माँ चूत का पानी निकाल रहा था मेरा नौकर

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(Maa Ki Chut Ka Pani Nikal Raha Tha Mera Naukar)

Maa Ki Chudai मेरा नाम तन्मय है, उमर 21 साल. मेरे घर में मेरी माँ मीरा, 39 साल और बहन पूजा,18 साल और हमारा नोकर रामू 24 साल, रहते हैं. मेरे बाप दिनेश ने माँ को तलाक़ दे दिया है और वो हम से अलग रहता है. कहते है की माँ और पिता जी का तलाक़ इस कारण हुआ की माँ पिता जी से 16 साल छोटी थी और पिता जी माँ को संतुष्ट नहीं कर पाते थे.मेरी माँ मीरा 5 फीट 5 इंच कद, गदराया बदन, गोरा रंग, भारी भारी चुचि, मस्त चूतड़ हैं जो की वो मटकती हुई चलती है. Maa Ki Chut Ka Pani Nikal Raha Tha Mera Naukar.

हमारा किरायेदार मिस्टर मेहरा भी माँ पर लाइन मारता है. लेकिन माँ उसको घास नहीं डालती. मिस्टर मेहरा की उमर कोई 45 साल की होगी लेकिन ना जाने क्यों माँ उसको पसंद नहीं करती.मेरे दोस्त अखिल की बहन दामिनी मेरी बहन की पक्की सहेली है जो हमरे घर अक्सर आती रहती है. मैं क्योकि की जवानी की दहलीज पार कर चुका हूँ, मुझे चुदाई की नॉलेज अपने दोस्तों से मिल चुकी है. हम सेक्स की किताबें पढ़ चुके हैं. एक दिन मेरे दोस्त अखिल ने मुझे एक क़िताब दिया," जवानी की नादानी" जिस किताब का हीरो अपनी सग़ी बहन को चोद लेता है.

दोनो भाई बहन चुदाई की आग में जल रहे होते हैं और एक दूसरे से शारीरिक संबंध बना लेते हैं. क़िताब पढ़ते हुए मेरा लंड खड़ा हो गया और मेरा ध्यान अपनी बहन दामिनी की तरफ चला गया. दामिनी माँ का दूसरा रूप है, बस उसकी चूची और चूतड़ माँ से कुछ छोटे हैं, लेकिन हैं माँ की चूची से भी अधिक टाइट. क़िताब का हीरो कहानी में अपनी बहन को चोद रहा था और मैं अपना लंड मुठियाते हुए पूजा को नंगा कर के चोदने की कल्पना कर रहा था. उस दिन जब मेरा लंड छुटा तो इतना रस निकला जितना आज तक नहीं निकला था. मैने लंड सॉफ किया और किताब को छुपा कर अपनी अलमाँरी में रख दिया.

उस दिन मैं अखिल के साथ बैठा दोपहर को शराब पी रहा था, तो अखिल ने मुझे कहा," तन्मय, ज़रा जल्दी कर लो आज मैं अपनी बड़ी दीदी के यहाँ जा कर उसको चोदने वाला हूँ और मुझे ठीक वक्त पर पहुँचना है, अगर तुम भी चूत का स्वाद चखना चाहते हो तो मेरे साथ चलो, मेरी दीदी की ननद भी चुदाई की शौकीन है, उसको तेरे हवाले कर दूंगा, तू तो जानता ही है के मेरे जीजाजी शुगर के मरीज़ हैं और दीदी को संतुष्ट नहीं कर पाते. जीजू के कहने पर ही दीदी की चुदाई करता हूँ."मैने उमड़ते हुए बादल देख कर कहा," मेरे दोस्त, एसा निमंत्रण मैं ठुकरा तो नहीं सकता लेकिन मैं तेरे साथ फिर कभी चलूंगा, आज मुझे माँ की कमर दर्द की दवाई ले कर जाना है, तू चल, लेट हो रहा है, मैं भी चलता हूँ, बारिश कभी भी शुरू हो सकती है," मेरे कहते ही बारिश शुरू हो गयी.

अखिल ने स्कूटर स्टार्ट किया और चल दिया और मैं पैदल घर चल पड़ा. बारिश इतनी तेज़ हो गयी की मैं बिल्कुल भीग गया.मैने दवा ली, एक क्वॉर्टर लिया जो की मैं घर जा कर पीना चाहता था और घर चल पड़ा. बारिश ज़ोरों पर गिर रही थी. आसमाँन में घने काले बादल छा चुके थे. घर में चारों तरफ अंधेरा हो चुका था. मैं माँ के कमरे की तरफ बड़ा. मैं माँ को मेडिसिन देकर. अपनी सेक्सी किताब पढ़ कर शराब पी कर मूट मारना चाहता था. लेकिन जेसे ही माँ के रूम के पास पहुँचा तो माँ के करहाने की आवाज़ें आ रही थी, उईईए, मैं मरी, मेरी माँ, बहुत दर्द हो रहा है," मैने सोचा की माँ की कमर दर्द हो रही है और मैं मेडिसिन लाने में लेट हो चुका था.

