इसी बीच मेरे किसी दोस्त ने मुझे बताया कि यार शेफाली तो रंडी है. अब फिर क्या था मैंने न आव देखा न ताव और शेफाली के घर पहुंच गया और फिर उसको उसके रूम में ले गया और उसकी गांड से अपना लण्ड लगा दिया…
नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम (बदला हुआ नाम) अमन है और मैं दिल्ली में ही पैदा हुआ हूँ और यहीं पर ही रहता हूँ. मेरा रंग गोरा और हाइट 5 फुट और 7 इंच है. मेरी उम्र 22 साल है और मेरा लण्ड 7 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है साथ ही यह दिखने में भी बहुत ही आकर्षक है.
अन्तर्वासना पर लिखी गई ये कहानी मेरी पहली कहानी है लेकिन इसकी कहानियां पढ़ – पढ़ के ही तो मैं मुठ मारता हूँ और इसी पर ज़िंदा रहता हूँ.
अब मैं आप लोगों को ज्यादा न झेलाते हुए अपनी कहानी पर आता हूँ. जब मैं 7वीं क्लास में था मैं तभी से थोड़ा ठरकी टाइप का लड़का रहा हूँ और मैं तभी से सेक्स वाली किताबें देखता और पढ़ता था. उन किताबों को पढ़ कर मुझे बहुत मज़ा आता था और बस मन में एक ही इच्छा होती थी कि बस अब किसी की चूत मिल जाए.
हालांकि उस समय मेरा लण्ड बस एक लुल्ली ही था परंतु मेरी लुल्ली में भी इतनी गर्मी भरी होती थी कि अगर अपनी लुल्ली से किसी लड़की को टच भर कर दूं तो सामने वाली लड़की को बच्चा हो जाए.
फिर जैसे – जैसे मैं बड़ा होता गया वैसे – वैसे मेरी प्यास बढ़ने लगी. अब तो आलम ये हो गया था कि मेरे लण्ड को मानो चूत तो चहिए ही चहिए. इसलिए 12वीं क्लास खत्म होने के तुरंत बाद मैंने अपनी एक फ्रेंड को ऑफर मारा.
उसका नाम शेफाली था और वो भी दिल्ली में ही रहती है और वो बहुत नए विचारों की लड़की थी. चूंकि मेरे साथ तो वो बिल्कुल खुली हुई थी इसलिए हम दोनों अच्छी गन्दी हर तरह की बातें करते रहते थे.
दोस्तों, मैं आपको शेफाली के बारे में कुछ बता दूं. उसके चूचे तो लटक कर ऐसे बाहर निकले हुए होते थे जैसे किसी ने फुटबाल उठा कर उसकी ब्रा में डॉल दिया हो और उसकी गांड की शेप तो ऐसी कि उसकी गांड़ पर अगर लण्ड लगा दो तो बिना उसकी गांड मारे तुम खुद को रोक ही नहीं पाओगे.
इसी बीच मेरे किसी दोस्त ने मुझे बताया कि यार शेफाली तो रंडी है. अब फिर क्या था मैंने न आव देखा न ताव और शेफाली के घर पहुंच गया और फिर उसको उसके रूम में ले गया और उसकी गांड से अपना लण्ड लगा दिया. मेरे द्वारा अचानक किए गए इस व्यवहार से शेफाली चौंक गई और बोली – ये तू क्या कर रहा है?
तो मैंने बोला – मुझे मना मत कर अब बस मुझे अपनी गांड और चूत मार लेने दे.
इस पर वो बोली – नहीं ये गलत है यार.
तो मैं बोला – कोई बात नहीं, रहने दे गलत.
तभी मैंने उसके कमरे में देखा तो वहां पर मुझे बहुत सरे सेक्स उपकरण रखे हुए दिखाई दिए. अब मैंने एक रस्सी उठाई और शेफाली को बेड पर लिटाया और उसके दोनों हाथों को दोनों तरफ से बांध दिया और नीचे से टाँगे खोल कर उसकी टांगो को भी बांध दिया.
