शानदार हुस्न का जलवा

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Kamukta, antarvasna मेरे और रोहन के बीच बहुत अच्छी दोस्ती थी हम दोनों एक दूसरे पर बहुत भरोसा करते थे लेकिन मेरी और रोहन की दोस्ती को ना जाने किसकी नजर लगी। हम दोनों साथ में रहा करते थे और सब कुछ बहुत अच्छे से चल रहा था लेकिन ना जाने ऐसा क्या हुआ कि रोहन को मुझ में कमियां दिखने लगी। एक दिन रोहन ने मुझसे कहा यार मुझे आज कुछ पैसों की जरूरत थी मैंने उसे कहा तो फिर तुम अकाउंटेंट से पैसे ले लो रोहन अकाउंटेंट से पैसे ले लिए गया। उसे लगने लगा था कि शायद मैं उसे कुछ बताता नहीं हूं लेकिन ऐसा कुछ नहीं था मैंने रोहन से कभी भी कुछ चीज नहीं छुपाई थी परंतु ना जाने उसके दिमाग में ऐसी क्या बात आई की वह अब मुझ पर ही शक करने लगा था। उसे लगने लगा कि मैं उसके साथ कुछ गलत कर रहा हूं रोहन ने उस दिन तो अकाउंटेंट से पैसे ले लिए थे और सब कुछ ठीक था। एक दिन हमें एक काफी बड़ा प्रोजेक्ट मिला उसके लिए मुझे कुछ पैसे कमीशन के तौर पर उस व्यक्ति को देने पड़े जिसने हमें वह काम दिलवाया था।

मैंने जब रोहन को इस बारे में कहा कि मैंने कुछ पैसे उस व्यक्ति को दे दिए हैं तो रोहन मुझे कहने लगा तुमने उसे पैसे नहीं दिए हैं बल्कि तुमने वह पैसे अपने पास रख लिए हैं मैंने रोहन से कहा तुम्हारा दिमाग सही है तुम मुझ पर पैसों के लिए ऐसा इल्जाम लगा रहे हो। रोहन कहने लगा तुमने हमेशा ही मेरे साथ गलत किया है और तुम सिर्फ अपने बारे में सोचते हो मैंने रोहन से कहा तुम बहुत गलत कह रहे हो मैंने ऐसा कभी भी अपने बारे में नहीं सोचा और ना ही मैंने कभी भी तुम्हारा हक मारने की सोची। हम दोनों ने यह काम एक साथ शुरू किया था मैंने तुम्हें हमेशा अपना भाई समझा और यदि तुम मुझ पर ऐसा इल्जाम लगाओगे तो मुझे नहीं लगता कि हम दोनों को साथ में रहना चाहिए या हम दोनों का ऐसा काम करना चाहिए कि जिससे हम दोनों के बीच झगड़े पैदा हो अच्छा तो यही होगा कि हम दोनों को अलग ही हो जाना चाहिए।

अब हम दोनों के पास कोई चारा नहीं था हम दोनों ने अपने बिजनेस की पार्टनरशिप खत्म कर ली मैंने उसके बदले रोहन को पूरे पैसे दे दिये ताकि उसे कभी यह ना लगे की मैंने उसका हक मारा है। हम दोनों की सहमति से हम दोनों अलग हो चुके थे लेकिन मैं यह जानना चाहता था कि आखिरकार उनके दिमाग में यह बात किसने डाली कि मैं उसका हक मार रहा हूं और वह मुझ पर इतना ज्यादा शक करने लगा था जिस वजह से हम दोनों को अलग होना पड़ा। हम दोनों की बचपन की दोस्ती भी अब खत्म हो चुकी थी जब उसको मैंने पैसे दिये उसके बाद रोहन ने मुझे कभी कोई फोन नही किया और ना ही उसने मेरे बारे में पूछने की हिम्मत उठाई लेकिन मैं उससे बहुत ज्यादा नाराज था और मैंने भी उससे बात नहीं की परंतु फिर भी मुझे हमेशा ही लगा रहता था कि रोहन के दिमाग में आखिरकार यह बात किसने डाली। मैं कुछ समय बाद रोहन से दोबारा बात करने लगा हम दोनों के बीच वह दोस्ती तो नहीं रह गई थी लेकिन फिर भी जो थोड़े बहुत रिश्ते हम दोनों के बीच बचे थे, बस मैं उतना ही उससे बात किया करता था क्योंकि मैं यह जानना चाहता था कि आखिरकार यह सब किसके दिमाग की उपज है जो की हम दोनों की दोस्ती खतरे में पड़ी और अब हम दोनों अलग हो गए हैं। एक दिन मुझे रोहन की पत्नी मिली वह मुझे मॉल में मिली मैंने उससे कहा क्या मैं आपसे कुछ देर बात कर सकता हूं रोहन की पत्नी मुझे भैया कहकर बुलाती है और उसका नाम रचना है। वह मुझे कहने लगी हां भैया क्यों नहीं हम लोग कहीं बैठ जाते हैं हम लोग साथ में बैठे हुए थे मैंने रचना से बात की और उसे समझाया। मैंने उस दिन रचना को सारी बात बता दी और रचना से कहा रोहन और मेरे बीच में अब पहले जैसे रिश्ते नहीं रह गए हैं हम दोनों अब अलग हो चुके हैं लेकिन मुझे इस बात का बहुत दुख है कि रोहन मुझसे अलग अब अपना काम कर रहा है।

