वह सुहाना चुदाई का सफर

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Hindi sex kahani, antarvasna: मैं ट्रेन का इंतजार कर रहा था लेकिन अभी तक ट्रेन आई नहीं थी मुझे रेलवे स्टेशन पहुंचने में आधे घंटे से ऊपर हो चुका था। मेरे फोन पर मां का फोन आया और वह मुझे कहने लगी कि राजेश बेटा क्या ट्रेन आ चुकी है मैंने मां से कहा मां नहीं अभी ट्रेन नहीं आई है। कोहरा काफी ज्यादा था जिस वजह से ट्रेन देरी से चल रही थी। मैंने मां से कहा कि थोड़ी ही देर में ट्रेन आ जाएगी। अभी भी मुझे दो घंटे रेलवे स्टेशन पर हो चुके थे उसके कुछ देर बाद ही ट्रेन आ गई।

जब ट्रेन आई तो मैं ट्रेन में चढ़ा और अपना सामान मैंने अपनी सीट के नीचे रख दिया मैं ट्रेन में बैठ चुका था। मैंने अपने कानों में हेडफोन लगाया और मैं गाने सुनने लगा थोड़ी देर तक मैंने गाने सुने उसके बाद मुझे नींद आने लगी थी तो मैं अपनी सीट पर लेट गया और फिर मैं अपनी सीट पर सो चुका था। अगले दिन जब सुबह मेरी आंख खुली तो उस वक्त सुबह के 6:00 बज रहे थे मैं फ्रेश होने के लिए चला गया। ट्रेन देरी से चल रही थी इस वजह से मैं मुंबई देर से पहुंचा और जब मैं मुंबई पहुंचा तो मैंने रेलवे स्टेशन से ऑटो लिया और मैं अपने फ्लैट में चला गया। मैं अपने फ्लैट में गया तो मेरे दोस्त का मुझे फोन आया मेरे दोस्त शुभम ने मुझे फोन कर के कहा कि राजेश क्या तुम पहुंच चुके हो तो मैंने शुभम से कहा हां मैं पहुंच चुका हूं। वह मुझसे मिलने के लिए फ्लैट पर आ गया और जब वह मुझसे मिलने के लिए आया तो हम दोनों उस दिन बातें कर रहे थे।

शुभम ने मुझे बताया कि उसने ऑफिस छोड़ दिया है मैंने शुभम को कहा कि लेकिन तुमने ऑफिस से रिजाइन क्यों दिया तो वह मुझे कहने लगा कि मैं पापा का बिजनेस सम्भालना चाहता हूं। मैंने शुभम को कहा चलो यह तो अच्छी बात है कि आखिर तुमने पापा के बिजनेस को संभालने का मन बना ही लिया है। वह मुझे कहने लगा कि हां मैंने उनके बिजनेस को संभालने का मन बना लिया है। शुभम उस दिन देर रात तक घर पर ही रहा तो मैंने उसे कहा कि मैं बाहर से खाना ऑर्डर करवा देता हूं शुभम ने कहा कि ठीक है तुम बाहर से ही खाना ऑर्डर करवा दो। मैंने बाहर से खाना ऑर्डर करवा दिया था हम दोनों ने साथ में डिनर किया उसके बाद शुभम अपने घर चला गया।

शुभम अपने घर जा चुका था और मैं सो गया मुझे बहुत गहरी नींद आ रही थी और मुझे बहुत थकान भी महसूस हो रही थी जिस वजह से मुझे नींद आ गई। अगले दिन मैं उठा तो उस वक्त 7:00 बज रहे थे मैं जल्दी से अपने ऑफिस के लिए तैयार हुआ। मुझे अपने ऑफिस जल्दी जाना था और मैं 9:30 बजे ऑफिस पहुंच चुका था। जब मैं अपने ऑफिस पहुंचा तो ऑफिस में काम करने वाले मेरे एक दोस्त ने मुझसे पूछा कि राजेश घर पर सब कुछ ठीक है? मैंने उन्हें कहा हां घर पर सब कुछ ठीक है। मैं अपनी छुट्टी से 20 दिन बाद लौट रहा था तो मुझे भी अपने घर की बहुत ज्यादा याद आ रही थी। मैंने उस दिन अपना काम खत्म किया और फिर मैं अपने फ्लैट पर चला आया। मैं जब घर पहुंच गया तो मुझे पापा मम्मी की कभी याद आ रही थी उसके बाद मैंने उन्हें फोन किया और उनसे मेरी एक घंटे तक बात हुई। एक घंटे तक उनसे बात करके मुझे कुछ पता ही नहीं चला की कब समय बीत गया।

