जूही दीदी के चूंचे

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मैं और मेरी कजिन जूही दीदी

हेलो दोस्तों, नागेश फ्रॉम कोलकाता का आपको नमस्कार, आशा हैं की आप सब भालो हैं और चूत लंड और चूंचे से मजे ले रहे हैं. दोस्तों में आज आप लोगो को मेरी फूफी की बेटी यानी की बुआ की बेटी जूही दीदी बात बताने जा रहा हूँ. जूही दीदी मुझ से 2 साल बड़ी हैं, यानी की 21 साल की हैं. वो फेशन डिजाइनिंग करती हैं और साली उटपटांग फेशन करके हमारा लंड ख़राब करती रहेती हैं. उसके चूंचे बहुत बड़े हैं और उसका एक बॉयफ्रेंड भी हैं. मेरे फूफा जी यहाँ डोक्टर हैं और वो उसे कुछ नहीं कहते हैं इसलिए वो बिगड़ गई हैं. लेकिन उस दिन मुझे जो अनुभव हुआ उसके बाद मुझे लगा चलो अच्छा हैं की बिगड़ी हुई हैं हमारा भी काम बनता रहेगा.

मैं अपनी सायकल पार्क कर के जैसे ही अंदर गया; मैंने देखा की घर में जूही दीदी अकेली थी. शायद बुआ और ताउजी बहार गए थे. मैंने देखा की दीदी ने एक अलग प्रकार की टी-शर्ट पहनी थी; उस टी-शर्ट में उसके चूंचे वाले भाग पे जैसे की कट बनी हुई थी. उसके अंदर उसकी काली ब्रा साफ़ दिख रही थी. मैं तो दीदी के चूंचे वाले भाग को देखता ही रह गया. मैंने कहा, "अरे जूही दीदी क्या यह उलटे सुलटे कपडे पहनते रहते हैं आप..?"

वो हंस के बोली, "नागेश इसे फेशन कहते हैं. तुम बायोलोजी वाले फेशन के बारे में क्या समझोगे.!"

मेरे खून में गर्मी आ गई. साली बायोलोजी वाले हैं तो तेरी चूत और चूंचे का कोई अध्ययन करेगा. मैं कुछ नहीं बोला 1 मिनिट तक फिर मैंने कहा, "लेकिन आप के कपडे कभी कभी तो पहने या ना पहने सेम होता हैं.!"

जूही दीदी जोर से हंसी और उसके चूंचे उछल से गए. उसने कहा, "अरे अब हमारी उम्र हो गई हैं यह सब के लिए यार. तू हमेंशा ऐसा ही रहेगा क्या.! कोई लड़की मिली या नहीं तुझे अभी तक."

मैंने कहा, "नहीं अभी तक तो नहीं.!"

जूही दीदी ने अपने चश्मे सही करते हुए कहा, "नागेश पटा ले एक, ताकि तू सब कुछ सिख सके.!"

मैंने खड़े हो के जूही दीदी के होंठो से अपने होंठ लगा दिए और एक गहरी और लंबी चूम्मी ले ली. उसकी साँसे मेरी साँसों से टकरा गई. मैंने देखा की उसकी आँखे खुली रह गई. मैंने चुम्मा छुडाते हुए कहा, "दीदी आप लोग कपड़ो का फेशन और नोलेज रखते होंगे. हम बायोलोजी वाले शरीर का नोलेज और महत्व रखते हैं. और ताने ना दो, मैं सब कर सकता हूँ ठीक हैं.!!!"

मैंने सोचा की बहुत हो गया चलो घर जाऊं. जैसे ही मैं निकलने वाला था जूही दीदी दौड़ के आई और मुझ से लपट गई. उसने मुझे किस किया और मेरे लंड के उपर हाथ रख दिया. मेरे हाथ भी उसके चूंचे टटोलने लगे. उसने मेरी तरफ देखा और बोली, "चल आज तू अपनी नोलेज बता ही दे मुझे. मोम डेड शाम के पहले नहीं आयेंगे; मैं भी देखू मेरा भाई जवान हुआ हैं की नहीं."

