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Shemale aunty ne gaand me lund diya - Fantasy sex story

मेरा नाम तनिश है और मैं २१ साल का बाईसेक्सुअल लड़का हु, जिसको मारना और मरवाना दोनों ही बहुत पसंद है. ये तब की बात है, जब मेरे 12थ क्लास के एग्जाम खत्म ही हुए थे. मेरे पास कॉलेज से पहले बहुत टाइम था और कुछ खास करने को था नहीं. मैंने कुछ एक्स्ट्रा पैसे कमाने के लिए पड़ोस की एक आंटी के पास काम करने का सोचा. वो आंटी अभी कुछ दिन पहले ही शिफ्ट हुई थी और सामान लगाने के लिए लोग ढूंढ रही थी. उन्होंने मुझे एक हफ्ता काम करने के लिए ५००० रुपए ऑफर किये और मैंने झट से हाँ बोल दी.

उनका नाम अवंतिका था और वो कोई ३५ साल की थी. पर बिलकुल फिट थी. उनकी फिगर सनी लियॉन जैसे थी. आसपास के सारे लड़के उनपर फ़िदा थे. किसी नहीं आ रहा था, कि आंटी मैरिड क्यों नहीं है? पहले दिन जब मैं कोई सुबह गया, तो उन्होंने मुझे देर सारे काम करने को दे दिए. मैंने एक - एक करके डब्बो में से सामान निकालने का काम शुरू कर दिया. पहले मैं उनकी शेल्फ और अलमारी उनके हिसाब से रखी और फिर बाकी सामान रख दिया. मुझे पता नहीं लगा करते - करते २ बज गए. आंटी ने मुझे अच्छे लंच करवाया.

मैंने नोटिस किया, कि आंटी ने टाइट और लो टॉप पहनी थी. उनके बड़े - बड़े बूब्स की क्लीवेज साफ़ दिखाई दे रही थी. उन्होंने मुझे उनके बूब्स को देखते हुए पकड़ लिया। मुझे बहुत आने लगी. तो उन्होंने मुझे कहा - कोई बात नहीं तनिश. यंग लड़के अक्सर मुझपर फ़िदा हो जाते है. मुझे तो लगता है. फिर वो जोरो से हँसने लगी. ये सुन कर मैं रिलैक्स हुआ. हमने लंच खत्म किया वापस काम गया.

कुछ आधे घंटे बाद उन्होंने मुझे आवाज़ दी और मुझे अपने रूम में बुलाया. मैं अंदर गया, तो देखा कि वो अपने बाथ गाउन में थी. मैं जरा चोेक गया. फिर उन्होंने कहा - क्या तुम प्लीज मेरा कंप्यूटर भी चला दोगे? तुम्हे तो आता ही होगा ना? मैंने इशारा कर के हाँ बोल दिया. फिर वो शावर लेने चली गयी. मैंने कुछ ही देर में कंप्यूटर लगा दिया और उसे ऑन करने लगा. जब वो ऑन हुआ, तो मैंने उनके अकाउंट पर क्लिक किया। उस पर कोई पासवर्ड नहीं था. जैसे ही स्क्रीन सामने आया, तो मैं सन्न रह गया. उनके वालपेपर पर फोटो लगी थी. मैं धयान से देख रहा था. उनके स्ट्रेट महरून बाल, बड़े - बड़े बूब्स, उनकी कर्वी कमर पर जैसे ही मैं कमर से नीचे गया, मुझे झटका लग गया. मैंने देखा, कि उस फोटो में उसकी चूत की जगह पर एक बड़ा सा लण्ड था.

