Biwi Ki Chut Chudwai Gair Mard Se- Part 7

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अब तक आपने पढ़ा..
मेरी आंखों के सामने डॉक्टर साहब मेरी बीवी नेहा को ताबड़तोड़ चोद रहे थे और नेहा की चूत में दर्द बढ़ गया था।
अब आगे..

डॉक्टर साहब बोल रहे थे- इतने दिन बाद अपनी चूत चोदने दोगी.. तो क्या होगा।
नेहा बोले जा रही थी- धीरे चोदो.. यार.. दर्द हो रहा है.. प्लीज सचिन, लंड पेट में अन्दर तक जा रहा है।

नेहा ने एकदम हाथ फैला दिए। डॉक्टर साहब नेहा के मम्मों को भी दोनों हाथों से मसले जा रहे थे।

मैं दूर से देख रहा था कि डॉक्टर साहब का मोटा लंड नेहा की चूत में धकापेल चल रहा था। डॉक्टर साहब का इतना मोटा लंड सटासट नेहा की चूत में ऐसे जा रहा था जैसे कोई पिस्टन इंजन में तेजी से शंटिंग कर रहा हो।
मेरी तो गांड ही फट गई मैंने सपने में भी इतने मोटे लंड के बारे में नहीं सोच पा रहा था।

अभी मैं डॉक्टर साहब के मोटे लंड को देखते हुए अपनी डंडी पर हाथ चला ही रहा था कि नेहा का हाथ मेरे ऊपर आ गया उसने देखा कि मैं अपना लंड सहला रहा हूँ.. तो जोर से बोली- साले उधर नहीं खिसक सकता.. भोसड़ी के, मेरी चुदाई क्या देख रहा है।
मेरे मुँह से निकल गया- और कितना सरकूँ?
वो चिल्ला कर बोली- मादरचोद, लुल्ली ही सहलानी है न.. तो उधर बैठ कर सहलाता रह ना.. भैन का लौड़ा ठीक से चुदने भी नहीं देता..

वो ऐसा बोली और उसने जोर से अपने हाथ से मुझे धक्का दे दिया।
मैं दूर को सरक गया।
मेरी बीवी डॉक्टर साहब के लंड से मजा लेते हुए बोली- जान.. आह्ह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… फट जाएगी मेरी चूत.. धीरे पेलो ना..

डॉक्टर साहब तो फुल टाइट थे, उनके लंड के धक्कों की आवाज ‘फट फट..’ आ रही थी.. ये आवाज अब और बढ़ गई थी, डॉक्टर साहब बोले- चोद लेने दो आज बेगम.. रोको मत..

फिर उन्होंने नेहा की टाँगों को अपने कंधों पर रख लीं और नेहा की चूत में लंड के धक्के देने चालू कर दिए।
नेहा का शरीर ढीला पड़ने लगा था, वो बोली- निकाल लो प्लीज..

डॉक्टर साहब कहाँ सुनने वाले थे, तब भी डॉक्टर साहब ने लंड निकाल लिया।
अब डॉक्टर साहब ने नेहा को घोड़ी बनने को कहा।

नेहा बोली- ऐसे ही डाउन हो जाओ यार.. आज चूत में बहुत दर्द हो रहा है।

डॉक्टर साहब ने नेहा को पलट दिया और उसकी चूत में पीछे से लंड डाल दिया, साथ ही उसके पेट के नीचे से हाथ डाल कर उसे घोड़ी बना दिया।
फिर डॉक्टर साहब धक्के पर धक्का मारने लगे, साथ साथ वे अपने हाथों से नेहा की गोरी गांड पर से ‘चटाक-चटाक’ चांटा मारने लगे।
जबरदस्त धक्के लगना चालू हो गए थे।

मैं समझ गया कि नेहा झड़ चुकी है, चूत के पानी छोड़ने के कारण लंड की चोट से ‘फट.. फट..’ की आवाज धीरे-धीरे तेज होने लगी। नेहा ‘ओह्ह्ह.. ऊह्ह्ह्ह..’ करती जा रही थी।

काफी देर तक धक्के लगाने के बाद डॉक्टर साहब ने लंड निकाल लिया। नेहा बिल्कुल ढीली पड़ चुकी थी।
डॉक्टर साहब ने नेहा को साइड से लिटा कर लंड फिर से चूत में डाल दिया और धक्के देने लगे।
नेहा बोली- आज तो तुम बस छोड़ दो यार.. प्लीज बहुत दर्द हो रहा है।

