापा से मिल आते हैं तो मैंने भी सोचा कि चलो आप लोगों से आज मिल ही जाते हैं क्योंकि काफी समय हो चुका था जब आप लोगों से हम लोग मिले नहीं हैं, वह लोग भी बहुत ज्यादा खुश थे मेरे सास-ससुर तो मेरे बच्चों से बहुत ज्यादा प्यार करते हैं उन्होंने मेरे बच्चों को गले लगा लिया और कहा तुम लोग कैसे हो।

बच्चे भी बड़े शरारती हैं वह कहने लगे कि हम तो अच्छे हैं नानाजी और आप सुनाइए आप कैसे हैं वह लोग उन दोनों के साथ मजाक मस्ती करने लगे और मेरे सास ससुर भी जैसे अपने बचपन के दिनों को याद करने लगे वह लोग भी उनके साथ खेलने लगे, मैंने सोचा कुछ देर मैं आराम कर लेता हूं मैं कुछ देर बेडरूम में चला गया और आराम करने लगा तभी पूजा भी पीछे से आ गई और वह कहने लगी कि आप तो यहां आराम से लेटे हुए हैं, मैंने पूजा से कहा देखो पूजा मैं कुछ सोच रहा था वह कहने लगी कि जब से आपने नौकरी छोड़ी है तब से आप अच्छे से बात भी नहीं करते और ना जाने आप का दिमाग कहां चलता रहता है आज तो कम से कम आप हम लोगों के साथ समय बिता सकते हैं, मैंने पूजा से कहा ठीक है मैं भी हॉल में आ जाता हूं, मैं वहां से उठकर हॉल में चला आया मेरे सास ससुर भी घर में अकेले ही रहते हैं क्योंकि उनके बच्चे विदेश में नौकरी करते हैं इसलिए वह दोनों ही घर पर अकेले रह गए हैं और जिस वजह से उन दोनों को कहीं भी जाने का समय नहीं मिल पाता। मैं भी हॉल में चला गया और उस दिन मैंने अपनी सास से कहा कि आज मैं आप लोगों के लिए खाना बनाऊंगा, वह लोग खुश हो गए मेरी पत्नी पूजा कहने लगी आज ना जाने आपको क्या हो गया है आज आपने खाना बनाने के बारे में सोच लिया, मैंने उसे कहा बस ऐसे ही आज ट्राई कर लेता हूं यदि खराब हुआ तो भी कोई दिक्कत वाली बात नहीं है क्योंकि सब अपने परिवार के ही लोग हैं। मेरे साथ पूजा ने भी हेल्प किया और मैंने जब खाना बना लिया तो सब लोगों ने खाना खाया मेरी सास कहने लगी कि खाना तो तुमने बहुत अच्छा बनाया है इसमें कोई दोहराय नहीं है, खाने में कोई भी दिक्कत नहीं है और इस बात से मैं भी बहुत ज्यादा खुश था क्योंकि मेरी सास मेरी तारीफ कर चुकी थी वैसे वह मेरी तारीफ बहुत कम ही किया करती थी लेकिन उस दिन उन्होंने मेरी तारीफ की जिससे कि मैं भी बहुत ज्यादा खुश था अब हम लोग कुछ देर के लिए अपने कमरे में आराम करने लगे मैं और पूजा साथ में बैठे हुए थे।

पूजा मुझसे कहने लगी कि आपको ना जाने आजकल क्या हो गया है आप बिल्कुल भी अच्छे से बात नहीं करते जब आप नौकरी करते थे तो आप घर पर समय दिया करते थे और जब भी आप छुट्टी के वक्त घर पर आते थे तो आपके चेहरे पर हमेशा खुशी रहती थी लेकिन जब से आपने अपनी नौकरी छोड़ी है तब से तो आपके हाव-भाव पूरी तरीके से बदल चुके हैं और मैं देख रही हूं कि आप बिल्कुल भी अच्छे से बात नहीं करते, मैंने पूजा से कहा मेरे दिमाग में कुछ चल रहा था और मैं कुछ काम करने की सोच रहा था लेकिन इतने समय से मुझे समझ नहीं आ रहा कि आखिरकार मैं क्या काम शुरू करूं, मेरी पत्नी पूजा ने मुझे कहा आप इतनी टेंशन क्यों ले रहे हैं सब कुछ हो जाएगा आप बिल्कुल भी चिंता ना कीजिए, मैंने भी कुछ देर के लिए अपने दिमाग से बात निकाल दी और जब मैं और मेरे बच्चे घर वापस लौट रहे थे तो गाड़ी रास्ते में बंद पड़ गई मैंने अपनी पत्नी से कहा कि क्या तुमने गाड़ी की सर्विसिंग नहीं करवाई थी वह कहने लगी कि कुछ समय पहले ही तो मैंने कार की सर्विसिंग करवाई थी लेकिन ना जाने क्यों बंद पड़ गई। उस दिन तो कार स्टार्ट हो गई लेकिन मैंने सोचा कि मैं कार की सर्विसिंग करवा ही लेता हूं नहीं तो बार-बार इस में दिक्कत होगी मैं अगले ही दिन कार की सर्विसिंग करवाने के लिए चला गया क्योंकि मैं पहले से ही एक मैकेनिक को जानता हूं मैं उसके पास ही हमेशा जाया करता था।

