हम दोनों ने एक दुसरे की अन्तर्वासना शांत की

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Sex stories in hindi, antarvasna: मैं अपनी पढ़ाई पूरी हो जाने के बाद अपने भैया के साथ अमेरिका चला गया था भैया अमेरिका में ही रहते हैं और वह काफी सालों से अमेरिका में रह रहे हैं। मैं भी अब अमेरिका में ही जॉब करने लगा था और मैं काफी समय से अपने घर भी नहीं गया था पापा मम्मी से मिले हुए मुझे काफी लंबा समय हो चुका था तो मैंने भैया से कहा कि भैया मैं कुछ दिनों के लिए घर हो आता हूं।

मैंने अपने ऑफिस से छुट्टी ले ली और कुछ दिनों के लिए मैं घर चला आया। जब मैं घर पर आया तो मुझे काफी ज्यादा अच्छा लग रहा था मैं घर पर कुछ दिनों तक रहा और उसके बाद मैं अमेरिका वापस लौट आया। जब मैं अमेरिका वापस लौटा तो कुछ दिनों तक तो मेरा मन बिल्कुल भी काम में नहीं लग रहा था मुझे लग रहा था कि मुझे अब पापा मम्मी के पास ही रहना चाहिए। मैं चाहता था कि मैं पापा और मम्मी के पास ही रहूं मैं काफी ज्यादा परेशान था तो मैंने भैया से इस बारे में कहा।

भैया ने मुझे कहा कि मोहन अगर तुम्हें लगता है कि तुम मुंबई में रहकर ही कोई काम करना चाहते हो तो तुम मुंबई चले जाओ। मैंने भैया से कहा कि भैया मैं सोच रहा था कि मैं मुंबई में ही रहूं भैया ने कहा कि अगर तुम्हें लगता है कि तुम्हें मुंबई में ही पापा मम्मी के साथ रहना चाहिए तो तुम वहां पर रह सकते हो। मैंने भी पूरा फैसला कर लिया था और मैं मुंबई ने ही रहना चाहता था। मैंने अपनी जॉब से रिजाइन दे दिया उसके बाद मैं मुंबई चला आया, जब मैं मुंबई आया तो मैं काफी ज्यादा खुश था मैं अपने दोस्तों से भी मिला।

मैं अपने कुछ पुराने दोस्तों से मिला जो कि मेरे साथ कॉलेज में ही पढ़ा करते थे मैं उन लोगों के साथ मिलकर काफी खुश था और मुंबई में ही मैंने कोई बिजनेस शुरू करने का फैसला कर लिया था। मैं चाहता था कि मैं मुंबई में रहकर कोई काम शुरू कर लूँ। मैंने मुंबई में अपना एक नया स्टार्टअप शुरू किया। शुरुआत में मुझे उसमें कोई मुनाफा नहीं हो रहा था मुझे लगा कि शायद मैंने यह गलत फैसला ले लिया है लेकिन समय के साथ अब मेरा काम अच्छे से चलने लगा था। मैं काफी खुश भी था कि मेरा काम काफी अच्छे से चलने लगा था मैं बहुत ही ज्यादा खुश था और अब सब कुछ ठीक होने लगा था।

एक दिन मैं अपने दोस्त के घर पर था उस दिन हम साथ में बैठे हुए थे और एक दूसरे से बातें कर रहे थे। जब हम दोनों एक दूसरे से बातें कर रहे थे तो मुझे काफी ज्यादा अच्छा लग रहा था और वह भी काफी ज्यादा खुश था। मैंने अपने दोस्त से कहा कि हम लोग कुछ दिनों के लिए कहीं घूम आते हैं तो वह मुझे कहने लगा कि हां ठीक है तुम अपने काम से कुछ वक्त का ब्रेक ले लो और मैं भी कल अपने दोस्तों को कह देता हूं।

