Girlfriend Ne Tudwa Di Kamsin Naukrani Ki Seal

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नमस्कार, मैं रवि काफी समय बाद हाज़िर हो रहा हूँ। मैं अपने किसी व्यक्तिगत काम की वजह से आपसे नहीं मिल पाया।
दोस्तो, आपने मेरी कहानियों को बहुत पसंद किया और मुझे ढेर सारी ईमेल्स भी भेजीं.. काफी मेल्स अभी तक भी मिल रही हैं।
सभी दोस्तों के प्यार का धन्यवाद।

मेरी कहानियाँ पढ़कर जो पाठिकाएं अपनी चूत में उंगली करती हैं और जो लड़के लंड हिलाते हैं.. उनके इमेल्स भी आ रहे थे कि मैं अब नई कहानी कब ला रहा हूँ।

सो अब आपके पास में कुछ नई कहानियां ला रहा हूँ। जो एक-एक करके आपके रिस्पांस के बाद आपको मिलेंगी। अगर कहानी अच्छी हुई तो भी.. और अगर न अच्छी लगे तो भी.. उसका विश्लेषण मुझे मेल में भेज देना।

अब ज्यादा बातें न करता हुआ मैं सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ।

यह कहानी है मेरी दोस्त नीलू की, जिसकी सहमति से मैं यहाँ लिख रहा हूँ।

नीलू मेरी ऑनलाइन दोस्त थी, वो हर रोज़ मुझसे सेक्स चैट करती थी, परन्तु धीरे-धीरे वो मेरी ख़ास दोस्त बन गई।

नीलू का अपना खुद का कारोबार है, उसकी आयु 28 साल की ही है। वो दिखने में बहुत ही सुन्दर और सेक्सी है। भले ही वो मैरिड है परन्तु उसकी चूत एकदम टाइट और फिगर फिट है। उसके पति कनाडा में रहते हैं। उसके घर में किसी चीज़ की कमी नहीं है। कोई कमी है.. तो बस एक सेक्सी लंड की कमी है, जो अब मैंने पूरी कर दी है।

फिर हम कभी-कभी वक्त निकाल कर मिलते और खूब चुदाई करते और फन करते।

इस बार भी नीलू ने मुझे बताया- मैं इस शनिवार और रविवार को फ्री हूँ। अगर वक्त है तो तुम शनिवार रात को आ जाओ, हम रात को एन्जॉय करेंगे।

मैंने शनिवार को जाने का प्लान बनाया। मैं उसके कहे अनुसार रात को करीब 8 बजे उसके घर के सामने था।
उसने मुझे नार्मल तरीके से नमस्ते की और गेट के अन्दर ले गई।
उसने ब्लैक स्कर्ट और वाइट टॉप पहना था।

जैसे ही मैं ड्राइंग रूम में घुसा.. मैंने नीलू को अपनी गोद में उठा लिया और उसे किस करने लगा। वो भी साथ देती हुई मुझे किस कर रही थी। कुछ पल बाद वो नीचे उतरने के लिए छटपटाने लगी।

मैंने उसे छोड़ दिया, तभी वो मेन गेट लॉक करके आई और मुझे ड्राइंग रूम में ले गई।

अब वो बोली- ले जानू, अब कर ले जो मन करता है.. अब ये जान आपकी हुई। ये कहते हुए वो मेरी गोद में आ गई।

मैंने नीलू को गोद में उठाया और फिर से किस करते हुए उसके टॉप में हाथ डाल दिया। मैं साथ ही उसके होंठों को चूसता हुआ.. उसके कान तक किस भी कर रहा था, कभी होंठों को.. कभी कान.. कभी आँखें.. यानि सभी जगह पर कपड़ों के ऊपर से ही किस कर रहा था।

मेरी इस हरकत से नीलू थोड़ी गर्म हो गई थी।
बोली- साले तड़पा दिया था.. कहाँ रहे इतनी देर।
मैंने कहा- अब आ गया हूँ, अब कर देता हूँ तेरी तड़प दूर.. साली कुतिया..