लेकिन जब मैने माँ के कमरे में झाँका तो माँमला कुछ और ही था. मेरी माँ मीरा नंगी फर्श पर घुटनो और हाथों के बल झुकी हुई थी, रामू पूरा नंगा माँ के चूतडों के पीछे खड़ा हो कर उसकी चूत में अपना लंड डाल रहा था. रामू का लंड कुछ इतना बड़ा था की माँ उसको अपनी चूत में लेने में असमर्थ थी. रामू माँ को कुतिया की तरह चोदने में लगा हुआ था, उसकी आँखें बंद थी, वरना वो मुझे ज़रूर देख लेता. मेरी माँ कामुकता देवी लग रही थी, उसकी बड़ी बड़ी चूची नीचे को लटक रही थी और उसके चूतड़ ऊपर की तरफ उठे हुए थे.

उसका गोरा जिस्म बल्ब की रोशनी में चमक रहा था. रामू ने लंड एक बार बाहर निकाला, उस पर ढेर सारा थूक लगाया और फिर से डाल दिया माँ की चूत में. चिकनाई की वजह से इस बार लंड माँ की चूत में चला गया, " मीरा, मेरी रानी, अब तो ठीक है मेरी जान, आज कितने दीनो के बाद मौका मिला है तुझे चोदने का, माँ कसम तू बहुत टाइट हो. ओह्ह मीरा, मेरी रानी तेरी चूत दिन ब दिन टाइट होती जा रही है, तू और भी जवान हो रही है, मुझसे ऐसे चुदवाना, मेरी मीरा, तुझे चोद चोद कर मेरा लंड गधे के लंड समान हो गया है, हा बहुत मज़ा आ रहा है रानी."

माँ भी कामुकता की आग में जल रही थी और उसने अपनी गांड रामू के लंड पर माँरना शुरू कर दिया," रामू मेरे राजा, चोद ले अपनी रानी को, अपनी मीरा को, मैं भी तेरे इस मस्ताने लंड की प्यासी हूँ, मादरचोद अगर तुम ना होता तो मैं तो लंड बिना तड़प कर ही मर जाती, मेरा पति तो कुछ करने के काबिल ही नहीं रहा, साला नामर्द. मेरा रामू तेरे लंड पे वारी जाऊ, साले चोद मुझे कुत्ते " रामू दनादन माँ की गांड पर अपने लंड का परहार पीछे से करने लगा.

मेने हाथों में मेडिसिन पकड़ी हुई थी लेकिन मेरा ध्यान अंदर अपनी माँ की चुदाई में इतना खो चुका था की मुझे और कुछ याद नहीं रहा. रामू माँ पर हमला कर रहा था और कह रहा था," मीरा, आज तुझे चोदते हुए 8 साल हो चुके हैं, लेकिन तू तो हर दिन और भी निखर रही हो मेरे लंड से चुदवा कर, साली अब किसी और जवान चूत का भी बंदोबस्त कर अपने सांड रामू के लिए, अब तो तेरी बेटी पूजा भी तैयार हो चुकी है, कब चुद्वायगी उसको मेरे लंड से, मेरी मीरा, साली दिन रात तुम माँ बेटी की खिदमत करूँगा, आ.आ..आई उफफफफ्फ़, बहनचोद तेरी टाइट चूत मेरे लंड को निचोड़ रही है, "Maa Ki Chut Ka"

साली मीरा मैं झर रहा हूँ, मेरा रस तेरी चूत में गिरने को है, ओह मादरचोद मैं झड़ा," मीरा ने जल्दी से अपनी गांड रामू के लंड से दूर खींच ली. माँ की चूत का रस भी ज़मीन पर गिर रहा था. उसने रामू का हाथ अपनी चूत पर रखा और वो बिना बोले माँ की चूत को रगड़ने लगा और माँ रामू के लंड को चूसने लगी. मैं समझ गया की माँ गर्भ धारण नहीं करना चाहती थी. इसी लिए उसने रामू का लंड छुटने से पहले बाहर निकल दिया था. मैं चुपके से अपने रूम में गया और पेग बना कर पीने लगा. थोड़ी देर में रामू अपनी क्वॉर्टर्स में चला गया और माँ बाहर अपनी दोस्त के घर चली गयी.
 
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