लंड को आखिर चूत मे ले ही लिया

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Hindi sex story, chut chudai ki kahani मैंने जब अपनी 12वीं की परीक्षा दी थी तो मुझे उस वक्त बहुत डर लग रहा था कि कहीं मेरा रिजल्ट खराब ना हो जाए लेकिन जिस दिन मेरा रिजल्ट आया उस दिन मैं बहुत खुश था। मेरे काफी अच्छे नंबर भी आये थे मुझे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि मैं पास भी हो पाऊंगा लेकिन मैं पास हो चुका था मेरे पापा को मुझसे बहुत ज्यादा उम्मीदें थी और वह भी खुश थे। उन्होंने मुझे कहा कि तुम्हारे नंबर तो काफी कम आए हैं लेकिन चलो फिर भी तुम पास हो चुके हो मुझे इस बात की काफी खुशी है। मेरे पिताजी प्रॉपर्टी डीलर है और मेरे पापा दिल्ली में प्रॉपर्टी का काम काफी समय से कर रहे हैं घर में मैं ही एकलौता हूं इसलिए मुझे कभी किसी चीज की उन्होंने कमी महसूस नहीं होने दी।

उन्होंने मेरी हर एक जरूरतों को पूरा किया है लेकिन मेरी दोस्ती स्कूल के वक्त से ही बिल्कुल अच्छी नहीं थी मेरे जितने भी दोस्त हैं वह सब एक नंबर के आवारा हैं उनमें से कुछ लोग तो फेल भी हो चुके थे। अब मैं कॉलेज में आ चुका था कॉलेज का मेरा पहला ही वर्ष था मैं जब कॉलेज में आया तो मुझे बड़ा अजीब सा महसूस हुआ क्योंकि मैंने जिस कॉलेज में एडमिशन लिया था उसमें मेरे साथ के कोई भी लड़के नहीं पढ़ते थे और हमारी क्लास में सारे नए चेहरे थे। मेरे लिए तो सब लोग नये थे लेकिन मेरे अंदर एक अच्छी आदत यह थी की मैं किसी के साथ भी जल्दी से घुल मिल जाया करता था और उस वक्त मैं अपने कॉलेज के बच्चों से घुल मिल गया। मेरे साथ में जितने भी मेरे क्लास में पढ़ते थे सब लोग बहुत ही अच्छे हैं और जब मेरी उन लोगों से अच्छी दोस्ती होने लगी तो उसी बीच हमारी एक सीनियर हमारे कॉलेज में पढ़ा करती थी उसका नाम मोनिका है। मैं जब भी उसे देखता तो मेरे दिल में उसके लिए एक अलग फीलिंग आ जाती मुझे उससे प्यार हो चुका था लेकिन वह मेरी सीनियर थी इसलिए मैं उससे बात नहीं करता था। जब मेरे कॉलेज का दूसरा साल था तो मैंने उस वक्त मोनिका से बात कर ली हालांकि उस वक्त मेरी बहुत हालत खराब हो रही थी लेकिन फिर भी मैंने हिम्मत करते हुए मोनिका से बात की उसे मुझसे बात करना अच्छा लगा।