फिर मैंने उससे बोला – अब बता, आज तेरे साथ क्या करूं मेरी जान.
तो वो बोली – ऐसा मत कर यार, समझा कर.
उसके इतना बोलते ही मैं उसके ऊपर चढ़ कर बैठ गया. अब उसने एक बहुत लंबी सांस ली. फिर मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ लगाये और पप्पी करना शुरू कर दिया.
अब उधर नीचे मेरे कच्छे में मेरा लण्ड भी मचलने लगा था. जब मैंने शेफाली को चुम्बन किया तो वो बहुत तड़प सी उठी थी. तो मैंने कहा – बाबू, क्या हुआ? अभी तो मैं बस शुरू हुआ हूँ अंजाम देना अभी बाकी है.
तो वो बोली – यार, तेरा समान न मेरे समान को लग रहा है और अब मुझे कुछ – कुछ हो रहा है.
तो मैंने कहा – मेरी जान खुल कर उसका नाम बोल.
तो वो बोली – यार, मेरी चूत पर तेरा खड़ा लण्ड लग रहा है. जिससे मुझे न मस्ती चढ़ने लगी है अब और क्यों तड़पा रहा है मुझे.
मैंने कहा – अभी तो तुम्हारे साथ बहुत कुछ करना है मेरी जान.
अब मैंने उसकी शर्ट के बटन खोल दिए जिससे उसके मम्मे निकल कर बाहर आ गए. मुजजे तो ऐसा लग रहा था मानो मेरे सामने कोई दो – दो फुटबाल लटके हों.
फिर मैंने कुछ सोचे बिना उसके मम्मे को चूसने लगा तो वो ‘आह्हह्हह आह्ह्ह्ह’ की आवाज़ करने लगी. ये सुन कर मेरा लन्ड उसकी चूत फाड़ने के लिए खड़ा होकर और तन गया था.
तभी वो बोली – बाबू, अपने लण्ड के दर्शन भी करा दो अब.
फिर मैंने अपने जीन्स की चैन खोली और लण्ड बाहर निकाला तो वो बोली – बाबू, ये तो बहुत बड़ा है आराम से डालियो.
अब मैंने उसकी बात के सिर हिला कर सहमति दी और फिर अपना लण्ड उसके मुंह के पास ले गया और उसके मुंह पर लण्ड से पट – पट मारने लगा तो वो बोली – ओये हरामी, मुंह में डालेगा क्या?
यह सुन कर मैं बोला – आइडिया बुरा नहीं है.
फिर मैंने उसके मुँह में अपना लण्ड ड़ाल दिया. अब तक उसकी आखें बिल्कुल लाल हो गयी थी और उसके लटके हुए चुच्चे में एक दम से मानो जान आ गयी हो. अब वे टाइट हो गए थे. अब मैंने शेफाली के मुंह में लन्ड डाल कर शॉट मारने लगा. जिससे मेरा लण्ड उसके गले तक जा रहा था और उसके मुंह से ‘आह्ह्ह अह्ह्ह उम्म्म उम्म्म्म’ की आवाज़ निकल रही थी.
फिर करीब 10 मिनट बाद मैंने उसके मुँह में ही अपना पानी निकाल दिया तो उसे सारा का सारा वो गटक गई और फिर बोली – इतने दिनों से तू मेरे से बात करता है पहले ही बोल देता कि अब मैं बड़ा हो गया हूँ और मुझे चूत मारनी है तो मैं अपनी चूत देती तुझे मेरी जान.
यह सुन कर मैं बोला – डर लगता था यार.
तो वो बोली – अब से सारे गंदे काम खत्म और अब से मैं सिर्फ तेरे साथ चुदुंगी.
ये सुन कर मैंने उसे गले लगाया और उसके मम्मे चूसने लगा. फिर धीरे – धीरे करके मैंने उसके कपड़े खोल दिए. अब वो बस अपनी पैंटी में थी. जहां से मैं उसकी चूत की ठरकीयत देख सकता था.
