सर की बीवी की सहेली की चुदाई

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जैसा मैंने बताया कि मेडम की चुदाई मेरे द्वारा होने लगी थी और सर को कोई ऐतराज नहीं था.
एक दिन मैं बाजार कुछ सब्जी वगैरह लेने गया था तब वहाँ मुझे मेडम मिलीं. चूँकि वो कुछ दिनों से कहीं बाहर गईं थीं तो मैं उनसे यों ही हालचाल पूछने लगा.

तभी वहाँ एक और लेडी आई जो उनकी सहेली थी, लगभग 30 साल की थीं. उन्होंने मेडम से थोड़ी यहाँ वहाँ की बातें कीं और मेरे बारे में पूछने लगीं कि इसे कैसे जानती हो, लगता है कोई क्लोज रिलेशन है?
मेडम ने मुझे अपना दोस्त बताया.

फिर मैं वहाँ से अपने घर वापस आ गया. लगभग 2 घंटे के बाद मेडम ने मुझे कॉल करके घर आने को कहा और साथ में दो कॉन्डोम लाने को कहा.
मैंने उनसे पूछा- दो क्यों?
तो वो बोलीं- एक सरप्राइज है, जल्दी आना!

मैं उनके घर चला गया, उनके घर पर उस समय दो लोग थे मेडम और वो लेडी जो हमें मार्किट में मिली थीं.

मैं सोफे पर बैठ गया तो वो आंटी मुझसे बोली- मुझे जानते हो?
तो मैंने कहा- नहीं.
वो बोली- मैं तुम्हारे घर के पीछे ही रहती हूँ. तुम्हारी मेडम ने तुम्हारे बारे में बहुत कुछ बताया तो हमने भी सोचा कि क्यों ना आजमा के देखें.
तो मैंने कहा- मतलब? मैं समझा नहीं!

पीछे से मेडम बोली- आज से तुम्हारे दो दोस्त हो जाएंगे जो तुम्हें बहुत खुश रखेंगे. आज तुम हम दोनों को एक साथ चोदोगे तो तैयार हो जाओ.
मैंने कहा- ठीक है.
और मैं उन्हें बैडरूम में ले गया. वो देखने में मेडम से भी ज्यादा हॉट थी तो मैंने जाते ही उन्हें किस करना शुरू कर दिया. वो भी पूरा साथ दे रही थी, उन्होंने मेरी पेंट खोलकर लंड अपनी मुट्ठी में भर लिया और आगे पीछे करने लगी. मैं अपने हाथों से उनके टाइट हो चुके चूचों को दबा रहा था. थोड़ी देर में मेडम भी आ गईं और हमें देखकर अपनी चूत में उंगली करने लगी.

मैंने उन्हें लंड मुंह में लेने को कहा तो उन्होंने मना कर दिया.
मेडम बोली- मैं ले लेती हूं.

मैंने उन आंटी को बेड पर कपड़े उतार कर लिटा दिया और पूरे जोश के साथ मुंह से उनकी चूत पर टूट पड़ा. यहाँ मेडम मेरे लंड को चूस रही थीं, उधर वो बेड पर फड़फड़ा रही थी.
थोड़ी देर में उन्होंने पानी छोड़ दिया तो मैंने मेडम की चूत चाटनी शुरू कर दी. जैसे ही वो दोबारा जोश में आईं मैंने कॉन्डोम चढ़ा कर बिना पूछे बताए एक बार में ही पूरा लंड उनकी चूत में उतार दिया.
उनके मुँह से एक लंबी चीख निकली जिस पर मैंने ध्यान नहीं दिया और लगातार पूरे जोश के साथ धक्के देने लगा.

पहले तो वो चीखीं, चिल्लाईं और फिर गांड उठा उठा कर मजे लेने लगीं. मेरा हाथ अब मेडम की चूत में चल रहा था और लंड उन आंटी की चूत में…
हम दोनों पसीने पसीने हो गए थे लेकिन मैं झड़ने का नाम नहीं ले रहा था जबकि बो दो बार झड़ने के साथ पोजीशन बदल रहीं थीं. जब मुझे लगा कि बस अब ये बहुत थक गईं हैं तो मैंने कॉन्डोम बदले बिना ही मेडम की चूत में घुसा दिया.

उनकी तरह वो ज्यादा चीखी चिल्लाईं नहीं और थोड़ी देर की दनादन चुदाई के बाद हम दोनों ही झड़ गए.

तब तक आंटी होश में आ गईं थीं और साफ सफाई करके हम तीनों सोफे पर बैठ गए थे.

तभी घर की बेल बजी, मेडम ने गेट खोला, तो वो सर थे. वो फ्रेश होने गए और आंटी मुझे अपना नंबर देकर चली गई.

और जब मैं आने लगा, तभी सर ने मुझे रोका और बोले- तुम तो बड़े खिलाड़ी निकले, एक साथ दो दो? और उनकी शक्ल देखकर लग नहीं रहा था कि थोड़े में मानी होगीं वो!(उन आंटी के बारे में) क्या कोई दवा खाते हो क्या?
तो मैंने कहा- नहीं!
और वहाँ से चला आया.

रात के समय मुझे उन आंटी का फ़ोन आया, उन्होंने मुझे थैंक्स कहा और सुबह मिलने को कहा.

सुबह उन्होंने मुझे एक गिफ्ट दिया जो थोड़ा मंहगा था और उनकी सारी बातों को सीक्रेट रखने का प्रोमिस किया और बोलीं कि अगली बार वो फोन लगाएंगी.

तो कहानी यहीं समाप्त होती है. हाँ थोड़ा पचड़ा था इस कहानी में क्योंकि मुझे उन आंटी का नाम भी मालूम नहीं था. अब तक हम कई बार मिल चुके है और वो मुझे भी खुश रखती हैं.
 
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