रचना ने मुझे उस दिन कहा तो भैया वह अब अपना काम कर रहे हैं तो उन्हें अपना काम करने दीजिए मुझे यह सुनकर बड़ा ही अटपटा सा लगा मुझे रचना की बातें कुछ ठीक नहीं लगी और मैंने भी उसके बाद उससे बात नहीं की। मैंने जब रचना के बारे में जानने की कोशिश की तो मुझे पता चला रचना का करैक्टर कुछ ठीक नहीं है। वह किसी और व्यक्ति से प्यार करती है क्योंकि जब तक मैं बीच में था तब तक तो शायद यह संभव नहीं था लेकिन अब वह रोहन को आसानी से अपने जाल में फंसा सकती थी पर मैंने भी सोच लिया था कि मैं रोहन को इतनी जल्दी बर्बाद नहीं होने दूंगा मैं रोहन को किसी भी हाल में रचना से बचा कर ही रहूंगा। मैं रचना की असलियत रोहन को बताना चाहता था लेकिन रोहन तो उस पर बहुत ज्यादा भरोसा करता था और वह मुझ पर यकीन क्यों करता रोहन से भी मेरे रिश्ते कुछ ठीक नहीं थे और यह सारा कुछ खेल रचना ने हीं रचा था। मैं उसकी असलियत रोहन को बताना चाहता था तो मैंने उसके लिए एक व्यक्ति को हायर किया जो की जासूसी का काम करते हैं मैंने उन्हें रचना के पीछे लगा दिया। कुछ समय बाद मुझे रचना के खिलाफ सारी जानकारी मिल गई जो मैं चाहता था मैं सीधे तौर पर रोहन को रचना के बारे में नहीं बता सकता था फिर मैंने उसे रचना के बारे में वह जानकारी दे दी अब शायद वह भी रचना के बारे में समझ चुका था। एक दिन रोहन ने मुझे फोन किया और कहा मुझे तुमसे मिलना था मैंने रोहन से कहा हां क्यों नहीं हम लोग मिल लेते हैं कितने समय बाद मैं अपने दोस्त से मिल रहा था मुझे उससे मिलना अच्छा लग रहा था।

