मेरी कमजोरी और शिलाजीत

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अब मैंने उसकी नंगी टाँगे खोल दीं. अब उसकी कोरी और गोरी चूत मेरे सामने थी. अब मैं उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा. क्या बताऊँ मित्रों, आज फिर से मेरा काम वहीं खत्म हो गया. आज भी मेरा पानी मेरी चड्डी में ही निकल गया था. उसकी नंगी चूत मेरे सामने थी फिर भी अब मैं तो बस वहीं बैठा रह गया…

अन्तर्वासना के सभी पाठक भाइयों और गर्म – गर्म चूत वाली वासना की प्यासी भाभियों, आंटियों और लड़कियों को जलगांव बॉय का प्रणाम! आज आप सभी के लिए आप के वासनामय जीवन को ज्यादा बेहतर और खुशहाल बनाने के लिए आप की सेवा में आज एक चमत्कारी दवाई, जोकि आप को कहीं भी किसी भी आयुर्वेद या मेडिकल स्टोर पर आसानी से मिल जायेगी और महंगी भी नहीं है. आज मैं इसे कहानी के रूप में पेश करने का प्रयास करता हूँ.

मेरी यह कहानी काल्पनिक है, जोकि मैं किसी दूसरे के माध्यम से लिख रहा हूँ.

दोस्तों, मेरा नाम गोपाल चाँद है और मेरी उम्र 25 साल है. मैं बचपन से ही में पढ़ाई में काफी होशियार था पर मैं मस्ती भी बहुत करता था. इसी कारण मेरे हर तरह के दोस्त थे. मैं कम उम्र से ही में सेक्सी किताबें, मैगजीन, वीडियो पढ़ने और देखने लगा था. उन्हें देखते – देखते मैं हस्तमैथुन भी करने लगा. रोज जब भी मुझे समय मिलता मैं हस्तमैथुन जरूर करता.

जल्द ही मैंने एक लड़की भी पटा ली और मस्त सेक्स लाइफ एन्जॉय करने लगा पर मेरी ये आदतें काफी बढ़ गई थीं. इस कारण मुझे जल्द ही अपने सेक्स स्टेमिना में कमी दिखने लगी थी. जल्द ही थकान लगने लगी थी, सुस्ती, वीर्य पतला और कम निकलने लगा था. पहले जहां मैं रोज ही सेक्स या हस्तमैथुन करता था, वहीं अब मैं हफ्ते में एक बार ही करने लगा लेकिन फिर भी मुझे सेक्स समस्याएं सता रही थी. इसी कारण मेरी गर्लफ्रेंड ने भी ब्रेकअप कर लिया.

जल्द मेरे सेक्सी कारनामे घर वाले भी समझने लगे. फिर मेरे पिता जी ने मेरी शादी हमारे ही रिश्ते में तय कर दी. लड़की काफी अच्छी और सुंदर थी,भोली और सीधी – साधी भी थी. इसलिए मुझे भी पसंद आ गई थी. फिर मैंने भी शादी के लिए हां कर दिया पर मेरी सेक्स समस्या के कारण दिल में कुछ डर भी था.

जल्द ही मेरी शादी भी हो गई. अब सुहारात के दिन मेरी प्यारी सुंदर दुल्हन सज – धज कर मेरे कमरे में थी. उसके सुंदर बदन, बड़े – बड़े स्तन, लाल – लाल लाली लगे होंठ इतने सेक्सी लग रहे थे कि मैं बता ही नहीं सकता. उसकी पतली सी कमर, गोरा दूध सा बदन, मेंहदी वाले हाथों को देख कर मेरे दिल की धड़कन बढ़ गई थी.

दोस्तों, आज तो मेरे मजे ही थे. बहुत दिन से मैंने किसी को चोदा नहीं था. लेकिन आज दिल खोल कर मुझे मेरी दुल्हन को चोदने को मिलेगा, यही सोच कर मैं खुश था.

अब मैं उसके पास बेड की तरफ बढ़ा और फिर उसके पास बैठ कर, उसका सुंदर, प्यारा, लाली और मेकअप से भरपूर चेहरे को पकड़ कर चूमने लगा और वो बस पुतला बन कर बैठी थी. अब मैं उसके गुलाबी होंठ चूम रहा था. मैं कभी उसके गालों को तो कभी होंठों को चूम रहा था.

अब मैं उसके ऊपर आ गया था और वो मेरेे नीचे थी. अब मैं उसके बूब्स दबाने लगा. वाह क्या बूब्स थे उसके, न ज्यादा कड़क न ज्यादा नर्म! मैं अपनी मस्ती में दूध चूसने लगा. फिर जल्द ही मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए. उसके नंगे बदन पर अब सिर्फ उसके मेकअप और गहने थे. उनमें से कुछ हाथों पर और कुछ चेहरे पर था.

अब मैंने उसकी नंगी टाँगे खोल दीं. अब उसकी कोरी और गोरी चूत मेरे सामने थी. अब मैं उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा. क्या बताऊँ मित्रों, आज फिर से मेरा काम वहीं खत्म हो गया. आज भी मेरा पानी मेरी चड्डी में ही निकल गया था. उसकी नंगी चूत मेरे सामने थी फिर भी अब मैं तो बस वहीं बैठा रह गया.

