जन्मदिन खूब मुबारक हो

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नमस्कार दोस्तों,

आज मैं आपको अपने दोस्त के जन्मदिन पर की गयी चुदाई के बारे में बताने जा रहा हूँ | मेरा दोस्त मेरा बहुत ही करीबी यार था और उन दिनों मैं पने काम में भी कुछ ज्यादा ही व्यस्त रहा करता था | जिस दिन मेरे दोस्त ने अपने जन्मदिन की पार्टी रखी तो मैं एउसे काम के सिलसिले के कारण आने से मना कर दिया पर उसने भी नयी - नयी जवान लड़कियों के जब आने की बात कही तो मेरा दिल अंदर से खुश हो गया और मेरा इरादा भी बदल गया | मैं भी उस दिन जलसी से काम से बहन मार लिया और अगले ही पल उसकी जन्मदिन की पार्टी में भी पहुँच गया |

वहाँ मैंने सच कई जवान खूबसूरत और मोटे चुचों और गांड वालीं लड़कियों को अपने सामने पाया जिन्हें देख मैं पगला सा गया था | मेरी नज़र जैसे ही किसी एक पर से हटती तो कोई और दूसरी मेरे दिल पर बस जाया करती | मेरे दोस्त ने मेरे दिल की तसल्ली के लिए मेरे कई लड़कियों से जान - पहचान्भी कराई जिसमें से एक प्रीती नाम की लड़की पर तो मेरा दिल ही अटक गया या असला में यूँ कहीं की मेरा लंड बैठने का नाम ही नहीं ले रहा था | मैं अंत था की शायद ही मैं उस पार्टी के बाद इसमें से किसी से भी मिल पाउँगा सो मैंने भी ठान ली की जो भी करना है वो आज ही करना है नहीं तो कभी नहीं |

मैंने अब प्रीती से पार्टी में बात आगे - बढाना चालू कर दिया और अपने दोस्त के एक कमरे में बातें करने के बहाने भी ले आया | मैं कुछ देर बाद ही उसके हाथ पा हाथ रख सहलाना शरू कर दिया और उसने भी मेरा विरोध नहीं किया क्यूंकि कुछ हल्की - फुल्की शराब पीकर वो भी इस काम - क्रीडा के लिए चुस्त सी हो गयी थी | मैंने अब अपने कद बढाने शुरू किये और हम दोनों एक दूसरे के कुछ ही पल में होठों को चूस रहे थे | मैं धीरे - धीरे मैं उसकी चुचोंको दबाते हुए मज़े ले रहा था जिसपर उसकी भी लंड खड़ा कर देने वाली सिस्कारियां निकल रही थी | मैं अब पीछे नहीं हटना वाला था और जड़ी से उसके कपड़े खोले लगा | मैं कुछ पल में उसकी पैंटी को भी उतार दिया कुछ देर उसकी चुत पर उँगलियाँ मसलते हुए उसपर थूक लगाकर उसपर अपने लंड को भी रगड़ने लगा |

वो भी अब बिलकुल चुदाई का खेल शुर करने के लिए तोयार हो चुकी थी | मैं उसके चुचों को मसलते हुए अपने लंड का एक धक्का मारा जिससे नशे में उसकी चींख निकली ही की मैं दो तीन धक्के फिर मारे | वो अपने होस को फिर से बंधाती ही मैंने अब झटकों किले सी ही उसकी चुत में छोड दी और वो मेरे सामने तडपने लगी | कुछ देर बाद उसका दर्द भी गायब हो गया और उसकी पार्टी के शोर - शराबे में मैंने उसकी चुत पर चडकर आखिर तक मारता चला गया | जब मेरे दोस्त ने हमारी यह हालत देखी तो वो भी अपना लंड तैनात कर शुर हो गया और मैंने अपने वीर्य को उसके चुचों पर गिराकर उसके लबों को चूसने लगा |
 
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