पापा ने मुझे बताया कि वह कुछ दिनों के लिए अपने काम के सिलसिले में बाहर जा रहे हैं मैंने उन्हें कहा कि क्या मम्मी घर पर अकेली रहेंगी तो वह कहने लगे कि नहीं तुम्हारी मम्मी तुम्हारे मामा जी के घर जा रही हैं। एक दिन मैं शुभम को मिलने के लिए उसकी शॉप में गया, जब मैं उसको मिलने के लिए उसकी शॉप में गया तो वह शॉप पर हीं था। शुभम ने मुझे कहा कि राजेश आज तुम मेरे साथ घर पर चलना मैंने उसे कहा कि लेकिन मैं घर आकर क्या करूंगा।

वह कहने लगा कि आज मम्मी ने तुम्हें घर पर बुलाया है और तुम हमारे साथ ही डिनर करना मैंने शुभम को कहा चलो ठीक है। मैं शुभम के साथ ही बैठा हुआ था और उसके साथ मैं काफी देर तक बैठा रहा शाम के वक्त हम दोनों ही शुभम के घर पर गए। जब हम लोग उनके घर गए तो मैंने उस दिन उन लोगों के घर पर ही डिनर किया और आंटी के कहने पर मैं उस दिन उनके घर पर ही रुक गया। मैं शुभम के घर पर ही रुक गया था और अगले दिन नाश्ता करके मैं लौट आया। उस दिन मेरी ऑफिस की छुट्टी थी और शुभम ने मुझसे कहा था कि हम लोग आज मूवी देखने के लिए चलेंगे। मैंने शुभम को फोन किया तो वह मुझे कहने लगा कि मैं थोड़ी देर बाद आता हूं और वह थोड़ी देर बाद घर पर आ गया। जब वह आया तो मैंने उसे कहा कि चलो मैं तैयार हो जाता हूं। मैं जल्दी से तैयार हो गया और उसके बाद हम दोनों ही मूवी देखने के लिए चले गए। हम दोनों ने उस दिन साथ में मूवी देखी और हम लोग जब घर लौटे तो शुभम थोड़ी देर मेरे साथ ही था और उसके बाद वह घर चला गया।

मैं घर पर अकेला ही था इसलिए मैंने उस दिन भी बाहर से ही खाने का आर्डर करवा दिया था। मैं अब बाहर से खाना मंगवा चुका था मैंने रात का खाना खाने के बाद थोड़ी देर पापा मम्मी से बात की और फिर मैंने फोन रख दिया उसके बाद मैं सो चुका था। अगले दिन मैं अपने ऑफिस के लिए सुबह घर से निकला मेरी दिनचर्या लगभग एक जैसी ही चल रही थी शुभम कभी कबार मुझसे मिलने के लिए आ जाया करता था। एक दिन मैं अपने फ्लैट से बाहर निकला तो उस दिन मैंने देखा सामने वाले फ्लैट में एक लड़की रहती है। मैंने उसे पहली बार ही देखा था लेकिन उससे मेरी बात नहीं हो पाई थी परंतु धीरे-धीरे उस से मेरी बात भी होने लगी थी उसका नाम अनामिका है।

