हम दोनो चरम सुख तक पहुच गए थे

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Antarvasna, desi kahani: मेरा ट्रांसफर कुछ समय पहले लखनऊ में हुआ लखनऊ में जब मेरा ट्रांसफर हुआ तो मेरे लिए सब कुछ नया था मैं पुणे का रहने वाला हूं और मैं जिस जगह लखनऊ में मैं रहता था वहां पर मेरे दोस्त ने ही मुझे वह घर दिलवाया था। मेरा दोस्त पुणे में ही मेरे साथ पढ़ाई करता था अब वह लखनऊ में ही रहता है और उसने लखनऊ में ही शादी कर ली है उसे लखनऊ में काफी वर्ष हो चुके हैं उसका नाम कमल है। कमल से मिलने के लिए मैं अक्सर उसके घर पर चला जाया करता एक दिन मैं कमल के घर पर गया हुआ था जब मैं उसके घर पर गया तो उसकी पत्नी ने मुझसे कहा कि सोहन भैया अब आप भी शादी कर लीजिए। मैंने कमल की पत्नी अंजलि से कहा कि हां मैं भी जल्द ही शादी कर लूंगा मेरी और कमल की उम्र बराबर है लेकिन कमल और अंजलि के बीच प्रेम विवाह हुआ था और वह दोनों बहुत ज्यादा खुश हैं। अंजली कमल से बहुत प्यार करती है और वह उसका बहुत ध्यान भी रखती है कमल की जिंदगी में कोई परेशानी नहीं है वह बहुत खुश है।

मैं और कमल एक दूसरे से हमेशा ही अपनी बातों को शेयर कर लिया करते हैं। एक दिन मैंने कमल से कहा कि कमल आजकल मेरी मां की तबीयत ठीक नहीं है तो मैं कुछ दिनों के लिए घर जा रहा हूं कमल कहने लगा कि हां तुम कुछ दिनों के लिए घर हो आओ। मैं इस बीच कुछ दिनों के लिए घर चला गया मैं जब घर गया तो कमल का मुझे फोन आया था और उसने मुझे कहा कि क्या तुम्हारे घर में सब कुछ ठीक है। मैंने उसे कहा हां मेरे घर में सब कुछ ठीक है मैंने उसको बताया कि मेरी मां की तबीयत पहले से ठीक है। अब मुझे लखनऊ वापस लौटना था जिस दिन मैं लखनऊ वापस लौटा उस दिन मुझे कमल ने अपने घर पर डिनर के लिए इनवाइट किया और मैं उस दिन उसके घर पर चला गया था। मैं जब उसके घर पर गया तो कमल और उसकी पत्नी मेरा इंतजार कर रहे थे मैं उनके घर पर चला गया और जब मैं अपने घर वापस लौटा तो मुझे आने में काफी देर हो गई थी।

