बहन की मजबूरी का फायदा उठाकर उसकी इज्जत लूटी

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अब वो मोबाइल लेने की वजह से मान गयी और बोली कि एक बार जल्दी से करके अलग हो. मैं मान गया. फिर मैंने उसके होंठ चूसने चाहे पर उसने मना कर दिया. उसने उस टाइम टॉप और स्कर्ट पहना हुआ था. अब मैं उसके टॉप के ऊपर से ही उसके बूब्स दबाने और सहलाने लगा. बहुत मज़ा आ रहा था…

हेलो दोस्तों! मेरा नाम सागर है और मैं कानपुर का रहने वाला हूँ. मेरा कद 5 फुट 4 इंच है. मेरी ये कहानी मेरी और मेरी सगी दीदी निधि की है. उसकी उम्र 21 साल और मेरी उम्र 18 साल की है. निधि का कद 4 फुट और 5 इंच है.

अब मैं कहानी पर आता हूँ. ये बात जुलाई 2015 की है. उस समय निधि छुट्टी में हॉस्टल से घर आई हुई थी. दोस्तों, उसका जिस्म काफी भरा हुआ है और उसका फिगर 36-34-36 का है. उसके बड़े – बड़े मम्मे और उस पर गुलाबी चूचक ऊपर से ही देख कर मैं एक दम पागल हो जाता हूँ. दोस्तों, हम बचपन से ही ओपन माइंडेड हैं और सेक्स के बारे में भी बात कर लेते हैं.

मैं इससे पहले भी कई बार किसी न किसी बहाने उसके बूब्स दबा चुका था और वो कभी मना नहीं करती थी. शायद उसे भी मज़ा आता था. इस बार जब वो आई तो उसके साथ मेरा कुछ ज्यादा करने का मन था. इसलिए मैंने उसके आने से पहले ही एक फर्जी फेसबुक आईडी बना कर उससे सेक्स चैट करने लगा, पर उसने मुझे ब्लॉक कर दिया था. वो समझ गयी थी कि वो मैं ही था.

इस बार जब वो आई तो उसे नए मोबाइल की जरूरत थी लेकिन मम्मी ने दिलाने से मना कर दिया था. दोस्तों, मैं आपको बता दूं कि मेरे घर में माँ – पापा, निधि और मैं, हम चार लोग हैं. अब मोबाइल न मिलने की वजह से वो थोड़ी उदास हो गयी थी. फिर मैंने मौका देख कर उससे कहा कि तू परेशान न हो मैं तुझे मोबाइल दिला दूंगा.

तो वो बोली – सच में?

मैंने कहा – हां, सच.

फिर उसने मुझे गले लगा लिया. जिससे उसके बूब्स मेरे सीने से दब रहे थे. फिर मैंने उससे कहा कि इस बारे में किसी से बताना मत, तो वो मान गई. फिर मैंने उसके सामने ही एक महंगा मोबाइल ऑनलाइन आर्डर कर दिया. अब वो बहुत खुश हुई. इस तरह हमारी पहली रात तो ऐसे ही निकल गयी.

दोस्तों, मेरा और निधि का रूम एक ही है और एक दम लास्ट में है. उसमें सिर्फ हम दोनों सोते है और किसी के आने का खतरा भी नहीं रहता. पहली रात तो मैंने कुछ नहीं किया. पर कब तक मैं अपनी वासना दबाये रखता. दूसरी रात हुई और जब सब सो गये तो मुझे मौका सही लगा.

वो अभी जाग रही थी. थोड़ी देर बाद उसने मुझसे पूछा कि मोबाइल कब तक आयगा? तो मैंने कहा कि 5 दिन तो लग ही जायेंगे. फिर मैंने उससे कहा कि एक बात सुन. तो उसने कहा, “हां, बता.”

दोस्तों, चूँकि हम पहले भी सेक्स की बातें कर चुके था पर किया कुछ नहीं था. मैं कभी – कभी उसके बूब्स को दबा देता था जो शायद उसे अच्छा भी लगता था और वो किसी से कहती नहीं थी. इसलिए मुझे बोलने में कोई दिक्कत नहीं हुई और मैंने सीधे उससे कहा – एक बार मुझे अपने बूब्स चूसने दे न.

तो वो बोली – दिमाग ख़राब मत कर सो जा.

अब मैंने कहा – यार प्लीज, बस एक बार.

तो वो गुस्सा दिखाने लगी और कहा कुछ तो शर्म कर. फिर मैंने कहा कि अब मैं मोबाइल भी नहीं दिलवाऊंगा. तो वो बोली – ठीक है मत दिलवा.

अब 2 मिनट बाद मैंने फिर से वही बात की और कहा – बस एक बार चूसने दे न, चुसवाने से क्या जाता है?

अब वो मोबाइल लेने की वजह से मान गयी और बोली कि एक बार जल्दी से करके अलग हो. मैं मान गया. फिर मैंने उसके होंठ चूसने चाहे पर उसने मना कर दिया. उसने उस टाइम टॉप और स्कर्ट पहना हुआ था. अब मैं उसके टॉप के ऊपर से ही उसके बूब्स दबाने और सहलाने लगा. बहुत मज़ा आ रहा था.

