शोभिता से जब होठ से होठ मिले

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Hindi sex story, antarvasna: मैं काफी दिनों से पापा और मम्मी से नहीं मिल पाया था तो सोचा कि अपने ऑफिस से छुट्टी लेकर पापा और मम्मी से मिल आता हूं। पापा भी अब अपने ऑफिस से रिटायर हो चुके थे और वह ज्यादातर घर पर ही रहते हैं। मैं मुंबई में नौकरी करता हूं और मैं चाहता था कि कुछ दिनों के लिए अपने घर सूरत चला जाऊं। मैं कुछ दिनों के लिए अपने घर चला गया और कुछ दिनों तक मैं सूरत में ही रहा उसके बाद मैं वहां से वापस मुंबई लौट आया। एक दिन मेरे दोस्त ने मुझे फोन किया और उसने मुझे अपनी पार्टी में इनवाइट किया क्योकि उस दिन उसका जन्मदिन था। मेरा दोस्त जो पहले मेरे ऑफिस में ही जॉब किया करता था लेकिन अब वह अपना बिजनेस शुरू कर चुका है। उसका बिजनेस बहुत ही अच्छे से चल रहा है वह काफी ज्यादा खुश भी है जिस तरीके से उसका बिजनेस चल रहा है।

मैं उस दिन अपने दोस्त राजेश की पार्टी में चला गया और जब मैं उसकी पार्टी में गया तो वहां पर उसने मुझे अपनी एक फ्रेंड शोभिता से मिलवाया शोभिता से मिलकर मुझे अच्छा लगा। उस दिन मैं शोभिता से पहली बार ही मुलाकात कर रहा था और मुझे उससे बात करके ऐसा लग रहा था जैसे कि मैं उससे ही बातें करता रहूं और शोभिता से उस दिन मैंने काफी बातें की। पार्टी में हम दोनों एक दूसरे के इतने ज्यादा नजदीक आ गए थे कि मुझे कभी उम्मीद भी नहीं थी कि मैं शोभिता से फोन पर भी अब बातें करने लगूंगा। उस दिन के बाद हम दोनों एक दूसरे से फोन पर भी बातें करने लगे थे और हम दोनों की दोस्ती बहुत ज्यादा गहरी होती जा रही थी। मुझे शोभिता के साथ बहुत अच्छा लगता और उसे भी मेरे साथ बहुत ही अच्छा लग रहा था। जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे के साथ में समय बिताया करते हैं उससे मुझे बड़ी खुशी होती और शोभिता को भी बहुत अच्छा लगने लगा था। शोभिता और मैं और भी ज्यादा नजदीक आ चुके थे और हम दोनों एक दूसरे से अपने दिल की बात भी कह चुके थे।

शोभिता ने मुझे अपने बारे में सब कुछ बता दिया था वह अपनी मां के साथ रहती है और उसकी मां ने ही उसकी बचपन से परवरिश की है। शोभिता के पापा और उसकी मां के डिवोर्स हो जाने के बाद उसकी मां ने ही शोभिता की देखभाल की थी इसलिए शोभिता भी अपनी मां की बहुत ज्यादा करीब है और वह अपनी मां से बहुत ज्यादा प्यार करती है।

सब कुछ हम दोनों की जिंदगी में अच्छे से चल रहा था और हमारा रिलेशन भी दिन ब दिन और भी ज्यादा मजबूत होता जा रहा था। हम दोनों एक दूसरे के बहुत ही ज्यादा करीब आ चुके थे और एक दूसरे को हम लोग बहुत ही चाहने लगे थे। अब समय के साथ साथ हम दोनों का रिलेशन और भी ज्यादा मजबूत हो गया था। मैंने एक दिन शोभिता से कहा कि क्यों ना हम लोग शादी कर ले तो शोभिता ने मुझे कहा कि राजीव मैं अभी शादी नहीं करना चाहती हूं। मैंने जब शोभिता से इसके पीछे की वजह पूछी तो उसने मुझे बताया कि उसके पापा और मम्मी के अलग हो जाने के बाद उसकी मां ने ही उसकी देखभाल की है और वह चाहती है कि वह अपनी मां को थोड़ा समय दे सके।