मैं उस फोटो को देख कर थोड़ा चौक गया था और वहीँ खोया हुआ था, कि आंटी पीछे से आई से आई और बोली - कैसी लगी मेरी फोटो? मैंने उनकी तरफ देखा, वो बाथरोब में थी. उसके सारे बाल गीले थे. मैं उनको देख कर कुछ बोल नहीं पा रहा था. आंटी ने मुस्कुराते हुए पूछा - अरे क्या हुआ? फोटो अच्छी नहीं लगी? फिर मैं शॉक से बाहर आया और बोला - नहीं आंटी। फोटो तो बहुत हॉट है. पर मुझे नहीं पता था, कि आपके पास.. मैं अपनी बात पूरी नहीं कर पाया. लेकिन वो बोली - क्या? क्या है मेरे पास? उन्होंने अपने लण्ड को सहलाते हुए बोला। मैंने कहा - कुछ नहीं और अपना सिर हलके से हिलाया.

सब ठीक नहीं. मुझे वापस चलना चाहिए. फिर वो मेरे पास आई और मेरा हाथ पकड़ कर अपने बूब्स पर रख दिया. मेरे हाथ अपने आप उनसे खेलने लगे और उनके निप्पल को दबाने लगे. फिर वो मेरी टीशर्ट उतारने लगी. मैंने उनको रोका और बोला - ये आप क्या कर रही हो? ये सब बहुत जल्दी हो रहा है? फिर वो बोली - तुमने मेरे बूब्स को छू कर मेरे अंदर की आग को जगा दिया है. अब जब तक वो बुझ नहीं जायेगी, मुझे चैन नहीं लगेगा और मैं तुमको जाने नहीं देने वाली.

ये बोलते ही उन्होंने मुझे जोर से किस करना शुरू कर दिया. हम दोनों पुरे मजे से स्मूच कर रहे थे. वो मेरे कपडे फिर से उतारने लगी. पर इस बार मैंने उनको नहीं रूका. उन्होंने बिना किस तोड़े मेरे सारे कपडे उतार दिए. मैं भी बहुत देर तक अपने हतह को उनके रॉब के अंदर डाले हुए उनके बूब्स से खेल रहा था. फिर उन्होंने मुझे बीएड पर धकेल दिया और मुझे अपनी अंडरवियर उतारने को बोला. मैंने झट से उतार दी और उन्होंने भी अपनी अंडरवियर को उतार दिया. अब उनका लण्ड मेरे सामने था. वो बहुत ही बड़ा था और मोटा भी. अभी पूरा खड़ा भी नहीं था और मेरे से बड़ा था. मैं सोचने लगा, कि जब उनका लण्ड पूरा तन जाएगा, कि साला कितना बड़ा हो जाएगा.

फिर अवंतिका बेड पर चढ़ गयी और मुझे किस करने लगी. धीरे - धीरे वो हाथो से मेरे गले पर चली गयी और फिर चेस्ट और निप्पल को चाटने लगी और किस कर रही थी. वो मुझे एक लड़की की तरह कर रही थी. पर मुझे बहुत अच्छा लग रहा था, तो मैंने उनको नहीं रोका। वो अपने हाथ मेरे पुरे बदन पर धीरे - धीरे चला रही थी. मेरी साँसे बढ़ने लगी थी और मेरा लण्ड पूरा खड़ा हो गया. धीरे - धीरे वो नीचे मेरी कमर तक गयी और बोली - मुझे तुम्हारी चिकनी बॉडी बहुत अच्छी लगी. मुझे बदन पर बाल पसंद नहीं है. ये बोल कर उन्होंने मेरा पूरा लण्ड एक बारी में अपने मुंह में ले लिया.

मैं जोर से अह्ह्ह्ह् बोला, और वो मेरा लण्ड चूसने लगी. बड़े टाइम बाद मैं किसी के साथ ऐसे कर रहा था. वो लण्ड चूसने लगी. वो लण्ड चूसने एक्सपर्ट थी और मैं २ - ३ मिनट में ही झड़ने वाला था. फीलिंग आने लगी थी झड़ने की. - अवंतिका, मेरा कम निकलने वाला है. मुझे लगा, वो चुस्ती रहेगी. पर उन्होंने मेरा लण्ड अपने मुंह से बाहर निकाल दिया और फिर उन्होंने कहा - इतनी जल्दी तो मैं तुम्हे नहीं झड़ने दूंगी. आज तो तुम नहीं तरीके से कम करोगे. मैंने ये सुनकर कंफ्यूज हो गया.

