विधवा मकान मालिकिन ने अपनी चूत मुझसे चुदवाई

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कुछ दिन ऐसे ही निकल गए. एक बार रात को करीब 12 बजे मैं अपने लन्ड में तेल से मालिस कर रहा था और मुठ मार रहा था. मुठ मार कर मैं वैसे ही सो गया. सुबह जब आंटी ने मुझे देखा तो वो एक कुटिल मुस्कान के साथ अजीब तरीके से ऐसे हंसी जैसे उसने मेरी कोई चोरी पकड़ ली हो…

अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार! दोस्तों, मेरा नाम अमित है और मैं मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में किराये के एक मकान में रहता हूँ. ये कहानी करीब एक साल पुरानी है जो मेरे पुराने मकान में मेरे साथ घटी एक सच्ची घटना है और उस मकान को मैं छ: माह पहले ही छोड़ चुका हूँ.

अब मैं सीधे अपनी कहानी पर आता हूँ. मैं वहाँ पर एक प्राइवेट कम्पनी में काम करता हूँ और रहने के लिए मैंने एक कमरा किराए पर ले रखा है. उस मकान में मेरी मकान मालकिन जो कि 42 साल की एक विधवा है वो और उनका एक लड़का जो कि 23 साल का है और वह इंदौर में ही जॉब करता है और उनकी एक लड़की जो कि 20 साल की है और जबलपुर में ही एक कॉलेज में पढ़ती है.

मेरी उस मकान मालकिन का नाम सीमा (बदला हुआ नाम) है. वह एक दम मस्त माल थी. उसका गोरा बदन करीब 38-34-40 का रहा होगा. उसके मस्त बड़े – बड़े चूचों को देख कर मेरी तो चोदने की इच्छा होती थी पर किसी अनजाने के साथ बिना उसकी अनुमति के सेक्स करने का डर तो आप लोग जानते ही हैं.

खैर, भले ही मुझे उनकी चूत नहीं मिल रही थी लेकिन मैं तो रोज ही उनको याद करके मुठ मारता था. वो माँ बेटी एक ही कमरे में सोती थी और उन दोनों के कमरे के बाजू में ही मेरा भी कमरा था. उनके कमरे के एक दरवाजा और एक खिड़की ऐसी थी जो मेरे कमरे में खुलती थी. भले ही वो मेरे कमरे में खुलती थी लेकिन वो हमेशा बंद ही रहती थी. उस खिड़की में एक छोटा सा छेद था. जिससे आसानी से आर – पार देखा जा सकता था.

कुछ दिन ऐसे ही निकल गए. एक बार रात को करीब 12 बजे मैं अपने लन्ड में तेल से मालिस कर रहा था और मुठ मार रहा था. अपना मुठ मार कर मैं वैसे ही सो गया. सुबह जब आंटी ने मुझे देखा तो वो एक कुटिल मुस्कान के साथ अजीब तरीके से हंसी. जैसे उसने मेरी कोई चोरी पकड़ ली हो.

अब फिर मैं अपने ऑफिस चला गया. दूसरे दिन मुझे कुछ काम था तो ऑफिस से मैं जल्दी आ गया और आकर मैं अपने कमरे में लेटा था कि तभी मुझे आंटी के रूम से सिसकने की आवाज सुनाई दी तो मैंने खिड़की के छेद से देखा तो देखता ही रह गया. आंटी अपनी चूत में उंगली कर रही थी और दूसरे हाथ से अपने चूचे को मसल रही थी.

मैं देखता रहा और फिर एक हाथ से मैं भी अपने लन्ड को पकड़ कर सहलाने लगा था और देखते ही देखते मुठ मारने लगा. तभी उधर आंटी का चूत रस निकल गया और वो वैसे ही अपने बेड पर लेट गई. शायद उन्हें मेरे आने का पता नहीं था पर मैं जोश में कहीं और ध्यान दिए बिना लगातार मुठ मार रहा था.

मुठ मारते समय मुझे पता ही नहीं चला कि कब मेरा एक हाथ खिड़की से टकरा गया और आंटी ने खिड़की की आवाज सुन ली. अब वो कुछ – कुछ समझ गई थी और फिर उन्होंने जल्दी से उठ कर अपना दरवाजा खोल दिया जो मेरे कमरे में ही खुलता था. मेरा ध्यान तब भी उधर नहीं गया कर मैं लगातार मुठ मार रहा था तभी उन्होंने मुझे आश्चर्य से देखते हुए मुझसे कहा – ये क्या कर रहे हो?

