हिला देने वाली चुदाई का पाठ पढाया

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नमस्कार दोस्तों,

मैं आपको बता दूँ की मैं एक बच्चों को १२ वीं तक टूशन पढाता हूँ और मेरे हाल में काफी बच्चे पढ़ने आते हैं और क्यूंकि मैं भी एक जवान मर्द हूँ तो मेरा भी दिल एक जवान लड़की को देख आखिरकार फिसल ही गया और मैं उसकी अपने अंदर वाले कमरे में चुत मारने में देर ना की | दरसल में काफी बचों को एक साथ टूशन पढाता था जिनमें से काफी बच्चे पढाई में कमज़ोर भी हुआ करते थे | एक ही कमज़ोर लड़की थी जिसे मैंने पसंद करना शुरू कर दिया था | वो जब भी मेरे सामने सवाल पूछती हुई नीचे झुका करती तो उसके आधे चुचे मुझे साफ़ धिकायी पढते थे और शायद ही किसी और लड़की के उससे बेहतर चुचे होंगे |

वो पढाई में बहुत कमज़ोर थी इसीलिए कई बार मेरा पास अकेले में भी सवाल लेकर आ जाया करता था | एक दिन की बात है जिस दिन रविवार था और सभी बच्चों की छुट्टी थी | उस दिन मेरी बीवी भी काम से बहार गयी हुई थी और मैं घर में बैठे हुए आराम कर रहा था | इतने में वही लड़की मेरे घर में आये और मैं उसे देखा हैरान रह गया | उसने मुझे अपनी समस्या बतलाई और मैंने फ़ौरन उसे अपने कमरे में बुला लिया | अब वो मेरे बिस्तर पर बैठी हुई थी और झुककर मेरे समझाए हुए प्रशन का सवाल लिख रही थी | मुझे उसके झुके हुए चुचों को देखा अब रुका ना गया और मैंने अब तभी उसके टॉप को थोडा नीचे और कर दिया | वो इससे पहले कुछ पूछती मैं उससे कहा की अगर अच्छे अंक चाइये तो जो मैं कहता हुआ वही करो जिसपर उसने मुझे ना रोका |

पहले तो मैंने खूब देर उसके टॉप को नीचे किये उसके उसके चुचों को निहारा और कुछ देर में ही उसके टॉप को भी उतार दिया और उसके चुचे पकड़कर मसलते हुए चूसने लगा | मैंने उसके चुचों को भींचते हुए उसके पूरे कपडे उतार दिए और अपनी पैंट को भी मैंने खोल दिया | पहले कुछ देर उसने मेरा मोटा लंड अपने हाथों में मसला फिर मैंअपने लंड को उसकी चुत पर मलने लगा जिसपर वो बेताबी बड़ी तो वो मेरे लंड को लेने के लिए तडपते हुए आहें भरने लगी | मैंने झटके से अपने लंड के बेचुक झटकों को उसकी चुत में देना शुरू कर दिया जिसपर वो चींखें भरती हुई अपनी गांड को घुमाने लगी | मैं भी उसकी चुत में अपने लंड की चक्की चलानी ना रोकी और किसी तूफ़ान की तरह उसकी चुत को चोदता चला गया |

अब वो दर्द से मरी जा रही थी और मैं उसके चुचों को चूसते हुआ उसका दर्द शांत करने लगा | जब मेरे इतना करने पर भी उसका दर्द शांत ना हुआ तो मैंने पने लंड को निकाल उसके बोबों को बीच आगे पीछे कर मसलने लगा जिसपर वो अपनी चुत को रगडती हुई आहाहह्हा हहह्हा करने लगी | मैं जान गया की वो वो फिर से मेरे लंड को लेने के लिए पुरी तैयार हो चुकी थी | इसलिए मैंने अब फिर से उसकी टांगों को उप्पर की और उठाया और उसकी चुत में अपने मोटे लंड के टोप्पे को घुसाते हुए चोदना शुरू कर दिया | मैंने किसी भी हालात में उसे अपने से नहीं छुडाया और उस कांड के बाद जब भी मौका मिलता तो उसे चोदता और साथ उसे परीक्षा में अच्छे नुम्बर भी आये |
 
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