फिर उन्होंने बोला, अब तुम मेरा लण्ड चुसो. मैं थोड़ा सा हिचकिचाया. पर मैंने सोचा, कि उन्होंने मेरा लण्ड भी तो चूसा था, तो मुझे भी उनका लण्ड चूसना चाहिए. फिर बेड पर खड़ी हो गई और मैं बेड पर उनके सामने बैठ गया. उनका लण्ड अब मेरे सामने था. मैंने देखा, कि उनके बॉल भी बड़े बड़े थे. फिर मैं उनको सहलाने लगा. १ - २ मिनट तक मैं यही करता रहा और फिर आंटी ने मेरे बाल पकड़ कर मेरे मुंह में अपना लण्ड देने लगी. मैं समझ गया, कि वो क्या चाहती है. फिर मैंने अपना मुंह खोल दिया और आँखे बंद कर के उनका लण्ड चूसने लगा.

मुझे बड़ी दिक्कत हो रही थी. पर मैं पूरी कोशिश कर रहा था. उनका लण्ड बहुत ही बड़ा था और पूरा मेरे मुंह में फिट नहीं हो पा रहा था. मैंने अपनी जीभ उनके लण्ड के टॉप पर धीरे - धीरे घुमानी शुरू की और लण्ड के छेद को अच्छे से चाट रहा था. मैंने अपनी आँखे खोल कर देखा, कि वो मुझे देख कर स्माइल कर रही थी. वो बोली - तुम ऐसे मेरा लण्ड चूसते हुए बड़े प्यारे लग रहे हो, तनिश. मैंने कुछ नहीं बोला और चूसते रहा. कुछ ५ मिनट के बाद उन्होंने मेरे बालों से मेरा मेरा सिर हटाया. मैंने बोला - क्या हुआ? क्या मैं अच्छे से नहीं चूस पा रहा? फिर अवंतिका मेरे साथ आ कर बैठ गई और मुझे किस करते हुए बोला - तुम बहुत अच्छे से चूसते हो. बस मैं अभी कम नहीं निकालना चाहती.

हम कुछ १ - २ मिनट तक स्मूच करते रहे और फिर अवंतिका ने मुझे हल्का सा धक्का दे कर वापस से लिटा दिया और फिर उल्टा कर दिया. मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था. फिर वो मेरे गले पर किस करने लगी और पहले की तरह ही मेरी पीठ को चाटते हुए, मेरी गांड तक पहुंच गयी. फिर उन्होंने मेरी गांड के छेद पर एक लम्बा सा किस किया और अपनी जीभ को अंदर डाल दिया. मैं आनंद के मारे चीख पड़ा. मुझे पहले इतना आनंद महसूस नहीं हुआ था. पर मैं समझ गया, कि अवंतिका आंटी मेरी गांड की सील तोड़ना चाहती है. इस से मुझे पहले तो बहुत डर लगा, पर मैं इस सबको रोकना नहीं चाहता था, क्योंकि मजा बहुत आ रहा था.

वो करीब ५ मिनट तक मेरी गांड पर स्मूच करती रही और मेरे हिप्स को दबाती रही. और मैं किसी ब्लूफिल्म की लड़की के तरह सिसकारियाँ मारता रहा आहहह आह्ह्ह ह्ह्ह्ह्ह्ह् म्म्म्म्म करता रहा. फिर वो रुक गयी और मेरे ऊपर लेट गयी और फिर से मेरे गले को किस करने लगी. उनका लण्ड मेरी गांड के बीच में था. उसकी गर्मी में अब मुझे अच्छे महसूस होने लगी थी. मुझे उनके बूब्स अपनी पीठ पर फील हो रहे थे. फिर उन्होंने अपना एक हाथ मेरे पेट के पास लायी और मेरी कमर को हलके से ऊपर खींचा. उन्होंने अपना लण्ड मेरी गांड के छेद पर रख दिया.

