मेरे लंड ने नीलम की फाड़ डाली

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Antarvasna, desi kahani: मैं और नीलम बचपन से साथ मे पढा करते थे हमारे बीच काफी अच्छी दोस्ती थी जो कि आज भी वैसे ही बरकरार है। नीलम हमारे पड़ोस में ही रहती थी हम दोनों का बचपन साथ मे ही बीता लेकिन स्कूल की पढ़ाई खत्म होने के बाद नीलम दिल्ली चली गयी और वहीं से उसने अपने आगे की पढ़ाई की। नीलम के मम्मी पापा दिल्ली शिफ्ट हो गए थे और वह लोग वहीं रहने लगे, जबसे वह लोग दिल्ली गए तब से वह लोग लखनऊ नही आये। धीरे धीरे समय बीतता गया और मेरे कॉलेज की पढ़ाई भी खत्म होने वाली थी नीलम का ध्यान भी मेरे दिमाग से निकल चुका था। कॉलेज में नए दोस्तो के साथ रहकर मैं नीलम को भूल चुका क्योकि कॉलेज में मेरे कई नए दोस्त बन गए थे जिस वजह से नीलम का ख्याल मेरे दिमाग से निकल चुका था। समय के साथ साथ मेरे कॉलेज की पढ़ाई भी पूरी हो गयी और पढ़ाई पूरी होने के बाद हमारे कॉलेज से ही मेरी जॉब के लिए मेरा सिलेक्शन दिल्ली हो गया। जब मेरा सिलेक्शन दिल्ली हुआ तो मैं बहुत खुश हुआ और मेरे घर वाले भी काफी खुश थे कि अब मेरी जॉब लग चुकी है।

कुछ ही दिनों बाद मैं अपनी जॉब के लिए दिल्ली चला गया दिल्ली जाकर सबसे पहले मैंने अपने रहने की व्यवस्था की। मैंने अपने लिए एक रूम ले लिया था, वहीं पर मैं रह रहा था और अगले दिन से मैं अपने ऑफिस जाने लगा। मेरी जॉब को दो महीने बीत चुके थे दो महीने बाद मैं सोचने लगा कि मुझे अब कोई अच्छा सा घर किराए पर ले लेना चाहिए। मैंने जब इस बारे में अपने ऑफिस के दोस्त सुरेश से बात की तो वह कहने लगा कि तुम फिक्र मत करो मैं तुम्हे कोई अच्छा सा घर किराए पर दिलवा दूंगा। कुछ ही दिनों बाद सुरेश ने एक घर देख लिया और हमारी छुट्टी के दिन हम दोनों घर देखने चले गए, मुझे वह घर काफी पसंद आया और दो तीन दिन बाद मैंने अपना सामान नए घर मे शिफ्ट कर दिया। नए घर से मेरे ऑफिस की दूरी ज्यादा नही थी इस लिए मैं समय पर घर आ जाया करता था। एक दिन जब मैं अपने ऑफिस जा रहा था तो उस वक्त मुझे नीलम दिखी, पहले तक मैंने नीलम को पहचाना नही वह पूरी तरीके से बदल चुकी थी वह पहले जैसी नही थी। नीलम ने भी मुझे देख लिया था और देखते ही उसने मुझे पहचान लिया। नीलम मुझे कहने लगी कि तुम आकाश हो ना? मैंने नीलम से कहा हां मैं आकाश हूँ वह कहने लगी शायद तुमने मुझे पहचाना नही मैंने नीलम से कहा नही मैंने तुम्हें नही पहचाना।

