मेरी ज़िंदगी में चुदाई का सफर

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अब मैं उसके एक बूब्स को अपने हाथ से दबाता और दूसरे को अपने होंठों से प्यार से चूसता और फिर उन्हें अपने दांतों से काटने लगा. वह आहें लेने लगी थी और उसकी चुदाई भरी सीत्कारें मुझे और पागल कर रही थी. अब तक हम दोनों ने आपस में बात नहीं की थी. हम बस अपने जिस्म की प्यास बुझाने में लिप्त थे…

नमस्कार दोस्तों! जब मैं स्कूल में पढ़ता था तो मैं रोजाना लंच में कॉलेज के पास वाले हैंडपंप के पास खड़ा हो जाता और जब मेरे कॉलेज की सारी लडकियां पानी पीने आतीं और झुक कर पानी पीने लगतीं तो मैं उनकी की चुचियां देखता रहता था. उसके बाद मैं मुठ मार के अपने अन्दर की आग को शांत कर लेता था. लेकिन कब तक ऐसे ही चलता?

दिन यूंही बीत रहे थे और मेरे अन्दर की आग भड़कती जा रही थी. मुझे अब एक गरम चूत की सख्त जरुरत थी. उसी समय मेरी कजिन की शादी फ़िक्स हुई. जिससे मैं और मेरे सारे भाई – बहन अपने एक्जाम से फ्री होकर अपनी कजिन की शादी अटेंड करने अपने गांव चले गए.

दोस्तों, हमारे यहाँ घर पर शादियों के दौरान कुछ दिनों के लिए बहुत भीड़ हो जाती है. जिसकी वजह से रात को सोने के लिए सुकून की जगह भी बहुत मुश्किल से मिलती है.

एक रात ऐसे ही मैं रात को खाना खाकर सेक्सी लडकियों की गांड के बारे में सोच कर मुठ मारने के बाद सोने की जगह तलाश रहा था. तभी छत के एक कोने में एक बिस्तर पर मुझे थोड़ी सी खाली जगह मिल गई. जिस पर मैं सुकून से जाकर लेट गया और सेक्सी टाइट बूब्स वाली, बड़ी सी गांड वाली और पावरोटी जैसी चूत वाली लडकियों के बारे में सोचते – सोचते सो गया.

रात को जब मेरी नींद खुली तो मेरे सामने दो बड़े – बड़े बूब्स शायद 34 के साइज़ के मेरी आँखों के सामने आ गए. अब मेरा शैतानी, चुदाई से भरा दिमाग घूमने लगा. उसके बड़े – बड़े चूचे उसके सूट में से बाहर आ रहे थे. मैंने देखा कि वो मेरे रिलेशन की ही है और मेरे से चार साल बड़ी है.

मैंने इससे पहले भी उसके नाम पर कई बार मुठ मारी थी. उसे देख कर अब मुझसे बर्दास्त नहीं हो रहा था. मेरी सांसें गर्म और तेज़ हो गई थीं और मेरा लंड अकड़ गया था. मेरा तो मन कर रहा था कि अभी इसके चूत में अपना गरम लौड़ा पेल दूं. मगर मैं डर रहा था. अब धीरे – धीरे मुझ पर चुदाई का नशा बढ़ रहा था.

फिर मैंने हिम्मत करके अपने दोनों हाथों को उसके सूट के ऊपर उसकी चुचियों पर रख दिया. उसकी साँसों के साथ – साथ मेरा हाथ उसके चूचों पर ऊपर नीचे हो रहा था. फिर मैंने सोचा जो होगा देखा जायेगा. यह सोच कर फिर मैंने उसके एक चूचे को दबा दिया. मेरा लंड अकड़ रहा था और मेरे लंड से चांदी की बूंदें निकल रही थी.

तभी अचानक मैंने महसूस किया कि उसकी सांसें तेज़ हो गई थीं. शायद अब तक वो जग चुकी थी और अब वो भी इसके पूरे मजे ले रही थी. अब मेरी हिम्मत और बढ़ गई. फिर मैंने अपना एक हाथ उसकी ब्रा के अंदर डाल दिया. दोस्तों, उसकी बड़ी – बड़ी और टाइट चूचियाँ मेरे हाथों में नहीं आ पा रही थीं.

दोस्तों, उस दिन मैंने अपने जीवन में पहली बार किसी के चूचों को हाथ लगाया था. फिर धीरे – धीरे मैं उसके ऊपर आ गया और उसकी ब्रा से उसकी चूचियों को आजाद कर दिया. उसके बड़े – बड़े टाइट और ऊपर की ओर तने हुए ननिप्पल्स चांदनी रात में बहुत मादक ढंग से चमक रहे थे.

