दिल्ली की लोकल में मिली जरूरतमंद भाभी

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अगले स्टेशन पर एक औरत मेरे पास आ कर खड़ी हो गयी. मैंने उसे एडजेस्ट करके बगल में बैठाया. लेकिन वह ठीक से बैठ नहीं पा रही थी. तो मैंने उससे कहा कि अगर आपको बुरा न लगे तो आप मेरे गोद में बैठ जाओ. वह दो मिनट तक सोचती रही फिर बैठ गयी…

अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा प्यार भरा नमस्कार. मेरा नाम मोहन (बदला हुआ ) है और मेरी उम्र 24 साल है. मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ और मेरी हाइट 6 फुट 7 इंच है तथा मेरे लंड का साइज़ 6-7 इंच है. दोस्तों मैंने अन्तर्वासना की बहुत सी कहानियां पढ़ी है तो मैंने सोचा क्यों न मैं भी अपनी कहानी आप लोगों के साथ शेयर करूं. यह मेरी पहली कहानी है.

अब आपका ज़्यादा समय बर्बाद न करते हुए मैं अपनी कहानी पर आता हूँ. ये बात आज से लगभग 10 महीने पहले की है जब मैं एक कंपनी के क्वालिटी डिपार्टमेंट में काम करता था.

एक दिन मैं काम के लिए घर से निकला तो मेरी ट्रेन छूट गई और मुझे दूसरी लोकल ट्रेन से जाना पड़ा. जैसा कि आप लोग जानते ही हैं कि लोकल ट्रेन में कितनी भीड़ होती है. लेकिन मुझे कोने वाली एक सीट मिल गयी और मैं वहीं बैठ गया.

अगले स्टेशन पर एक औरत मेरे पास आ कर खड़ी हो गयी. मैंने उसे एडजेस्ट करके बगल में बैठाया. लेकिन वह ठीक से बैठ नहीं पा रही थी. तो मैंने उससे कहा कि अगर आपको बुरा न लगे तो आप मेरे गोद में बैठ जाओ. वह दो मिनट तक सोचती रही फिर बैठ गयी.

जब ट्रेन चलती तो वह आगे पीछे होती. जिसके कारण मेरा लंड खड़ा होने लगा था. शायद उसको भी यह पता चल गया. क्योंकि वह भी आगे पीछे हो रही थी.

मैंने उससे पूछा कि कहां जाओगी? तों उसे मेरे स्टॉप से दो स्टॉप आगे उतरना था. अब मेरा लंड फटने को तैयार था. मैंने जैसे तैसे अपने आप को सम्हला. सॉरी मैं आपको उसका फिगर बताना भूल गया था. उसका फिगर 34-30-36 था.

कुछ देर बाद उसने मेरा मोबाइल माँगा और बोली कि फ्रेंड को जरूरी कॉल करनी है. मैंने अपना मोबाइल उसे दे दिया. मेरा मोबाइल लौटाते हुआ उसने कहा कि कॉल उसने कॉल रिसीव नहीं की. दोस्तों, उस दिन पहली बार मैं किसी औरत के पीछे गया था. मैं उसके साथ अपने स्टॉप से आगे तक चला गया. मैंने ट्रेन से उतरने के बाद सोचा कि उसकी फ्रेंड कॉल बैक न कर दे.

उस दिन पूरे दिन मेरा मन नहीं लगा. मैं उसी के बारे में सोचता रहा और उस दिन मैं ऑफिस से जल्दी निकल गया. रात को सोते समय उसी की याद आ रही थी तो मैंने उसके बारे में सोचते हुए मुठ मारी और सो गया.

दूसरे दिन सनडे था तो मैं सुबह लेट जगा. 8:30 बजे मैंने मोबाइल देखा तो मुझे तीन मिस्ड कॉल मिली. मिस्ड कॉल चेक की तो उसी नंबर से थी जिस पर उसने कॉल की थी. मैंने ज़्यादा ध्यान नहीं दिया. लगभग 20 मिनट बाद फिर कॉल आई. मैंने अटेंड की तो आवाज आई मैं सुमन ( बदला हुआ नाम ) बोल रही हूँ.

मेने कहा – कौन सुमन?

उसने कहा – ट्रेन वाली.

मैंने कहा – बोलिए.

वो बोली – मैं तुमसे मिलना चाहती हूँ.

मैं – किस लिए?

वो – मिल कर बताती हूँ.

मैं – ठीक है. कहां मिलना है?

उसने अपना पता मुझे एस एम एस किया और दो दिन बाद मिलने को बोला. मेरे वो दो दिन दो साल के बराबर बीते.
मैं भी अब उससे मिलने का इंतजार करने लगा.

ठीक दो दिन बाद सुबह 10:30 पर मैं उसके बताए पते पर पहुंच गया जो मुझे उसने फोन पर बताया था. उसके घर वाले कहीं बाहर जा रहे थे. मैंने घंटी बजाई तो सामने वही औरत थी जो मुझे ट्रेन में मिली थी.

उसने मुझे अंदर आने को कहा और मुझे सोफे पर बैठाया और पानी लाकर दिया. मैंने पानी पिया और उससे पूछा कि ये नंबर तो उसकी फ्रेंड का था.