उसकी चूत में आग लगी हुयी थी. ऐसा लग रहा था मानो बस ये बोल रही हो कि अब तो अपना लन्ड मेरे अंदर डाल कर मेरी अगन बुझा दो, मेरी प्यास मिटा दो.
मैंने फिर भी उसे बहुत तड़पाया और अपना लण्ड उसकी चूत में नही डाला. अब मैंने अपना लण्ड उसके चुच्चों के बीच में रखा तो शेफाली बोली – जानू, आज तेरा क्या करने का इरादा है?
तो मैं बोला – मेरी जान, आज तो तुझे मैं स्वर्ग की सैर करऊंगा.
उसके बाद मैं उसके चूचो में धक्के मारना शुरू कर दिया और जब मेरा झड़ने को हुआ तो तो मैंने उसके चूचों पर अपना सारा माल गिरा दिया और फिर उसके बाद उसके चूचों की उसी पानी से मैंने मालिश कर दी. ऐसा करते समय मैं उसके चूचों को मसल भी रहा था. इसमें उसे भी बहित मज़ा आ रहा और मुझे तो आ ही रहा था.
थोड़ी देर बाद फिर से मेरा लन्ड खड़ा हो गया तो मैंने इस बार ज्यादा समय लेना ठीक नहीं समझा और सीधा उसकी चूत पर अपना लंड लगा कर एक धक्का दे दिया. जिससे मेरा लन्ड आराम से उसकी चूत में घुस गया. मतलब साफ था वो सच में रंडी थी.
फिर मैंने धक्के पर धक्के लगता रहा और करीब 15 मिनट तक मैंने उसकी चुदाई की अब मेरा डर निकलने वाला था तो मैंने उससे पूछा तो उसने कहा अंदर ही निकाल दो अभी दो दिन पहले मेरा पीरियड आया था तो कोई खतरा नहीं है. अब मैंने उसकी चूत में ही अपना सारा माल निकाल दिया और फिर उसके ऊपर ही लुढक गया.
नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम (बदला हुआ नाम) अमन है और मैं दिल्ली में ही पैदा हुआ हूँ और यहीं पर ही रहता हूँ. मेरा रंग गोरा और हाइट 5 फुट और 7 इंच है. मेरी उम्र 22 साल है और मेरा लण्ड 7 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है साथ ही यह दिखने में भी बहुत ही आकर्षक है.
अन्तर्वासना पर लिखी गई ये कहानी मेरी पहली कहानी है लेकिन इसकी कहानियां पढ़ – पढ़ के ही तो मैं मुठ मारता हूँ और इसी पर ज़िंदा रहता हूँ.
अब मैं आप लोगों को ज्यादा न झेलाते हुए अपनी कहानी पर आता हूँ. जब मैं 7वीं क्लास में था मैं तभी से थोड़ा ठरकी टाइप का लड़का रहा हूँ और मैं तभी से सेक्स वाली किताबें देखता और पढ़ता था. उन किताबों को पढ़ कर मुझे बहुत मज़ा आता था और बस मन में एक ही इच्छा होती थी कि बस अब किसी की चूत मिल जाए.
हालांकि उस समय मेरा लण्ड बस एक लुल्ली ही था परंतु मेरी लुल्ली में भी इतनी गर्मी भरी होती थी कि अगर अपनी लुल्ली से किसी लड़की को टच भर कर दूं तो सामने वाली लड़की को बच्चा हो जाए.
फिर जैसे – जैसे मैं बड़ा होता गया वैसे – वैसे मेरी प्यास बढ़ने लगी. अब तो आलम ये हो गया था कि मेरे लण्ड को मानो चूत तो चहिए ही चहिए. इसलिए 12वीं क्लास खत्म होने के तुरंत बाद मैंने अपनी एक फ्रेंड को ऑफर मारा.
