ट्रेन में मिली खूबसूरत लड़की को उसके शहर जाकर चोदा

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बहुत देर तक हम दोनों ऐसे ही खड़े रहे. मैं उसके हाथ के ऊपर अपना हाथ रखे रहा और फिर धीरे – धीरे करके मैं उसका हाथ सहलाने लगा. तभी अचानक ट्रेन रुकी और मैं धक्के की वजह से उसके ऊपर लुढ़क गया. इससे उसको धक्का लगा तो मैंने उसे सॉरी बोला तो उसने भी कोई बात नहीं बोल कर इस बात को वहीं पर खत्म कर दिया…

नमस्कार दोस्तों, यह मेरी एक सच्ची कहानी है. मैं ऐसा सपने सोच भी नहीं सकता था कि कभी मेरे साथ ऐसा भी होगा, लेकिन यह भी हुआ. सबसे पहले मैं आपको अपने बारे में बता देना चाहता हूँ. मैं 23 साल का एक नवजवान लड़का हूँ. मेरी लम्बाई लगभग 6 फिट है और मेरे लण्ड का साइज़ साढ़े 6 इंच है.

मैं भोपाल में रहकर पड़ता हूँ. ये बात आज से एक महीने पहले की है जब मेरे एग्जाम ख़त्म होने के बाद मैं ट्रेन से अपने घर जा रहा था. जैसे ही मैं रेलवे स्टेशन पर पंहुचा तो मुझे वहां पर एक लड़की दिखी. उसे देख कर मैं भी उसके पास जाकर खड़ा हो गया, क्योंकि वह भी अकेली थी और मैं भी अकेला ही था. मैं समझ गया था कि जिस ट्रेन से मैं जाने वाला हूँ उसी ट्रेन से वो भी जाने वाली थी, क्योंकि ट्रेन आने ही वाली थी.

फिर मैं थोड़ा सामने पटरी के पास जाकर वापस आया और उसकी तरफ देखा तब उसने भी मेरी तरफ देखा तो मैंने उसे थोड़ा सा स्माइल दे दिया. इस पर उसने अपना मुंह दूसरी तरफ फेर लिया. आप लोगों को क्या बताऊँ दोस्तों, क्या खूबसूरत लड़की थी वो! उसकी खूबसूरती देख कर मुझसे रहा नहीं जा रहा और मैं बार – बार उसे ही देख रहा था.

उसका फिगर 30-28-30 का रहा होगा. वास्तव में वो बहुत ही मस्त माल थी दोस्तों. थोड़ी देर इंतजार करने के बाद ट्रेन आ गयी. ट्रेन रुकने के बाद हम ट्रेन में चढ़ने लगे भीड़ होने के कारण गेट के पास आकर मैं उसके पीछे आ गया और फिर रुक गया. जब भीड़ उतर गई तो फिर वो चढ़ने लगी, लेकिन उसका बैग काफी बड़ा और भारी होने के कारण उसे चढ़ने में दिक्कत हो रही थी तो मैंने उसकी हेल्प कर दी.

फिर हम अंदर घुस गए लेकिन ट्रेन में भीड़ होने के कारण हमें शीट नहीं मिली. अब वह अंदर जाकर खड़ी हो गई. मैं भी उसके पास जाकर खड़ा हो गया. फिर उसने बैग चढ़ाने में मदद करने के लिए थैंक्स कहा. इस पर मैंने भी इट्स ओके बोल दिया. अब धीरे – धीरे हमारी बातों का सिलसिला शुरू हो गया. फिर उसने मुझसे पूछा – आप कहां जा रहे हो?

तो मैंने बता दिया. फिर मैंने उससे पूछा – तो उसने भी बता दिया. फिर ऐसे ही हमारी बातें होने लगी. तभी ट्रेन एक स्टेशन पर रुकी. वहां पर भी काफी लोग चढ़ गए जिससे भीड़ और बढ़ गई तो हम दोनों और ज्यादा नजदीक आ गए. फिर उसने जहां ट्रेन में पकड़ रखा था, मैं भी पकड़ने के बहाने उसके हाथ के ऊपर हाथ रख दिया. लेकिन उसने कुछ भी नहीं कहा.

