संस्थान की चुदासी डायरेक्टर को चोदा

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यह देख कर मैं घबरा गया और मैं वहाँ से निकल कर अपने रूम पर आ गया. दूसरे दिन जैनी ने मुझे बुलाया और गिफ्ट दिया. मैं सोचने लगा कि अचानक गिफ्ट किस लिए. फिर मुझे कुछ-कुछ समझ में आने लगा, लेकिन पहले मैं कन्फर्म करना चाहता था तो मैंने उससे उसका फ़ेसबुक आइडी माँगा तो उसने दे दिया. फिर उसका मोबाइल नंबर मांगा तो उसने वो भी खुशी से दिया…

हेलो दोस्तों, मेरा नाम अमन है और ये मेरी पहली कहानी है. मैं यहाँ पर अपनी एक सच्ची कहानी लिख रहा हूं. मेरी उम्र 26 साल है और मेरी लंबाई 5.7 फिट है. मैं एक स्मार्ट लड़का हूँ और मेरी आँखें बहुत ही नशीली हैं. मेरा बदन भी दिखने में काफी अच्छा है. मेरा लन्ड 6 इंच का है और मोटा भी इतना है कि किसी औरत को पूरा मज़ा दे सकता है और मुझमें सबसे खास ये है कि मेरे बात करने का तरीका लोगों को बहुत पसंद आता है.

अभी मैं दिल्ली में अपना बिजनेस करता हूँ और ये बात 3 साल पहले की है, जब मैं चेन्नई के एक इन्स्टिट्यूट में पढ़ता था. एक दिन मेरे सर को बुखार आ गया था, जिसके कारण वो इन्स्टिट्यूट नहीं आए. तो मैं और मेरा एक दोस्त वहीं पास के एक वेडिंग हॉल में जाकर बातें करने लगे. वेडिंग हॉल के सामने ही मेरे कॉलेज के डायरेक्टर का आफिस था. उसका नाम जैनी है और उनकी उम्र 28 साल है. उनकी लंबाई 5.5 फिट और शरीर की बनावट 36-28-36 की थी और उनके भरे हुए बदन से सेक्स टपकता था. वो एक दम हुस्न की मालिका लगती थी.

मैं उसे पहले भी देखता था, लेकिन मैं कभी उस पर ध्यान नहीं देता था. क्योंकि वो इन्स्टिट्यूट की डायरेक्टर थी और मेरी एक गलती मेरी पूरी लाइफ बर्बाद कर सकती थी. उस दिन मैंने पहली बाद उस पर ध्यान दिया. उसकी भी नजर पहले से ही मुझ पर थी. वहां पहुंच कर मैं 10 मिनट तक उसको दबी नज़रों से देखता रहा और वो मुझे हवस भरी निगाहों से देखती रही.

यह देख कर मैं घबरा गया और मैं वहाँ से निकल कर अपने रूम पर आ गया. दूसरे दिन जैनी ने मुझे बुलाया और गिफ्ट दिया. मैं सोचने लगा कि अचानक गिफ्ट किस लिए. फिर मुझे कुछ-कुछ समझ में आने लगा, लेकिन पहले मैं कन्फर्म करना चाहता था तो मैंने उससे उसका फ़ेसबुक आइडी माँगा तो उसने दे दिया. फिर उसका मोबाइल नंबर मांगा तो उसने वो भी खुशी से दिया.

रात को हमने फोन पर बात की. अगले दिन मिलने पर मैंने मौका मिलने पर उसकी मस्त गांड़ पर हाथ फिरा दिया तो वो खुश होकर मेरे गाल पर हाथ फिराने लगी और फिर चली गई. अगले दिन मैं इंतजार कर रहा था कि कब वो अकेले में मुझसे मिले. लंच का टाइम था, सब लोग लंच को गए थे, लेकिन मैं जैनी के ऑफिस में चला गया. वहां मैंने देखा कि जैनी अकेले थी. मुझे मौका मिला तो मैंने जैनी से बोला – मैडम, मैं आप से प्यार करता हूँ.

मेरे इतना कहने पर उसने मुझे पकड़ा और अपने गोद में खींच लिया और किस करने लगी. फिर वो बोली – मैं तो कब से इस दिन का इंतजार कर रही थी.

फिर हम दोनों ने मिलकर लंच किया. अगले दिन संडे था, तो हमने घूमने का प्लान बनाया. अगले दिन 11 बजे जैनी अपनी स्कूटी लेकर सही टाइम पर आ गई. हम दोनों वहां से चिड़ियाघर गये और अंदर एक ऐसी जगह पर जाकर बैठे, जहां कोई नहीं जाता था. वहां बैठ कर हम बहुत सारी बातें करने लगे. फिर कुछ देर बाद हम किस करने लगे और फिर मैंने उसकी चूंची दबाना शुरू कर दिया. लेकिन हम वहां पर चुदाई नहीं कर सकते थे. क्योंकि वहां पर कोई कभी भी आ सकता था.

