भाभी ने रात रंगीन कर दी

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मैंने देखा कि भाभी, भैया से बातें कर रही थी और वो भैया से सेक्स की बातें कर रही थी. बातें करते – करते भाभी गर्म हो गईं और वो अपने मम्मे दबाने लगी. फिर थोड़ी देर बाद वो अपनी चूत में अंगुली भी करने लगी और वो खूब सारी सेक्स की बातें भी कर रही थी. उनको ये सब करते देख कर मेरा भी लन्ड हिचकोले खाने लगा…

अन्तर्वासना के सभी दोस्तों को मेरा नमस्कार! मेरा नाम सुमित है और मैं उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से हूँ. आज मैं आपको जो कहानी बताने जा रहा हूँ वह बिल्कुल सच है.
वैसे कहानी में आगे बढ़ने से पहले मैं आप लोगों को अपने बारे में बता दूं. मैं एक माध्यम वर्गीय परिवार से हूँ. मेरी कद काठी बहुत ही सिम्पल है और मेरी लम्बाई करीब 6 फिट है.

अब आप लोगों का ज्यादा समय न लेते हुए मै सीधा अपनी कहानी पर आ रहा हूँ. ये आप बीती आज से करीब 2 साल पहले की है जब मैं ग्रेजुएशन कर रहा था. हमारे पापा दो भाई हैं और हम लोगों का अभी संयुक्त परिवार है. बड़े पापा के एक लड़का और 2 लड़की हैं और हम कुल तीन भाई हैं.

हमारे बड़े भाई की बीबी जिनका नाम सुमन है वो मेरी ही उम्र की है. वो मुझे बहुत अच्छी लगती है. मैं जब भी सुमन भाभी को देखता तो मेरा तो खड़ा हो जाता. मगर डर के कारण मैं उनके नाम की 61-62 करके अपने मन को मना लेता था. सुमन भाभी दिखने में इतनी सुन्दर लगती हैं कि मैं बता नहीं सकता. उनका फिगर करीब 32-28-34 का है.

उनके गोल – गोल खरबूजे देख कर किसी के भी मुंह में पानी आ जाये. मैं हमेशा उनको चोदने के बारे में सोचता रहता था, मगर कभी मौका नहीं मिल पाया. वैसे हम भाभी से अक्सर मजाक कर लिया करते थे और भाभी भी कभी पीछे नहीं रहती वो भी खूब मजे लेती थी.

मेरे बड़े भाई एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करते हैं. कुछ समय बाद उनको अपनी कंपनी के किसी काम से दिल्ली जाना था. अंत में वो दिन आ ही गया जिसका मुझे इन्तजार था. भैया दिल्ली चले गए. भैया के जाने के बाद भाभी अब उदास रहने लगी थी. लेकिन मैं पूरी कोशिश करता था कि भाभी कभी उदास न रहें.

एक दिन मैं भाभी से बोला – भाभी, आप इतना उदास क्यों रहती हो?

उन्होंने कहा – जब तुम्हारी शादी हो जाएगी और तुम्हारी बीबी मायके चली जाएगी तब तुम्हें पता चलेगा.

मैंने कहा – भाभी, बीबी भले ही मायके चली जाये मगर हम तो आपके साथ खुश रह लेंगे.

गर्मी का महीना था, हमारे यहाँ गर्मियों में सभी लोग छतों पर ही सोया करते हैं तो भाई के चले जाने पर भाभी भी अब छत पर ही सोया करती थी. वैसे मैं बता दूं कि मेरा छत काफी बड़ा है. एक रात मैंने महसूस किया कि कोई फोन पर बात कर रहा है. मैंने जा कर देखा तो भाभी छत के किनारे जा कर किसी से बात कर रही थी. मैं छुप कर अब उनकी बातें सुनने लगा.

मैंने देखा कि भाभी, भैया से बातें कर रही थी और वो भैया से सेक्स की बातें कर रही थी. बातें करते – करते भाभी गर्म हो गईं और वो अपने मम्मे दबाने लगी. फिर थोड़ी देर बाद वो अपनी चूत में अंगुली भी करने लगी और वो खूब सारी सेक्स की बातें भी कर रही थी. उनको ये सब करते देख कर मेरा भी लन्ड हिचकोले खाने लगा.

