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हिंदी में फ्री सेक्स स्टोरी की बेस्ट साईट अन्तर्वासना के सभी पाठकों को नमस्कार. मेरी प्यारी सी भाभियों और आंटियों की प्यारी-प्यारी चूत पर प्यारी सी ढेरों चुम्मियाँ.
मेरा नाम लकी है ये बदला हुआ नाम है. यह मेरी सच्ची घटना है. अगर किसी को कुछ ज्यादा मिल जाए या कम मिले या फिर मिले ही नहीं तो कुछ समझ नहीं आता है.

बात उस समय की है जब मैं पहली बार मुंबई आया था और अपने नए किराए के मकान में रहने आया था. उस समय उस मकान के बगल वाली बिल्डिंग में सामने वाली खिड़की में एक सुन्दर और सेक्सी भाभी रहती थीं, जिनका फिगर 34-28-36 का था.
वो इतनी कमसिन और सुन्दर थीं कि कोई उन्हें एक बार नजर भर कर देख ले तो वो अपने आपको रोक नहीं सकता. इतनी सुन्दर भाभी कि कोई भी उनको चोदना चाहेगा.

उन भाभी का सुष्मिता था, यह भी बदला हुआ नाम है. भाभी की उम्र कोई 32 साल की थी. उनको देख कर सभी बिल्डिंग वाले आहें भरते थे और सोचते थे कि कब मौक़ा मिले और उन्हें चोद दें. मेरा भी मन करने लगा कि अब कब मौका मिले और अपना काम हो जाए.

मेरा दिमाग सोचने लगा कि अब भाभी को कैसे पटाया जाए और चोदा जाए. कभी-कभी वो खिड़की पर आती थीं तो मैं भी उनको खिड़की से देख लेता था. वो भी मुझे देखती तो थीं, पर कोई रिस्पांस नहीं मिल रहा था.


फिर मेरा काम उस दिन हुआ, जब मेरा उस बिल्डिंग के ऊपर वाले फ्लैट के एक लड़के से मेरी दोस्ती हुई. एक सुबह मैं उस लड़के से मिलने जा रहा था. मैं अभी सीढ़ी पर चढ़ ही रहा था कि उधर से भाभी नीचे उतर रही थीं. मैं भी बहुत तेजी से ऊपर सीढ़ियों पर चढ़ रहा और सीढ़ियों के कोने में हम दोनों आमने-सामने टकरा गए.

मैंने तुरंत सॉरी बोला और कहा- भाभी, मैं आपको देख नहीं पाया.
वो हंस कर चली गईं.
लेकिन क्या बताऊं, उस समय उनकी चूचियाँ मखमल की तरह मेरे सीने से लग गईं.

उनका पति रात को देर से घर आता था और मेरे ख्याल से वो जल्दी सो भी जाता था.

लेकिन एक दिन मैंने देखा कि उनके घर की लाइटें बंद थीं और भाभी बहुत परेशान सी खिड़की के पास बहुत देर तक खड़ी रहीं.
मैंने इशारे से पूछा- क्या हुआ बहुत परेशान लग रही हैं?
उन्होंने मुझे बोला- नींद नहीं लग रही है.
मैंने पूछा- क्यों?
तो उन्होंने कहा- अब क्या बताऊँ?
मैंने बोला- कोई बात नहीं.. बता दीजिये शायद मैं आपकी कुछ मदद कर सकूँ.
वो बोलीं- तुम क्या कर सकते हो?
मैंने- आप जो बोलो वो कर सकता हूँ.

इस तरह हम दोनों में काफी मजाक-मस्ती होने लगी और दो-तीन दिन बाद मैंने वापस भाभी से पूछा- क्या आप मुझे अपना दोस्त नहीं समझती हैं?
उन्होंने बोला- ऐसी कोई बात नहीं है.
मैंने हंस कर उनकी इस बात का स्वागत किया.
वो बोलीं- कल दिन में मेरे घर पर आओ फिर आराम से बैठ कर बात करेंगे.

मैं दूसरे दिन का इंतजार करने लगा और सुबह उनके पति के काम पर जाने के बाद मैं उनके फ्लैट पर जा पहुँचा. मैंने दरवाजे की बेल बजाई और भाभी ने लाल रंग का गाउन पहने हुए हुए दरवाजा खोला. भाभी बहुत सेक्सी लग रही थीं, मैं उन्हें देख कर दरवाजे पर ही खो गया.
उन्होंने बोला- क्या हुआ.. कहाँ खो गए और ऐसे क्या देख रहे हो?
मैंने कहा- भाभी, आप इतनी सुन्दर और सेक्सी लग रही हो कि मेरा मन कुछ और ही करने लगा था.
वो हंस दीं.

फिर मैं अन्दर गया, उन्होंने मुझे सोफे पर बिठाया और बोला- क्या लोगे चाय या कॉफ़ी?
मैंने उनके तने हुए मम्मों की तरफ देख कर कहा- आप जो पिला दो वो पी लूंगा.
वो बोलीं- बहुत शरारती लगते हो.
मैंने बोला- वो तो हूँ.