वह कहने लगी मेरा नाम नीलम है हम दोनों साथ मे पढा करते थे और मैं तुम्हारे पड़ोस में ही रहा करती थी उसके बाद हम लोग दिल्ली आ गए और दिल्ली से ही मैंने अपनी पढ़ाई पूरी की। मैं नीलम से मिलकर बहुत खुश हुआ मैंने नीलम से कहा इतने सालों बाद तुमसे मुलाकात हो रही है मैंने तो तुम्हे बिल्कुल भी नही पहचाना तुम तो पूरी तरीके से बदल चुकी हो। नीलम मुझे कहने लगी लेकिन तुम तो अभी भी वैसे के वैसे ही हो तुम बिल्कुल भी नही बदले हो। मैने नीलम से कहा मैं तुम्हे शाम के वक्त मिलता हूँ अभी मुझे ऑफिस के लिए लेट हो रही है नीलम कहने लगी ठीक है हम लोग शाम को मिलते है। मैंने नीलम का नंबर ले लिया था और जब शाम के वक्त मैं फ्री हुआ तो मैंने नीलम को फोन किया और नीलम मुझसे मिलने के लिए आ गयी। जब नीलम मुझसे मिलने आई तो हम लोग एक पार्क में चले गए वहीं बैठकर हम दोनों बातें कर रहे थे। उस वक्त तो हमारी ज्यादा बात नही हो पाई थी क्योकि मुझे अपने ऑफिस भी जाना था और मुझे देरी भी हो रही थी। मैं और नीलम आपस मे बाते कर रहे थे मैंने नीलम से पूछा तुम क्या कर रही हो तो नीलम ने मुझे बताया कि वह जॉब कर रही है। मैंने नीलम से आंटी अंकल के बारे में पूछा तो उसने मुझे बताया की वह लोग भी अच्छे है।

नीलम ने मुझे अपने साथ घर चलने के लिए कहा लेकिन मैंने नीलम से कहा कि आज नही फिर कभी मैं घर पर आऊंगा। मेरी और नीलम की काफी सारी बाते हुई और हमे इतने वर्षों बाद एक दूसरे से मिलकर काफी खुशी हुई। नीलम और मैं उसके बाद एक दूसरे से मिलने लगे। जब भी हम दोनों एक दूसरे से मिलते तो हम दोनों को ही बहुत ज्यादा अच्छा लगता। मैं काफी ज्यादा खुश था नीलम और मैं एक साथ समय बिता पाते हैं नीलम को भी मेरा साथ बहुत ही ज्यादा अच्छा लगने लगा था। एक दिन मै नीलम के घर पर गया यह पहला दिन था जब मैं नीलम के घर पर उससे मिलने के लिए गया था और उस दिन हम दोनों के बीच किस हो गया। हम दोनों के बीच किस हुआ तो नीलम को इस बात से कोई एतराज नहीं था। मैं काफी खुश था नीलम और मेरे बीच अब और भी नजदीकिया बढ़ती जा रही थी लेकिन यह बात मुझे नहीं पता थी कि मेरे और नीलम के बीच क्या रिश्ता है। मैं नीलम के लिए बहुत ज्यादा तड़पने लगा था। एक दिन नीलम ने मुझसे अपने दिल की बात कह डाली नीलम ने मुझे जब अपने दिल की बात कही तो मैं भी बहुत ज्यादा खुश हो गया और नीलम भी काफी ज्यादा खुश हो चुकी थी। नीलम और मै बहुत खुश हो चुके थे कि हम दोनों एक दूसरे के लिए बहुत ज्यादा तड़पने लगे थे। हम दोनों को जब भी अकेले में मौका मिलता तो हम दोनों एक दूसरे से मिल लिया करते और मैं नीलम को किस कर लिया करता। मैं नीलम के होठों को चूमता तो मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लगता और नीलम को भी काफी ज्यादा मजा आता।

मैंने एक दिन नीलम के स्तनों को दबाना शुरू किया और जब मैं उसके स्तनों को दबा रहा था तो उसे भी बहुत अच्छा लगने लगा और वह पूरी तरीके से गर्म होने लगी। नीलम की गर्मी से मेरा बदन पूरी तरीके से गर्म होने लगा और मेरा लंड नीलम की चूत में जाने के लिए बेताब था। मैंने जब लझड को बाहर निकाला तो उसने तुरंत मेरे लंड को अपने हाथों में ले लिया और उसे हिलाने लगी। जब नीलम ऐसा कर रही थी तो मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था और नीलम को भी काफी मजा आने लगा था। हम दोनों की बढ़ती हुई गर्मी इतनी अधिक हो चुकी थी कि मैं नीलम की चूत में अपने लंड को डालने के लिए तैयार था। मैंने नीलम के बदन से उसके सारे कपड़े उतार दिए और उसके बदन को मैं महसूस करने लगा। जब मैं उसके स्तनो को चूस रहा था तो मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था और नीलम को भी बहुत ज्यादा मजा आने लगा था। मैं और नीलम एक दूसरे की गर्मी को शांत करना चाहते थे मैंने नीलम की पेंटी को नीचे उतारते हुए उसकी चूत पर अपनी उंगली को लगाया तो उसकी योनि से पानी बहुत ज्यादा अधिक मात्रा में निकलने लगा था। नीलम की चूत से निकलता हुआ पानी मेरे अंदर की गर्मी को बढ़ाए जा रहा था।