मेरे मन में यही आ रहा था कि अभी जाऊं और भाभी को चोद दूं मगर मैं डर रहा था. तभी मुझे खांसी आ गयी और मैं तुरंत वहां से भागकर अपने बिस्तर पर सो गया. शायद भाभी को भी पता चल गया था कि मैं उनकी सारी बातें सुन चुका हूँ. भाभी भी कुछ देर बाद आकर अपने बिस्तर पर सो गयी.

अब मैं भी सोने का प्रयास करने लगा. तभी मैंने देखा कि भाभी अपना बिस्तर मेरे बगल में लगा रही हैं. मैं भी कुछ नहीं बोला, मेरी तो डर के मारे गांड फट गयी थी. थोड़ी देर बाद मैंने देखा कि भाभी मेरे बगल में अपने बिस्तर पर सोयी हुई हैं. वो अपना मुंह मेरी तरफ करके सोयी थी. वो जान रही थी कि मैं सोया नहीं हूँ.

वो कुछ देर बाद ऐसे ही लेटी रही और फिर बोली – सुमित.

मैं जान-बूझकर कुछ नहीं बोला. मैं ये दिखाना चाह रहा था कि मैं सो रहा हूँ. फिर भाभी मेरे कान में आकर बोली, “अरे सुमित बाबू.” तो मैं जाग गया और बोला – हां भाभी, बोलो. आप यहाँ कैसे?

तो वो बोली – यार, आज मैंने एक बहुत ही ख़राब सपना देखा और मैं बहुत डर गयी हूँ. इसीलिए यहाँ तुम्हारे पास सो गयी.

मैंने कहा – कोई बात नहीं भाभी, आप यहीं सो जाओ.

फिर वो बोली – कुछ देर हमसे बातें करो.

मैंने कहा – ठीक है, आप शुरू करो कोई बात.

तो भाभी बोली – तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है क्या?

मैंने कहा – नहीं भाभी, मगर आप कहो तो मैं आपको बना लूं.

तो वो बोली कि बना लो रोका किसने है. तो मुझे कुछ हौसला आया और मैंने बोला – तो आपको तो पता ही है कि लोग अपनी गर्लफ़्रेंड के साथ क्या करते हैं.

भाभी बोली – मुझे तो नहीं पता आप बता दो.

मैंने कहा – रहने दो कुछ नहीं करते. आप सो जाओ.

फिर वो बोली कि हां हमें पता है कि क्या करते हैं. तो मै तुरंत बोला कि फिर मैं भी वही करूं?

भाभी भी जैसे वही सुनना चाहती हों. वो वो बोली कि रोका किसने है जो मन करे वो करो. अब तो मैं तुम्हारी गर्लफ़्रेंड हूँ न? मैंने भी सोच लिया कि आज कुछ भी हो भाभी को चोद के ही रहूँगा. मैंने कहा – भाभी, मैं कुछ कहूँ तो बुरा तो नहीं मानोगी न?

वो बोली – नहीं बोलो?

मैंने कहा – भाभी, मैं आपको चोदना चाहता हूँ.

वो बोली – अरे मेरे भोलू, मैं तो बहुत दिन से इसी का इन्तजार कर रहा थी. मगर यहाँ कैसे करोगे?

मैं बोला – तो फिर चलिए नीचे के मेरे कमरे में चलिए.

वो बोली – पहले तुम चलो फिर मैं आती हूँ.

उसके बाद मैं अपने नीचे के कमरे में आ गया और वो भी थोड़ी देर बाद आ गयी. कमरे में आते ही मैं भाभी को बाहों में भर लिया और उनके होंठों को कस कर काट लिया. अब भाभी भी पूरे रंग में थी और वो भी मुझे किस पर किस किये जा रही थी. मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था तो मैंने भाभी को पूरा नंगी किया. उसके बदन के पूरे कपड़े उतार दिए.

