तू चूत की रानी मै लंडो का राजा

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Hindi sex story, antarvasna: एक दिन मेरी मुलाकात मेरे पुराने दोस्त अजीत से हुई जब अजीत से मेरी मुलाकात हुई तो अजीत कहने लगा अरे दीपक आजकल तुम क्या कर रहे हो। अजीत से काफी बरसों बाद मिलना हुआ अजीत के साथ मेरी मुलाकात कम ही हो पाती थी अजीत कहने लगा मैं तो शेयर मार्केट में ट्रेडिंग किया करता हूं। मैंने अजीत से कहा तो क्या तुम पूरी तरीके से शेयर मार्केट पर ही निर्भर हो वह कहने लगा हां मैं तो कई वर्षों से यह काम करता आया हूं और मुझे उसमें बड़ा मुनाफा भी होता है। मैंने अजित से कहा यार मैं भी तुमसे शेयर मार्केट के कुछ सीखना चाहता हूं क्या तुम मुझे बताओगे। अजीत कहने लगा क्यों नहीं लेकिन इस हफ्ते तो मैं अपने काम के सिलसिले में कहीं बाहर जा रहा हूं तो तुमसे अगले हफ्ते ही मुलाकात कर पाऊंगा तुम मेरा नंबर ले लो।

मैंने अजीत का नंबर अपने फोन में सेव कर लिया और अजीत से कहा चलो ठीक है मैं तुम्हें अगले हफ्ते फोन करता हूं यह कहते हुए अजीत भी चला गया और मैं भी अपने काम के सिलसिले में चला गया। मुझे भी एक मीटिंग से जाना था मुझे भी लगने लगा कि अब मुझे शेयर मार्केट के बारे में कुछ तो सीखना चाहिए क्योंकि मैं शेयर मार्केट के बारे में बिल्कुल नहीं जानता था। मैं शेयर मार्केट से अनजान था कि आखिरकार शेयर मार्केट कैसे काम करता है और उसमें होता क्या है इसीलिए मैंने शेयर मार्केट में कुछ पैसा लगाने की सोची। अजीत से मेरी मुलाकात अगले हफ्ते हुई तो अजीत ने कहा तुम घर पर ही मिलने आ जाना मैं रात के वक्त अजीत से मिलने के लिए चला गया। जब मैं अजीत से मिलने के लिए गया तो उसने मुझे अपनी पत्नी शिखा से भी मिलवाया शिखा हाउसवाइफ है और वह घर में ही बच्चों को ट्यूशन पढ़ाया करती है। अजीत ने भी मुझे शेयर मार्केट के बारे में सब कुछ बता दिया था और उसने मुझे कहा कि कल मैं तुम्हारा अकाउंट भी खुलवा दूंगा यह कहते ही मैं खुश हो गया।

अजीज की थोड़ी बहुत टिप्स के साथ ही मैंने शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करना शुरू कर दिया और जब मैंने पहली बार ट्रेडिंग की तो मुझे उस में मुनाफा हुआ मुझे ऐसा लगने लगा कि जैसे मैं शेयर मार्केट का शेर हूं मेरे अंदर लालच आने लगा। कुछ समय तक तो सब कुछ ठीक चलता रहा कभी थोड़ा बहुत नुकसान भी हो जाता था तो उसकी भरपाई अगले दिन हो जाया करती थी लेकिन अभी मेरी जिंदगी में वह मोड़ आना बाकी था जो मेरे जीवन को पूरी तरीके से बदलने वाला था। मैं शेयर मार्केट की वजह से अपने ऑफिस के काम पर ध्यान नहीं दिया करता था जिसकी वजह से मेरे बॉस ने मुझे एक बार कहा भी था कि तुम काम पर ध्यान नहीं दोगे तो ऐसे कैसे चलेगा। मुझे उनकी बात का बुरा तो लगा था और मैं सोचने लगा कि मैं ऑफिस से रिजाइन दे दूं लेकिन मैंने सोचा पहले मैं कुछ कर लूँ। मुझे हर जगह सिर्फ शेयर मार्केट ही नजर आया करता था और मैं शेयर मार्केट के बारे में ही सोचा करता आखिरकार वह समय भी आ गया जब मेरा नुकसान हो हुआ। जब मुझे नुकसान हुआ तो मैं उसकी भरपाई नहीं कर पाया और मुझे इतना बड़ा नुकसान हुआ कि उसकी भरपाई कर पाना मेरे लिए बहुत मुश्किल था। मेरी अब तक की जितनी भी जमा पूंजी थी वह एक ही झटके में मानो खत्म होते हुए नजर आ रही थी। मेरे पास कोई रास्ता नहीं था और मैं पूरी तरीके से बर्बाद हो चुका था मेरे सारे सपने चकनाचूर हो चुके थे और मैंने ना जाने क्या क्या सपने देखे थे। मैंने सोचा था मैं मुंबई में एक बड़ा सा सपनों का बंगला लूंगा मेरे पास एक बड़ी सी कार होगी। मेरा जीवन बड़े अच्छे से चल रहा था लेकिन अब मेरे जीवन में कठिनाइयां आने लगी थी उसी बीच मेरी पत्नी की तबीयत भी खराब हो गई उसके इलाज में भी मेरा काफी पैसा लग चुका था। मेरी कमर पूरी तरीके से टूट चुकी थी क्योंकि मेरे पास अब बिलकुल भी पैसा नहीं बचा था कुछ पैसा मेरे शेयर मार्केट में डूब चुका था और कुछ मेरी पत्नी के इलाज में लग चुका था। चारों तरफ से जैसे मुझे परेशानियों ने घेर लिया था और अब उससे निकल पाना मुश्किल था मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि मुझे ऐसे वक्त पर क्या करना चाहिए।

