साली देसी लड़की बहुत इठलाती थी

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वो मेरे पड़ोस की बीस साल की देसी लड़की- सीमा, बहुत इठलाती थी और मुझे परेशान कर रही थी। हालाकि मैं उसे चोदने के मूड में नही था लेकिन उसने हद कर दी थी। जब भी वो मेरे सामने मिलती अगर मैं उसके चूंचो को देख लेता तो मुझे आंख दिखाने लगती और गाली देने लगती। इस हालत में मैं यह नही समझ पा रहा था कि इसका क्या करें कि तभी सीन में ट्विस्ट आ गया। मैंने अपने गांव के महान चुदवैया लाल बहादुर की सहायता मांगी और कहा कि इज्ज्त का सवाल है मेरे पड़ोस की माल है आप चोद दो मेरी बेईज्ज्ती हो जाएगी अगर मेरा नाम आ गया तो।

तो लाल बहादुर का कर्जा देने का काम था और सीमा के घर पर भी उसने उसके बाप को काफ़ी पैसा उधार दे रखा था। इसलिए वो लोग इन्के एहसानमंद थे। तो ऐसा हुआ कि उस दिन शाम को लाल बहादुर अंदर घुस गए। कोई नही था सिर्फ़ सीमा थी। उसे दबोच लिआ और लगे चूचे दबाने साली के चूचे एक एक किलो के हो गए थे। पता नही क्या खाती थी। वो कहने लगी ह्टो मम्मी आ जाएगी तो उससे बोल दूंगी। लाल बहादुर ने कहा मेरी जान बहुत पैसे उधार है तेरे मा बाप पर अब तो वो चुकने से रहे हा अगर तू चाहेगी तो कुछ दिन छोड दूंगा। और वो मान गई

लाल बहादुर ने उसकी पेटीकोट में हाथ डाल कर उसकी झांटो वाली चूत का जाएजा लिया। साली गाव की देसी लड़की चूत तो साफ़ करती ही नहि लेकिन लाल बहादुर भी दर ह्ररामी था। उसे झांट वाली बदबूदार चूत पसंद थी। वह उसे खटिया पर लिटा कर उस्के चूचे चूसने लगा। चूचे चूसने के बाद उसने उसे लिटा दिया और पीछे से उसकी गांड मसलने लगा । उसक्की गांड एकदम से मस्त हो रही थी और उछाल मार रही थी।

लाल बहादुर का लंड अब उफ़ान मार रहा था, जल्दी से उसने आव देखा ना ताब और सरसो का तेल उसकी झांट वाली देसी लड़की की चूत पर लगा म्साज करने लगा वो जल बिन मछली की तरह तड़पड़ाने लगी। अब लाल बहादुर ने निकाल्ला अपना मिसाइल जैसा लंड और उसकी चूत में ठेल दिया। वह अचकचा उठी और इससे पहले कि उसके हलक से आवाज बाहर जाती उसने उसका मुह हाथो से बंद कर दिया। वो गो गो करने लगी और लाल बहादुर ने अपनी लंड को राजधानी एक्स्प्रेस की तरह अंदर बाहर करना शुरु कर दिआ। वह अब चूत उछाल के मजे ले रही थी।

अंत में उसने सीमा की चूत पर तकिया रखकर पीछे से डाल दिया और तेज तेज धक्के लगाने लगा। बेचारी खाट से नीचे गिर गई , फ़िर उसने अपना लंड उसके मुह में डाल दिया और वो उसे केले की तरह चूस मारने लगी। जैसे ही माल निकलने को हुआ लाल बहादुर ने अपना लंड उसके मुह से खीच कर तेज तेज मूठ मारना शुरु कर दिया । और फ़चाक से लंड से निकली पिचकारी उसके मुह और चूंचे पर सफ़ेद चूना छिड़कती चली गई। वह मस्त हो गई |
 
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