उनका इतना कहना ही था कि तभी मेरा भी रस मेरे हाथ में निकल पड़ा. अब मैं हाथ में ही लौड़ा लिए उन्हें देख रहा था. मुझे कुछ सूझ ही नहीं रहा था कि अब मैं क्या बोलूं तो मैंने कह दिया वही जो अभी आप कर रही थी.

मैंने देखा कि आंटी पूरे ध्यान से मेरा लौड़ा देख रही थी. तभी मैंने मौका देखा और वैसे ही आंटी से लिपट गया और उनके होंठ पर अपने होंठ रख दिया. अब वो मुझसे छूटने की नकाम कोशिश करने लगी. तो मैंने उनसे कहा – आंटी, मैं जानता हूँ कि आपको एक मस्त लौड़ा चाहिए और मैं दिल से तुम्हें चोदना चाहता हूँ.

मेरा इतना कहने के बाद वो थोड़ा सा विरोध करने के बाद मान गई और मेरा साथ देने लगी. फिर क्या था मैंने एक ही झटके में उनको नंगा कर दिया और उनके चूचे चूसने लगा. वो सिसकारियां भरने लगी और कहने लगी – चूसो, जी भर के चूसो. जब से तेरे लण्ड को मैंने देखा है, तब से मेरी चूत में बहुत खुजली होने लगी है. अब मत तड़पा मुझे. चोद – चोद कर फाड़ दे मेरी इस चूत को.

अभी तक मैं उनके एक मम्मे को दबा रहा था और दूसरे लो चूस रहा था. उनके इतना कहने के बाद मैंने बिना उन्हें बताए अपनी एक उंगली उनकी चूत में डाल दी, जिससे वो उछल पड़ी और उनकी एक जोरदार चीख निकल गई. क्योंकि वो 3 साल से चुदी हुई नहीं थी तो उनकी चूत बहुत ही ज्यादा टाइट हो गई थी.

कुछ देर तक लगातार उनकी चूत में उंगली करने से जब उनका दर्द कुछ कम हुआ और उन्हें मज़ा आने लगा तो वो मादक आवाजें निकालने लगी उम्म्म्म आह आ आह उईईई. अब फिर मैंने उनकी चूत को चाटना शुरू कर दिया. अब वो और भी ज्यादा तड़पने लगी और कहने लगी – जल्दी करो, चोदो न प्लीज, अब और देर मत करो मेरी प्यास बढ़ती जा रही है.

अब मैंने भी देर न करते हुए अपने लण्ड को जो कि एक नॉर्मल साईज का करीब साढ़े छह इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है उसे उनकी चूत पर रख दिया और एक धक्का मारा तो वह फिसल गया. फिर मैंने अपने लण्ड पर थोड़ा सा तेल लगाया और चूत में एक जोरदार झटका मारा. मेरा आधा लण्ड उनकी चूत में घुस गया जिससे आंटी चीखने लगी. उनकी आँखों से आंसू निकल आए थे.

तभी मैंने एक और झटका लगाया और इस बार मेरा पूरा लण्ड उनकी चूत में समा गया. फिर मैं थोड़ी देर तक उनसे चिपका रहा और कुछ देर बाद मैंने धक्के मारना शुरू कर दिया. अब वो भी मेरा साथ दे रही थी. वो अपनी कमर उठा – उठा कर मुझसे चुदवा रही थी और लगातार बोले जा रही थी – चोदो, चोदो आह ह ह ह उउम्म् सीई उईई आह उफ्फ.

ये मादक आवाजें सुन कर मैं जोश में आकर और तेज धक्के लगा रहा था. करीब 20 मिनट के बाद हम दोनों साथ – साथ ही झड़ गए और फिर मैं उनके ऊपर ही एक दम चित हो गया. करीब आधे घंटे तक हम वैसे ही जमीन पर पड़े रहे और फिर उठ कर हम बिस्तर पर चले गए. बिस्तर पर आने के बाद हमने एक बार और चुदाई की.

दोस्तों, अब भले ही मैंने वो मकान छोड़ दिया है लेकिन अभी भी हमें जब भी मौका मिलता हम चुदाई जरूर करते हैं. कभी मैं उनके घर चला जाता हूँ और कभी वो मेरे रूम पर आ जाती हैं. मेरी यह कहानी बिल्कुल ही सच्ची है दोस्तों.

आगे की कहानी में फिर कभी मैं आपको ये बताऊंगा कि कैसे मैंने उनकी जवान और कुंवारी चूत वाली बेटी की चूत उसकी माँ के सामने मारी. ये कहानी आपको कैसी लगी मुझे मेल करके जरूर बताइएगा. मेरी ईमेल आई डी है
 
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