फिलहाल तो मेरी पत्नी को मेरी जरूरत थी इसलिए मैं उसका साथ दे रहा था और उसका साथ मैंने बड़े अच्छे से दिया वह भी धीरे-धीरे ठीक होने लगी थी। ऑफिस से भी मुझे निकाल दिया गया था क्योकि मैं ऑफिस में ध्यान नही दे पा रहा था इसलिए मुझे ऑफिस से निकाल दिया गया था। मैं अब घर पर ही था फिर मुझे अजीत का ध्यान आया और मैंने अजीत को फोन कर के मिलने के लिए कहा अजीत कहने लगा ठीक है मैं तुमसे मुलाकात करता हूं। वह मुझसे मिलने के लिए मेरे घर पर आया मैंने उसे सारी बात बताई और कहा किस प्रकार से मेरा नुकसान हुआ और कैसे मैं अपने घर पर बेरोजगार बैठा हुआ हूं। अजीत ने मुझे कहा तुम्हें इतना पैसा एक बार में शेयर मार्केट में नहीं लगाना चाहिए था यदि तुम्हें पैसा लगाना ही था तो तुम मुझसे एक बार पूछ तो लेते। मैंने कहा लेकिन मुझे क्या पता था कि शेयर मार्केट में इतना बड़ा नुकसान भी होना संभव है और मैं पूरी तरीके से टूट चुका था मेरे पास कोई भी रास्ता नहीं बचा था मुझे कुछ समझ नहीं आया कि मुझे ऐसे मौके पर क्या करना चाहिए। मुझे अजीत ने कहा कि तुम चिंता मत करो सब कुछ ठीक हो जाएगा आगे कोई ना कोई रास्ता जरूर निकल आएगा। अजीत के कहने पर मुझे थोड़ा तो भरोसा हुआ और मैं सोचने लगा चलो कुछ समय और देखता हूं।