मेरे दोस्त ने अपने कुछ दोस्तों से कहा जो कि उसके पड़ोस में ही रहते थे और हम लोगों ने वाटर पार्क में जाने का फैसला किया। मैं चाहता था कि मैं अपने दोस्तों के साथ अच्छा टाइम स्पेंड करूं। हम लोग जब वहां पर गए तो उस दिन मेरे दोस्त रमेश ने मेरी मुलाकात राधिका से करवाई। राधिका रमेश के पड़ोस में ही रहती है और राधिका से जब मैं मिला तो मुझे भी राधिका से मिलकर अच्छा लगा। रमेश ने मुझे अपने सारे दोस्तों से मिलाया और उनके साथ मैंने काफी अच्छा टाइम स्पेंड किया। वाटर पार्क में भी हम लोगों ने खूब एंजॉय किया उसके बाद हम लोग वहां से वापस घर लौट आए।

जब हम लोग वहां से वापस लौट आए तो मैं उस दिन देर रात से घर पहुंचा तो पापा और मम्मी मेरा इंतजार कर रहे थे। हालांकि मैंने उन्हें सब कुछ बता दिया था लेकिन फिर भी वह लोग मेरे लिए बहुत ही ज्यादा चिंतित थे। मैं घर आकर पापा और मम्मी से बातें कर रहा था कुछ देर तक तो मैंने उन लोगों से बातें की फिर मैं अपने रूम में चला गया और अगले दिन से मैं अपने काम पर जाने लगा था। मेरा काम अच्छे से चल रहा था और मैं अपने बिजनेस से बहुत ही खुश था। भैया भी कुछ दिनों के लिए घर आने वाले थे और जब वह कुछ दिनों के लिए घर आये तो मुझे काफी अच्छा लगा। भैया कुछ समय के बाद वापस अमेरिका लौट गए भैया करीब 15 दिनों के लिए तक घर आए थे और उसके बाद वह अमेरिका लौट गए थे। काफी दिनों के बाद एक दिन मेरी मुलाकात राधिका से हुई जब मैं राधिका से मिला तो मुझे राधिका से मिलकर अच्छा लगा और मैंने उससे बात की।

मेरी राधिका से ज्यादा देर तक बात नहीं हो पाई थी लेकिन राधिका से बात कर के मैं बहुत ही ज्यादा खुश था और वह भी बहुत ज्यादा खुश थी जिस तरीके से हम दोनों के बीच बाते हुई। उसके बाद भी राधिका जब भी मुझे मिलती तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता है। राधिका से मेरी अच्छी फ्रेंडशिप होने लगी थी मैं राधिका से फोन पर काफी बातें करने लगा था मुझे राधिका का साथ अच्छा लगने लगा था। मुझे यह बात नहीं मालूम थी कि मैं राधिका को दिल ही दिल चाहने लगूंगा।

मैं राधिका को दिल ही दिल चाहने लगा था और मैं बहुत ज्यादा खुश था जिस तरीके से राधिका और मैं एक दूसरे के साथ समय बिताया करते थे। राधिका और मैं एक दूसरे से फोन पर काफी बातें किया करते थे हम दोनों एक दूसरे को करीब 3 महीने तक डेट करते रहे और आखिर वह दिन आ ही गया जब मैंने राधिका को प्रपोज कर दिया। राधिका को मैंने प्रपोज किया तो वह भी मना ना कर सकी और हम दोनों का रिलेशन अब चलने लगा था। मैं बहुत ज्यादा खुश था जिस तरीके से हम एक दूसरे के साथ रह रहे थे और सब कुछ हमारी जिंदगी में अच्छे से चल रहा था। क्योंकि हम दोनों का रिलेशन अब चलने लगा था इसलिए हमने फोन पर भी कई बार एक दूसरे से गरम बातें कर लिया करते। एक दिन मैंने जब राधिका से फोन पर गरमा गरम बात कि तो वह मेरे साथ में फोन सेक्स करने के लिए तडपने लगी थी।

उस रात हमने फोन सेक्स किया। यह पहली बार था जब हम दोनों के बीच में फोन सेक्स हुआ था। मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लगा था जिस तरीके से हम दोनों ने एक दूसरे के साथ में फोन सेक्स का मजा लिया था मैं बहुत ज्यादा खुश था जिस तरीके से राधिका और मैंने उस दिन एक दूसरे के साथ में फोन सेक्स किया था। अब हम दोनों एक दूसरे के साथ में सेक्स करने के लिए तडपने लगे थे मैं चाहता था मैं राधिका के साथ में सेक्स करू। राधिका मेरे साथ सेक्स करने के लिए तैयार थी हम दोनों एक दूसरे के साथ करने के लिए तैयार थे। मैंने उसके साथ सेक्स करने के लिए तडप रहा था।