अब मैं उसके एक बूब्स को अपने हाथ से दबाता और दूसरे को अपने होंठों से प्यार से चूसता और फिर उन्हें अपने दांतों से काटने लगा. वह आहें लेने लगी थी और उसकी चुदाई भरी सीत्कारें मुझे और पागल कर रही थी. अब तक हम दोनों ने आपस में बात नहीं की थी. हम बस अपने जिस्म की प्यास बुझाने में लिप्त थे.

फिर मैं उसकी गर्दन, उसके कंधे और उसके चूचों को किस करते हुए चूसते हुए उसकी नाभि पर पंहुच गया. अब वो भी मेरे लोअर के ऊपर से मेरे लंड को मसलने लगी. फिर मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और चिकनी, चुदाई की अमृत से भीगी हुई उसकी चूत को देखते ही मैंने अपना मुंह उसकी चूत पर रख दिया और अपनी जीभ से उसके दाने के साथ – साथ उसकी चूत का रसपान करने लगा. वो भी अपनी 36 की गांड उठा कर अपनी बुर मेरे मुह में देकर झड़ने लगी.

अब उसने मेरे लंड को निकाल कर अपने हाथों में लिया और उसे ऊपर – नीचे करने लगी. पहली बार किसी लड़की ने अपने नाजुक हाथों से मेंरा लंड पकड़ा था, इसलिए मैं चुदाई केे सातवें असमान में था. फिर उसने अपने जीभ से मेरे लंड को सहलाया और धीरे – धीरे मेरे पूरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसने लगी. फिर थोड़ी ही देर बाद मैं उसके मुंह में ही अपना वीर्य गिरा कर उसके ऊपर निढाल हो गया.

कुछ देर बाद मैं फिर से अपनी और उसकी जिस्मानी भूख को मिटाने के लिए उठा और मैंने बिना देर किये अपने लंड के सुपाड़े को उसकी गीली चूत के मुहाने पर रख कर धक्का लगाया. मेरा लंड फिसल गया. मैंने फिर कोशिश की और इस दौरान उसने भी अपने हाथों में मेरा लंड पकड़ के अपने चूत पर सेट किया.

फिर मैं उसकी चूत को अपने गरम लौड़े से रगड़ते हुए उसकी चूत में धीरे से अपना लन्ड अन्दर डालने लगा. चूँकि यह हम दोनों का पहली बार था सो मुझे और उसे दोनों को जलन हो रही थी. लेकिन हम एक – दूसरे की जरुरत को पूरा करना चाहते थे. फिर मैंने एक जोरदार झटका मार कर अपना पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया.

अब उसके चेहरे पर दर्द साफ झलक रहा था. मुझे भी शुरुआत में परेशानी हुई लेकिन जैसे ही मेरे लंड ने उसकी चूत में जगह बनाई वैसे ही वो भी अपने चूतड़ उठा – उठा कर मेरा साथ देने लगी. हम दोनों पूरे जोश में पसीने से लथपथ एक – दूसरे की महक से और करीब आते हुए जबरदस्त चुदाई कर रहे थे.

मै उसके चूचकों को मसल – मसल कर चूस रहा था. वो भी नशीली सीत्कारें भर कर मेरा जोश बढ़ा रही थी. फिर मैंने अपनी चुदाई की रफ़्तार बढ़ा दी और दनादन उसकी बुर में अपना लौड़ा पेलने लगा. उसने अपने नाखून मेरी गांड में दबा रखे थे और अपनी कमर को हिला – हिला कर मेरे लंड को गपागप अन्दर अपनी चूत में ले रही थी.

अब तक में उसके चूत रस से मेरी जांघे भीग गई थीं और अब हम दोनों अपनी चरम सीमा पर आने वाले थे. अब मैंने अपनी स्पीड और बढ़ाई और उसकी चूत में ही उसके साथ ही झड़ गया. अब हम दोनों के चेहरे पर संतुष्टि दिखाई दे रही थी. लेकिन दोनों बहुत थक चुके थे. इसके बाद हमने आगे भी कई बार चुदाई की. मैंने उसकी बड़ी – बड़ी, सेक्सी और मटकती गांड जिस पर उसको गर्व था उसे भी मारा.

दोस्तों, ये मेरी चुदाई की पहली दास्ताँ है. आशा करता हूँ आप सभी को पसंद आई होगी. इस चुदाई के बाद मेरी भूख और बढ़ गई और फिर मैंने बहुत सारी लडकियों को चोदा, उन्हें खुश किया. आज मैं 7 इंच लम्बे और 3 इंच मोटे लंड का मालिक हूँ और चुदने वाली हर लड़की मुझसे संतुष्ट रहती है.
 
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