मैंने शोभिता को कहा कि शोभिता अगर तुम अपनी मां को हमारे साथ में रखना चाहती हो तो मुझे इसमें कोई परेशानी नहीं है। शोभिता ने मुझे कहा कि राजीव मुझे थोड़ा समय चाहिए क्योंकि मेरे अलावा इस दुनिया में मां का कोई भी नहीं है और मां सबसे ज्यादा भरोसा मुझ पर ही करती है। मैंने शोभिता की बात को मान लिया और फिर हम लोगों ने भी इस बारे में दोबारा बात भी नहीं की।

मैं और शोभिता एक दूसरे के साथ रिलेशन में थे और हम दोनों को बहुत ज्यादा अच्छा भी लगता है जब भी हम दोनों साथ में होते हैं और जब एक दूसरे के साथ समय बिताया करते थे हमे एक दूसरे का साथ बहुत ही अच्छा लगता था। एक दिन मैं और शोभिता साथ में थे तो उस दिन शोभिता ने मुझे कहा कि राजीव क्यों ना हम लोग कहीं घूमने के लिए जाएं। मैंने शोभिता को कहा कि लेकिन हम लोग कहां घूमने के लिए जाएंगे तो शोभिता चाहती थी की हम लोग कुछ दिनों के लिए लोनावला जाए। मैंने शोभिता को कहा कि ठीक है यदि तुम्हे लोनावला चलना है तो मैं उसके लिए तैयार हूं। एक दिन हम दोनों ही सुबह के वक्त घर से निकले उस दिन हम दोनों साथ में थे और मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था जिस तरीके से मैं और शोभिता उस दिन साथ में समय बिता रहे थे।

हम दोनों बहुत ही ज्यादा खुश है और मुझे बहुत ही अच्छा लगा जब शोभिता और मैं एक दूसरे के साथ में समय बिता रहे थे। हम दोनों सुबह के वक्त लोनावला के लिए निकल चुके थे हम लोग वहां पर ज्यादा समय तक नहीं रुके और हम लोग जल्दी ही लोनावाला से वापस लौट आए थे। हम लोग जब घर लौटे तो उस वक्त हमें देर रात हो गई थी और हम लोग बहुत ही ज्यादा खुश थे शोभिता के साथ मैं रिलेशन में बहुत ही खुश था। मैं शोभिता के साथ अच्छे से समय बिता रहा हूं और हम दोनों एक दूसरे को बहुत ही अच्छे से समझते हैं इसलिए हम दोनों को एक दूसरे का साथ बहुत ही अच्छा लगता है। जब भी मैं और शोभिता एक दूसरे के साथ होते हैं तो मैं बहुत खुश रहता हूं।

मुझे कभी भी कोई परेशानी होती है तो मैं शोभिता के साथ उस परेशानी को डिस्कस कर लिया करता हूं और मेरी सारी परेशानी पल भर में ही दूर हो जाया करती है और मैं बहुत ही ज्यादा खुश रहता हूं। शोभिता और मैं एक दूसरे के साथ में ज्यादा से ज्यादा समय बिताया करते और हम दोनों को एक दूसरे का साथ बहुत ही अच्छा लगता था जब भी मैं और शोभिता साथ मे होते हम दोनों बहुत ही ज्यादा खुश रहते। एक दिन मैं और शोभिता साथ में थे उस दिन जब हम दोनों बातें कर रहे थे हम दोनों को ही बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था मैं शोभिता के साथ में अच्छा समय बिता रहा था वह भी मेरे साथ बहुत ज्यादा खुश थी। मैंने उस दिन शोभिता से कहा आज मैं तुम्हारे साथ कहीं अकेले में रुकना चाहता हूं।