जब मैंने और राधिका ने उस दिन साथ मे रूकने का फैसला किया तो हम दोनों साथ में रुके। जब हम दोनों साथ में थे तो मैं राधिका के बदन को गर्म करने की कोशिश कर रहा था वह बहुत ज्यादा गर्म होती जा रही थी। अब उसकी गर्मी इतनी ज्यादा बढ़ रही थी मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था और राधिका को भी बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था। वह पूरी तरीके से गर्म हो चुकी थी मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा था मैंने राधिका के होंठों को चूमना शुरू किया उसके होठों को चूम कर मैंने उसके बदन को पूरी तरीके से गर्म कर दिया था। वह बहुत ज्यादा गरम हो चुकी थी वह मुझे कहने लगी मेरी गर्मी को तुमने बहुत ज्यादा बढ़ा दिया है। हम दोनों बहुत ज्यादा ही गरम हो चुके थे।

मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा है राधिका और मैं एक दूसरे की गर्मी को बिल्कुल भी झेल नहीं पा रहे थे ना तो मैं अपने आपको रोक पा रहा था और ना ही राधिका अपने आपको रोक पाया। जब मैंने राधिका से कहा मैं तुम्हारी चूत को चाटना चाहता हूं। राधिका ने अपने बदन से कपड़ों को उतारा तो उसके बदन को देख कर मै खुश हो गया था। मै उसके स्तनों को चूसने लगा था। राधिका के गोरे स्तनों को चूसकर मुझे मज़ा आ रहा था और वह भी गर्म होती जा रही थी।

मैंने उसके निप्पल को बहुत देर तक चूसा। जब मैं उसके स्तनो को चूस रहा था मुझे मजा आ रहा था। उसको भी मजा आने लगा था जिस तरीके से वह मेरा साथ दे रही थी। हम लोग बहुत ज्यादा गर्म होते जा रहे थे हम दोनों बिल्कुल भी रह नहीं पा रहे थे। मैंने राधिका की चूत को चाटना शुरू कर दिया था। राधिका की चूत पर मैं अपनी जीभ को लगा रहा था। मै उसकी चूत को चाट रहा था तो उसकी गर्मी बढ रही थी। उसकी योनि से बहुत ज्यादा ही पानी बाहर निकलने लगा था वह पूरी तरीके से गर्म होती जा रही थी उसकी गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी वह बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी।

मैंने राधिका से कहा मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा है़ राधिका और मैं एक दूसरे की गर्मी को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे। मैंने जैसे ही राधिका की चूत पर लंड को टच किया तो उसकी चूत से बहुत ज्यादा पानी बाहर की तरफ निकलने लगा था वह गर्म होने लगी थी। वह मुझे कहने लगी अब तुम मेरी चूत के अंदर अपने लंड को डाल दो। मैंने उसके दोनों पैरों को चौड़ा कर लिया था जब मैंने राधिका के दोनों पैरों को चौड़ा किया था तो उसके बाद मैंने उसकी योनि के अंदर लंड को घुसा दिया।

मेरा मोटा लंड उसकी योनि के अंदर घुसा चुका था वह जोर से चिल्लाने लगी वह मुझे कहने लगी मेरी योनि में दर्द होने लगा है। राधिका की चूत में बहुत ज्यादा दर्द होने लगा था। मुझे मजा आ रहा था जिस तरीके से मे उसकी चूत मार रहा था वह मेरा साथ दे रहे थी। हम दोनो एक दूसरे का साथ देने लगे थे। हम दोनो ने एक दूसरे की गर्मी को पूरी तरीके से बढा कर दिया था। हम दोनो अपने आपको रोक नहीं पा रहे थे। ना ही राधिका अपने आप को रोक पा रही थी। मैं राधिका के साथ में सेक्स के मजे लेकर खुश था। राधिका भी बहुत ज्यादा खुश हो गई जिस तरीके से मैं उसकी चूत मार रहा था वह बहुत जोर से सिसकारियां ले रही थी। मैंने अपने वीर्य को राधिका की चूत के अंदर गिरा दिया। मैं उसकी चूत की गर्मी बर्दाश्त ना कर सका।
 
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