जब वो पूरी नंगी हुई तो मैं उसका पूरा बदन देखने और सूंघने लगा. भाभी भी अब चिहुँक उठी और मेरे होंठों पर होंठ रख कर चूमने लगी. मैं भी पूरे जोश में था. मैं उसके मम्मों को दबाने लगा और अपने मुँह में भर कर उसके रसीले चूचों को पीने लगा. मैं उसके मम्मों को इस तरह से दबाने लगा कि वो अपने होश खो बैठी.

अब भाभी के मुँह से अजीब आवाजें आने लगीं और वो बोलने लगी – चोद लो मुझे, मेरी प्यास बुझा दो. कितने दिन से मैं इस वक्त की प्रतीक्षा कर रही थी. आह अब रहा नहीं जाता. मुझे चोद दो. अपनी भाभी की चूत फाड़ दो.

वो सिसकने लगी थी. फिर उसने अपना हाथ मेरी चड्डी में डाल दिया तो मेरा लण्ड एक नाग की तरह फुफकारता हुआ बाहर आ गया. इस वक्त मेरा लण्ड पूरा जवान हो कर 7 इंच का लम्बा और 2.5 इंच मोटा हो चुका था. उसे देख कर वो बहुत खुश हुई और वो उसे हाथ में लेकर सहलाने लगी और फिर अपने मुँह में लेकर चूसने लगी.

अब वो कहने लगी – इतने बड़े लण्ड से मैं पहली बार चुदाई करवाने जा रही हूँ. मज़ा आ जाएगा.

अब मैं भी उसकी चूत चाटने लगा. मुझे बहुत मजा आ रहा था. पूरा कमरा हमारी सिसकारियों से गूंज उठा था. इसी बीच भाभी एक बार झड़ चुकी थी. मैंने भाभी की चूत को इतना चाटा कि वो मेरे लण्ड को काटने सा लगीं और जोर -जोर से फुदकने लगी थीं.

मैं भी जोश में था. मैं क्या कर रहा हूँ इसकी मुझे परवाह नहीं थी. अब भाभी ने मेरा लण्ड अपनी चूत पर रखवा दिया और जोर – जोर से मुझसे लिपटने लगी और लण्ड को सहलाने लगी. फिर भाभी बोली – अब और न तरसाओ और डाल दो लंड मेरी चूत में.

मैंने भी देर न करते हुए भाभी के चूत में पहले ही धक्के में अपना लण्ड घुसा देना चाहता था. फिर मैंने उनके मुँह में अपना मुँह डाल दिया और उसे चूमने लगा और एक ही बार में पूरा लंड डालने लगा. तो भाभी बोली – थोड़ा सबर करो देवर जी, मैं कहीं भाग नहीं रही हूँ. अब मैं तुम्हारी हूँ. थोडा धीरे – धीरे डालो न दर्द होता है. ज्यादा दिन हो जाने के कारण मेरी चूत टाईट हो गयी है.

अब वो दर्द की वजह से लगातार कहती रही – हाय मैं मर गई, इतना बड़ा लण्ड!

लेकिन मैं चूत में बेरहमी से ठोकरें लगता ही गया. बाद में उनका दर्द कम होने लगा और मैं और तेजी से धक्के देने लगा. हमारी सिसकारियों से कमरा पूरा गूँज उठा. मैं जोर – जोर से धक्के देता रहा. करीब आधे घंटे के बाद वो झड़ गई.

अब मैं भी झड़ने वाला था. तब मैं और भी तेज होने लगा. भाभी को इस बात का एहसास हो गया था तो उन्होंने कहा – मेरे प्यारे भोलू देवर, अपना माल मेरे अन्दर ही छोड़ दो.

थोड़ी देर बाद मैं भी भाभी की चूत में ही झड़ गया. मेरे लन्ड ने 5-6 पिचकारी भाभी के चूत में मार दी. इससे भाभी की चूत भर गई. फिर करीब दस मिनट तक हम वैसे ही लेटे रहे. उस रात में मैंने और भाभी ने 2 और बार चुदाई की. सुबह 4 बजे हम बाथरूम में जाकर सब कुछ साफ किया और आकर अलग – अलग फिर से सो गए. इसके बाद हमें जब भी मौका मिलता मैं भाभी को बार – बार चोदता हूँ.
 
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