तो उसने कहा – मैंने तुम्हारा नंबर लेने के लिए अपने ही फोन पर मिस्ड कॉल की थी.

मैंने कहा – तुमने मुझे यहां क्यों बुलाया है?

तो उसने बात बदलते हुए कहा – तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?

मैं – नहीं. क्यों?

वो बोली – मैं तुम्हारी गर्ल फ्रेंड बनाना चाहती हूँ.

मैं – लेकिन तुम्हारी तो शादी हो चुकी है.

वो – अगर मेरा पति मुझे संतुष्ट कर पाता तो मैं तुम्हे यहां क्यों बुलाती?

यह कहते ही वह उदास हो गयी. मैंने उसके घुटनों पर हाथ रखते हुए कहा – सॉरी मुझे नहीं पता था.

और अब वो मेरे पास आकर बैठ गयी. 20 मिनट तक हमने इधर – उधर की बातें की फिर मैंने कहा – तुमने बताया नहीं कि मुझे क्यों बुलाया है. वैसे तो मैं भी जनता था लेकिन मैं उसके मुंह से सुनना चाहता था.

आख़िर उसने बोल ही दिया – तुम्हें मैंने अपनी प्यास बुझाने के लिए बुलाया है.

और मैं बिल्कुल उससे सट कर बैठ गया और उसकी कमर पर हाथ रख दिया. वो एक दम कांप सी गयी. अब मैं धीरे – धीरे आगे बढ़ने लगा. अब मेरा एक हाथ उसकी छाती पर और दूसरा उसकी जांघों को सहला रहा था.

उसे भी मज़ा आ रहा था. अब मैंने उसके कपड़े उतारने शुरू किए. उसने हरे रंग का टॉप और काले रंग की जींस पहन रखी थी. मैंने उसका टॉप उतार दिया और उसकी ब्रा के ऊपर से चूचे दबाने लगा. वो उछल पड़ी और अजीब आवाज़ निकालने लगी.

10 मिनट बाद उसकी जींस भी उसके शरीर से अलग हो गयी. अब वो मेरे सामने सफेद रंग की ब्रा और काले रंग की पैंटी में थी. उसे देख कर मेरा लंड फटने को तैयार था. अब उसने भी मेरा पैंट उतार दिया. अब मैं उसे किस करते हुए
उसके पूरे बदन को मसल रहा था.

वो भी मेरे अंडरवियर में हाथ डाल कर मेरा लंड सहला रही थी. 15 मिनट तक किसिंग चलती रही. उसके बाद मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए और अपने भी. उसकी चूत पर हल्के – हल्के बाल थे. मैं उसकी चूत को देख कर हैरान रह गया. उसकी शादी को 4 साल हो चुके थे लेकिन उसकी चूत को देख कर लग रहा था कि जैसे उसने एक भी बार सेक्स नहीं किया हो उसकी चूत एक दम कसी हुई थी.

मैंने उसकी उम्र पूछी तो उसने 27 साल बताई. अब मैंने उसकी टाइट चूत में अपनी जीभ डाली तो वो सीत्कारें मारने लगी. 10 मिनट तक मैंने उसकी चूत चाटी और फिर उससे लंड चूसने को बोला तो वो मना करने लगी. ज़्यादा ज़ोर डालने पर वो मेरा लंड चूसने लगी. क्या मस्त चूस रही थी! मुझे तो लग रहा था कि मैं आसमान में उड़ रहा हूँ.

मैंने एक बार फिर से उसकी चूत चाटी. इस बार वो कुछ ज़्यादा ही उछल रही थी और फिर बोली – चोद दो मुझे, अब मत तड़पाओ. मैं मर जाऊँगी. अब बुझा दो मेरी प्यास.
फाड़ दो इस चूत को.

फिर मैंने उसे सीधा लेटाया और उसके पैर ऊपर किए और लंड उसकी चूत के मुंह पर टिका कर एक ज़ोरदार झटका दिया. मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया. उसके मुंह से चीख निकल पड़ी. मैं रुक गया और उसके मुंह पर मैंने अपना मुंह रख दिया.

5 मिनट बाद वो नॉर्मल हो गयी और मेरा साथ देने लगी. अब वो चूतड़ उछाल – उछाल कर चुदवा रही थी और जोर – जोर से आवाजें निकाल रही थी. करीब 15-20 झटकों के बाद उसने मुझे कस के पकड़ लिया और झड़ गयी.

अब मैंने अपनी रफ़्तार और बढ़ा दी. अब मेरा भी होने वाला था तो मैंने उससे पूछा तो उसने कहा कि अंदर ही डाल दो. इसकी प्यास बुझ जाएगी. बहुत दिनों से प्यासी है ये.

करीब 5-6 झटकों के बाद मैं उसके अंदर ही झड़ गया और उसके ऊपर ही लेट गया. उस दिन मैंने उसे तीन बार चोदा. तभी घड़ी की तरफ ध्यान गया तो तीन बज चुके थे तो मैंने जाने को कहा तो उसने मुझे किस करके विदा किया.

तो दोस्तों ये थी मेरी सच्ची कहानी. आपको मेरी आपबीती कैसी लगी बताना ज़रूर. मुझे आपके मेल्स का इंतजार रहेगा. मेरी ईमेल आईडी –
 
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