अब मेरा सर शर्म से झुक गया था और मैं वहीं बेड पर लेट गया. मेरी कामुक हरकत के शांत होते ही मेरी पत्नी ने आँखें खोली और मेरी और देखने लगी. वह मेरा मायूस और दुखी चेहरा देख कर हैरान हो गई. फिर उसने पूछा “क्या हुआ, आप अचानक रुक क्यों गए और अपका चेहरा उदास क्यों हो गया? क्या मैं आपको पसंद नहीं हूँ?

यह सुन कर मैं बोला – नहीं कीर्ति (सॉरी, मैंने अभी तक आप लोगों को मेरी पत्नी का नाम नहीं बताया था), ये बात नहीं है. शायद मैं ही तुम्हारे लायक नहीं हूँ.

कीर्ति – आप ऐसा क्यों कह रहे हो? ये अचानक से आप को क्या हो गया? मुझे ठीक से बताइए.

अब मैं बोला – मैं पहले ही झड़ गया हूँ. पिछले कुछ दिनों से मुझे ये तकलीफ हो रही है. डर और शर्म के मारे मैंने किसी को नहीं बताया ये सोच कर कि लोग मेरे बारे में क्या कहेंगे. मुझे माफ़ करो कीर्ति, मैं तुम्हारे लायक ही नहीं हूँ.

कीर्ति – आप ऐसा ना कहें, आप ही मेरा प्यार और नसीब हो. आप चिंता न करो मैं कभी आप को कोई शिकायत नहीं होने दूंगी.

अब मैं दिल ही दिल में सोचने लगा कि कितनी प्यारी और भोली है और मन से भी कितनी सुंदर है. फिर हम उदास होकर सो गये.

सुबह फिर नहाते समय मेरी पीठ रगड़ने मेरी बीवी बाथरूम में आई. नहाते – नहाते मैंने मेरी चड्डी भी निकाल दी और मेरी पत्नी कीर्ति को भी गीला करने लगा. इस समय मेरा लंड भी मस्त खड़ा था. जिससे मेरी पत्नी की भी आँखों में चमक थी.

मैं समझ गया था कि मेरा खड़ा लंड देख कर उसे लगा कि अभी कोई प्रॉब्लम नहीं आने वाली है पर फिर से मैं उसके सामने ही झड़ गया. वहीं पर मेरे लंड ने मेरी पत्नी के सामने ही पिचकारी मार दी और मैं फिर से उदास होते हुए नहाने लगा.

मेरी पत्नी भी रूम में चली गई. फिर बाहर आते ही मैंने देखा कि मेरी पत्नी की आँखों में आंसू आ रहे थे. यह देख कर मैं दिल ही दिल में दुखी हो गया औऱ तड़पने लगा. फिर मैं वैसे ही काम पर चला गया. इस दौरान मेरी पत्नी कीर्ति का मुझे फोन आया और उसने बताया कि उसकी किसी सहेली ने उसे डॉ जलगांव बॉय का नंम्बर दिया है. उनसे सलाह लेने पर कुछ ही दिनों में अच्छा असर होता है.

यह सुन कर मैं खुश हो गया. फिर जल्दी से हम दोनों डॉ जलगांव बॉय के पास पहुंचे और उन्हें हमारी समस्या बताई तो उन्होंने हमें शिलाजीत के बारे में जानकारी दी.

आयुर्वेद के अनुसार शिलाजीत की उत्पत्ति पत्थर से हुई है. गर्मी के मौसम में सूर्य की तेज गर्मी से पर्वत की चट्टानों का धातु अंश पिघल कर रिसने लगता है. इसी पदार्थ को शिलाजीत कहा जाता है. यह देखने में तारकोल की तरह काला तथा गाढ़ा होता है जो सूखने के बाद एकदम चमकीला रूप ले लेता है. यह काफी कड़वा, कसैला, गर्म तथा वीर्यवर्धक होता है.

शिलाजीत का मुख्य उद्देश्य शरीर को बल देकर उसे स्वस्थ, शक्तिशाली तथा पुष्ट बनाना होता है. शिलाजीत के सूखने पर उसमें गौमूत्र जैसी गंध आती है. बस फिर क्या था, उसी दिन से हमने शिलाजीत का सेवन करना शुरू कर दिया और कुछ ही दिन में मेरी सेक्स लाइफ एक दम अच्छे से सिर्फ चलने ही नहीं दौड़ने लगी.

मित्रों मेरी यह कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है. मेरी इस कहानी का उद्देश्य बस आप तक शिलाजीत के बारे में और उसके फायदे की जानकारी पहुचानी थी. इसीलिए मैंने ये कहानी बना दी थी.

तो मित्रों और सेक्स की प्यासी गर्म – गर्म भाभियों, आंटियों और लड़कियों आप सबको आज की जानकारी कैसे लगी. मुझे मेल करके जरूर बताएं. मेरी मेल आईडी –
 
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