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हैलो, मैं अपनी गर्लफ्रेंड की चुदाई स्टोरी शेयर कर रहा हूँ.

मैं अहमदाबाद, गुजरात से हूँ, मेरा नाम अजय है और मैं एक मेडिकल कंपनी में काम करता हूँ.

तो हुआ यों कि मैं मेडिकल में जहाँ काम करता था, वहाँ पर काफी सारी लड़कियाँ काम किया करती थीं और मेरे हैंडल में जहाँ स्टॉक सारा रखते थे उनकी देखभाल मेरे हाथ में थी. जब भी किसी को भी बड़ा स्टॉक चाहिए होता तो उसे मुझसे ही संपर्क करना होता था.

एक बार एक स्नेहा नाम की लड़की स्टॉक लेने मेरे पास आई. मैंने उसे देखा तो वो मुझसे कहने लगी- मेरे बिल के अन्दर जो लिखा है.. वो आप निकाल कर दे दीजिए.
मैंने देखा कि बिल में तो मैनफोर्स कंडोम का स्टॉक लिखा था इसीलिए वो कहने में शरमा रही थी. मैंने झट से कन्डोम का बॉक्स निकाल कर उसके हाथों में दे दिया. वो बॉक्स लेते वक्त तनिक शरमा गई.


फिर उस दिन मैंने रात को घर आकर उसके नाम की मुठ मारी. उसके हुस्न का जादू मानो मुझ पर इतना अधिक चढ़ गया था कि मैं काबू ही नहीं कर पा रहा था. मेरे मन में तो बस उसको चोदने के सपने आ रहे थे. अब तो हालत ये हो गई थी कि रोज ही खाते पीते वक्त भी उसी को याद किए जा रहा था.
वो मुझे मेडिकल में मिलती तो बस उसकी तारीफ़ ही करता रहता कि ‘जी आज आप बहुत सुन्दर दिख रही हो.. यू आर लुकिंग हॉट..’

बस फिर वो भी मुझे लाइक करने लगी.

फिर एक दिन मैंने उससे अपने प्यार का इजहार कर दिया… वो कुछ नहीं बोली और चली गई.

दूसरे दिन मेरे पास किसी मेडीसिन का स्टॉक लेने आई तो मैंने उससे उस बात के लिए सॉरी कहा. उसने कहा- नहीं.. मैं भी तुम्हें बहुत प्यार करती हूँ.. पर मैं शरमा रही थी.
मैंने उसका हाथ पकड़ कर चूमा तो वो भी मुस्कुरा दी. हमारी प्रेम की गाड़ी चल पड़ी. मैं अकेले में उसे गर्लफ्रेंड ही कहता था जैसे- हेलो गर्लफ्रेंड! कैसी हो?

फिर एक दिन मैंने मौका देख कर गर्लफ्रेंड के गालों की एक चुम्मी ले ली और वो भागते हुए बाहर चली गई. अब रोज रात को हमारे बीच सेक्सी बातें होने लगीं.

एक दिन हमारे यहाँ हॉस्पिटल में पॉवर में शार्ट सर्किट हुआ, तो बिजली वाले को बुलाया. मिस्त्री ने कहा- ये बड़ा फाल्ट है, सुधारने का काम 3 घंटे चलेगा.

मेरे मौका देखते हुए गर्लफ्रेंड को अपने डिपार्टमेन्ट में बुला लिया. वो आई तो मैं भूखे शेर की तरह उस पर टूट पड़ा. वो भी किस करने में मेरा साथ दे रही थी. हम दोनों ही गर्म हो चुके थे और रुका ही नहीं जा रहा था.
मैं उसे खींच कर दवाई की पेटियों की आड़ में ले गया और उसे पूरी नंगी कर दिया. अब मैं उसके मम्मों को मसलते हुए चूसने लगा.

वाओ… क्या मम्मे थे.. आज भी उसके मम्मों का टेस्ट मुझे याद है.

फिर मैंने उसकी पेंटी भी उतार दी. उसकी चूत पे छोटे-छोटे बाल थे और चूत पाव की तरह उभरी हुई थी. मैंने झट से उसकी चूत पर जीभ लगा दी और चूत चूसने लगा.
कुछ ही पलों बाद मैंने अपना लंड उसके हाथ में थमा कर कहा- चूसो इसे.
वो भी लपक कर मेरा लंड चूसने लगी. आह.. क्या मस्त चूस रही थी साली.. लंड को चैन आ गया.. पूरा लंड लॉलीपॉप की तरह चचोर रही थी.

कुछ मिनट लंड चुसवाने के बाद मैंने उसे एक बड़ी पेटी पर बिठाया और उसकी टाँग अपने कंधों पर रख कर अपना लंड उसकी चूत में घुसाने की कोशिश करने लगा. पर मेरा मोटा लंड उसकी छोटी सी चुत में गया ही नहीं. फिर मैंने अपने लंड पर थोड़ा सा थूक लगाया और झटका लगा दिया तो लंड का टोपा घुस गया.

सुपारा अन्दर जाते ही गर्लफ्रेंड की चूत ने खून छोड़ दिया और वो दर्द के मारे चिल्लाने ही वाली थी कि मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ जमा दिए और किस करने लगा. वो दर्द के मारे मुझसे छूटने की नाकाम कोशिश करने लगी. फिर उसके थोड़ा नॉरमल होते ही मैंने एक ही झटके में अपना पूरा 7 इंच का लंड उसकी चूत की जड़ तक घुसा दिया तो वो बेहोश ही हो गई.

मैंने उसे हिलाया और उठाया और फिर धीरे-धीरे चुदाई करने लगा. कुछ देर बाद उसे भी मजा आने लगा.

उस दौरान मैंने उसे 2 बार चोदा, फिर हम दोनों अलग हो गए.
 
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