माधवी की गांड देख के लंड कब से खड़ा था
जेसे ही उसने मिरर में देखा तो में दिखाई दिया तो शर्म से वो लाल हो गयी और जल्दी से अपने बदन को छिपाने लगी. मेने कहा की अब कोई फायदा नहीं हे मेने सब देख लिया तो वो सर जुका के खड़ी हो गयी इस बात से अनजान की उसका तोलिया भी गिर गया हे. क्या गजब लग रही थी वो.में उसके नजदीक गया और उसके होठ पे अपने होठ रख दिए. हमने एकदूसरे को चाटना शूरु कर दिया. मेने धीरे धीरे अपने हाथ उसके बूब्स पे रख दिए तो वो सहम सी गई. थोड़ी देर हमारा कार्यक्रम चला. दोनों को मज़ा आ रहा था. मेरे समय ना गवाते हुए उसका हाथ अपने लंड पे रक्ख दिया. वो उसे प्यार से सहलाने लगी. थोड़ी देर के बाद मेने अपना तोलिया निकाल फेंका. हम दोनों नंगे थे और एकदूसरे को चूम रहे थे और गर्म हो गए थे. मेने उसको उठाया और बेड पे ले गया. मेने उसके एक निप्पल को मुह में लिया और दुसरे को दबा रहा था. उसकी सिस्करिया निकल रही थी जो मुझे चार्ज कर रही थी . थोड़ी देर के बाद मेने अपना हाथ फेरते हुए नीचे की तरफ़ ले गया. उसकी चूत पे थोड़े बाल थे जो काफी अच्छे लग रहे थे. मेने एक ऊँगली उसकी चुत में दाल दी. वो आंखे बंध किये हुए लेती हुई आहे भर रही थी.
मेने उसे कहा की में उसकी चुत को चातना चाहता हु तो उसने हा बोल दिया और में निचे पेरो के बिच में आ गया. जेसे ही मेने आपनी जीभ उसकी चुत पे राखी तो उसने पने पेरो को जोर देकर अपनि ख़ुशी ज़हिर की. धीरे धीरे मेने अपनी जीभ की स्पीड बढ़ा दी. थोड़ी ही डेर में उसने अपना पानी छोड दिया जिसे में चाट गया. क्या स्वाद था उसका. नमकीन सा जिसे बता पाना भी मुस्किल हे.
मेने उसको कहा की तुमहारा तो हो गया लेकिन मेरा क्या ? वो कुछ समजी नहीं तो मेने उसके अपने तने हुए लन्द को दिखाया तो वो शर्मा गयी. मेने अपने लन्द को प्यार करने को कहा तो उसने मन कर दिया की में नहीं चुसुंगी पर मेरे जोर देने पर उसने मुह में ले ही लिया. जेसे ही उसकी जीभ मेरे लन्द की टोपी को छुई तो जाने में जन्नत में आ गया ऐसा फील हुआ. उसे भी अच्छा लग रहा था तो वो लोलीपोप की तरह चूसने लगी. थोड़ी देर चूसने के बाद मेने उसे बताया की में आनेवाला हु तो उसने मुह से निकाल दिया और जोर से मुठ मारने लगी. कूछ ही पल में मेरा काम हो गया और हम दोनों बाथरूम चले गए साफ़ करने के लिए. उसने बहोत प्यार से मेरा लन्द साफ़ किया. उसके स्पर्श से वापस मेरे तन गया. मेने कहा अब इसको शांत करो तो वो कुछ बोली नहीं. मेने उसको बताया की में उसको चोदना चाहता हु पर उसने मना कर दिया की वो कोई रिस्क नहीं लेना चाहती और शादी के बाद ही करेगी. मेंने उम्मीद नहीं छोड़ी और बताया की ठीक हे लेकिन गांड तो मार ही सकते हे क्यूंकि उसमे कोई रिस्क नहीं हे. थोडा सोच ने पर वो मान गई.