अवंतिका नहीं रुको.. मैंने धीरे से बोला,

उन्होंने मेरे कान पर किस किया और धीरे से बोली - चिंता मत करो. मैं धीरे से शुरू करुँगी. मैं कुछ नहीं बोला और उन्होंने अपना लण्ड अंदर डालना शुरू कर दिया. उनके चाटने से मेरा छेद गीला और चिकना हो चूका था और उनको अंदर डालने में मद्दत मिल रही थी. उनका लण्ड का अचानक से मेरी गांड में घुस गया. मेरी एक जोर से चीख निकल गयी. मेरी सील टूट गयी थी. मुझे ऐसा लगा, जैसे मेरी गांड आज फटने वाली है.

मेरी चीख सुन कर अवंतिका रुक गयी और मेरे कान पर किस करने लगी और साथ ही साथ में मेरी बॉडी को सहला रही थी. कुछ देर बाद, जब मैं शांत हुआ, तो उन्होंने बिना किसी चेतावनी के अपना पूरा लण्ड मेरी गांड में डाल दिया. मैं दर्द के मारे मरने ही वाला था. मैंने अपना मुंह सामने वाले पिलो में डाल दियाम ताकि आवाज़ नहीं आये. अवंतिका फिर रुक गयी और फिर से गले और कान पर किस करने लगी थी.

कुछ देर बाद मेरा दर्द कम हुआ और फिर अवंतिका ने मेरी कमर को पकड़ा और धीरे - धीरे अपना लण्ड अंदर - बाहर करने लगी. वो अपना पूरा लण्ड धीरे - धीरे बाहर खिचती और जब सिर्फ टॉप अंदर रह जाता था, तो झट से वापस अंदर घुस देती थी. जैसे ही वो वापस डालती थी, मेरी बॉडी जोर से लगती और साथ ही मेरी आनंद भरी सिसकारी निकल जाती। पुरे कमरे में थप - थप की आवाज़ गूंज रही थी थी. उनका मोटा लण्ड मेरी गहराइयों को छू रहा था. मुझे ऐसी फीलिंग हो रही थी, जो मैंने कभी पहले महसूस नहीं की थी. मैं आनंद से पागल हो रहा था.

कुछ ५ - ६ मिनट तक ये ही चला. फिर उन्होंने अपना लण्ड पूरा बाहर निकाल लिया और मेरे साइड में खड़े हो गयी और बोली - मेरे लण्ड पर चढ़ जाओ. मैं समझ गया, कि वो क्या चाहती है? क्योंकि मैंने ये सब पोर्न मूवी में देखा था. मैं उनके ऊपर बैठ गया और अपनी गांड के छेद को उनके लण्ड पर रखा और ऊपर नीचे होने लगा. वो अपने हाथो से मेरी बॉडी को सहलाती रही. जब मैं पूरा नीचे हो गया, तो उनका लण्ड अब पिछली बारी से भी ज्यादा अंदर चले गया. मैं उनके लण्ड पर ऊपर नीचे हो रहा था. मनो मैं किसी घोड़े की सवारी कर रहा हो. मेरी सिसकारियाँ बढ़ गयी थी. मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था. ऐसा लग रहा था मानो मैं किसी नशे में हु.

मैं काफी देर तक ऐसे ही ऊपर नीचे होता रहा. मैं हैरान था, कि अवंतिका अभी तक झड़ी नहीं थी. मैं ऊपर नीचे हो रहा था और अब थक चूका था और मैं उसके ऊपर ही लेट गया. उनका लण्ड अभी भी मेरी गांड के अंदर ही था. फिर वो मुझे किस करने लगी और उन्होंने मेरी कमर कस कर पकड़ी और जोर - जोर से अपने लण्ड को अंदर बाहर करने लगी. इस अचानक जोरदार चुदाई से मैं पागल होने लगा था. उनका लण्ड बहुत तेजी से अंदर बाहर होने लगा था. उन्होंने किस भी नहीं रोकी और मेरी सिसकारियाँ भी दब रही थी. चुदाई की आवाज़ वापस आने लगी. पर अलग थप थप थप. हम्म्म्म थप थप हम्म्म्म्म.

