दोस्तो.. आप सभी कैसे हैं.. आपका दोस्त विक्रांत विक्की आज फिर से एक सच्ची घटना लेकर आपके सामने उपस्थित है।
अपनी इस नई कहानी से आपको रूबरू कराने से पहले मैं आप सभी का शुक्रिया अदा करना चाहूँगा.. जिन्होंने मेरी कहानी
आप बेरहमी के साथ करते हो
को इतना पसंद किया और मुझे मेल के जरिए मुझे अपनी एक और कहानी को आप लोगों के साथ शेयर करने के लिए प्रोत्साहित किया।
आप लोगों को ज्यादा इंतज़ार न करवाते हुए आप के लिए अपनी एक और सच्ची घटना से पर्दा उठाता हूँ।
मेरी इस कहानी की शुरूआत तब हुई.. जब मैं अपने कम्पटीशन की तैयारी करने के लिए अपने गाँव से लखनऊ में आया।
मैं 2004 में डिग्री पूरी करने के बाद आल ओवर इंडिया ओपन कम्पटीशन की तैयारी करने के लिए लखनऊ जैसे बड़े शहर में आ तो गया.. लेकिन यहाँ पर न तो मेरा कोई जानने वाला था और न ही पहचानने वाला ही… ऐसे में मैं बहुत जल्दी ही बोर हो गया और कुछ ही दिनों के बाद वापस अपने गाँव चला गया।
मैं वापस गाँव जा कर बहुत ही डिस्टर्ब था। बस दिल में एक ही बात आती थी कि मैं अपनी लाइफ में कुछ नहीं कर सकता हूँ और इसी डिस्टर्बेंस के चलते मैं अपने घर से बाहर भी नहीं निकलता था, सिर्फ शाम को ही घर की छत पर जा कर टहलता रहता था।
ऐसा करते-करते मुझे 10 दिन हो गए थे इसी बीच मैंने नोटिस किया कि मेरे ही गाँव की एक लड़की भी रोज शाम को अपनी छत पर आने लगी थी, वो बार-बार मेरी छत की ओर देखती रहती थी, उसका नाम पिंकी था।
पहले इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया क्योंकि मैं पहले से ही अपने करियर को लेकर परेशान था।
लेकिन उसका रोज-रोज मेरे टाइम पर ही छत पर आना मुझे थोड़ा सा उसके बारे में सोचने पर मजबूर कर रहा था।
मैं भी बहुत दिनों तक अपने आपको नहीं रोक पाया कि उसके बारे में न सोचूँ। धीरे-धीरे मैं भी उस लड़की की ओर छुप-छुप कर देखने लगा, जिसका परिणाम यह हुआ कि हम दोनों रोज शाम को काफी देर तक अपनी अपनी छतों पर से एक-दूसरे को देखते रहते थे।
फिर मैं उसके बारे में पता करने की कोशिश करने लगा कि वो क्या करती है और कहाँ पढ़ने जाती है।
काफी मेहनत करने के बाद यह पता लगा कि वो 12वीं की परीक्षा की तैयारी कर रही है। मैंने अपने एक दोस्त की बहन के जरिये उसको यह मैसज दिया कि मैं उसको पसंद करने लगा हूँ और उससे एक बार मिलना चाहता हूँ।
उस दिन तो उसने कोई जवाब नहीं दिया लेकिन उसके कुछ ही दिनों के बाद उसने मुझे एक पत्र लिखा, उसमें लिखा था कि वो भी मुझे बहुत पसंद करती है लेकिन किसी और को इस बात का बिल्कुल भी पता नहीं चलना चाहिए.. वरना मेरे घर वाले मेरी पढ़ाई बंद करवा देंगे और मेरा घर से बाहर निकलना भी बंद कर देंगे।
उसका पत्र पढ़ कर मुझे थोड़ा दुःख हुआ कि लगता है कि मैं उससे कभी नहीं मिल पाऊँगा।
लेकिन मेरी किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था।
कुछ दिन ऐसे ही बीत गए, एक दिन मैं फिर से अपनी छत पर टहल रहा था.. तभी वो भी अपनी छत पे आई और वो मुझे इशारा करके बोली- मुझे कल स्कूल के पास आ कर मिलना।