वो गांड मटकाते हुए किचन में गईं और कॉफ़ी बना लाईं. हम दोनों साथ में बैठ कर कॉफ़ी पी रहे थे और बातें भी कर रहे थे.

फिर मैंने पूछा- मेरे सवाल का अभी तक अपने जबाव नहीं दिया, मैं उसी दिन से परेशान हूँ.
वो बोलीं- क्या बताऊँ… मेरे पति काम से आने के बाद खाना खा कर तुरंत सो जाते हैं और मुझे प्यार भी नहीं करते हैं. मैं प्यार के बिना तड़पती हुई रात बिताती हूँ.
मैं उनकी तरफ देखने लगा.

तभी भाभी ने एकदम फ्री माइंड से पूछ लिया- तुम्हारी कोई गर्ल फ्रेंड है क्या?
मैंने बोला- नहीं, मेरी किसी लड़की से कोई स्टोरी नहीं है, उसी बात का तो रोना है.
उन्होंने बोला- मैं कैसी लगती हूँ तुम्हें?
मैंने तुरंत बोला- बहुत ही ज्यादा अच्छी और मैं आपको पसंद भी करता हूँ.
भाभी ने तपाक से बोला- तो मुझे अपनी गर्लफ्रेंड बना लो ना!
मैंने सोचा कि मेरा काम तो फ्री में ही हो गया है.
‘ठीक है.’

उन्होंने पूछा- तुम अपनी गर्ल फ्रेंड के लिए क्या कर सकते हो?
मैंने कहा- कुछ भी.. बहुत प्यार भी कर सकता हूँ.
तो मुझे प्यार करो ना..!’

मैंने भाभी के होंठों पर अपने होंठ रख कर किस करना स्टार्ट कर दिया. फिर भाभी को अपनी बांहों में जकड़ कर उनके रसीले मदमस्त मम्मों को दबाते हुए उन पर किस करने लगा.
आह.. क्या मजा आ रहा था. सच में औरत की जवानी कितना प्यारा एहसास है.

फिर भाभी ने कहा- चलो, बेडरूम में चलते हैं.
हम दोनों बेडरूम में आ गए, जाते ही भाभी मुझे बिस्तर पर गिरा कर मेरे ऊपर चढ़ गईं और मुझे किस करने लगीं.

मैंने भी भाभी के गाउन को निकाल दिया. अब वो सिर्फ ब्रा और पैंटी में थीं.. अह.. क्या चिकना बदन था.

मैं पहली बार किसी औरत को नंगी देख रहा था.

भाभी ने पूछा- पहले कभी सेक्स किया है?
मैंने कहा- नहीं.. अब तक कुंवारा हूँ.
वो बोलीं- फिर तो बहुत मजा आएगा.

भाभी को मजा इसलिए आना था क्योंकि उन्हें कुंवारा लंड जो मिलने वाला था.

मैंने उनकी ब्रा और पैंटी को भी निकाल दिया. अब मैं उनकी चूचियों को जोर से दबा रहा था.. एक का निप्पल मींज रहा था और दूसरे चूचे को चूस रहा था.
वो बोल रही थीं- इन्हें और जोर से दबाओ.

मैं जोश में जोर-जोर दबाने लगा तो भाभी मादक सिसकारियाँ लेने लगीं और गर्म होने लगीं.

उसने बोला- अपना लंड तो दिखाओ… उसे फ्री करो चड्डी से!
मैंने- खुद देख लो.

भाभी ने मेरे सारे कपड़े निकाल दिए अब सिर्फ चड्डी बाकी थी. मेरा लंड तो पूरा तन चुका था.
भाभी ने बोला- हम्म.. काफी बड़ा लंड लगता है तुम्हारा!

मेरा लंड ऊपर से सहलाने लगीं. उसने मेरी चड्डी को नीचे कर दिया. मेरा 7 इंच लम्बा और 2.5 इंच मोटा लंड देख कर वो खुश हो गईं.
भाभी बोलीं- मेरे पति का तो इससे बहुत छोटा है.

मैंने इशारा किया तो भाभी ने लंड मुँह में डाल लिया और चूसने लगीं. वो लंड चूसते हुए उस पर किस रही थीं.

मुझे बहुत मजा आ रहा था. फिर मैंने उन्हें बोला- मुझे भी आपकी चूत चूसनी है.
वो बोलीं- मैंने कब मना किया? तुम बिल्कुल फ्री हो, जो चाहो करो!

फिर हम दोनों 69 की पोजीशन में होकर एक-दूसरे का आइटम चूस रहे थे. उनकी चूत चिकनी एकदम साफ़ थी.
मैंने पूछा- ऐसा लग रहा है कि आज ही शेव की है?
भाभी- हाँ मेरे राजा, आज तुम्हारे लंड के लिए ही साफ़ की है.