क्रीम लगा के गुदामैथुन किया
मेने उसको क्रीम लाने को कहा और उसकी गांड और मेरे लन्द पर लगाई. फिर मेने लन्द की तोपी उसकी गांड के छेड़ पर लगाया. उसकी गांड बहोत ही टाइट थी तो उसको थोडा ढीला करने को कहा तो वो बोली की बहोत दर्द होगा पर मेरे सम्जाने पर वो मान गई. मेने एक धक्का दिया तो लन्द 2 इंच जितना अंदर चला गया. वो दर्द से चिल्ला उठी और रोने लगी की निकालो उसे नहीं करना हर उसकी गांड फट जाएगी. में थोडा दर गया लेकिन थोड़ी देर इसी ही रहा जेसे ही उसका दर्द थोडा कम हुआ की मेने एक जोर से धक्का दिया की पूरा लन्द उसकी गांड में सिंध लगता हुआ घुस गया. वो जोर से रोने लगी. और मिन्नतें करने लगी की निकालो इसे पर मेने अंडर ही रहने दिया. दर्द कम होते ही मेने धक्के लगाना चालू किया. उसे भी अच्छा लग रहा थी और वो अपने गांड उठाते हुए मरवा रही थी. उसकी ख़ुशी उसके मुह से आ रही थी की "राहुल फाड़ दो मेरी गांड. चोद दो मुझे. में तुम्हारी रंडी बनके चुदना चाहती हु. " ये सब सुनके मुजमें भी जोश आ रहा था और में उसे चोदता ही जा रहा था.
थोड़ी देर के बाद हम दोनों ही ज़द गए. उसकी गांड से खून निकल रहा था जिसे देख कर वो दर गई लेकिन मेरे समजाने पर की पहेली बार ऐसा होता हे तो उसकी जान में जान आई.
फिर हम दोनों बाथरूम जाकर फ्रेश हो लीई. फिर उसने याद दिलाया की मेरे कपडे भी प्रेस करने हे तो वो कपडे पहनने लगी मेने उसे मना किया और इसे नंगे ही प्रेस करने को कहा. वो बोली तुम बहोत गंदे हो. अब क्या हे जब की तुमने मेरी गांड तो मार ही ली हे. मेने कहा की मुझे तुमको नंगे ही देखना ही पता नहीं फिर कभी देख पाउ की नही. मेरे ऐसे बोलने पर उसने अपना हाथ मेरे होठो पे रखते हुए कहा की ऐसी बाते ना करो. में और मेरी गांड तुम्हारी ही हे जब मन हो मार लेना. मुझे भी तुमसे गांड मरवाके बहोत ही मज़ा आया.
मेरे कपडे प्रेस होते ही मेने उसे पहन लिया और जाने लगा तो वो उदास हो गई. मेरे पूछने पर उसने बताया की उसे एक बार और अपनी चूत चुस वानी हे तो मेने उसकी वो इछ्छा भी पूरी कर दी.
जेसे ही उसने मिरर में देखा तो में दिखाई दिया तो शर्म से वो लाल हो गयी और जल्दी से अपने बदन को छिपाने लगी. मेने कहा की अब कोई फायदा नहीं हे मेने सब देख लिया तो वो सर जुका के खड़ी हो गयी इस बात से अनजान की उसका तोलिया भी गिर गया हे. क्या गजब लग रही थी वो.में उसके नजदीक गया और उसके होठ पे अपने होठ रख दिए. हमने एकदूसरे को चाटना शूरु कर दिया. मेने धीरे धीरे अपने हाथ उसके बूब्स पे रख दिए तो वो सहम सी गई. थोड़ी देर हमारा कार्यक्रम चला. दोनों को मज़ा आ रहा था. मेरे समय ना गवाते हुए उसका हाथ अपने लंड पे रक्ख दिया. वो उसे प्यार से सहलाने लगी. थोड़ी देर के बाद मेने अपना तोलिया निकाल फेंका. हम दोनों नंगे थे और एकदूसरे को चूम रहे थे और गर्म हो गए थे. मेने उसको उठाया और बेड पे ले गया. मेने उसके एक निप्पल को मुह में लिया और दुसरे को दबा रहा था. उसकी सिस्करिया निकल रही थी जो मुझे चार्ज कर रही थी . थोड़ी देर के बाद मेने अपना हाथ फेरते हुए नीचे की तरफ़ ले गया. उसकी चूत पे थोड़े बाल थे जो काफी अच्छे लग रहे थे. मेने एक ऊँगली उसकी चुत में दाल दी. वो आंखे बंध किये हुए लेती हुई आहे भर रही थी.
मेने उसे कहा की में उसकी चुत को चातना चाहता हु तो उसने हा बोल दिया और में निचे पेरो के बिच में आ गया. जेसे ही मेने आपनी जीभ उसकी चुत पे राखी तो उसने पने पेरो को जोर देकर अपनि ख़ुशी ज़हिर की. धीरे धीरे मेने अपनी जीभ की स्पीड बढ़ा दी. थोड़ी ही डेर में उसने अपना पानी छोड दिया जिसे में चाट गया. क्या स्वाद था उसका. नमकीन सा जिसे बता पाना भी मुस्किल हे.