उसका नाम शेफाली था और वो भी दिल्ली में ही रहती है और वो बहुत नए विचारों की लड़की थी. चूंकि मेरे साथ तो वो बिल्कुल खुली हुई थी इसलिए हम दोनों अच्छी गन्दी हर तरह की बातें करते रहते थे.
दोस्तों, मैं आपको शेफाली के बारे में कुछ बता दूं. उसके चूचे तो लटक कर ऐसे बाहर निकले हुए होते थे जैसे किसी ने फुटबाल उठा कर उसकी ब्रा में डॉल दिया हो और उसकी गांड की शेप तो ऐसी कि उसकी गांड़ पर अगर लण्ड लगा दो तो बिना उसकी गांड मारे तुम खुद को रोक ही नहीं पाओगे.
इसी बीच मेरे किसी दोस्त ने मुझे बताया कि यार शेफाली तो रंडी है. अब फिर क्या था मैंने न आव देखा न ताव और शेफाली के घर पहुंच गया और फिर उसको उसके रूम में ले गया और उसकी गांड से अपना लण्ड लगा दिया. मेरे द्वारा अचानक किए गए इस व्यवहार से शेफाली चौंक गई और बोली – ये तू क्या कर रहा है?
तो मैंने बोला – मुझे मना मत कर अब बस मुझे अपनी गांड और चूत मार लेने दे.
इस पर वो बोली – नहीं ये गलत है यार.
तो मैं बोला – कोई बात नहीं, रहने दे गलत.
तभी मैंने उसके कमरे में देखा तो वहां पर मुझे बहुत सरे सेक्स उपकरण रखे हुए दिखाई दिए. अब मैंने एक रस्सी उठाई और शेफाली को बेड पर लिटाया और उसके दोनों हाथों को दोनों तरफ से बांध दिया और नीचे से टाँगे खोल कर उसकी टांगो को भी बांध दिया.
फिर मैंने उससे बोला – अब बता, आज तेरे साथ क्या करूं मेरी जान.
तो वो बोली – ऐसा मत कर यार, समझा कर.
उसके इतना बोलते ही मैं उसके ऊपर चढ़ कर बैठ गया. अब उसने एक बहुत लंबी सांस ली. फिर मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ लगाये और पप्पी करना शुरू कर दिया.
अब उधर नीचे मेरे कच्छे में मेरा लण्ड भी मचलने लगा था. जब मैंने शेफाली को चुम्बन किया तो वो बहुत तड़प सी उठी थी. तो मैंने कहा – बाबू, क्या हुआ? अभी तो मैं बस शुरू हुआ हूँ अंजाम देना अभी बाकी है.
तो वो बोली – यार, तेरा समान न मेरे समान को लग रहा है और अब मुझे कुछ – कुछ हो रहा है.
तो मैंने कहा – मेरी जान खुल कर उसका नाम बोल.
तो वो बोली – यार, मेरी चूत पर तेरा खड़ा लण्ड लग रहा है. जिससे मुझे न मस्ती चढ़ने लगी है अब और क्यों तड़पा रहा है मुझे.
मैंने कहा – अभी तो तुम्हारे साथ बहुत कुछ करना है मेरी जान.
अब मैंने उसकी शर्ट के बटन खोल दिए जिससे उसके मम्मे निकल कर बाहर आ गए. मुजजे तो ऐसा लग रहा था मानो मेरे सामने कोई दो – दो फुटबाल लटके हों.
फिर मैंने कुछ सोचे बिना उसके मम्मे को चूसने लगा तो वो ‘आह्हह्हह आह्ह्ह्ह’ की आवाज़ करने लगी. ये सुन कर मेरा लन्ड उसकी चूत फाड़ने के लिए खड़ा होकर और तन गया था.
तभी वो बोली – बाबू, अपने लण्ड के दर्शन भी करा दो अब.
