ह्वा लंड से मे चुदाई और चिल्लाहट

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चुदाई में रोमांच और भय मिल जाए तो मजा कई गुना हो जाता है। तो आज मेरी बगल की आंटी की बेटी का बर्थ डे था और वो मुझे भैया भैया कहती थी लेकिन मै मानता था कि मौका मिलते ही मै इसका सैयां बन जाउंगा अपना लंड दे के और इस चोद डालूंगा। इसे ही कहते हैं दिन में भैया और रात में सैयां। तो उस दिन वो मेरे पास आ गई। थी तो वो छोटी लगभग 19 साल की लेकिन उसकी चूंचिया कुछ ज्यादा ही बढ गई थीं आंटी ने कहा बेटा इसको मेला घुमा लाना शाम को। दसहरे का आखिरी टाईम था और गांधी ग्राउंड में बड़ा वाला झूला अब बस एकाद दिन का ही मेहमान रह गया था। मैने आज एक प्लान बनाया। आज उसे झूले में ही कुछ कांड करने का प्लान बना लिया था मैने।

मैने आंटी से कहा कि मैं घुमा लाउंगा लेकिन यह परेशान बहुत करती है और मै इसे क्या क्या दिलवाउंगा तो बोली बस कुछ नही ये पैसे लो और इनमे जो कुछ भी हो वो खरीद देना। टीना मुह फ़ुला के बोली आप कैसे भैया हो मेरे आप नही खरीद सकते क्या? खैर मैने उसे कहा अरे च्लो तो मै तो मजाक कर रहा हूं। मारे खुशी के जब वो हंसी तो उसके गाल लाल हो गए और चूंचिया हिलने लगीं। मैने आज एक मस्त स्कैंडल करने का प्लान किया था ऐसा रोमांचक और खतरनाक जो इस नई लौंडिया को हमेशा याद रहता। और फ़िर हम इस लौंडिया को लेकर बाजार निकले।

मुझे पता था उसे चाकलेट सबसे ज्यादा पसंद हैं तो मैने उसके लिए बड़ी वाली बार्न्विले खरीद दी। और उसे हैप्पी बर्थे डे बोलने के लिए एक बड़ा सा टेडी खरीदा। जब मैने उसे चाकलेट और टेडी अपनी तरफ़ से गिफ़्ट किया तो उसने मुझे गले लगा लिया और एक मस्त चुम्मा मेरे कानों के पास दे गई। मेरे लंड का सुपारा मारे गुस्से के फ़ूलने लगा। मैने अपने पैँट के उपर से उसे सही पोजिशनिंग कर के पब्लिक प्लेस का ख्याल रखा।

और मेले में शाम चार बजे कोई नही था। बड़ा वाला झूला बस चलने ही वाला था और हम दोनो वहां दो ही लोग थे चढने वाले। हमने दो टिक्ट खरीदी और झूले पर चढ गए। कमसे कम पचास फ़ीट उपर जाने वाला यह झूला काफ़ी उत्तेजक था और लड़कियां इसपर ऊऊऊ आआईईईईई बहुत चिलाती थीं। तो मै टीना को लेकर झूले पर बैठ गया और उसका टेडी भी उसके पास था।

जैसे ही झूला उपर चढने लगा टीना डर के मुझे पकड़ ली उसकी सालिड चूंचियां मुझे छूने लगी और मैने उसे अपने करीब आने दिया। उपर जाते जाते वो मेरे से पूरा चिपक चुकी थी और उसका एक हाथ मेरे लंड के पास आकर कुछ पकड़ने की कोशिश कर रहा था जिससे कि वह गिरे नही। मैने अपना जीप खोल कर लंड बाहर कर दिया। जैसे ही झूला नीचे जाने लगा, टीना को राहत महसूस हुई और उसने अपने हाथ में देखा तो मेरा लंड पकड़े हुए बैठी थी। वो सन्ना गई, तभी मैने उसकी चूंचियों को दबाना शुरु कर दिया था। डर और उत्तेजना का यह मेल उसे जन्नत का एहसास करा रहा था, उसने मेरे लंड को तेजी से पकड़ लिया और दबाने लगी। मैने उसे यह काम करने मे सहयोग दिया और उसके स्कर्ट के अंदर हाथ डाल कर उसकी पैंटी निकाल दी। जब दूबारा झूला उपर जाने लगा तो मैने टीना को अपनी गोद में लंड के उपर ही बिठा लिया और निशाना भिड़ाकर उसकी चूत के छेद पर सुपाड़े को रख दिया। जैसे ही मैने उसके वजन को लंड पर आने दिया और वह झूला उपर जाने से चिल्लाने वाली थी कि मैने अपना लंड का धक्का उसके चूत पर दिया। वो अचानक से गला फ़ाड़ कर चिल्लाई और झूला उपर था। मेरा लंड अंदर चला गया था। उसे दर्द होने लगा वो चिल्लाती रही झूले की रफ़्तार के साथ और मैने रफ़्तार पकड़ ली थी। इस तरह से 20 चक्करो में हमने उसके चूत का चूना बना दिया और उसके चूत से निकला खून और मेरा वीर्य दोनो ही मेरे पैंट के उपर आकर उजला लाल धब्बा बना गया। उसका और उसकी चूत हैप्पी बर्थ डे हो गया। यह चुदाई उसे जिंदगी भर याद रही और आज भी वह ऐसी चुदाई के बारे में सोच ही सकती है।
 
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