वह मुझे कहने लगी तुम्हारे अंदर बड़ी हिम्मत है मैंने मोनिका को अपने दिल की बात कह दी मोनिका ने मुझे उस वक़्त कुछ नहीं कहा। एक दिन जब मोनिका मुझे कॉलेज की कैंटीन में मिली तो उसने मुझे अपने बॉयफ्रेंड से मिलवाया और कहा यह मेरा बॉयफ्रेंड है। उस वक्त मेरा दिल टूट चुका था और मैंने मोनिका का ख्याल अपने दिमाग से निकाल दिया। मोनिका का कॉलेज पूरा हो चुका था और वह उसके बाद मुझे कभी नहीं मिली और ना ही मैंने कभी मोनिका से कोई संपर्क करने की कोशिश की। सब कुछ बड़ी तेजी से चल रहा था मेरा भी कॉलेज खत्म हो गया और उसी बीच मैंने अपने पापा के साथ उनका प्रॉपर्टी का काम ज्वाइन कर लिया। शुरुआत में तो मुझे कुछ भी समझ नहीं आया लेकिन धीरे-धीरे मैं सब कुछ सीखने लगा और अब मैं अपने पापा की तरह ही प्रॉपर्टी का काम करने लगा था। मैं एक प्रॉपर्टी डीलर बन चुका था और सब कुछ बड़े ही अच्छे तरीके से चल रहा था। एक दिन मैं अपने ऑफिस में बैठा हुआ था तभी हमारे ऑफिस में एक व्यक्ति आये उन्होंने चश्मा लगाया हुआ था उनके कपड़े देखकर लग रहा था कि वह काफी पढ़े लिखे हैं। वह मेरे पास बैठे और मुझे कहने लगे मेरा नाम राकेश है मैंने उनसे कहा जी सर कहिए तो वह कहने लगे कि आपका नाम अक्षित है मैंने उन्हें कहा हां मेरा नाम ही अक्षित है कहिये आपको क्या काम था। वह मुझे कहने लगे दरअसल मुझे एक घर देखना था कुछ समय पहले ही मैंने इस इलाके में एक घर देखा था लेकिन उस वक्त मैं अपने काम से कहीं बाहर चले गया था तो उस घर कि डील हो नहीं पाई और वह किसी और ने खरीद लिया था। मैंने उनसे कहा सर आप बिल्कुल निश्चिंत रहिए आप मुझे सिर्फ अपना बजट बता दीजिए कि आपको कितना बड़ा घर चाहिए और आपका बजट कितना है। उन्होंने मुझे अपना बजट बताया और कहा आप मुझे कब तक बता देंगे मैंने उन्हें कहा सर आप मुझे आज शाम को फोन कीजिएगा मैं आपको शाम को कुछ ना कुछ जरूर दिखा दूंगा।

वह कहने लगे ठीक है मैं आपको शाम के वक्त फोन करता हूं वैसे मैंने आपके पिताजी का काफी नाम सुना है और सुना है कि वह काफी अच्छे हैं और काफी समय से प्रॉपर्टी का काम कर रहे हैं। मैंने उन्हें कहा हां सर पापा तो काफी समय से काम कर रहे हैं और उन्हें काफी लोग जानते भी हैं। मैंने उन्हें पूछा कि क्या आप कुछ लेंगे तो वह कहने लगे नहीं अभी मुझे कहीं जाना है तो आप मुझे शाम को जरूर फोन कर दीजिएगा मैंने राकेश जी से कहा सर मैं आपको शाम के वक्त जरूर फोन करूंगा। मैंने एक दो प्रॉपर्टी देखी और शाम के वक्त जब मैंने राकेश जी को फोन किया तो उन्होंने फोन उठाया और कहा हां अक्षित जी कहिए। मैंने उन्हें कहा हां सर मैंने आपके लिए प्रॉपर्टी देखी है दरअसल वह एक डॉक्टर का घर है लेकिन अब वह लोग पुणे में ही सेटल हो चुके हैं। वह यहां पर अपनी प्रॉपर्टी बेचना चाहते हैं यदि आपको लगता है कि आप प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं तो आप कल मुझसे आकर मिल लीजिए मैं आपको वहां ले चलूंगा। वह मुझे कहने लगे ठीक है आप मुझे वह प्रोपर्टी दिखा देना उसके बाद उन्होंने फोन रख दिया। अगले ही दिन जब वह मुझे मिले तो मैं उन्हें अपने साथ उस प्रॉपर्टी पर ले गया और वहां पर मैंने उन्हें सब कुछ दिखाया। उन्हें काफी अच्छा लगा वह कहने लगे कि मुझे यहां काफी अच्छा लग रहा है मैं जैसा चाहता था यह बिलकुल वैसी ही प्रोपर्टी है।