जब हम दोनों साथ में बैठ कर बात कर रहे थे तो रोहन ने मुझसे रचना की बात छेद दी और कहां समीर मैं तुम्हें क्या बताऊं मैं इतना परेशान हूं कि आजकल मेरा मन कहीं लगी नहीं रहा है मैंने रोहन से कहा आखिर ऐसी क्या बात हो गई है। रोहन ने मुझे सारी बात बताई और कहा मैंने रचना पर इतना भरोसा किया और उसे मैं इतना ज्यादा प्यार करता था लेकिन उसने मेरे साथ ही धोखेबाजी की। उसने तुम्हारे खिलाफ भी मुझे भड़काने की कोशिश की और उसने तुमसे मुझे दूर जाने के लिए कहा हम दोनों की दोस्ती तो खराब हो ही चुकी है लेकिन उसके बाद जब मुझे रचना की असलियत पता चली तो मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई और मैं अपने आपसे बहुत ज्यादा दुखी हूं। मैंने रोहन से कहा तुम्हें दुखी होने की जरूरत नहीं है तुम पहले भी मेरे दोस्त थे और आज भी मेरे दोस्त हो मैं हमेशा तुम्हारे साथ खड़ा हूं और जब भी तुम्हे मेरी जरूरत होगी तो सबसे पहले तुम मुझे अपने साथ पाओगे। जब यह बात मैंने रोहन से कहीं तो उसने मुझे कहा यार मैं तुम्हें क्या बताऊं रचना किसी और से ही प्यार करती है मैंने उसके साथ शादी कर के बहुत गलत किया मुझे नहीं मालूम था कि वह मेरे साथ इतना बड़ा खेल खेल रही है। मैंने उसे कहा तुम रचना के बारे में भूल जाओ और अपने दिमाग से रचना का ख्याल निकाल दो रोहन को मैंने बहुत समझाया और उसके बाद वह समझ गया। उसने भी शायद रचना को सबक सिखाने की सोच ली थी और उसने रचना को बहुत अच्छे से सबक सिखाया वह रचना से अलग रहने लगा और उसे अब रचना से कोई लेना देना ही नहीं था मैं इस बात से बहुत खुश था क्योंकि रोहन को रचना की सारी असलियत पता चल चुकी थी और जिस चीज का मुझे डर था उससे भी रोहन बच चुका था।

रोहन बहुत ज्यादा दुखी था मैंने उसे कहा तुम यह बात छोड़ दो अब अपने नए जीवन की शुरुआत करो। रचना का सदमा वह बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था लेकिन मैंने उसके लिए एक पटाखा आइटम चुनी जो कि उसे खुश कर देती मैंने एक कॉल गर्ल को अपने घर पर बुला लिया। जब रोहन घर आ गया तो रोहन ने जब उसकी टांगे और उसका फिगर देखा तो वह सिर्फ उसकी तरफ ही देख रहा था और उसको यह नहीं पता था कि मैंने उसके लिए ही उसे बुलाया है लेकिन उसे देखकर तो मेरा मन भी मचलने लगा था उसका नाम प्रियंका था। उसने जब अपने कपड़ों को हमारे सामने उताराना शुरू किया तो हम दोनों की आंखें फटी की फटी रह गई हम दोनों से ही नहीं रहा जा रहा था। जब वह हमारे सामने पैंटी और ब्रा में थी तो मैं उसे देखकर पूरी तरीके से उत्तेजित हो गया मैंने अपने लंड को बाहर निकालते हुए उसे कहा तुम इसे अपने मुंह में ले लो। उसने मेरे लंड को बहुत देर तक सकिंग किया वह मेरे लंड को अच्छे से चूसती रहती।

वह मेरे लंड को बहुत अच्छे से चूस रही थी मैंने जब उसे घोड़ी बना कर चोदना शुरू किया तो रोहन का लंड उसने अपने मुंह में ले लिया था, मैं उसे धक्के दे रहा था मुझे उसकी चूतडो को पकड़कर उसे चोदने में बड़ा मजा आ रहा था। उसकी गोल और बड़ी चूतडो का रंग मैंने लाल कर दिया था जैसे ही मेरा वीर्य गिरने वाला था तो मैंने अपने लंड को बाहर निकाला और उसके मुंह में डाल दिया उसने मेरे वीर्य को अपने अंदर ही निगल लिया। अब रोहन ने उसकी चूत में अपने लंड को डाल दिया और बहुत तेजी से धक्के देने लगा रोहन की धक्के इतने तेज होते कि उसका पूरा शरीर हिल जाता लेकिन उसका वीर्य गिरने का नाम नहीं ले रहा था और वह उसे तेजी से धक्के दे रहा था। रोहन ने उसे बहुत देर तक चोदा और जैसे ही उसका माल गिरने वाला था तो उसने अपने लंड को बाहर निकालते हुए उसके मुंह के अंदर डाल दिया और उसने उसके वीर्य को अंदर निगल लिया। प्रियंका के साथ सेक्स करना हम दोनों के लिए बहुत अच्छा रहा और हम दोनों ने उसके हुस्न का भरपूर मजा लिया उसके हुस्न को हमने पूरी रात भर चखा और उसके बाद वह चली गई। रोहान प्रियंका का दीवाना हो चुका है और वह उसके पीछे पागल है जब भी उसका मन होता है तो वह प्रियंका को बुला लेता है और उसके साथ जमकर मजे लेता है।
 
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