इसी के साथ ही मैंने उसे बेड पर बिठा दिया और ऊपर से उसका टॉप ऊपर करने लगा। उसने मेरा थोड़ा सहयोग किया और अपना टॉप अच्छे से ऊपर कर दिया।

उसने नीचे ब्रा नहीं पहनी थी, शायद उसने अपने मेरे लिए ऐसे खुले रखे हों। अब उसके दोनों कबूतर नंगे हो चुके थे। मैंने सबसे पहले दोनों मम्मों को किस किया ही था कि उसके मुँह से मजेदार सिसकारी निकली।
 
मैंने उसकी एक चूची को पकड़ कर दूसरी चूची को जोर से चूसने लगा। वो अब काफी गर्म हो चुकी थी।

मैंने कहा- साली मादरचोद, आज अच्छे से तेरी बहन चोदूंगा।
नीलू बोली- साले.. मेरी बहन नहीं तू आज पहले मुझे चोद।

जैसे कि मेरे पुराने पाठकों को मालूम है कि हम सभी दोस्त, चुदाई में खुलकर गालियाँ देते हैं। इसी तरह नीलू भी गर्म हो रही थी। उसने अपना एक हाथ नीचे ले जाकर मेरे लौड़े को पैंट के ऊपर से पकड़ना शुरू किया।

वो मेरे लंड को ऊपर से पकड़ते हुए बोली- अरे मेरे यार का लंड आज तो काफी जोश में लग रहा है।

मैंने फिर उसे किस की और उसके एक मम्मे को काटता हुआ बोला- बहन की लौड़ी साली.. जब लंड की दीवानी रांड इसके नीचे पड़ी होगी.. तो अभी जोश में नहीं आएगा तो और कब आएगा साली।

मैंने उसे एक बार फिर खड़ा कर लिया अब मैंने उसका टॉप पूरी तरह से उतार दिया था।

वो बोली- साले न चाय न पानी.. आते ही सीधे मुझे पकड़ लिया।
मैंने कहा- बहन की लौड़ी जिसे दूध मिले उसे चाय की क्या जरूरत.. पहले गाण्ड दिखा मादरचोदी।

उसने तुरंत आगे बढ़ कर अपना एक मम्मा मेरे मुँह में दे दिया और और अपनी गाण्ड को थोड़ा घुमाया, जिससे उसके चूतड़ आधे मेरी तरफ हो गए।

मैंने ऐसे ही ऊपर से उसके पूरे चूतड़ों पर अपना हाथ फेरा और उसका मम्मा छोड़ कर बोला- कुतिया तेरी तो गाण्ड भी काफी तड़प रही होगी।

उसने मुझे एक जोर से किस की और मेरे हाथों से छूट कर भाग गई। मैं देखता ही रह गया कि वो किचन में चली गई। कुछ ही देर में वो मेरे और अपने लिए दो कप चाय, स्नेक्स और पानी लेकर आई और बोली- पहले चाय ले लो फिर रात हमारी ही है।

मेरा स्वागत बढ़िया तरीके से हुआ था। मैं उसके साथ बैठ कर चाय पी रहा था और साथ में हमने कुछ घरेलू बातें की। उसके बाद वो मुझसे डिनर के बारे में बताने लगी।

‘डिनर दस बजे बनाऊँगी.. मैंने अपनी नौकरानी को बुलाया है, तब तक वो भी आ जाएगी।’
मैंने उससे कहा- यार आज तो रात हमारी है.. इसलिए नौकरानी को मना कर देती आने से।
उसने कहा- नहीं यार.. मेरी नौकरानी हमारे 20 पुराने परिवारक विश्वासपात्र नौकरों के परिवार से ही है। असल में मेरे पति बहुत जोर कर रहे थे कि तुम अकेली मत रहो। इसी के चलते एक बार तो उन्होंने मेरी माँ को मेरे पास भेज दिया था.. वो यहाँ आकर रहने लगी थीं। उस हालत में मुझे तुमसे मिलने में भी दिक्कत आ सकती थी। सो उनके ज्यादा जोर देने पर अब मैंने इस नौकरानी को रख लिया। ये ईमानदार और अच्छी है। अब मेरे पति को भी ये है कि मेरे पास कोई है। मैंने अपनी नौकरानी को ऊपर का जो खाली बेडरूम था.. वो दे दिया, उसका घर यहीं पास में ही है। अब वो अपने घर से कुछ देर तक आएगी.. फिर खाना बनाएगी और फिर सोने चली जाएगी। तुम चलो चाय पिओ, फिर मस्ती करते हैं।