दीदी के चूंचे दबा उसकी गांड पे चमाट लगाई

मैंने एक ऊँगली जूही दीदी की फटी टी-शर्ट में डाली और उसे खिंच दी. टी-शर्ट उपर से निचे तक फट गई. अंदर की काली ब्रा और उनमे छिपे बड़े चूंचे साफ़ नजर आने लगे. मैंने दीदी की ब्रा की हुक खोल दी और उसे उल्टा कर के उसकी गांड को देखा. उसके चुंचे जैसे ही उसकी गांड भी चौड़ी और बड़ी थी. मैंने उसकी गांड पे जोर जोर से दो चमाट लगाई, उसके मुहं से आह आह ओह ओह निकल गया. मैंने भी अपनी पेंट खोली और अपने गिरगिट जैसे लौड़े को बहार निकाला. उसने मेरे लंड को देखा और वो खुश हो गई. उसने एक हाथ लम्बा कर के लंड को सहला दिया. मैंने कहा,

"दीदी यह हाथ से नहीं मानेगा; इसे तो मुहं की चिकनाहट ही अच्छी लगती हैं.!"

जूही दीदी निचे बैठी और उसने अपने चश्मे उतारते हुए लंड को सीधा मुहं में ले लिया. वो प्रिया राय के जैसे अपने मुहं में लंड को ले के कुल्फी की तरह हिलाने लगी. उसकी सनी लियोन जैसी चौड़ी गांड को मैं देख रहा था. मैंने अपने पग के अंगूठे को उठा के उसके स्कर्ट के उपर से उसकी चूत के उपर रख दिया. मैं अंगूठे को चूत की लकीर के उपर अंदाजे से ही चलाने लगा. जूही दीदी सिस्कियाने लगी और उसके लंड चूसने की झडप एकदम से बढ़ सी गई. मैंने उसके माथे को पकड़ के रोको की तरह उसके मुह को जोर जोर से पेल डाला.

2 मिनिट के बाद मैंने अपने लंड को उसके मुहं से निकाला. जूही दीदी पलंग के उपर लेट गई. मैंने उसकी स्कर्ट और पेंटी फाड़ दी. वो बोली, "अरे नई पेंटी थी नागेश.!"

मैंने उसे एक थप्पड़ मारा और कहा, "ये बायोलोजी का क्लास हैं बेन्चोद, यहाँ जैसे में कहूँ वैसे करना हैं."

उसके गाल के उपर लाल लाल निशान बने थे; लेकिन उसे भी इस से मजा आ गया. उसने मुझे कहा, "मेरी गांड के उपर मारो ना."

मैंने कहा, "ठीक हैं रुक जा."

मैंने उसकी टाँगे फाड़ के उसकी चूत में लंड रखा. उसके बाद मैंने उसके चूंचे पकड़ के लंड को चूत में डालना चालु कर दिया. मैं एक तरफ उसके चूंचे मसल रहा था और उधर उसकी चूत को ले रहा था. जूही दीदी की चूत ढीली थी; शायद वो पहले बहुत चुदा चुकी थी अपने फेशन के कोर्स में. मैंने लंड की झडप बढाई और उसकी टाँगे उठा के उसकी गांड के उपर जोर जोर से चमाट लगाने लगा. दीदी, "आह आह आह और जोर से नागेश चोदो मुझे. फाड़ दो मेरी वजाइना. ले लो मजे दीदी के भोसड़े के.!"

मैंने उसे गांड पे चमाट लगा लगा के लाल लाल कर दिया. उसके चूंचे भी पुरे के पुरे लाल हो गए थे. कुछ 10 मिनिट के हार्ड सेक्स में मैं भी थक गया और वो भी. जब मेरे लंड से गाढ़ा रस निकला तो उसके चहरे के संतोषजनक भाव देखने लायक थे. मैंने लंड निकाल के बाकी का माल उसके चूंचे पे निकाल दिया. दीदी ने हाथ से थोडा माल अपने होंठो पे लगाया और बोली, "नागेश तू तो सच में बायोलोजी सिख गया हैं. दीदी को भी क्लास करा दे कुछ दिन." मैंने अपनी पेंट उठाते हुए कहा, "क्यों नहीं दीदी, अगली बार मैं तुम्हे गांड की बायोलोजी सिखाऊंगा..!!!"
 
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