नाइट क्लब दोस्ती से लेकर चुदाई तक का सफर

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मैं ये सुनते ही सातवें आसमान पर पहुंच गया था. मैं जल्द ही एक कॉन्डोम का पैकेट खरीदा और उसके घर पहुँच गया. वो मेरे ही इंतजार में थी. घर पहुँचते ही उसने मुझे गले लगा लिया और मुझे बेतहाशा चूमने लगी. थोड़ी देर बाद जब ये समा थमा तो वो फ्रेश होने के लिए बाथरूम में चली गई…

हेलो दोस्तों! मैं रोहित, आपका नया साथी. मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ. मेरा कद 5.7 फुट है और मैं देखने में काफी अच्छा हूँ. मैं पिछले 5-6 साल से अन्तर्वासना का पाठक हूँ और मैंने अन्तर्वासना की लगभग सभी कहानियाँ पढ़ी हैं. लेकिन यह अन्तर्वासना पर मेरी पहली कहानी है.

अब मैं सीधे कहानी पर आता हूँ. पिछले शनिवार को मैं अपने दोस्तों के साथ दिल्ली के एक प्रसिद्ध नाइट क्लब में गया था. उस दिन एक थीम पार्टी थी, इस लिए वहां पर भीड़ काफी थी लेकिन फिर भी माहौल अच्छा था. हम सब बार में गये (मैं खुद नहीं पीता हूँ, तो मैंने कोक का ऑर्डर दे दिया), और साथ ही कुछ ऐपेटाइज़र के साथ एक मेज पर बैठ गया.

कुछ समय के बाद मैं कुछ दोस्तों के साथ डांस फ्लोर पर चला गया और तभी अचानक मैने आवाज सुनी “क्या तुम्हारे पास लाइटर होगा?” जैसे ही मैंने अपनी गर्दन ऊपर की वैसे ही मैंने एक नीले रंग की डेनिम पहने एक खूबसूरत लड़की को देखा. उसके नेकलेस ने उसके बूब्स की घाटी को कवर किया हुआ था.

मैं बोला – सॉरी, मैं स्मोक नहीं करता और मुझे लगता है कि आपके जैसी खूबसूरत लड़की को भी स्मोक नहीं करना चाहिए.

वो मुस्कुराते हुए बोली – कोई बात नहीं, लेकिन मुझे स्मोक करना है.

फिर उसके बाद मैंने अपने दोस्त का जो लाइटर ले रखा था उसे दे दिया. लाइटर लेते ही उसने अपनी सिगरेट को जलाया और मुझे धन्यवाद बोला. इससे पहले कि हमारी कोई और बात होती, मेरे एक दोस्त ने मुझे फिर से डांस फ्लोर पर खींच लिया. वहां से किसी तरह निकल कर मैं उसे खोजने लगा, लेकिन मैं उसे खोज पाने के लिए सक्षम नहीं था.

मैं उदास सा जब फिर वापस अपनी मेज पर गया तो एक धन्यवाद नोट के साथ एक कार्ड पाया जिस पर उसने अपना मोबाइल नंबर और नाम लिखा था.

पार्टी के बाद अगले दिन मैंने उसे फोन किया और हम दोनों ने एक – दूसरे के सामने औपचारिक रूप से अपने आप को पेश किया. उसने कहा कि वह एक बहुराष्ट्रीय कंपनी के गुड़गांव स्थित ऑफिस में काम कर रही है. और मैं मानव संसाधन में काम कर रहा था और दक्षिण दिल्ली से था. हमने 15 मिनट तक फोन पर बात की और फिर हमने फोन रख दिया. बाद में शाम को मैं व्हाट्सएप पर उसके साथ बातचीत की थी.

मैंने उससे पूछा – आख़िर इतनी देर बाद तुमने अपने कार्ड के साथ नंबर क्यों छोड़ा?

तो उसने बोला – वो मेरे से बात करने के बाद मेरे पोर्टफोलियो से संतुष्ट थी तो उसने सोचा की क्यों न तुम्हारे साथ दोस्ती की जाए.

मैंने उसे धन्यवाद दिया और हम दोस्त बन गए. इस तरह हम दोनों में बातें होने लगी. एक दिन उसने मुझे अपने घर आने को बोला.

मैंने पूछा – क्या हुआ?

तो उसने बोला – आज मुझे सेक्स करने का मन कर रहा है.

मैं ये सुनते ही सातवें आसमान पर पहुंच गया था. मैं जल्द ही एक कॉन्डोम का पैकेट खरीदा और उसके घर पहुँच गया. वो मेरे ही इंतजार में थी. घर पहुँचते ही उसने मुझे गले लगा लिया और मुझे बेतहाशा चूमने लगी. थोड़ी देर बाद जब ये समा थमा तो वो फ्रेश होने के लिए बाथरूम में चली गई.

बाथरूम से निकलने के बाद कपड़े बदलने के लिए वह बेडरूम में जाने लगी, तो मैं भी उसके पीछे – पीछे उसके बेडरूम में पहुँच गया. बेडरूम में पहुंचते ही हम दोनों एक – दूसरे पर टूट पड़े. और हम दोनों एक दूजे को बेतहाशा चूमे जा रहे थे, फिर मैं उसके गले को चूमने लगा. मैंने उसका टॉप उतार दिया. उसने काले रंग की ब्रा पहनी हुई थी. मैं ब्रा के ऊपर से ही उसकी चूचियाँ दबाने लगा.
वो “आह ह्ह ऊफ़ हं हं हो हो हूँ” की आवाजें निकाल रही थी. फिर मैंने उसका जीन्स भी उतार दिया.