बहुत देर तक हम दोनों ऐसे ही खड़े रहे. मैं उसके हाथ के ऊपर अपना हाथ रखे रहा और फिर धीरे – धीरे करके मैं उसका हाथ सहलाने लगा. तभी अचानक ट्रेन रुकी और मैं धक्के की वजह से उसके ऊपर लुढ़क गया. इससे उसको धक्का लगा तो मैंने उसे सॉरी बोला तो उसने भी कोई बात नहीं बोल कर इस बात को वहीं पर खत्म कर दिया.

उस स्टेशन से कुछ उपद्रवी लड़के भी ट्रेन में चढ़ गए थे. थोड़ी देर बाद मुझे शीट मिल गयी तो मैंने वहां पर उसे बिठा दिया और मैं उसके पास खड़ा रहा. फिर वो लड़के उसे छेड़ने लगे और उस पर कमेंट्स करने लगे. वो लगातार उसे घूर – घूर के देख रहे थे. उनका यह बर्ताव उसे अच्छा नहीं लग रहा था तो मैं उसके सामने आ गया ताकि वो लड़के उसे देख न सकें.

फिर थोड़ी देर बाद मुझे भी उसी के पास वाली शीट मिल गयी और मैं उसके पास बैठ गया. अब हम बातें करने लगे तो उन लड़को को लगा कि हम गर्लफ्रेंड और बॉयफ्रेंड हैं तो वे लोग चुप हो गए. फिर मैंने उससे उसके बारे में सारी जानकारी ले ली, जैसे कि वो कहां रहती है और क्या करती है?

फिर उसने भी मुझसे पूछा और मैंने भी उसको सब कुछ सच – सच बता दिया. फिर मैंने उसको बोला कि तेरे शहर में मेरा एक दोस्त रहता है. तो उसने बोला – अच्छा, क्या नाम है उनका?

तो मैंने उसे अपने उस दोस्त का नाम बताया. ऐसे ही धीरे – धीरे बातें करते हुए आखिर मैंने उससे मोबाइल नंबर माँग ही लिया. इस पर वो बोली – मोबाइल नंबर क्यों चाहिए?

मैंने बोला – बस, तुमसे बात करने के लिए और किस लिए.

तो वो बोली – ऐसी क्या बात करोगे आप मुझसे?

मैं बोला – वो तो जब बात करूँगा तब ही पता चलेगा न.

मेरे ऐसा कहने पर वो बोली कि मुझे नहीं करनी है. तो मैं थोड़ा गुस्सा होकर बोला – ठीक है फिर, मत दो. अब मैं उससे बात नहीं कर रहा था लेकिन वो मुझसे बात कर रही थी. उसकी बात का मैं उसको कोई जवाब नहीं दे रहा था. तो उसने बोला – नाराज हो गए हो क्या?

मैं फिर भी कुछ नहीं बोला. तो फिर उसने मुझसे मेरा नंबर माँगा, लेकिन फिर भी मैं कुछ नहीं बोला. फिर उसने पूछा, तो मैं थोड़ा और गुस्सा दिखाते हुए बोला – अब क्यों चाहिये?

तो उसने मेरे हाथ से मेरा मोबाइल छीन लिया और उसे खोलने लगी, पर उसे लॉक खोलना नहीं आया. तो उसने पासवर्ड माँगा. अब मैंने सोचा कि अगर अब और ज्यादा भाव खाऊंगा तो ये हाथ से निकल जायेगी. इसलिए मैंने लॉक खोल कर मोबाइल उसे दे दिया.

फिर उसने मेरे मोबाइल से अपने मोबाइल पर मिस कॉल कर लिया और फिर बोली – मेरा स्टेशन आने वाला है, कब तक गुस्सा रहोगे? अब तो हंस दो.

मैंने बोला – नहीं.