वह भी मेरी बात मान गई और कहने लगी ठीक है आज हम लोग कहीं साथ में रुक जाते हैं। उस दिन हम दोनों में साथ में रुकने का फैसला किया जब उस दिन हम दोनों साथ में थे तो मैं और शोभिता एक दूसरे के साथ सेक्स करने के लिए तड़प रहे थे। कहीं ना कहीं हम दोनों की तड़प बढ रही थी। मैंने उसकी जांघों को सहलाना शुरू कर दिया था। जब मैं उसकी जांघों को सहला रहा था मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था और शोभिता को भी बड़ा मजा आ रहा था जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे के साथ में सेक्स करने के लिए तड़पने लगे थे।

हम दोनों की गर्मी बढ़ने लगी थी मैं शोभिता के साथ अपने होठों को टकराने लगा था। जब मैं और शोभिता एक दूसरे के होठों को आपस मे टकरा रहे थे हम दोनों को बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था हमारी गर्मी बहुत ही ज्यादा बढ रही थी जिस तरीके से मैंने और शोभिता को किस किया था हम दोनों को अच्छा लग रहा था। हम दोनों एक दूसरे की गर्मी को बढ़ाते जा रहे थे। जब वह पूरी तरीके से गर्म होने लगे मैंने शोभिता को कहा तुमने आज मेरी गर्मी को बढ़ा दिया है। शोभिता ने मेरे लंड को बाहर निकालते हुए अपने मुंह में ले लिया और वह बड़ी अच्छी तरह उसे सकिंग करने लगी थी।

जिस तरीके से वह मेरे मोटे लंड को चूस रही थी उससे मुझे मजा आने लगा था और शोभिता को भी बड़ा अच्छा लग रहा था जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे की गर्मी को बढ़ाए जा रहे थे। अब हम दोनों ने एक दूसरे की गर्मी को काफी ज्यादा बढ़ा दिया था जिससे कि हम दोनों बिल्कुल भी रह नहीं पा रहे थे। ना तो मैं अपने आप को रोक पा रहा था ना ही शोभिता अपने आपको रोक पा रही थी यही वजह थी हम दोनों एक दूसरे के साथ में सेक्स करने के लिए तैयार हो चुके थे।

मैंने शोभिता की योनि के अंदर अपने लंड को डालने का फैसला कर लिया था इतना लंबे रिलेशन के बाद पहली बार था जब शोभिता और मै सेक्स कर रहे थे। वह मेरे लंड को अपनी योनि मे लेने को तैयार थी उसने अपने पैरों को खोल लिया था जिससे कि मैं अपने लंड को उसकी योनि में डालने के लिए तैयार था। जैसे ही मैंने शोभिता की योनि पर अपने लंड को टच किया वह भी तड़पने लगी मेरी गर्मी भी बढ़ने लगी थी। मैंने उसकी योनि में लंड को डालने के लिए तैयार हो चुका था जैसे ही मैंने शोभिता की चूत में लंड को डालने का फैसला किया मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लगने लगा था उसको भी काफी ज्यादा अच्छा लग रहा था।

अब हम दोनों बहुत ज्यादा गर्म होने लगे थे। हमारी गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी शोभिता और मैं एक दूसरे के साथ में सेक्स का जमकर मजा ले रहे थे। मैंने शोभिता की चूत के अंदर बाहर लंड को किया जिससे कि वह बहुत तेजी से सिसकारियां ले रही थी उसकी गर्मी बढ़ती ही जा रही थी। मेरी गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी। मैंने शोभिता से कहा मैं बिल्कुल भी रहा नहीं पा रहा हूं।

शोभिता ने कहा मुझसे भी रहा नहीं जा रहा है इसलिए मैंने जब शोभिता की चूत मे अपने माल को गिराया तो मैंने अपनी इच्छा को पूरा कर लिया था। मेरी इच्छा पूरी हो चुकी थी और शोभिता भी बहुत ज्यादा खुश थी जिस तरीके से हम दोनों ने एक दूसरे के साथ में सेक्स संबंध बनाए थे और एक दूसरे की गर्मी को शांत कर दिया था। हम दोनों को बड़ा ही अच्छा लगा था जब शोभिता और मैंने एक दूसरे के साथ पहली बार सेक्स संबंध बनाए थे।
 
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