फिर मैंने अपने जीन्स की चैन खोली और लण्ड बाहर निकाला तो वो बोली – बाबू, ये तो बहुत बड़ा है आराम से डालियो.
अब मैंने उसकी बात के सिर हिला कर सहमति दी और फिर अपना लण्ड उसके मुंह के पास ले गया और उसके मुंह पर लण्ड से पट – पट मारने लगा तो वो बोली – ओये हरामी, मुंह में डालेगा क्या?
यह सुन कर मैं बोला – आइडिया बुरा नहीं है.
फिर मैंने उसके मुँह में अपना लण्ड ड़ाल दिया. अब तक उसकी आखें बिल्कुल लाल हो गयी थी और उसके लटके हुए चुच्चे में एक दम से मानो जान आ गयी हो. अब वे टाइट हो गए थे. अब मैंने शेफाली के मुंह में लन्ड डाल कर शॉट मारने लगा. जिससे मेरा लण्ड उसके गले तक जा रहा था और उसके मुंह से ‘आह्ह्ह अह्ह्ह उम्म्म उम्म्म्म’ की आवाज़ निकल रही थी.
फिर करीब 10 मिनट बाद मैंने उसके मुँह में ही अपना पानी निकाल दिया तो उसे सारा का सारा वो गटक गई और फिर बोली – इतने दिनों से तू मेरे से बात करता है पहले ही बोल देता कि अब मैं बड़ा हो गया हूँ और मुझे चूत मारनी है तो मैं अपनी चूत देती तुझे मेरी जान.
यह सुन कर मैं बोला – डर लगता था यार.
तो वो बोली – अब से सारे गंदे काम खत्म और अब से मैं सिर्फ तेरे साथ चुदुंगी.
ये सुन कर मैंने उसे गले लगाया और उसके मम्मे चूसने लगा. फिर धीरे – धीरे करके मैंने उसके कपड़े खोल दिए. अब वो बस अपनी पैंटी में थी. जहां से मैं उसकी चूत की ठरकीयत देख सकता था.
उसकी चूत में आग लगी हुयी थी. ऐसा लग रहा था मानो बस ये बोल रही हो कि अब तो अपना लन्ड मेरे अंदर डाल कर मेरी अगन बुझा दो, मेरी प्यास मिटा दो.
मैंने फिर भी उसे बहुत तड़पाया और अपना लण्ड उसकी चूत में नही डाला. अब मैंने अपना लण्ड उसके चुच्चों के बीच में रखा तो शेफाली बोली – जानू, आज तेरा क्या करने का इरादा है?
तो मैं बोला – मेरी जान, आज तो तुझे मैं स्वर्ग की सैर करऊंगा.
उसके बाद मैं उसके चूचो में धक्के मारना शुरू कर दिया और जब मेरा झड़ने को हुआ तो तो मैंने उसके चूचों पर अपना सारा माल गिरा दिया और फिर उसके बाद उसके चूचों की उसी पानी से मैंने मालिश कर दी. ऐसा करते समय मैं उसके चूचों को मसल भी रहा था. इसमें उसे भी बहित मज़ा आ रहा और मुझे तो आ ही रहा था.
थोड़ी देर बाद फिर से मेरा लन्ड खड़ा हो गया तो मैंने इस बार ज्यादा समय लेना ठीक नहीं समझा और सीधा उसकी चूत पर अपना लंड लगा कर एक धक्का दे दिया. जिससे मेरा लन्ड आराम से उसकी चूत में घुस गया. मतलब साफ था वो सच में रंडी थी.
फिर मैंने धक्के पर धक्के लगता रहा और करीब 15 मिनट तक मैंने उसकी चुदाई की अब मेरा डर निकलने वाला था तो मैंने उससे पूछा तो उसने कहा अंदर ही निकाल दो अभी दो दिन पहले मेरा पीरियड आया था तो कोई खतरा नहीं है. अब मैंने उसकी चूत में ही अपना सारा माल निकाल दिया और फिर उसके ऊपर ही लुढक गया.