मैंने उन्हें कहा तो फिर क्या आप यहां प्रॉपर्टी लेने के लिए तैयार हैं वह कहने लगे हां मैं लेने के लिए तैयार हूं आप मुझे बताइए कि मुझे क्या करना होगा। मैंने उन्हें कहा यदि आप तैयार है तो आप मुझे कुछ पैसे दे दीजिए ताकि मैं आगे कुछ पैसे दे सकूँ उसके बाद आप मुझे बता दीजिए कि आप कितने समय बाद पूरे पैसे दे देंगे। वह कहने लगे कि मुझे एक महीने का वक्त चाहिए होगा एक महीने में मैं सारे पैसे दे दूंगा लेकिन मैं कुछ पैसे आपको एडवांस के तौर पर दे देता हूं। उन्होंने मुझे थोड़े बहुत पैसे एडवांस के तौर पर दे दिये और उसके बाद जब उन्होंने वहां प्रॉपर्टी ले ली तो वह काफी खुश थे उनसे मेरा अच्छा संबंध बन चुका था और उसके बाद उन्होंने मुझे एक दो बार और प्रॉपर्टी के लिए कहा था उनके किसी रिलेटिव को प्रॉपर्टी लेनी थी। अब उनके साथ मेरे अच्छे संबंध बन चुके हैं लेकिन मुझे नहीं मालूम था कि उनकी शादी मोनिका के साथ हुई है मैं जब उनके घर पर गया तो मैंने मोनिका को देखा उसे देखते ही मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई मैं दंग रह गया। मैंने कभी सोचा भी नहीं था लेकिन मैंने राकेश जी को इस बात की भनक नहीं लगने दी कि मैं मोनिका को जानता हूं मैं मोनिका को नजर अंदाज कर रहा था मोनिका ने भी मुझ से बात नहीं की। हम दोनों एक दूसरे को नजरअंदाज कर दिया करते मैं नहीं चाहता था कि राकेश जी को मोनिका कुछ बताएं नही तो उससे हम दोनों के संबंध खराब हो सकते थे। एक दिन मुझे पैसे लेने के लिए राकेश जी से मिलना था मुझे उनके घर पर जाना पड़ा। मैं जब उनके घर पर गया तो मैंने उनके घर की डोर बेल बजाई जब मैंने उनके घर के डोर बेल बजाई तो दरवाजा मोनिका ने खोला। मैंने मोनिका से बात नहीं की और मैं वहां से वापस जाने लगा लेकिन मोनिका ने मुझे रोकते हुए कहा क्या तुम्हें कोई काम था।

मैंने मोनिका से कहा मुझे राकेश जी से पैसे लेने थे वह मुझे कहने लगी हां उन्होंने पैसे मुझे दिए थे तुम अंदर आ जाओ। मोनिका ने मुझे घर पर बुला लिया मै घर पर चला गया उसने मुझे कहा मैं अभी पैसा लेकर आती हूं। वह बेडरूम में चली गई जब उसने पैसे मुझे दिए तो मैंने पैसे गिने और अपने बैग में रख दिए। मैंने मोनिका से कहा क्या तुमको राकेश जी ने बता दिया था तो वह कहने लगी हां उन्होने बता दिया था, मोनिका मेरे पास आकर बैठी और कॉलेज के दिनों की बात करने लगी। मैंने उसे कहा अब उन बातों का कोई मतलब नहीं रह गया है मैंने मोनिका के स्तनो को देखा तो मैं उसे देखता रहा कहीं ना कहीं उसने भी मेरी तरफ अपने हुस्न को दिखाना शुरू किया। मैं उसकी तरफ पूरी तरीके से फिदा हो गया मैंने जैसे ही अपने लंड को बाहर निकाला तो वह मेरे लंड को देखती रही उसने जब उसे मुंह में लिया तो मुझे बड़ा आनंद आने लगा। वह उसे अपने मुंह के अंदर लेती और गले तक मेरे लंड को लेने लगी मुझे भी मजा आने लगा और उसे भी बहुत मजा आ रहा था।

वह मेरा साथ बड़े अच्छे से दे रही थी मैंने जैसे ही अपने लंड को मोनिका की योनि के अंदर प्रवेश करवाया तो वह चिल्ला उठी वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ज्यादा तकलीफ हो रही है लेकिन मुझे भी बड़ा मजा आ रहा था। मैं उसे बड़ी तेजी से धक्के मारता कुछ देर तक मैंने उसे अपने नीचे लेटाकर चोदा। जब मैंने उसे घोड़ी बनाकर धक्के देने शुरू किए तो वस मुझसे अपनी बडी चूतडो को मिलाने लगी मैं उसे बड़ी तेज गति से धक्के दिए जाता उसकी चूतडो का रंग लाल हो चुका था लेकिन मुझे उसे धक्के मारने में काफी मजा आता। मैं उसे लगातार तेजी से धक्के दिए जा रहा था वह अपने आप पर काबू नहीं रख पाई जब उसकी इच्छा पूरी हो गई तो उसने अपने चूतडो को मेरी तरफ रखा था लेकिन मैं उसे धक्के दिए जा रहा था। जब मेरा वीर्य उसकी योनि में तेज गति से गिरा तो उसे बहुत मजा आया और मुझे भी काफी अच्छा लगा। सब कुछ बहुत अच्छे से हुआ मैंने कभी उम्मीद नहीं कि थी मेरे मोनिका के साथ सेक्स संबंध बन पाएगे लेकिन मेरी इच्छा पूरी हो चुकी थी और मैं बहुत खुश था।
 
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