मैं भी भाभी की चूत में एक उंगली डाल कर चूस रहा था. वो भी मेरे लंड से खेल रही थीं और सुपारा चूस-चूस कर मजा ले रही थीं. लंड खड़ा हो चुका था, उधर भाभी की चूत भी गीली हो रही थी. चुत से कुछ पानी जैसा भी निकल रहा था.

तभी भाभी एकदम से झड़ उठीं.. उनका बदन अकड़ने लगा था. भाभी के मुँह से कामुकटा भरी सिसकारियाँ निकलने लगी थीं. कुछ देर के बाद भाभी बोल रही थीं- अब और मत तड़पाओ मेरे राजा, जल्दी से अपना लंड मेरे चूत में डाल दो.

मेरे लंड की चुसाई के बाद और उसकी चूत की चटाई के बाद मैंने उन्हें अपने नीचे किया और उनकी चूत पर लंड रख दिया. फिर मैंने थोड़ा दबाव दिया तो लंड फिसल गया. शायद उनकी चूत अभी तक टाइट थी.. क्योंकि उनके पति का लंड बहुत छोटा था.
उन्होंने बोला- आराम से डालना.. तुम्हारा लंड बहुत मोटा और लम्बा है.
मैंने कहा- फिर आप ही डाल लो.. अपनी चूत पर रख कर मेरे लंड को पकड़ो.

भाभी ने वैसा ही किया.. उन्होंने लंड को चूत पर रख कर इशारा किया तो मैं धीरे-धीरे लंड को दबाने लगा. चूत सही जगह होने से और गीली होने से लंड धीरे-धीरे आधा अन्दर चला गया. भाभी को दर्द होने लगा और उनकी आँखों से आंसू आने लगे.

फिर मैंने उनके मम्मों को दबाते हुए उनके ऊपर लेट अपने होंठ उनके होंठों से मिलाए और एक जोर का झटका दे मारा. अब लंड पूरा अन्दर चला गया था. भाभी की तो मानो जान ही निकल गई. फिर मैं लंड अन्दर डाल कर रुक गया और किस करने लगा. भाभी का दर्द धीरे-धीरे कम हुआ और वे अपने चूतड़ उठा कर उचकाने लगीं.

अब भाभी का दर्द कम हो गया था और मजा आने लगा था. मैं भी जोर-जोर से लंड पेलने लगा.

पूरा लंड अन्दर-बाहर होते ही मुझे भी जलन और दर्द होने लगी थी लेकिन मजा भी आ रहा था क्योंकि ये मेरे पहली बार का सेक्स था. मुझे आज चुदाई करके बहुत मजा मिला.

तभी भाभी जोर-जोर से बोलने लगीं- आअह.. मेरे राजा आज फाड़ दे मेरी चूत.. आह्ह आह्ह..

उनकी बात से मुझे जोश आ गया मैं और जोर से धक्के मारने लगा. करीब 15 मिनट चोदने के बाद उनका रस झड़ गया.. लेकिन मेरे लंड का काम अभी तक नहीं हुआ था.
मैंने कहा- अब घोड़ी बन जाओ.. पीछे से लंड पेल कर चुदाई करना है.

भाभी घोड़ी बन गईं.. मैंने एक झटके में पूरा लंड उनकी चूत में पेल दिया. इस झटके से भाभी थोड़ा आगे की तरफ हो गईं और उन्हें तेज दर्द हुआ. मैं जोर-जोर से धक्के देने लगा.

कुछ ही पलों के बाद भाभी भी अपने चूतड़ आगे-पीछे करके चुत चुदाई के मजे ले रही थीं. मुझे भी जन्नत का मजा आ रहा था. फिर अचानक मेरी रफ़्तार तेज करने के लिए भाभी बोली तो मैंने भी रफ़्तार बढ़ा दी.
पूरे बेडरूम में हमारी चुदाई की आवाजें गूंज रही थीं. तभी मेरा निकलने वाला था सो मैंने पूछा- कहाँ निकालूँ?

उन्होंने बोला- अन्दर ही डाल दो.
मैं झड़ गया. अब हम एक-दूसरे के ऊपर पड़े रह कर किस कर रहे थे. मैं भाभी के मम्मों को दबा रहा था.

कुछ देर बाद फिर से मेरा लंड खड़ा हो गया. हमने दोबारा चुदाई स्टार्ट कर दी. अब भाभी भी फ्री सेक्स के खूब मजे ले रही थीं.

उस दिन भाभी की चुदाई जम कर तीन बार हुई. उस दिन इतनी अधिक थकान हो गई थी कि हम दोनों चलने की हालत में नहीं थे.

उसके बाद हमें जब भी मौका मिलता.. साथ मिलकर हम दोनों खूब चुदाई करते. फिर भाभी मेरे बच्चे की माँ भी बनीं. उसके बाद अब भाभी मुझे अपनी बड़ी बहन को चोदने का मौका दे रही हैं क्योंकि उनकी बहन भी अपने पति से संतुष्ट नहीं हैं.

भाभी की बहन के साथ ये अगली चुदाई कैसे हुई, वो फ्री सेक्स स्टोरी में अगली बार लिखूंगा.
 
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