उसने काले रंग की पेंटी पहन रखी थी. क्या मखमली टाँगें थी उसकी! बिल्कुल दूध जैसी. अब बारी उसको पूरा नंगी करने की थी. उसका बदन करीब 36-26-36 का रहा होगा. मुझसे रहा नहीं गया और मैं उसे दोबारा पकड़ कर चूमने लगा.

फिर मैंने उसकी ब्रा उतार दी, क्या चूचियाँ थी उसकी! बिल्कुल दूध जैसी सफ़ेद और उन पर गुलाबी रंग के चुचूक, क्या लाजवाब लग रहा था! अब मैं उसकी चूचियां चूसने लगा, उसे बहुत ही मजा आ रहा था, वो कह रही थी – और जोर से चूसो, और जोर से.

यह सुनकर मैं जोश में आ गया और उसकी चूचियाँ जोर – जोर से चूसने और मसालने लगा. एक हांथ से कभी उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को सहला देता था तो कभी उसके चूतड़ पर चपत भी लगा देता. जिससे उसे और जोश आने लगा और वो बार – बार “ओह ओह आह आह” किए जा रही थी.

थोड़ी देर तक मैंने उसके चूचे चूसे. वो भी अब पूरी तरह से गर्म हो गई थी. फिर मैंने उसकी पैंटी को उतार दिया. उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था. उसकी चूत मुझे बहुत ही मस्त लग रही थी. मैंने पूछा तो उसने बताया कि मेरे लिए आज ही उसने घर पर ही बाल साफ़ किए है.

मैं उसे पूरा नंगा करके उसकी चूत को चाटने लगा. उसकी चूत से नमकीन सा पानी निकलने लगा था. इससे वो पागल सा हुए जा रही थी. इसी बीच कुछ ही देर में वो मेरे मुँह में ही झड़ गई. तभी उसने मेरा अंडरवियर निकाल दिया. अब मेरा लंड आजाद हो गया और जोर – जोर से हिलने लगा. यह देख कर उसने तुरंत ही मेरे लंड को पकड़ लिया. और फिर मेरे लन्ड को पकड़ कर जोर – जोर से हिलाने लगी.

तभी वह नीचे बैठ गई और मेरा लंड चपड़ – चपड़ कर चूसने लगी. उसने पूरी मस्ती से 10-15 मिनट तक मेरे लौड़े को चूसा और उसके बाद मेरे लंड का पानी निकाल दिया और पूरा रस पी गई. आज वो कुछ ज्यादा ही मूड में दिख रही थी. अब हम दोनों से रहा नहीं जा रहा था. तभी उसने बोला कि अब मेरी चूत और गाण्ड को फार डालो.

यह सुन कर मैंने पीछे से उसको पकड़ लिया और चूमते हुए एक हांथ से उसके मम्मों को दबाने लगा और दूसरे हांथ से उसकी योनि के दाने को मसलने लगा. मेरा लण्ड भी उसकी गाण्ड की दरार में फंसा हुआ था. तभी मैंने एक झटका दिया तो लंड का टोपा उसकी गाण्ड के अन्दर चला गया. जिसके कारण वह जोर से चिल्ला उठी.

थोड़ी देर तक उसी तरह रहने के बाद एक बार फिर से मैंने जोरदार झटका मारा और मेरा पूरा लंड उसकी गाण्ड में घुस गया. वो मस्ती से चुदवा रही थी और उसके मुंह से उई ई ई आ आह्ह उफ्फ उफ्फ की आवाजें निकल रही थी. कभी – कभी वो मेरी पीठ पर अपने उल्टे हांथ से नाख़ून भी गड़ा देती. वो मेरे नीचे मजे से लेट कर पूरे जोश में चुदवा रही थी.

तभी उसने कहा – आह! हां मजे से चोद राजा. आज मिला है असली लण्ड. मजे से जोर – जोर से चोदो मुझे, और जोर से.

फिर वो जोर – जोर से अपनी कमर हिलाने लगी और मेरे लण्ड को धक्के मारने लगी. पूरी मस्ती में थी वो और कह रही थी – जोर से चोद, जोर से. और जोर से दम लगा कर चोद मुझे, फाड़ दे मेरी चूत को फाड़ दे.

अब मैं भी जोर – जोर से चुदाई कर रहा था. इस समय मुझे भी बहुत मजा आ रहा था. तभी अचानक से मैंने अपनी रफ्तार बहुत तेज कर दी और करीब 20-25 धक्के के बाद मैंने उससे कहा कि अब मैं आने वाला हूँ. तो वो बोली – अंदर मत निकलना, मेरे मुंह में दे दो.

फिर मैंने तुरन्त ही अपना लन्ड उसकी चूत से बाहर निकला और उसके मुंह में डाल दिया और वो होंठ और जीभ का प्रयोग करके कमस्त चुसाई करने लगी. उसकी जबदस्त लन्ड चुसाई के कारण मैं थोड़ी ही देर में उसके मुंह में ही झड़ गया और वो मेरा पूरा रस गटक गयी और फिर मेरे लन्ड को जीभ से चाट – चाट कर साफ कर दिया.

लन्ड को साफ करने के बाद भी वो लगातार चुसाई करती रही, जिससे एक बार फिर से मेरा लन्ड खड़ा हो गया और मैंने फिर से उसकी चूत मारी. इस बीच वो 4 बार झड़ चुकी थी. इस तरह हम दोनों ने शाम तक एक-दूसरे की चुदाई का खूब मजा लिया.
 
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