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मेरा पहला गांड अनुभव

हेल्लो फ्रेंड्स, मेरा नाम राहुल हे और मुंबई में रहता हु. मेरा कद 6 फुट और बोड़ी ठीकठाक हे जो किसी भी लड़की को पटाने के लिए काफी हे.में आज आपको मेरी सेक्स कहानी बताने जा रहा हु और आशा करता हु की आपको पसंद आएगी. यह बात तब की हैं जब मैंने पहली बार एक लड़की की गांड मारी थी.

ये कुछ चार साल पहेले की बात हे जब में कॉलेज में पढाई करता था. मेरे और फ्रिन्ड्स की तरह मेरी भी एक गर्ल फ्रेंड थी. उसका नाम तो नहीं बता सकता पर में उसको प्यार से माधवी बुलाता था. वो 5.5 फुट की हे. उसकी चुन्ची छोटी थी पर बहोत ही सेक्सी थी. उसकी फिगर 30-24-32 था. हमारे चक्कर के बारे में सिर्फ कुछ दोस्तों को ही पता था. सब से सेक्सी पार्ट तो उसकी मकती हुई गांड थी जो मुझे बहुत प्यारी लगती थी. वैसे भी मुझे गांड में देने का बड़ा ससौख हैं. हमारा रिलेशन सिर्फ किस तक ही सीमित था अभी तक. एक बार हम घुमने निकले लॉन्ग ड्राइव पर. मेने जीन्स और टीशर्ट पहनी थी और उसने कुर्ती और बरमूडा. कोई पह्चान ना पाए तो उसने दुपट्टा ले लिया था. हम सुबह मेरी बाईक पे निकल गए. वो मेरे साथ एकदम चिपक से बेठी थी जेसे गर्ल फ्रेंड बेठा करती हे. आप समज ही गए होंगे की में क्या कह रहा हु. वो इस कदर बेठी थी के हवा का भी पास होना मुस्किल था. मुझे बहोत ही मज़ा आ रहा था क्यों की उसके छोटे छोटे बूब्स मेरी पीठ से लग रहे थे. मैं भी जानबूझ के ब्रेक्स लगाता था ताकि उसके चुंचे मुझे और भी टच करे और मुझे मजा आये.

थोड़ी दूर जाने के बाद हम एक सूमसान जगा पे रूक गए. वहां किसी के भी आने की गुंजाईस लग नहीं रही थी. हम ने बाईक साइड पे पार्क किया और बेथ गए. ठंडी हवा चल रही थी. हमारे हाथ एकदूसरे के हाथ में थे. थोड़ी देर बात करते हुइ मेने उसको होंठ पे किस किया. उसे भी अच्छा लग रहा था तो वो भी साथ देने लगी. 10-15 मिनट किस करते करते मेने अपना हाथ बहार से ही उसके बूब्स पर रख दिया. उसने कोई विरोध नहीं किया तो मेंने थोडा जोर से दबाना स्टार्ट किया. वो बस आँख बंध किये हुए मुझे किस करते हुए आहे भर रही थी. में समज चूका था की उसे भी मज़ा आ रहा हे. मेने उसकी कुर्ती के अंदर हाथ दाल दिया. उसकी चुंची एकदम कदक हो गई थी. क्या बूब्स थे उसके ? मेने पहेली बार किसी के बूब्स दबाये थे. मुझे बहोत ही अच्छा लग रहा था. उसे भी मज़ा आ रहा था तो उसने मेरे हाथ के उपर उसके हाथ रखके और जोर देने लगी. थोड़ी देर के बाद मेने उसको बोला की में उसकी चुन्ची को किस करना चाहता हु टी उसने मना कर दिया की कोई आ जायेगा. मेरे जोर देने पर भी वो नहीं मानी तो मुझे गुस्सा आ गया और अपना मुह दूसरी और करके बेथ गया. वो मुझे मनानी लगी की प्लीज समजो और मान भी जाओ. मुझे भी ऐसा लगा की वो ठीक ही कह रही हे तो मेने टॉपिक बदल दिया और बाते करने लगे.

मौसम बदला तो इरादे भी बदल गए

थोड़ी देर के बाद अचानक मौसम बदलने लगा और बारिश आने लगी तो हम वहा से घर की और चल दिए. बारिश का जोर बढ़ता जा रहा था और हम बुरी तरह भिग चुके थे. तभी उसका फोन बजा जो की उसकी मम्मी का था पूछने के लिए के कहा हो और जल्दी घर आओ क्यूंकि उनको कही जाना था. माधवी ने बताया की वो किसी फ्रेंड के साथ बहार हे तो आप चले जाये वो घर के लिए आ रही है. ये सुनकर मेरे दिमाग में शेतानी विचार आया पर मे चुप ही रहा. उसने मुझे बताया की में उसको घर ड्राप कर दू जो की में उसको हमेशा थोड़ी दूर ही छोड़ देता हु की कोई देख न ले. बारिश रुक गई थी. हम दोनों बुरी तरह भिग गए थे और ठण्ड भी लग रही थी. उसका घर आ गया तो मेने उसको बाय कहा तो वो बोली के अंदर आके थोडा शरीर पोंछ लू. मेरे मन में अभी भी माधवी की गांड का तबला बजने को कर रहा था. पता नहीं क्यूँ मुझे उसकी गांड में लंड देने की अजब खुमारी चढ़ी हुई थी. शायद उसकी बड़ी और चौड़ी गांड देख के मेरा लंड बार बार उसकी गांड मारने को ह्जो रहा था.

में यही चाहता था इसीलिए मेने मना नहीं किया और अंदर चला गया. उसने मुझे तोलिया दिया और उसके पापा की टीशर्ट और पायजामा देकर बदल ने को कहा. उतनी देर में वो भी चेंज कर लेगी और बाद में मेरे कपडे आयरन कर देगी. मुझे निचे बाथरूम भेजकर वो उपर चली गई. मेने अपने गिले कपदे उतारे तभी मेरे दिमाग में एक विचार आया और में तोलिया लपेटकर सीधा उपर चला गया. मुझे निचे समजकर माधवी रूम का दरवाज़ा खुला ही छोड़ दीया था. में चुप के से दरवाजे के पीछे खड़ा हो गया. थोड़ी देर में माधवी बहार आयी तोलिये से पोंछते हुई. उसने कुछ नहीं पहना था. बला की खुबसूरत लग रही थी. जिन्दगी में पहली बार किसी लड़की को नंगा देख रहा था. क्या नजारा था ?

माधवी की गांड कैसे मिली और कैसे मैंने उसकी गांड से संभोग किया वो कहानी अगले भाग "माधवी की गांड -[भाग 2]" में जरुर पढ़ें.
 
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