अनामिका कुछ समय पहले ही मेरे पड़ोस में रहने के लिए आई वह भी अकेली रहती है इसलिए हम दोनों एक दूसरे के साथ समय बिताने लगे थे। हम दोनों जब भी एक दूसरे के साथ होते तो हम दोनों को अच्छा लगता। अनामिका की उम्र 25 वर्ष के आसपास थी। वह मेरे साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताया करती और हम दोनों साथ में घूमने के लिए भी जाया करते। हम दोनों साथ में घूमने के लिए जाते तो हम दोनों को ही अच्छा लगता। मुझे अनामिका के साथ मे बहुत ही अच्छा लगता था। अनामिका और मैं एक दूसरे के साथ जब भी होता तो हम दोनों बहुत ही खुश होते। एक दिन मैं अनामिका के फ्लैट में बैठा हुआ था अनामिका ने मुझे कहा अभी मै नहा लेते हूं। वह नहाने के लिए चली गई वह जब नहाने के लिए गई तो मैं अकेला ही बैठा हुआ था मैं अपने फोन में गेम खेल रहा था। अनामिका नहा कर बाहर आई तो उसका बदन भीगा हुआ था उसके स्तनों के उभार भी साफ नजर आ रहे थे। मैं यह देखकर अपने आपको रोक नहीं पा रहा था। अनामिका मेरे पास आकर बैठी जब वह मेरे पास आकर बैठी तो मैंने अनामिका के के स्तनों पर हाथ लगा दिया।

मैंने उसके स्तनों पर हाथ लगाया तो अनामिका मेरी तरफ देखने लगी। मुझे लगा शायद यह सब ठीक नहीं है इसलिए मैंने अनामिका से माफी मांगी लेकिन अनामिका के अंदर भी सेक्स को लेकर गर्मी जाग चुकी थी वह मेरे होठों को चूमने लगी। वह अपने आपको रोक नहीं पाई थी और हम दोनों एक दूसरे को गर्म करने के लिए तैयार थे। हम दोनों ने एक दूसरे को बहुत ज्यादा गर्म कर दिया था मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा था और ना ही अनामिका अपने आपको रोक पा रही थी।

हम दोनों को बहुत मजा आने लगा था मैंने अपने लंड को बाहर निकाल लिया। जब मैंने अपने लंड को बाहर निकाला तो वह उसे सकिंग करने लगी। अनामिका मेरे मोटे लंड को सकिंग किए जा रही थी मुझे मजा आ रहा था। अनामिका जिस तरीके से मेरे लंड को चूस रही थी उससे मुझे मजा आने लगा था। मैंने अनामिका को कहा राजेश मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा है। मैंने अनामिका के स्तनों को चूसना शुरु किया और मैं जिस तरीके से अनामिका के स्तनों को चूस रहा था उसको मजा आने लगा था। वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है अनामिका के अंदर की गर्मी बढ़ने लगी थी और मेरे अंदर की गर्मी भी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी। मैंने अनामिका की चूत को भी चाटना शुरु किया। जब मै अनामिका की चूत को चाट रहा था तो मुझे बहुत ही मजा आ रहा था अनामिका को भी बड़ा मजा आ रहा था। अनामिका और मैं एक दूसरे की गर्मी को बढाए जा रहे थे। मैंने जब अनामिका की योनि पर अपने मोटे लंड को लगाया तो अनामिका मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लगने लगा है।

मैंने अनामिका कि चूत के अंदर तक अपने लंड को घुसा दिया था। मेरा लंड अनामिका की चूत मे जाते ही उसकी चूत से खून बहार निकलने लगा था। वह मुझे कहने लगी मेरी चूत में बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है लेकिन मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था। अनामिका मेरा साथ अच्छे से दे रही थी अनामिका जिस तरीके से मेरा साथ दे रही थी उससे मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था और मैं उसे बड़ी तेजी से धक्के मारे जा रहा था। मैंने उसे बहुत देर तक धक्के मारे और मेरी गर्मी इतनी ज्यादा बढ़ चुकी थी मेरा माल मेरे अंडकोष से बाहर आने के लिए तैयार था। अनामिका की चूत से पानी बहुत अधिक मात्रा में निकलने लगा था। वह मुझे अपने पैरों के बीच में जकड़ने लगी थी। वह ऐसा करने लगी तो मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लगने लगा था और मेरे वीर्य की पिचकारी अनामिका की चूत मे गिर गई। वह खुश हो गई और मुझे बोली आज मुझे मजा आ गया। हम दोनों ही एक दूसरे के साथ बहुत ज्यादा खुश थे। हम दोनों एक दूसरे की बाहों में लेटे हुए थे। अनामिका की चूत मारने में मुझे बड़ा ही मजा आया और उसके बाद भी मैं उसके साथ संभोग के मजे लिया करता था।
 
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