पड़ोसन लड़की की मस्त चुदाई

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इस रूप में उसे देखते ही मेरा लंड खड़ा होने लगा. फिर मैं उसके पास गया और बैठ गया. अब हम दोनों ने थोड़ी देर तक आपस में बात की और उसके बाद फिर मैं उसके एक दम पास गया और उसके होंठों को चूमने लगा…

नमस्कार दोस्तों! बात तब की है जब मैं अपने इंजीनियरिंग के दूसरे वर्ष में था. तब हमारे घर के पास एक नये किरायेदार रहने के लिये आये थे. उनके घर में तीन लोग थे पति – पत्नी और उनकी एक लड़की थी. उनकी लफ़की का नाम पायल था. पायल की उम्र 19 वर्ष थी.

जब मैंने उसे पहली बार देखा तो देखता ही रह गया. क्या मस्त माल थी वह! उसका रंग सांवला था और फिगर 32-28-34 का था. उसके चूतड़ बहुत ही मस्त थे.

जब भी वो घर के बाहर आती थी तो मैं केवल उसके कूल्हे ही देखता रहता था. मुझे उसे पटाना था ताकि मैं उसे चोद सकूँ. इसलिए मैं उसे पटाने के नए – नए तरीके खोजता रहता था.

मैंने कई उपाय सोचे मगर अब मुझे उसके अकेले मिलने का इंतजार था लेकिन उसकी माँ उसे कभी अकेली नहीं छोड़ती थी. उसके पापा तो ऑफिस के लिए सुबह जल्दी ही निकल जाते थे और फिर शाम तक ही वापस आते थे.

फिर एक दिन क़िस्मत ने मेरा साथ दिया और उसकी माँ को किसी काम से बाहर जाना पड़ गया. उस दिन मैंने उससे बात की और फिर उससे दोस्ती करने का आग्रह किया. जिस पर उसने हाँ कह दी और कुछ दिन बाद हमने अपने फ़ोन नंबर एक्सचेंज कर लिए.

उसके बाद से फोन पर मेरी उससे बातें होने लग गई. हमारा यह सिलसिला कुछ दिन चला और फिर एक दिन मैंने उससे अपने प्यार का इज़हार कर दिया. फिर उसने मुझसे कहा कि वो भी मुझसे प्यार करती है.

अब मुझे अपना सपना सच होते हुए दिखाई देने लगा था. अब मैं अपने सपने के बहुत नजदीक पहुंच गया था. अब मेरा सपना पूरा होने में बस एक चीज ही बाकी रह गई थी. मैं उससे अकेले में मिल कर उसे चोदना चाहता था मगर मुझे मौका ही नहीं मिल रहा था.

लेकिन वो कहते हैं न कि सब्र का फल मीठा होता है. मेरे साथ भी वही हुआ. एक दिन उसके मम्मी – पापा को किसी काम के सिलसिले में शहर से बाहर जाना पड़ा वो भी 8-10 दिन के लिए.

अब मैंने उसे मिलने के लिए कहा तो उसने मुझे अपने घर मिलने के लिए बुला लिया. जब मैं उसके घर गया और दरवाजा खटखटाया. जब उसने दरवाजा खोला तो मैं उसे देखता ही रह गया. उसने लाल रंग की नाइटी पहनी हुई थी और उसमें वो बहुत ही हॉट लग रही थी.

इस रूप में उसे देखते ही मेरा लंड खड़ा होने लगा. फिर मैं उसके पास गया और बैठ गया. अब हम दोनों ने थोड़ी देर तक आपस में बात की और उसके बाद फिर मैं उसके एक दम पास गया और उसके होंठों को चूमने लगा.

थोड़ी देर बाद उसे अच्छा लगने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी. फिर मैं धीरे से किस करते हुए उसके बूब्स को दबाने लगा. जिससे वो आह आह करके आहें भरने लगी.

फिर मैंने उसकी नाइटी के अंदर अपना एक हाथ डाल दिया और फिर उसके निप्पल को पकड़ कर मसलने लगा. मुझे उसके मम्मों को मसल कर बहुत मज़ा आ रहा था. थोड़ी देर बाद फिर मैंने उसकी नाईटी को उतार दिया.