फिर उस दिन जैनी ने रात को मुझे अपने घर पर बुलाया. उसके घर में केवल उसकी मां थी और उसके पापा मुंबई गए हुए थे. रात को 10 बजे मैं जैनी के घर पहुंच गया. उसकी मां सो गई थी. धीरे से जैनी ने गेट खोला और मुझे अंदर लेकर गेट बंद कर दिया. अंदर अंधेरा था तो मैं उसे वहीं पर किस करने लगा और उसकी मस्त चूंचियों को मसलने लगा. ये सिलसिला करीब 5 मिनट तक चला.

फिर जैनी बोली – रूम में चलो.

और फिर हम उसके रूम में आ गया अंदर आते ही मैंने जैनी को बेड पर धकेल दिया. वो बेड पर गिर गई और मैं उसको किस करने लगा और मैं साथ में उसकी चूंची भी दबा रहा था. वो भी मेरा पूरा साथ देने लगी. करीब 15 मिनट तक चला ये सिलसिला और फिर जैनी बोली – अपने कपड़े उतारो.

अब हम दोनों ने अपने – अपने कपड़े उतारे और जैनी लेट गई. मैंने उसकी कमर के नीचे 2 तकिया लगाया और जैनी से बोला – अपनी दोनों टाँग ऊपर उठाओ और टांगों को मेरे कंधे पर रखो.

उसने ऐसा ही किया. फिर मैंने अपना 6 इंच का लंड जैनी की चूत के द्वार पर रख के धीरे – धीरे अंदर पेलने लगा. उसकी चूत थोड़ी टाइट थी, शायद उसने कुछ दिनों से चुदाई नहीं की थी. फिर मैंने अपना लंड पूरा अंदर कर दिया और उसके बाद मैंने अपने दोनों हाथ से जैनी के सिर को पकड़ा और धक्का मारने लगा. जैनी अपने ही हाथों से अपनी टाँग को पकड़े हुए थी.

मुझे पूरा मौका मिल रहा था धक्का मारने को और मैं उसका सिर पकड़ कर ज़ोरदार धक्का मार रहा था. करीब 10 मिनट बाद जैनी की चूत ने पानी छोड़ दिया. दोस्तों, चूत का गर्म पानी जब लंड में लगता है तो चोदने का मज़ा दस गुना और ज्यादा हो जाता है. जैनी की चूत पानी छोड़े जा रही थी और मेरे चोदने का मज़ा उतना ही ज्यादा हो रहा था. फच्च – फच्च की आवाज़ पूरे रूम में गूँज रही थी.

जैनी की चूत ने इतना पानी छोड़ा की दोनों तकिया चूत के पानी से पूरा भीग गया. कितनी बार जैनी की चूत ने पानी छोड़ा इसकी कोई गिनती नहीं थी. फिर मैंने तकिया हटा दिया क्योंकि वो बहुत गीली हो गई थी और फिर मैंने जैनी को उल्टा लिटाया और जैनी की दोनों टाँग को फैला दिया और मैं उसके ऊपर आ गया और जैनी की चूत में पीछे से लंड डाल दिया. फिर मैंने जैनी का सिर पकड़ कर धक्का देने लगा. 2 मिनट बाद जैनी की चूत से फिर गर्म पानी की गंगा बहने लगी और फच्च – फच्च की आवाज़ बहुत ज़ोर से आने लगी. करीब 30 मिनट की चुदाई के बाद जैनी बोलने लगी – अमन अब मेरी चूत में बहुत जलन होने लगी है और कमर भी दर्द से फटी जा रही है. अब बस करो.

मैं बोला – जैनी, तेरी चूत ने तो अपनी गंगा बहा दिया, लेकिन मेरे लंड से पानी का तो अभी एक कतरा भी नहीं गिरा.

जैनी बोली – तुम्हारे लंड का पानी मैं अपने मुँह से चूस कर निकाल देती हूँ.

मैंने कहा – ठीक है.

फिर वो मुँह में मेरा लंड लेकर चूसने लगी और थोड़ी देर बाद मेरे लंड ने पानी जैनी के मुँह में ही छोड़ दिया. जैनी उस पानी को उगलने लगी तो मैंने उसका मुँह अपने हाथों से बंद कर दिया और फिर जैनी पूरा पानी गटक गयी.

फिर हम दोनों ने थोड़ा आराम किया और हमें नींद आ गई. जब हमारी आँख खुली तो उस समय सुबह के 5 बज गये थे. हम दोनों ने अपने कपड़े पहना और मैं जाने लगा. तभी जैनी बोली – अब हम हफ्ते में कम से कम 3 बार चुदाई करेंगे. फिर मैंने जैनी को किस किया और अपने रूम आ गया.

दोस्तों, आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी ज़रूर बताएं. आप के मेल का मुझे बेसब्री से इंतजार रहेगा
 
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