डॉक्टर साहब ने लंड निकाल लिया और बिस्तर के नीचे खड़ा करके नेहा को घोड़ी बना कर उसके पीछे से लंड डाल कर उसको चोदने लगे।
 
नेहा का बुरा हाल हो चुका था। पीछे से धक्के मारने के साथ-साथ वो उसके मम्मों को खूब जोर-जोर से मसल रहे थे।
डॉक्टर साहब ने नेहा को बिस्तर पर लिटा दिया और पूरी टाँगें फैला कर उसकी जाँघों को हाथ से पकड़ लिया और धक्के मारने लगे।
नेहा ‘ओह्ह ओह्ह ओह्ह..’ करने लगी और कमरे में पहले की तरह ‘फट.. फट..’ की आवाज भरने लगी।

डॉक्टर साहब ने खूब जोर से स्पीड बढ़ा दी।
नेहा बोली- जानू बस करो..
डॉक्टर साहब ने दो मिनट और बहुत जोर से चोदा और अपने लंड का पानी नेहा की चूत छोड़ में दिया और डॉक्टर नेहा के ऊपर गिर गए।

एक मिनट भी नहीं हुआ था कि नेहा की आवाज आई- कहाँ गया तू?
मैंने कहा- क्या हुआ?
वो बोली- जा कर हैण्ड टॉवल ले आ..
डॉक्टर साहब बोले- वाशरूम ही चलो।

वो बोली- चलती हूँ.. पहले जो तुमने मेरी चूत में इतनी ढेर सारी पिचकारी छोड़ी है.. वो तो पोंछ लूँ।

मैं जल्दी से हैण्ड टॉवल लाया, तब तक डॉक्टर साहब उसके ऊपर पड़े रहे।
मैंने उसको कहा- ये लो टॉवल।

डॉक्टर साहब साइड में हो गए और फिर उठ कर वाशरूम में चले गए।
नेहा ने मुझसे कहा- जल्दी से मेरी चूत पोंछो।
मैंने कहा- खुद पोंछ लो ना।
बोली- गांड मत मरवा साले फुसफुस.. जल्दी से चूत पोंछ.. भोसड़ी के चादर खराब हो जाएगी।

उसने अपनी थोड़ी टाँगें फैला दीं और मैंने उसकी चूत को टॉवल से पोंछते हुए कहा- आज क्या डॉक्टर साहब ने ज्यादा रगड़ कर चुदाई कर दी?
नेहा चिढ़ गई और उसने मेरा सर बालों से पकड़ कर मेरा मुँह अपनी चूत के बिल्कुल पास कर दिया और बोली- देख रहा है साले.. कितना पानी छोड़ा है.. तेरा इतना पानी दस दिन में भी नहीं निकलता होगा।

मैं नेहा की चूत से डॉक्टर साहब का बहता हुआ माल देख रहा था।

नेहा उठ कर गांड हिलाती हुई वाशरूम में चली गई, दोनों थोड़ी देर वाशरूम में थे और नंगे ही बाहर आ गए।

मुझको देख कर नेहा बोली- अलमारी से ला कर दूसरी बेडशीट बिछाओ.. जल्दी से करो.. हम दोनों को सोना है.. नींद बहुत आ रही है।

मैं बेडशीट लेने गया, वो डॉक्टर साहब से नंगी चिपकी खड़ी थी, डॉक्टर साहब से बोली- यार आप तो चोद-चोद कर चूत सुजा देते हो।

मैंने बेडशीट बिछा दी तो दोनों नंगे ही बिस्तर पर लेट गए। फिर वो डॉक्टर साहब के कंधों पर सर रख कर उनके सीने पर हाथ फेरते हुए और एक टांग उनकी जाँघों पर रख कर लेट गई।

नेहा मुझसे बोली- ओ फुसफुस.. ब्लैंकेट डाल दो ऊपर और नाइटी और इनके निक्कर और टी-शर्ट इधर सिरहाने रख दो।
वो दोनों नंगे ही चिपक कर सोने लगे।