उसकी नाईटी उतारने के बाद मैंने देखा कि उसने काले रंग की ब्रा और पैंटी पहन रखी है और उसमें वो एक दम हॉट और सेक्सी लग रही है. उसके इस रूप में देख कर मुझे कंट्रोल नहीं हुआ तो मैंने देर न करते हुए उसकी ब्रा को खोल कर उसको लेटा दिया और उसके बूब्स को दबाने और निप्पल को एक – एक करके चूसने लगा.

दोस्तों, मैं अपने साथ एक चॉकलेट भी लेकर गया था जो अब तक पिघल चुकी थी. इसलिए मैंने चॉकलेट को उसके निप्पलों पर लगाया और फिर चॉकलेट लगे निप्पल को एक – एक करके चाटने लगा.

इससे वो पूरी तरह से पागल हो गई और जोर – जोर से हुह आह हआ आहह करने लगी. फिर मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए और अब मैं केवल अंडर वियर में ही रह गया था और उधर वो केवल पैंटी में थी.

मुझे अंडर वियर में देख कर उसने शर्म के मारे अपनी आँखें बंद कर ली. फिर मैंने उसके होंठों को चूसते हुए उसके पूरे बदन को चाटने लगा और फिर मैं उसकी पैंटी तक पहुँच गया और फिर मैंने उसकी पैंटी उतार दी.

उसकी एक दम गीली और चिकनी कुँवारी चूत देख कर मैं और मेरा लंड दोनों पागल हो गये. अब मैं उसकी चूत को चाटने लग गया. क्या बताऊँ दोस्तों की उसकी चूत चाटने में मुझे कितना मज़ा आ रहा था!

फिर मैंने बाकी बची हुई चॉकलेट को उसकी कुँवारी चूत पर लगा कर उसकी मस्त चूत को खूब चाटा. इस बीच मेरी जोरदार चूत चटाई की वजह से वो एक बार झड़ गई और मैं मस्ती में उसका सारा पानी पी गया.

फिर मैंने अपनी अंडर वियर उतार कर उसे अपना लंड चूसने को कहा. मगर उसने मना कर दिया तो मैंने ज्यादा जोर नहीं दिया. उसके बाद मैंने उसकी गीली कुँवारी चूत पर अपना लंड रखा और अंदर डालने की कोशिश करने लगा. मेरी बार – बार कोशिश करने के बावजूद मेरा लंड फिसल कर बाहर आ जाता था.

वास्तव में उसकी चूत टाइट थी. फिर मैंने थोड़ा सा रूक कर अपने लन्ड को अच्छे से उसकी चूत के छेद पर सेट करके जोर लगाया तो मेरा लंड अंदर घुस गया. अभी मेरा लन्ड थोड़ा सा ही अंदर गया था कि उसे दर्द होने लगा मगर वो चिल्लाई नहीं.

इसके बाद फिर मैंने एक शॉट मारा और उसी के साथ मैं उसके ऊपर गिर गया. इस बार उसे इतना दर्द हुआ कि उसने अपने नाख़ून मेरी पीठ पर गड़ा दिए और धीरे से कहा – बहुत दर्द हो रहा है.

लेकिन वो काफी हिम्मत वाली थी इतना दर्द होने के बावजूद वो चिल्लाई नहीं और पूरा दर्द सहन कर लिया. फिर थोड़ी देर हम ऐसे ही पड़े रहे इसके बाद फिर मैंने धीरे – धीरे अपनी कमर चलाना शुरू कर दिया. अब वो आह आह हुहह करने लगी.

थोड़ी देर बाद जब उसका दर्द कुछ और कम हुआ तो मैंने अपने लंड को आगे – पीछे करना शुरू कर दिया. थोड़ी देर बाद वो भी अपने चूतड़ हिला – हिला कर मेरा साथ देने लगी.

करीब दस मिनट मैंने मस्ती में उसे चोदा. अब मैं झड़ने वाला था तो उसने मुझसे कहा – अंदर मत झड़ना.

उसका इतना कहना था कि मैंने अपना लन्ड बाहर निकाल लिया और फिर अपना सारा माल उसके पेट पर निकाल दिया.

उसके बाद हमारा दूसरा राउंड 25 मिनट तक चला. उसमें मैंने उसे अलग – अलग पोजीशन में चोदा. उस दिन कुल मिला कर दो घंटे तक हमारा कार्यक्रम चला. फिर अगले 7-8 दिन तक हम दोनों ने मिल कर खूब मजे किये. इस दौरान मैंने उसे उसके घर के हर एक कोने में चोदा।
 
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