फिर उसने मासूम से चेहरा बनाकर बोला – प्लीज, हंस दो न.

उसकी इस अदा पर मुझे हँसी आ गयी और मैं हंसने लगा. मुझे हंसते देख कर उसे भी जोर की हंसी आ गयी. फिर हम दोनों हाथ पकड़ कर हँसने लगे. कुछ देर बाद फिर उसका स्टेशन आ गया और वो उतर गयी. ट्रेन में काफी भीड़ होने के कारण और जल्दबाजी में वह मुझसे बाय बोले बिना ही उतर गई.

फिर उतरते ही उसने कॉल किया और बोली – बाय बोलना भूल गयी थी. फिर ट्रेन चल दी और ट्रेन चलने के कारण नेटवर्क नहीं मिल रहा था तो फ़ोन कट गया. फिर मेरा भी स्टेशन आ गया और मै भी उतर गया.

अब मेरी इस रोचक कहानी में आगे क्या हुआ यह जानने के लिए मेरी इस कहानी के अगले भाग का इंतजार कीजिए. तब तक के लिए नमस्कार.
 
अभी तक आपने पढ़ा कि स्टेशन पर मुझे एक बहुत ही खूबसूरत लड़की दिखी जिसकी मदद करके मैंने उसे पटा लिया और बाद में उसका मोबाइल नम्बर भी ले लिया. इस रोचक कहानी में अब इसके आगे –

उसके बाद मैं घर आ गए. अब धीरे – धीरे हमारी फोन पर बातें होने लगी. फिर उसके बाद रोज हम एक – दूसरे से फोन पर काफी देर तक बात करने लगे. अब हमारी स्थिति यह हो गई कि एक पल भी एक – दूसरे से बात किये बिना हम रह ही नहीं सकते थे. फिर एक दिन मैंने उसे प्रपोज़ कर दिया, तो उसने बोला – अच्छा, तो ये बात है.

मैं बोला – हां, ये बात है.

तो वो बोली – चल झूठे.

इस पर मैंने उससे बोला – सच में यार, आई लव यू.

फिर उसने भी आई लव यू टू बोल दिया. अब हम दोनों बहुत खुश हो गए. अब हम एक – दूसरे से बहुत प्यार करने लगे थे. फिर मैंने उससे मिलने के लिए उसके शहर आने को बोला तो उसने भी कहा आ जाओ.

फिर मैंने अपने दोस्त से एक कमरे का जुगाड़ कर लिया और उसको भी इस बारे में बता दिया. चूंकि उसका शहर छोटा था तो उसको कोई भी पहचान सकता था इसलिए उसने भी बिना किसी ऐतराज किए हां कर दी. फिर दूसरे दिन मैं बाइक से उसके शहर पहुंच गया. वहां पहुंच कर मैंने उसे फ़ोन किया और उसे एक निर्धारित जगह पर आने के लिए बोला. फिर जब वह आ गई तो मैं उसे बाइक पर बैठा कर दोस्त के रूम पर चला गया.

चूंकि मैंने दोस्त को पहले ही सब कुछ बता दिया था तो मेरे वहां पहुंचते ही वह हमें अंदर बैठा कर बाहर चला गया. अंदर जाकर हम बैठ गए और मैं उसका हाथ अपने हाथों में लेकर बातें करने लगे. फिर मैंने उससे बोला – मुझे किस करना है.

तो वो कुछ नहीं बोली बस उसने अपना सर नीचे कर लिया. अब मुझे उसकी मूक सहमति मिल गई थी. फिर मैंने उसका चेहरा हाथों से पकड़ कर ऊपर किया और उसके नर्म – नर्म होंठों पर अपने होंठों को रख दिया. और फिर उम्मा की आवाज के साथ किस करने लगा. अब हम एक – दूसरे के होंठों को चुस रहे थे.