मैं राजू मैकेनिक के पास चला गया, मैं जब मैकेनिक के पास गया तो मैंने उसे कहा अरे भैया कुछ समय पहले ही तुमसे गाड़ी सर्विसिंग करवाई थी लेकिन गाड़ी में तो बहुत दिक्कत है कल हम लोग घर लौट रहे थे तो कार रास्ते में ही बंद पड़ गई लेकिन वह तो शुक्र है कि कार स्टार्ट हो गई और मैं बच्चों को लेकर घर पहुंच पाया, वह कहने लगा सर आप यहीं बैठ जाइये मैं कार में देख लेता हूं क्या क्या दिक्कत है, उसने जैसे ही कार में देखा तो वह कहने लगा सर आज तो आपको गाड़ी हमारे पास ही छोड़नी पड़ेगी इसमें काफी कुछ प्रॉब्लम है मैं कल ही आपको कार ठीक करके दे पाऊंगा, मैंने उससे कहा लेकिन क्या तुम पक्का कार की सर्विसिंग कल कर ई मुझे दे दो, वह कहने लगा क्यों नहीं आप तो हमारे पास हमेशा ही आते हैं। वहीं पास में एक व्यक्ति बैठे हुए थे तो वह मुझसे कहने लगे अरे भैया क्या आप समय पर सर्विसिंग नहीं करवाते, मैंने उन्हें कहा अरे सर मुझे समय ही नहीं मिलता मैं मर्चेंट नेवी में था लेकिन कुछ समय पहले मैंने नौकरी छोड़ दी है और उसके बाद जब मैं घर पर आया तो मैंने देखा कार बिल्कुल भी सही नहीं चल रही थी, वह कहने लगे अच्छा तो आप मर्चेंट नेवी में नौकरी किया करते थे उन्होंने मुझे अपना परिचय देते हुए कहा मेरा नाम संजीव है और मैं गाड़ियों के पार्ट्स का काम करता हूं, मैंने उनसे कहा कि आप यह काम कितने समय से कर रहे हैं, वह कहने लगे कि मुझे तो यह काम करते हुए काफी साल हो चुके हैं और अब मैं एक नया स्टोर भी खोलने जा रहा हूं लेकिन उसके लिए मैंने बैंक से लोन अप्लाई किया है, जब उन्होंने यह बात कही तो मैंने उन्हें उस वक्त कह दिया कि यदि मैं आपको पैसे दे दूं तो क्या आप मेरे साथ पार्टनरशिप करेंगे, वह कहने लगे क्यों नहीं आप पहले मेरा काम देख लीजिए उसके बाद ही आप मुझे पैसे दीजिएगा। मुझे संजीव ठीक लगे और जब मैंने उनके बारे में पता करवाया तो वह बड़े ईमानदार व्यक्ति निकले।

एक बार मैं उनके घर पर भी गया था उन्होंने मुझे अपनी पत्नी से मिलाया उसके बाद हम दोनों ने काम शुरू कर दिया, अब संजीव जी का मेरे घर पर आना जाना लगा हुआ रहता था हम दोनों ने जब काम शुरू किया तो वह अच्छा चल रहा था क्योंकि पहले से ही संजीव जी की मार्केट में अच्छी पकड़ है। एक दिन में संजीव जी के घर चला गया उस दिन संजीव जी की पत्नी स्वरा घर पर ही थी। भाभी मुझे कहने लगी अरे आज आप घर पर कैसे आ गए। मैंने उन्हें कहा मैं तो संजीव जी से मिलना आया था। वह कहने लगी संजीव जी के मामा का देहांत हो चुका है वह सुबह ही वहां चले गए हैं। मैंने उन्हें कहा भाभी मैं चलता हूं लेकिन उन्होंने मुझे रोक लिया और कहने लगी अरे आप थोड़ी देर घर पर बैठ जाईए। वह मुझे जबरदस्ती करने लगी उन्होंने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे सोफे पर बैठा दिया उन्होंने मैक्सी पहनी हुई थी और उनकी गांड दिखाई दे रही थी।

मुझे कहां पता था कि उनकी पत्नी एक नंबर की जुगाड़ है। वह मेरी तरफ हवस भरी नजरों से देख रही थी बार-बार अपने स्तनों को झुका कर मुझे दिखाने की कोशिश करती। मैं समझ चुका था मैंने उनके पास जाकर उनके स्तनो को महसूस करने लगा और उनके होठों को चूमने लगा। मैने उनके कपड़े उतार दिया उनका बदन देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया। जैसे ही मेरा लंड उनकी गांड के अंदर प्रवेश हुआ तो मुझे दर्द होने लगा वह मुझे कहने लगी अरे तुमने यह क्या कर दिया। मैं उन्हें तेजी से धक्के मारता रहा उनकी गांड के मजे लिए जा रहा। वह मुझे कहने लगी मुझे तुमसे अपनी गांड मरवा कर मजा आ रहा है, वह भी अपनी गांड को मेरी तरफ मिलाने लगी। वह कहने लगी नीरज जी आपके लंड में तो एक अलग ही बात है आपका लंड अपनी गांड में लेकर बड़ा मजा आ रहा है। जैसे ही मेरा वीर्य उनकी गांड में गिरा तो वह खुश हो गई। वह मुझे कहने लगी आप मुझसे मिलने के लिए घर पर आ जाया कीजिए। मैंने उन्हें कहा जी भाभी जी आज के बाद तो आपसे मिलने आना ही पड़ेगा, मैंने उनकी गांड पर अपने हाथ को मारा और वहां से चला गया।
 
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