मैं अपना ब्लैंकेट ले कर आया और साइड में लेट गया।

नेहा डॉक्टर साहब से चिपक कर चूमते हुए बीच में आँखें बन्द कर लेती थी। मुझको उसकी गांड पर हाथ फेरने का बहुत मन कर रहा था।

मैंने उसकी गांड पर जैसे ही हाथ फेरा.. वो मेरी तरफ मुँह कर बोली- बेड के नीचे गद्दा डाल कर सुलाऊँ क्या?
मैंने हाथ हटा लिए तो डॉक्टर साहब बोले- क्या हुआ जान?
वो बोली- कुछ नहीं यार तुम्हारी बीवी पर हाथ फेरना चाहता था।

डॉक्टर साहब ने मुझसे कहा- सुन बे चूतिए.. ज्यादा दिक्कत है तो बता? साले शान्ति से सो जा और हम दोनों को भी सोने दे।
और मैं अपने डंडी लंड पर हाथ रख कर हमेशा की तरह सो गया।
 
सुबह 7 बजे के करीब बिस्तर के जोर-जोर से हिलने के कारण मेरी नींद खुल गई, मैं चुपचाप कम्बल ओढ़े लेटा रहा, सर निकाल कर देखा तो नेहा डॉक्टर साहब के लंड के ऊपर बैठी थी और डॉक्टर साहब उसको जोर-जोर से उछालते हुए चोद रहे थे।
नेहा के मम्मों को डॉक्टर साहब अपने दोनों हाथों से मसलते हुए उसके निप्पल चूस रहे थे।

मेरी बीवी बोल रही थी- रात को इतनी चुदाई की.. पर तुम्हारा मन नहीं भरा.. सुबह फिर चूत चोदने में चालू हो गए।
डॉक्टर साहब की नेहा को उछालने के कारण कमरे में बहुत जोर जोर से चुदाई की आवाजें आ रही थीं।

उन्होंने नेहा को बिस्तर पर चित्त लिटा कर रात की तरह पूरी टाँगें फैला दीं और पूरी स्पीड में चूत में लंड के झटके मारने लगे। नेहा ‘ओह्ह्ह.. ओह्ह्ह ऊई ओह्ह्ह..’ कर रही थी।
नेहा बोली- टाँगें फैलाए बिना मन नहीं भरता.. मालूम है मेरी गांड 38 की हो गई है.. इस तरह चोद-चोद कर 42 की कर देना।

डॉक्टर साहब बोले- टाँगें फैला कर पिचकारी तुम्हारी चूत में छोड़ने में मजा आता है जान।
उन्होंने लंड झाड़ते हुए अपनी पूरी पिचकारी चूत में छोड़ दी।

डॉक्टर साहब उठ कर वाशरूम गए और आकर कपड़े पहने और चिपक कर लेट गए।
नेहा ने पूछा- आज का क्या प्रोग्राम है?
डॉक्टर साहब बोले- कुछ शॉपिंग करनी है।
नेहा बोली- क्या लेना है?

बोले- अपनी कुछ शर्ट्स, ट्रॉउज़र्स और मेरी जान तुम्हारे लिए कुछ सेक्सी ब्रा पेंटी सेट्स और सूट्स ले लेंगे।
नेहा बोली- नहीं तुम ले लेना.. मुझको कुछ नहीं लेना है।
वो बोले- अरे मेरी रानी किसके लिए कमा रहे हैं।
नेहा चुप रही।

डॉक्टर साहब बोले- पर मुझको अपनी गाड़ी घर से उठानी पड़ेगी।
नेहा बोली- क्यों.. घर में गाड़ी तो खड़ी है।

डॉक्टर साहब बोले- इसको भी ले चलोगी?
बोली- अरे तो क्या ड्राइवर को नहीं ले चलेंगे डॉक्टर साहब.. और अपना फुसफुस ड्राइवर शॉपिंग का सामान भी उठा लेगा।
डॉक्टर साहब बोले- तुमने इसको पूरा होटल का बैरा बना दिया है।

नेहा बोली- क्यों मेरी जान.. तुमको मेरा मतलब हमारा बैरा पसंद नहीं है.. जो बोलोगे वो सेवा करेगा मेरी जान। अब थोड़ी देर सो जाओ.. तुमने सुबह-सुबह चोद कर थका दिया।

वो दोनों सो गए।
 
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