फिर मैंने उसके चूचों पर हाथ रख दिया और धीरे – धीरे करके उन्हें दबाने और उन पर किस करने लगा. फिर मैंने उसे वहीं बिस्तर पर लिटा दिया और उसके ऊपर आकर किस करने लगा. फिर धीरे – धीरे करके मैंने उसकी टी शर्ट और जीन्स को भी निकाल दिया. उसने भी मेरे कपड़े निकल दिए थे.

अब वो सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी. फिर कुछ देर तक मैं उसके मम्मों को ब्रा के ऊपर से ही मसलता रहा और फिर मैंने उसकी ब्रा को भी निकाल दिया और उसके एक चूचे को मुंह में लेकर चूसने लगा और एक हाथ से उसके दूसरे चूचे को दबा रहा था. मेरे ऐसा करने से उसकी सास तेज़ हो गयी थी. मैं उसके चूचे को लगातार दबाये चूसते जा रहा था.

फिर मैंने उसकी पैंटी भी निकाल दी. लेकिन उसने शर्म के मारे अपने पांव से अपनी चूत को छुपा लिया. फिर मैंने उसको मनाया और धीरे से उसके पांव को फैला कर चूत पर से हटा दिया. अब उसकी फूली हुई चूत एक दम से खुल कर मेरे सामने आ गई. उसकी मस्त चूत को देख कर मुझसे रहा न गया और मैंने उसकी चूत पर अपना मुंह रख दिया. मेरे ऐसा करने से वो चिहुंक गई और बोली – ये क्या कर रहे हो! ये गन्दी जगह है. ऐसा मत करो.

फिर मैंने उसे बताया कि पगली, सेक्स ऐसे ही करते है. उससे बताने के बाद फिर मैं उसकी चूत को बहुत जोर – जोर से चूसने लगा. अब वो मेरे सर को चूत में दबाने लगी और जोर – जोर से सिसकियां लेने लगी थी.

अब उसने मेरी अंडर वियर निकाल दी. जिससे मेरा लण्ड फनफनाते हुए बाहर आ गया. उसने लण्ड को अपने कोमल हाथ से पकड़ लिया. उसके छूते ही मेरे शरीर में करंट सा दौड़ गया. फिर वो अपने हाथों में लेकर लण्ड के साथ खेलने लगी. तभी मैंने उसको बोला – इसे मुंह में लेकर चूस न.

तो उसने मना कर दिया. फिर मैंने काफी देर तक उसको मनाया. मेरे मनाने से फिर वो मान गयी और मुंह में सिर्फ सामने वाला सुपाड़ा ले लिया. जिससे मैं पूरा हिल सा गया. अब मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मैं जन्नत में चला गया हूँ. अपनी आखें बंद करके मैं इस वासना का आनंद लेने लगा.

फिर मैंने लण्ड को उसके मुंह में ठूस दिया और वो उसके मुंह में फंस गया. जिससे उसका सास लेना भी मुश्किल हो रहा था. जब मुझे यह एहसास हुआ तो मैंने थोड़ा सा लन्ड बाहर निकाल लिया और वो फिर से लण्ड को चूसने लगी. अब वो जोर – जोर से चूसने लगी थी, जिससे मेरे मुंह से अजीब – अजीब आवाजें निकलना शुरू हो गया.

अब तक वो भी गरम हो चुकी थी. इसलिए अब मैंने लण्ड को अंदर डालना ही सही समझा क्योंकि शाम भी होने वाली थी और रात होने से पहले उसे घर भी जाना था. दूसरी तरफ मुझे भी वापस अपने घर आना था. फिर मैंने उसके मुंह से लन्ड निकाल लिया और फिर उसे सीधा लेटाया और उसके चूत पर लण्ड टिका दिया.

फिर मैंने धीरे से एक धक्का दिया, लेकिन उसकी चूत बहुत टाइट होने के कारण लन्ड फिसल गया. मतलब साफ था वो अभी तक वर्जिन थी. फिर मैंने लण्ड पर तेल लगाया और फिर उसकी चूत पर भी तेल लगा दिया और फिर उसकी चूत में अपनी एक ऊँगली डाल दी. इससे उसे दर्द होने लगा और उसके मुंह से “आह्ह” की एक आवाज निकल गई. उसका इस तरह धीरे धीरे आहें भरना मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.