उन्होंने मुझे इस तरह भी काफी देर तक चोदा. अब करीब आधा घंटा हो गया था. उनकी स्पीड धीरे - धीरे स्लो होने लगी. इस पूरा टाइम हम साथ - साथ किस भी कर रहे थे. फिर उन्होंने अपना लण्ड बाहर निकाले बिना मुझे पलट दिया. अब मैं पीठ के ऊपर लेटा था और मेरी टाँगे ऊपर उठी हुई थी. उन्होंने किस तोड़ी और अपने हाथो के सहारे से ऊपर उठी और हम दोनों की आँखे एक दूसरे से मिली। उन्होंने मुझे देख कर स्माइल करना शुरू कर दिया और मुझे धीरे - धीरे चोदना शुरू कर दिया. उनके बूब्स भी आगे - पीछे हो रहे थे. वो बहुत ही सूंदर लग रही थी.

"मजा आ रहा है ना तनिश?" उन्होंने पूछा। मैंने बड़ी ही मुश्किल से हाँ से बोला. "क्या तुम मुझ से रोज़ाना अपनी गांड मरवाओगे?" मैंने फिर से हाँ बोल दिया. वो हँस पड़ी. मुझे किसी रंडी जैसी फीलिंग आ रही थी. लेकिन मुझे ये फीलिंग बहुत अच्छी लग रही थी. अवंतिका मुझे जोर - जोर चोद रही थी.

अब मेरी सिसकारियाँ रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी. मैं ाहहह अहहह और चोदो मुझे अहहह ाहहह बोल रहा था. वो मुझे चोद रही थी जोर से. फिर उनकी स्पीड काम हो गयी, पर वो मेरे ज्यादा अंदर जाने लगी. तनिश मैं झड़ने वाली हु. तुम्हारी गांड आज मेरे रस से पूरी तरह से भीग जायेगी। ये सुन कर मुझे बहुत ख़ुशी हुई. फिर एक लास्ट झटके में वो पूरा अंदर गयी और उनका लण्ड में से गरम लावा जैसा रस मेरी गांड में बहने लगा. वो फीलिंग मैं कभी नहीं भूल पाउँगा। इस से मैं अपने को रोक नहीं पाया और मैंने अपने लण्ड को बड़ी ही मुश्किल से दोबारा हिलाया और झड़ गया. मेरा खुदका रस मेरे ऊपर ही गिर गया. वो मेरे गले तक पहुंच रहा था.

अवंतिका पूरी तरह से थक कर मेरे ऊपर गिर गयी. हम ऐसे ही पड़े रहे, ताकि हम दोनों नार्मल हो जाए. बीच - बीच में हम किस भी कर रहे थे. धीरे - धीरे उनका लण्ड छोटा होता गया और अपने आप बाहर निकल गया. उनका रस मेरी गांड के छेद से अभी भी टपक रहा था. कुछ देर बाद, हम देर बाद हम उठे और शावर लेने चले गए. हम वहां भी किस करते रहे थे. उन्होंने फिर से मेरी गांड चाटी और उसके अंदर का रस पिया। मैंने अपनी गांड में ऊँगली डाल कर देखा, तो वो बहुत ही लूज़ हो चुकी थी.

फिर मैं तैयार हो कर घर जाने लगा और उन्होंने मुझे पैसे दिए. अब तो मैं पूरा रंडी बन चूका था. घर के रास्ते में उनका रस धीरे - धीरे मेरे अंडरवियर से टपक रहा था और मुझे उसकी गीली फीलिंग बहुत अच्छी लग रही थी.

अब मैं उनके पास रोज़ जाता हु और उस दिन के बाद से मेरी गांड कभी वापस टाइट नहीं हुई.
 
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