अगले दिन मुझे ऑफिस जल्दी जाना था क्योंकि ऑफिस में कुछ ज्यादा ही काम था इसलिए अगले दिन मैं ऑफिस जल्दी चला गया। उस दिन ऑफिस में कुछ ज्यादा काम था तो मुझे काफी थकान महसूस हो रही थी और काफी देर तक मैं ऑफिस में रुका रहा जैसे ही काम खत्म हुआ तो मैं घर वापस लौट आया। वापस लौटने के बाद मैंने उस दिन खाना बाहर से ही खा लिया था क्योकि मैं काफी थका हुआ था तो मुझे नींद भी आ रही थी खाना खाने के बाद मैं सो चुका था। अगले दिन सुबह मैं जल्दी उठ गया था मैं सुबह जल्दी उठा तो मैंने घड़ी में समय देखा तो उस वक्त 5:00 बज रहे थे। मैंने मुंह धोया और मैं अपने घर के बाहर ही टहलने के लिए चला गया वहां से थोड़ी दूरी पर एक अखबार वाले की दुकान है मैं वहां पर चला गया। मैंने उससे अखबार लिया और वहां से मैं घर लौट आया तो मैं घर लौट कर उस अखबार को पढ़ने लगा अखबार पूरी तरीके से पढ़ने के बाद मैं नाश्ते की तैयारी करने लगा। मैं खुद ही नाश्ता बनाया करता हूं और मैंने जब नाश्ता बना लिया तो उसके बाद मैं अपने ऑफिस की तैयारी करने लगा मैं अपने ऑफिस के लिए निकल चुका था मैं हर रोज की तरह बस स्टॉप पर बस का इंतजार कर रहा था। मैंने जब अपने रिस्ट वॉच में उस वक्त समय देखा तो उस वक्त 9:00 बज रहे थे और थोड़ी ही देर बाद बस आने वाली थी जैसे ही बस आई तो मैं बस में चढ़ गया बस में काफी ज्यादा भीड़ थी इसलिए मुझे बैठने के लिए तो जगह नहीं मिल पाई लेकिन मैं खड़ा ही था। कंडक्टर मेरे पास आकर बोला साहब टिकट ले लो तो मैंने उसे पैसे दिए और उसने मुझे टिकट काटकर दे दिया तो मैंने वह टिकट अपनी जेब मे डाल दिया तभी मेरा फोन भी बज उठा मैंने जब अपने फोन को उठाया तो मेरे ऑफिस के ही मेरे दोस्त ने मुझे फोन किया था उसका नाम रजत है। मैंने रजत को कहा हां रजत कहो क्या कुछ जरूरी काम था तो वह मुझे कहने लगा कि नहीं सोहन ऐसे ही तुम्हें फोन किया था तुम कितनी देर में ऑफिस आ रहे हो। मैंने उससे कहा कि बस थोड़ी देर बाद मैं ऑफिस आ जाऊंगा उसने मुझे कहा ठीक है सोहन। थोड़ी देर बाद मैं ऑफिस पहुंच चुका था और मैं जब ऑफिस पहुंचा तो मैं अपना काम करने लगा और लंच टाइम में मुझे रजत कहने लगा चलो लंच कर लेते हैं मैंने उसे कहा ठीक है।

रजत अक्सर मेरे लिए लंच ले आता था क्योंकि वह अपने परिवार के साथ ही लखनऊ में रहता है और वह लखनऊ का ही रहने वाला है वह अक्सर मेरे लिए लंच ले आता था। हम दोनों साथ में बैठकर लंच कर रहे थे और एक दूसरे से बात कर रहे थे तो मुझे रजत ने बताया कि उसकी पत्नी का जन्मदिन दो दिन बाद है और उसकी पत्नी किसी प्राइवेट स्कूल में पढ़ाती है। मैं रजत के घर पर कभी गया नहीं था उसने मुझे अपने घर पर आने के लिए कहा था और मैं रजत के घर चला गया। उस दिन जब मैं उसके घर पर गया तो उसने मुझे अपने परिवार से मिलवाया और दो दिन बाद उसकी पत्नी का जन्मदिन था तो उसने होटल में सब कुछ अरेंजमेंट किया हुआ था। हम लोग होटल में गए थे और हमारे ऑफिस के कुछ और लोग भी थे जब हम लोग होटल में पहुंचे तो वहां पर रजत ने सब कुछ अच्छे से अरेंज किया हुआ था।

