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मैं 30 साल का एक युवक हूँ। मैं दिल्ली में रहता हूँ। अभी 6 महीने पहले ही मेरी शादी एक मासूम लड़की अंजलि के साथ हुई। उसकी उम्र लगभग 21 साल है।
मैं अपनी बीवी को रोज़ पेलता हूँ। शादी के समय ही जब मैंने अपनी सास को देखा था तभी से मेरे मुँह और लौड़े से लार टपक रही थी। मैं अपनी सास के बारे में थोड़ा बता देता हूँ, वो लगभग 40-41 साल की है, उसका फिगर 36-30-38 होगा, गोरी-चिट्टी 5’4″ की मस्त माल है। उसकी चूचियाँ बहुत बड़ी-बड़ी हैं, ऐसा लगता है ब्लाउज फाड़ कर अब निकले कि तब!
शादी के दिन से ही मैं उसको चोदने का प्लान बनाने लगा। मेरी बीवी अपने बैंक की ट्रेनिंग के 2 लिए हफ्तों के चंडीगढ़ जा रही थी। मैंने सोचा यही मौका है, अपनी सास को चोदने का!
मैंने अपनी बीवी को बोला- जब तुम चली जाओगी, तो घर का ख्याल कौन रखेगा! बेहतर होगा कि सास माँ अगर आ जाए..!
इस बात पर मेरी बीवी और सास दोनों राजी हो गईं। मेरे ससुर फ़ौज में हैं, सो कभी-कभी ही घर आते हैं।
जल्द ही मेरी सास दो हफ्तों के लिए मेरे पास आ गईं।
नियत दिन पर मेरी बीवी चंडीगढ़ भी चली गई। रात हुई तो मेरा पप्पू चड्डी में फुंफकारने लगा।
मैंने अपने सास से कहा- आज बाहर खाना खाते हैं।
वो राजी हो गईं और तुरंत कपड़े बदल कर आ गईं। चुस्त साड़ी-ब्लाउज में मेरी सास किसी 20-22 साल की माल से कम नहीं लग रही थीं। मन तो हुआ कि खाना पीना गया भाड़ में, ससुरी को अभी ही पेल दूँ..!
मैंने खुद को बड़ी मुश्किल से कण्ट्रोल किया। एक अच्छे रेस्टोरेंट में खाना खिलाया और फिर हम लोग घर आ गए।
घर आने के बाद मैंने अपने लिए एक ड्रिंक बनाया और हल्के मन से सास से पूछा- क्या आप भी एक ड्रिंक लेंगी?
उसने ‘हाँ’ में सर हिलाया। मुझे अब अपना रास्ता खुलता दिखा।
उसने बताया- जब भी आपके ससुर छुट्टियों में घर आते हैं, तो हम दोनों साथ में बैठ कर पीते हैं।
मैंने सास को 3 लार्ज पैग पिलाए और खुद दो पिए। दोनों ने साथ में सुट्टे भी लगाए।
गर्मी का मौसम था, सास को गर्मी लगने लगी, वो बाथरूम में जाकर कपड़े बदल कर आई।
बाथरूम से जब वो निकली, तो मैं देखता ही रह गया। उजले रंग की मैक्सी से उसके काले ब्रा और चड्डी साफ़-साफ़ दिख रही थी।
फिर हम दोनों कुछ बातें करने लगे, धीरे-धीरे मैं आगे बढ़ने की कोशिश कर रहा था।
पहले मैंने उसके गोद में अपना सर रख दिया।
उसने मेरे बालों में अपना ऊँगलियाँ फेरने लगी, मानो ससुरी मेरी प्रेमिका हो।
मैं भी उसकी गांड सहलाने लगा। ससुरी को गांड सहलवाने में बड़ा मज़ा आ रहा था। मेरा नाग चड्डी में फुंफकारने लगा था।
वो ससुरी भी गर्म हो गई थी। साली इतनी गरम हो गई थी कि मेरी बनियान भी फाड़ दी और मेरे होंठों को चूसने लगी।
मैं भी गर्म हो गया, मैं भी उसकी मैक्सी उतार कर उसे चूमने लगा था।
मैंने उसके पैर से शुरुआत की। जब उसके चूत तक पहुँचा तो वो सीत्कार करने लगी।
मैं और भी गर्म हो गया, मैंने उसकी पैन्टी और ब्रा उतार दी। वो इतनी ज़ोर से सीत्कार करने लगी, मुझे रॉक म्यूजिक ऑन करना पड़ा। फिर मैंने उसके होंठों को चूसना शुरू किया।
दो मिनट में ही ससुरी ने दांत से काटना शुरू कर दिया और चिल्लाने लगी- चोद डालो दामाद जी प्लीज.. चोदो!
मैंने अपना लंड उसके चूत में मुहाने पर रखा और एक ही धक्के में पूरा अन्दर कर दिया।
‘आआआह..ओह आआह ओ मेरी..मा आआह कॉम ऑन दामाद जी जोर से… आअह और तेज आआह..!’
वो बहुत जोर से चिल्ला रही थी। फिर मैंने राजधानी की स्पीड में चोदना शुरू कर दिया। वो चिल्ला-चिल्ला के मुझे गर्म कर रही थी।
लगभग 5 मिनट चोदने के बाद वो झड़ गई और उसके दो मिनट में मैं भी झड़ गया।
फिर मैंने एक-एक पैग और बनाया और सुट्टा लगाया और कुछ उत्तेज़क वीडियो क्लिप्स दिखाईं।
फिर एक और चुदाई के लिए उसको तैयार किया।
इस बार वो मेरे ऊपर चढ़ गई और मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी।
जब मेरा लंड लोहे जैसा हो गया तो उसने अपनी चूत में डाल लिया और खुद ही ऊपर-नीचे होने लगी।
उसकी चूचियाँ पपीते की तरह झूल रही थीं, मैं उसके पपीतों को खूब दबा रहा था।
इस बार मैं दस मिनट के बाद झड़ा, फिर हमने 1-1 पैग और लगाए और सो गए।
उस रात के बाद मेरी तो जैसे लाटरी ही लग गई। रोज़ सुबह उठ कर एक बार चोदता था और रात में एक बार।
इस तरह दो हफ्ते कब गुज़र गए, पता ही नहीं चला।
आज भी मैं ससुराल जाता हूँ, तो मौका निकाल कर सासू को जरूर चोदता हूँ।
 
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