मैंने दोबारा थोड़ी बहुत ट्रेडिंग शेयर मार्केट में लगा दी लेकिन मुझे नहीं मालूम था कि दोबारा से मेरा उसमें और नुकसान हो जाएगा अब मैं पूरी तरीके से खाली हो चुका था मेरे पास कुछ भी नहीं बचा था। मैंने अपने दोस्तों से कुछ पैसे उधार के तौर पर भी ले लिए थे लेकिन मुझे उनके पैसे लौटाने भी थे मुझे कुछ समझ नहीं आया कि कैसे मैं उनके पैसे लौटाऊँगा। मैं काफी समय तक परेशानी से जूझ रहा था मेरे पास अब कोई भी चारा नहीं था कई बार मुझे लगता कि मुझे यह सब छोड़ कर कहीं दूर चले जाना चाहिए क्योंकि मैं काफी परेशान हो चुका था। मुझे अपने दोस्तों के पैसे भी लौटाने थे और मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता था कि मैं उनके पैसे नहीं लौटा पा रहा हूं धीरे धीरे मेरे दोस्तों ने भी मेरा साथ छोड़ दिया। मेरी पत्नी कहने लगी कि आप कोई और काम क्यों नहीं देख लेते। मैंने दूसरी जगह नौकरी करने के बारे में सोचा और नौकरी करने लगा लेकिन उससे भी मेरे नुकसान की भरपाई नहीं हो पा रही थी और मैं दिन-रात चिंता में डूबा रहता। रात को आंखों से नींद भी गायब थी लेकिन जल्द ही मेरी पैसो की मुराद पूरी होने वाली थी और मेरी झोली में कंचना आ गिरी कंचना। वह 30 वर्षीय महिला थी उसके पति से उसका डिवोर्स हो चुका था उसकी भी कुछ इच्छाएं थी लेकिन जब मेरी उससे मुलाकात हुई तो वह मेरी बातों से बड़ी प्रभावित हुई और मुझसे मिलने के लिए वह हमेशा बेताब रहती। वह मुझे हर रोज फोन किया करती लेकिन मैं उसे दूरी बनाने की कोशिश किया करता परंतु मुझे क्या मालूम था कि वह कितने पैसे वाली है। वह अमीर घर की शहजादी है जब मैं उससे मिलने के लिए उसके घर पर गया तो उसका घर देखकर मैं दंग रह गया उसने मुझे सारी बात बताई और का मेरे पिताजी ने सारी जायदाद मेरे नाम छोड़ दी है। कंचन के आगे पीछे कोई भी नहीं था क्योंकि उसके पति से उसका डिवोर्स हो चुका था और मैंने भी उसे अपने बारे में सब कुछ बता दिया था उसे कोई आपत्ति नहीं थी।

वह सिर्फ मुझसे सेक्स चाहती थी और उसे मेरा साथ चाहिए था इससे ज्यादा उसे कुछ भी नहीं चाहिए था। मैं उसे अपना साथ दिया करता लेकिन जब पहली बार हम दोनों के बीच अंतरंग संबंध बने तो उस दिन उसके गोरे और चिकने बदन को देखकर मेरा लंड मेरी पैंट को फाडते हुए बाहर की तरफ आने लगा। उसके बदन का हर एक हिस्सा बड़ा लाजवाब था और हर तरफ से वह बड़ी सेक्सी लग रही थी। मैंने जैसे ही उसके स्तनों और उसके होठों का रसपान करना शुरू किया तो वह मचलने लगी और मुझे कहने लगी तुम ऐसे ही मेरे स्तनों को चूसते रहो। मैंने काफी देर तक उसके स्तनों का रसपान किया और उसके दोनों स्तनों को मैंने बहुत देर तक चूसा कंचन इतनी ज्यादा उत्तेजित हो गई कि वह बिल्कुल रह नहीं पा रही थी। जैसे ही मैंने उसकी चूत पर अपनी उंगली को लगाना शुरू किया तो उसकी योनि से गिला पन बाहर की तरफ को निकल रहा था। वह मुझे कहने लगी मेरी योनि मे अपने लंड को डाल दो मैंने भी उसकी चिकनी और टाइट चूत के अंदर अपने मोटे लंड को प्रवेश करवाया तो वह चिल्ला उठी और कहने लगी मुझे बड़ा दर्द हो रहा है।

जिस प्रकार से मैंने उसके दोनों पैरों को खोल कर उसे चोदना जारी रखा उससे मुझे उसकी चूत के टाइट पन का एहसास हो रहा था। मैं काफी देर तक उसे धक्के मारता रहा लेकिन मुझे तो सिर्फ उससे पैसों की उम्मीद थी और उस दिन मैंने उसकी इच्छा अच्छे तरीके से पूरी की। जैसे ही मैंने उसकी योनि में अपने वीर्य की बूंदों को गिराना शुरू किया तो वह मुझसे चिपक कर कहने लगी मुझे आज अच्छा लग रहा है। इतने समय बाद कंचन को किसी का साथ मिला था वह बहुत खुश थी मैं भी कंचन का पूरा साथ दिया करता उसने भी धीरे-धीरे मुझे पैसे देने शुरू कर दिए थे। वह मुझे इतने पैसे देती कि मैंने अब अपने दोस्तों से लिए हुए पैसे को भी वापस लौटा दिया था अब मैं अपनी जिंदगी बड़े आराम से जी रहा था। मेरे पास कंचन के रूप में मेरी सपनों की महारानी थी और मैं अपने जीवन में सारे तनाव को भूल कर अब अच्छे से अपनी जिंदगी व्यतीत कर रहा था। कई बार कंचन और मैं घूमने के लिए भी जाया करते थे और सेक्स के मजे तो हम लोग बड़े ही अच्छे से लेते थे।
 
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