मेने उसको कहा की तुमहारा तो हो गया लेकिन मेरा क्या ? वो कुछ समजी नहीं तो मेने उसके अपने तने हुए लन्द को दिखाया तो वो शर्मा गयी. मेने अपने लन्द को प्यार करने को कहा तो उसने मन कर दिया की में नहीं चुसुंगी पर मेरे जोर देने पर उसने मुह में ले ही लिया. जेसे ही उसकी जीभ मेरे लन्द की टोपी को छुई तो जाने में जन्नत में आ गया ऐसा फील हुआ. उसे भी अच्छा लग रहा था तो वो लोलीपोप की तरह चूसने लगी. थोड़ी देर चूसने के बाद मेने उसे बताया की में आनेवाला हु तो उसने मुह से निकाल दिया और जोर से मुठ मारने लगी. कूछ ही पल में मेरा काम हो गया और हम दोनों बाथरूम चले गए साफ़ करने के लिए. उसने बहोत प्यार से मेरा लन्द साफ़ किया. उसके स्पर्श से वापस मेरे तन गया. मेने कहा अब इसको शांत करो तो वो कुछ बोली नहीं. मेने उसको बताया की में उसको चोदना चाहता हु पर उसने मना कर दिया की वो कोई रिस्क नहीं लेना चाहती और शादी के बाद ही करेगी. मेंने उम्मीद नहीं छोड़ी और बताया की ठीक हे लेकिन गांड तो मार ही सकते हे क्यूंकि उसमे कोई रिस्क नहीं हे. थोडा सोच ने पर वो मान गई.
क्रीम लगा के गुदामैथुन किया
मेने उसको क्रीम लाने को कहा और उसकी गांड और मेरे लन्द पर लगाई. फिर मेने लन्द की तोपी उसकी गांड के छेड़ पर लगाया. उसकी गांड बहोत ही टाइट थी तो उसको थोडा ढीला करने को कहा तो वो बोली की बहोत दर्द होगा पर मेरे सम्जाने पर वो मान गई. मेने एक धक्का दिया तो लन्द 2 इंच जितना अंदर चला गया. वो दर्द से चिल्ला उठी और रोने लगी की निकालो उसे नहीं करना हर उसकी गांड फट जाएगी. में थोडा दर गया लेकिन थोड़ी देर इसी ही रहा जेसे ही उसका दर्द थोडा कम हुआ की मेने एक जोर से धक्का दिया की पूरा लन्द उसकी गांड में सिंध लगता हुआ घुस गया. वो जोर से रोने लगी. और मिन्नतें करने लगी की निकालो इसे पर मेने अंडर ही रहने दिया. दर्द कम होते ही मेने धक्के लगाना चालू किया. उसे भी अच्छा लग रहा थी और वो अपने गांड उठाते हुए मरवा रही थी. उसकी ख़ुशी उसके मुह से आ रही थी की "राहुल फाड़ दो मेरी गांड. चोद दो मुझे. में तुम्हारी रंडी बनके चुदना चाहती हु. " ये सब सुनके मुजमें भी जोश आ रहा था और में उसे चोदता ही जा रहा था.
थोड़ी देर के बाद हम दोनों ही ज़द गए. उसकी गांड से खून निकल रहा था जिसे देख कर वो दर गई लेकिन मेरे समजाने पर की पहेली बार ऐसा होता हे तो उसकी जान में जान आई.
फिर हम दोनों बाथरूम जाकर फ्रेश हो लीई. फिर उसने याद दिलाया की मेरे कपडे भी प्रेस करने हे तो वो कपडे पहनने लगी मेने उसे मना किया और इसे नंगे ही प्रेस करने को कहा. वो बोली तुम बहोत गंदे हो. अब क्या हे जब की तुमने मेरी गांड तो मार ही ली हे. मेने कहा की मुझे तुमको नंगे ही देखना ही पता नहीं फिर कभी देख पाउ की नही. मेरे ऐसे बोलने पर उसने अपना हाथ मेरे होठो पे रखते हुए कहा की ऐसी बाते ना करो. में और मेरी गांड तुम्हारी ही हे जब मन हो मार लेना. मुझे भी तुमसे गांड मरवाके बहोत ही मज़ा आया.
मेरे कपडे प्रेस होते ही मेने उसे पहन लिया और जाने लगा तो वो उदास हो गई. मेरे पूछने पर उसने बताया की उसे एक बार और अपनी चूत चुस वानी हे तो मेने उसकी वो इछ्छा भी पूरी कर दी.