अपनी इस नई कहानी से आपको रूबरू कराने से पहले मैं आप सभी का शुक्रिया अदा करना चाहूँगा.. जिन्होंने मेरी कहानी
आप बेरहमी के साथ करते हो
को इतना पसंद किया और मुझे मेल के जरिए मुझे अपनी एक और कहानी को आप लोगों के साथ शेयर करने के लिए प्रोत्साहित किया।
आप लोगों को ज्यादा इंतज़ार न करवाते हुए आप के लिए अपनी एक और सच्ची घटना से पर्दा उठाता हूँ।
मेरी इस कहानी की शुरूआत तब हुई.. जब मैं अपने कम्पटीशन की तैयारी करने के लिए अपने गाँव से लखनऊ में आया।
मैं 2004 में डिग्री पूरी करने के बाद आल ओवर इंडिया ओपन कम्पटीशन की तैयारी करने के लिए लखनऊ जैसे बड़े शहर में आ तो गया.. लेकिन यहाँ पर न तो मेरा कोई जानने वाला था और न ही पहचानने वाला ही… ऐसे में मैं बहुत जल्दी ही बोर हो गया और कुछ ही दिनों के बाद वापस अपने गाँव चला गया।
मैं वापस गाँव जा कर बहुत ही डिस्टर्ब था। बस दिल में एक ही बात आती थी कि मैं अपनी लाइफ में कुछ नहीं कर सकता हूँ और इसी डिस्टर्बेंस के चलते मैं अपने घर से बाहर भी नहीं निकलता था, सिर्फ शाम को ही घर की छत पर जा कर टहलता रहता था।
ऐसा करते-करते मुझे 10 दिन हो गए थे इसी बीच मैंने नोटिस किया कि मेरे ही गाँव की एक लड़की भी रोज शाम को अपनी छत पर आने लगी थी, वो बार-बार मेरी छत की ओर देखती रहती थी, उसका नाम पिंकी था।
पहले इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया क्योंकि मैं पहले से ही अपने करियर को लेकर परेशान था।
लेकिन उसका रोज-रोज मेरे टाइम पर ही छत पर आना मुझे थोड़ा सा उसके बारे में सोचने पर मजबूर कर रहा था।
मैं भी बहुत दिनों तक अपने आपको नहीं रोक पाया कि उसके बारे में न सोचूँ। धीरे-धीरे मैं भी उस लड़की की ओर छुप-छुप कर देखने लगा, जिसका परिणाम यह हुआ कि हम दोनों रोज शाम को काफी देर तक अपनी अपनी छतों पर से एक-दूसरे को देखते रहते थे।
फिर मैं उसके बारे में पता करने की कोशिश करने लगा कि वो क्या करती है और कहाँ पढ़ने जाती है।
काफी मेहनत करने के बाद यह पता लगा कि वो 12वीं की परीक्षा की तैयारी कर रही है। मैंने अपने एक दोस्त की बहन के जरिये उसको यह मैसज दिया कि मैं उसको पसंद करने लगा हूँ और उससे एक बार मिलना चाहता हूँ।
उस दिन तो उसने कोई जवाब नहीं दिया लेकिन उसके कुछ ही दिनों के बाद उसने मुझे एक पत्र लिखा, उसमें लिखा था कि वो भी मुझे बहुत पसंद करती है लेकिन किसी और को इस बात का बिल्कुल भी पता नहीं चलना चाहिए.. वरना मेरे घर वाले मेरी पढ़ाई बंद करवा देंगे और मेरा घर से बाहर निकलना भी बंद कर देंगे।
उसका पत्र पढ़ कर मुझे थोड़ा दुःख हुआ कि लगता है कि मैं उससे कभी नहीं मिल पाऊँगा।
लेकिन मेरी किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था।
कुछ दिन ऐसे ही बीत गए, एक दिन मैं फिर से अपनी छत पर टहल रहा था.. तभी वो भी अपनी छत पे आई और वो मुझे इशारा करके बोली- मुझे कल स्कूल के पास आ कर मिलना।