मैंने नीलम की योनि को चाटना शुरू किया मैंने जब उसकी योनि को चाटना शुरू किया तो उसे मज़ा आने लगा और वह बहुत ही ज्यादा उत्तेजित होने लगी। मैंने उसकी चूत की गर्मी को पूरी तरीके से बढ़ा दिया था वह मेरे बालों को अपने हाथों से खींच रही थी। मैं समझ चुका था अब वह मेरे लंड को लेने के लिए तैयार हो चुकी है। मैंने जैसे ही उसकी योनि पर अपने लंड को सटाया तो वह कहने लगी मुझसे रहा नहीं जाएगा मैं समझ चुका था वह बिल्कुल भी रह नहीं पाएगी। मैंने धीरे-धीरे अपने लंड को नीलम की योनि के अंदर घुसा दिया। नीलम की चूत में मेरा लंड जाते ही वह बहुत जोर से चिल्ला कर मुझे बोली मुझे दर्द हो रहा है। वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही ज्यादा दर्द होने लगा है लेकिन मुझे पूरी तरीके से मजा आने लगा था और मैं उसे बडे अच्छी तरीके से चोदने लगा था मेरे अंदर की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी। वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा है मैंने उसे कहा तुम मेरा साथ ऐसे ही देती जाओ। वह कहने लगी हां तुम बस मुझे ऐसे ही धक्के मारते रहो। मैं उसकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को किए जा रहा था जब मैं ऐसा कर रहा था तो वह ज़ोर से चिल्लाकर कहती मेरी चूत के अंदर से खून निकलने लगा है।

मैंने उसके दोनों पैरों को आपस में मिला लिया मैंने जब उसके दोनों पैरों को आपस में मिलाया तो मुझे उसकी चूत और भी टाइट लगने लगी और वह बहुत ही ज्यादा गर्मागर्म सिसकारियां लेने लगी थी। उसकी गर्म सिसकारियां मुझे और भी ज्यादा गरम कर रही थी। मुझे बहुत ज्यादा मजा आने लगा था अब मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधों पर रख लिया था जिससे कि मेरा लंड आसानी से उसकी चूत के अंदर जा सके। मेरा लंड उसकी चूत के अंदर जा रहा था उससे वह पूरी तरीके से मजे मे आ गई और उसकी चूत में मेरा लंड जाते ही वह बहुत मजे मे आ गई।

मैंने उसे कहा मुझे भी बहुत ज्यादा मजा आ गया। हम दोनों ही बहुत ज्यादा खुश हो चुके थे जिस प्रकार से हम दोनों ने एक दूसरे के साथ सेक्स संबंध बनाए थे उससे हम दोनों पूरी तरीके से संतुष्ट हो चुके थे और मैंने नीलम की गर्मी को शांत कर दिया था परंतु नीलम की इच्छा मेरे साथ दोबारा से सेक्स संबंध बनाने की थी। मैंने उसकी इच्छा को पूरा किया मैंने जब अपने लंड को नीलम की चूत के अंदर डाला तो वह मुझे कहने लगी तुम्हारा लंड बहुत ही मोटा और मजेदार है मुझे लंड को लेने में मजा आ रहा है। मैंने उसे कहा तुम मेरा साथ देती जाओ। वह अपने पैरों को खोल रही थी तो मुझे मज़ा आ रहा था और उसे भी बहुत ज्यादा मजा आता जिस प्रकार से मैं उसकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को किए जा रहा था। उससे मेरे अंदर की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ रही थी एक समय ऐसा आया जब मेरे वीर्य की पिचकारी से मैंने नीलम की चूत को पूरी तरीके से भर दिया था और नीलम बहुत ही ज्यादा खुश हो चुकी थी।
 
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