फिर मैंने उसके टॉप को ऊपर किया और उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स दबाने लगा. उसके बूब्स बहुत ही टाइट थे. फिर मैंने उसकी ब्रा को ऊपर कर दिया और पहली बार उसके नंगे बूब्स को छुआ. उस टाइम मैं उसकी चूची को ऊँगली से दबाने लगा था.

फिर पहली बार मैंने अपनी जीभ उसके बूब्स पर लगाया. वाह क्या स्वाद था! मज़ा ही आ गया था. अब मैं उसके बूब्स को जोर से चूसने लगा और कभी उसके बूब्स के बीच की दरार को चाटता भी चाटने लगा. फिर बूब्स को दबाते हुए मैं उसके गले पर पहुंचा और चूसने लगा.

अब उसे भी जोश चढ़ने लगा था और उसकी चूची टाइट हो गयी थी. फिर उसने अपना एक हाथ मेरे हाथ पर रख दिया और मैं एक हाथ से उसके बूब्स दबा रहा था और दूसरे से उसकी चूची को मसल रहा था. अब मैं उसकी गर्दन और कान को लगातार चूम रहा था और कभी – कभी उसकी चूची को भी चाटने लगता था.

फिर मैं अपना दूसरा हाथ धीरे से नीचे ले गया और उसकी स्कर्ट के ऊपर से उसकी चूत पर रख दिया और उसकी चूत को आराम से सहलाने लगा. फिर मैं अपने हाथ को उसकी स्कर्ट के अन्दर ले गया और उसकी पेंटी के ऊपर से उसकी चूत दबाने लगा. अब उसका दूसरा हाथ मेरे सर पर आ गया था.

अब मैं उसके गाले से होते हुए पेट पर और फिर उसकी नाभि पर अपना होंठ ले आया और उसकी नाभि को चूमने लगा. इसी दौरान मैंने अपना हाथ उसकी पेंटी के अन्दर डाल दिया. उसकी चूत फूल गयी थी और पर उस पर हल्के – हल्के काले बाल थे.

अब उसकी साँसे पहले से गर्म हो गयी थी. फिर मैंने उसकी स्कर्ट को ऊपर किया और उसकी पैंटी के ऊपर जीभ रख कर चाटने लगा. उसकी पेंटी थोड़ी गीली हो चुकी थी. उसकी चूत की खुशबू बड़ी ही मस्त लग रही थी. अब मैंने उसकी पैंटी को थोडा नीचे किया और उसकी नंगी चूत पर अपना हाथ रगड़ने लगा. मुझे उसकी चूत बहुत गरम महसूस हो रही थी.

फिर मैंने उसकी पैंटी को खींच कर उतार दिया और उसकी टांगों के बीच में आकर उसकी चिकनी जांघों को चूमने लगा और पहली बार उसकी चूत पर अपना मुंह रख कर जीभ से चूत को चूमने लगा. उसकी साँसे बहुत तेज़ चलने लगी थी. अब मैंने अपनी जीभ उसकी चूत के छेद पर रखी तो सिसकारी के साथ उसकी आह निकल गयी.

फिर मैं उसकी चूत को चाटने और चूमने लगा और उसके दाने को हल्के – हल्के काटने लगा. अब वो पूरे जोश में आ गयी थी. फिर मैंने उसकी टांगों को मोड़ कर उसकी चूत पर अपना लंड रगड़ने लगा. अब वो अपने हाथ से ही अपने बूब्स को दबाने लगी और मैंने मौका देख कर अपना टोपा उसकी चूत में घुसा दिया.

अब वो सिसकारी के साथ “आह आह आह” करके आवाजें निकलने लगी. उसे दर्द होने लगा तो वो कहने लगी, “दर्द हो रहा है यार, निकाल जल्दी निकाल.” फिर मैंने पाना लन्ड निकाल लिया और उसे साइड में लेटा कर पीछे से उसकी चूत मे लंड का टोपा अन्दर कर दिया. जिससे उसकी दर्द भरी आह निकल गयी.

फिर मैंने अपना टोपा बाहर निकाल कर उसे सीधा किया और उसकी टांगों के बीच में आ गया और अपने लंड पर थूक लगा कर एक धक्का मारा. जिससे मेरा टोपा अन्दर चला गया. चूंकि उसकी चूत काफी टाइट थी इसलिए अब उसे तेज़ जलन होने लगी थी. इसलिए वो बाहर निकलने के लिए कहने लगी.

अब मुझे भी लगा कि अगर मैंने नहीं निकाला तो दोबारा नहीं करने देगी. फिर मैंने उससे पूछा कि कल फिर ये सब करेगी? तो वो बोली – हां ठीक है, कल कर लेना. अभी नींद आ रही है.

फिर मैंने अपना लन्ड बाहर निकाल लिया और एक बार फिर उसकी चूत को चूमा और बूब्स चुस लिए. फिर उसने अपने कपड़े ठीक किये और पैंटी पहन ली और मैंने भी अपने कपड़े पहन लिए. इसके बार फिर हम दोनों बाथरूम हो कर आये और फिर सो गये.

अब मैं अगली कहानी में बताऊंगा कि कैसे मैंने उसकी चूत फाड़ी.
 
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