मैंने रजत की पत्नी को उसके जन्मदिन की बधाई दी, रजत और उसकी पत्नी बहुत ही खुश थे। उस दिन मैं पार्टी से घर लौट रहा था तो मैं अपने कॉलोनी के अंदर गया तो उस वक्त काफी ज्यादा अंधेरा था एक लड़की जो कि काफी ज्यादा नशे में थी और वह चलने की स्थिति में भी नहीं थी मैंने उसे देखा। पहले मुझे लगा क्या मुझे उसकी मदद करनी चाहिए या नहीं लेकिन फिर मुझे लगा कि मैं उसकी मदद कर देता हूं मैंने उसे कहा कि मैडम आपको कहां जाना है? उसने मुझे अपना घर बताया मैं उसके घर उसे लेकर गया उसने मुझे चाबी दी मैंने उसके घर का दरवाजा खोला मैंने उससे पूछा क्या आप अकेली रहती हैं। वह कहने लगी हां मेरा इस दुनिया में कोई भी नहीं है मैं अकेली हूं अब जैसे उसका नशा एकदम से उतरने लगा था वह मेरे साथ बात करने लगी उसने मुझे अपना नाम बताया उसका नाम मनीषा है मनीषा और मैं एक दूसरे से बात कर रहे थे हम दोनों को ही अच्छा लग रहा था। मनीषा को अचानक से ना जाने क्या हुआ वह मुझसे चिपकने की कोशिश करने लगी वह अपनी चूतडो को मुझसे मिलाने की कोशिश करती तो मेरे अंदर की गर्मी भी बढ़ जाती अब कहीं न कहीं वह गर्म हो चुकी थी मैंने उसकी जांघ को अपने हाथों से सहलाना शुरु किया उसने भी अपने हाथ को मेरे लंड की तरफ बढ़ाया और वह मेरे लंड को दबाने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। जब वह ऐसा कर रही थी तो मेरे अंदर की गर्मी पूरी तरीके से बढ़ चुकी थी अब मैं उसे चोदने के लिए तैयार था हम दोनों ही उसके बेडरूम में चले गए उसके बाद मैंने उसे बिस्तर पर लेटा कर चूमना शुरू किया। उसके नरम होंठों को चूमने में मजा आ रहा था और उसको भी बहुत आनंद आ रहा था। मैने उसके कपडे उतारे तो उसने लाल ब्रा पहन रखी थी फिर वह मुझे कहने लगी तुम मेरे स्तनो को चूस लो और मैने उसके स्तनो को चूस दिया और उसकी चूत को चाटना शुरु किया। जब मैंने अपने लंड को बाहर निकाला तो वह मेरे लंड को चूसने लगी वह जिस तरह मेरे लंड को चूस रही थी उस से मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था और उसको भी बड़ा मजा आता। मनीषा मेरे लंड को बड़े अच्छे से चूसती रही वह मेरी गर्मी को पूरी तरीके से बढ़ाती जाती।

मैं अब उसकी चूत को चाटना शुरु किया जब मै उसकी चूत को चाट रहा था तो उसे बहुत ज्यादा मजा आने लगा था मुझे उसकी चूत को चाटने में इतना मजा आने लगा कि उसकी चूत से निकलता हुआ पानी कुछ ज्यादा ही बढ़ने लगा था काफी देर तक मैंने उसकी चूत का रसपान किया और उसकी चूत को गिला बना दिया। जब मैंने अपने लंड पर थूक लगाकर उसकी चूत के अंदर डाला तो वह चिल्लाई और मुझे कहने लगी मेरी चूत फाड दो मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा है। उसने अपने पैरो को खोला तो मुझे बहुत मजा आने लगा मैं उसकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को बडी आसानी से कर रहा था। उसकी चूत से गरम पानी बाहर निकल आया इस बात से मै बहुत ही ज्यादा खुश हो गया था। वह मुझे कहने लगी मेरी चूत से कुछ ज्यादा ही अधिक मात्रा में पानी निकलने लगा है।

मैंने उसे कहा मैं भी रह नही पा रहा हूं मुझे बहुत मजा आ रहा है मैं उसे नीचे लेटा कर चोद रहा था तो वह मुझे अपने दोनों पैरों के बीच मे जकडने कि कोशिश कर रही थी जब उसने मुझे अपने पैरों के बीच में जकड़ना शुरू किया तो मुझे बड़ा आनंद आने लगा मैं उसे और भी तेजी से चोद रहा था वह बहुत खुश हो चुकी थी और मै भी बहुत खुश था। हम दोनो पसीना पसीना हो चुके थे लेकिन जिस तरह मै उसको चोद रहा था उस से मेरा लंड छिल चुका था और वह उत्तेजीत हो चुकी थी। हम दोनो अब चरम सुख तक पहुच गए थे मुझे मजा आने लगा था और मेरा माल गिरते ही वह खुश हो गई थी उसके बाद उसने मेरे लंड को चूसा हम दोनो साथ ही रुके मैने मनीषा को पूरा मजा दिया। वह अब ज्यादा समय मेरे साथ ही बिताया करती थी।
 
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