फिर उसके ऊपर आकर मैंने चूत पर लण्ड रखा और फिर एक धक्का दिया लेकिन फिर से लण्ड अंदर नहीं गया. फिर उसने लण्ड को अपने हाथ में पकड़ कर चूत पर सेट किया और तभी मैंने जोर से धक्का दिया. जिससे मेरा लण्ड चूत को चीरता हुआ अंदर चला गया.

अभी सिर्फ सुपाड़ा ही अंदर गया था. लेकिन फिर भी उसे बहुत दर्द हो रहा था और उसने मुझे कस कर पकड़ लिया था. उसकी आखों से आंसू भी निकल आए थे. लेकिन वो दांत से अपने होंठ को दबा कर दर्द सहन कर रही थी. फिर मैंने एक और धक्का दिया तो आधा लण्ड अंदर घुसता चला गया. इस बार उसे असहनीय दर्द हुआ और उसके मुंह से चीख निकल गयी.

तभी मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उसे किस करने लगा. जब वह थोड़ा शांत हुयी तो मैंने एक और धक्का दे दिया. इस बार मेरा पूरा लण्ड चूत के अंदर चला और वो तड़पने लगी. अब मैं रुक गया. जब उसका दर्द कुछ कम हुआ तो वह नीचे से कमर हिलाने लगी. फिर मैंने अंदर बाहर करना स्टार्ट कर दिया और वो “आह्ह आह्ह” करके चुदवाती जा रही थी.

फिर थोड़ी देर बाद मेरा माल निकलने को हुआ तो मैंने लण्ड बाहर निकाल लिया और पूरा माल उसके पेट पर गिरा दिया और फिर उसके साइड में आकर लेट गया. उसने रुमाल से मेरा पूरा माल पोछ दिया. फिर हम दोनों लेट कर बातें करने लगे और वो मेरे लण्ड से खेलने लगी.

अब मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया और फिर मैंने उसे घोड़ी बना कर पीछे से उसकी चूत में लण्ड डाल दिया और और जोर – जोर से चोदने लगा. अब वो भी चुदाई का पूरा मजा लेने लगी और “आह आह हुँ हुँ” की आवाजें निकाल कर चुद रही थी. उसकी इन मादक आवाजों को सुन कर मैं और उत्तेजित हो रहा था और जोर – जोर से उसकी चूत को चोदे जा रहा था.

करीब 10-15 मिनट चोदने के बाद मेरा माल निकलने वाला था. तो मैंने उससे पूछा – कहां निकालूं?

तो उसने कहा – बाहर ही निकाल देना, नहीं तो मैं प्रेग्नेंट हो जाउंगी.

तो इस बार मैंने अपना सारा माल उसकी पीठ निकाल दिया और सीधे होकर उसे किस करने लगा. फिर बाद में मैंने एक और बार उसकी चूत मारी और फिर थोड़े दिनों बाद उसकी गांड और चूत दोनों को जमकर चोदा. बाद में हम दोनों साथ में ही भोपाल आये और हम यहाँ पर घूमें भी. अब हम कई बार सेक्स कर चुके हैं. हम एक – दूसरे से बहुत प्यार करते थे. अब तो हम हर हफ्ते सेक्स किया करते थे. हम दोनों अब बहुत खुश थे.

फिर वह अपनी पढ़ाई ख़त्म करके घर चली गयी और अब मैं फिर से अकेला हो गया हूँ. बाद में तो हम सिर्फ फ़ोन पर बातें ही करते थे और कभी – कभी ही मिलते थे. लेकिन जब भी मिलते थे सेक्स जरूर करते थे. अब तो हमारे बीच फ़ोन पर बातें भी बहुत कम हो गई हैं.

आपको मेरी कहानी कैसी लगी? आप मुझे ईमेल करके जरूर बताइये. मेरी मेल आईडी –
 
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