मैंने चाय खत्म की और बोला- चल कुतिया साली.. जो होगा सो बाद में देखा जाएगा.. पहले तेरा हुस्न देख लूँ एक बार.. आ जा दिखा अपना जलवा मादरचोद..
ये सुनते ही नीलू मेरे पास आई और बोली- ले अब देख ले अपनी रांड का हुस्न साले ठरकी।
 
मैंने नीलू के मम्मों को एक बार ट्रक के हॉर्न जैसे दबाया और अपने हाथ से उसके चूतड़ों को पकड़ते हुए किस करने लगा। मैंने नीलू की पैंटी के अन्दर हाथ डालकर एक उंगली से उसकी चूत के दाने को टच किया।

वहाँ मुझे काफी गीलापन महसूस हुआ, तो मैंने कहा- कुतिया साली.. तुम तो पहले ही काफी पिघलने लगी हो, तेरी जवानी को अब मैं और पिघलाता हूँ मादरचोदी।

उसने एक कामुक सिसकी सी भरी और अपनी दोनों बाजू से मेरे बदन से लिपटाते हुए बोली- तो पिघला न साले.. ये जवानी अब तेरी जवानी से मिक्स होने को तड़प रही है।

मैंने तुरंत उसकी पैंटी को थोड़ा और नीचे किया तो वो सिसकते हुए बोली- साले मुझे अल्फ नंगी किए जा रहा है और खुद एक कपड़ा भी नहीं हटाया अभी तक.. तू भी तो दिखा अपनी जवानी का जलवा.. कमीने।

मैंने उसे छोड़ा तो नीलू ने तुरंत मेरी पैन्ट की हुक खोल कर उसे बाहर निकाल दिया। साथ ही मैंने अपनी शर्ट उतार कर एक साइड फैंक दी। इसके बाद मैंने अपनी बनियान तक उतार दी। अब मेरे शरीर पर केवल अंडरविअर ही बचा था।

मैंने नीलू को पकड़ा और इस बार चूंकि मैं नीलू को अल्फ नंगी कर चुका था।सो अब मैं नीलू के कानों को चूसते हुए नीचे की तरफ चाटते हुए जाने लगा। इससे नीलू बहुत तड़पने लगी थी।

मैं उसकी गर्दन, मम्मे, मम्मों की साइड और बैक, उसकी पीठ को अच्छी तरह चाट रहा था। मेरे हाथ उसकी चूत के ऊपर मालिश सी भी कर रहे थे।

फिर मैंने नीलू को घुमाया और उसकी पीठ को चाटते हुए उसके नीचे तक आने लगा। मैं बड़ी कामुकता से उसकी बांहों को.. जांघों को.. उसकी बगलें.. सभी जगह चूस रहा था, जिससे नीलू मचलने लगी थी।

वो बोली- उफ़.. अंह.. आपका यही अंदाज़ मेरी जान निकाल लेता है राजा..उन्ह..

नीलू का एक हाथ मेरे लंड पर चलने लगा था। मैंने उसे फिर घुमाया और उसके सामने नाभि और उसके नीचे का भाग चूसने लगा। नाभि से अब मैं धीरे-धीरे उसकी चूत की तरफ बढ़ रहा था। मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और अब मैं उसकी चूत के बहुत करीब था। मैं उसके ऊपर आ गया और हम दोनों 69 पोजीशन में हो गए।

मैंने जैसे ही उसकी चूत को अपनी जीभ से टच किया.. तो वो बहुत मस्त सिस्कारियां भरने लगी और उसने मेरे लंड को अपने हाथ से पकड़ कर अपने मुँह में ले लिया।

मैं लगातार उसकी चूत को चूसे जा रहा था। मैं उसके दाने से लेकर अन्दर तक चाट रहा था। उसकी चूत में अन्दर तक उंगली भी डाल देता और कभी-कभी जीभ भी अन्दर डाल रहा था। वो मेरे लंड को जड़ तक मुँह में लेकर बेझिझक होकर चूस रही थी। मेरा लंड अपने पूरे जोश में आ चुका था।

मैंने उसे तड़पाने के लिए उसकी चूत में उंगली डाल दी और उसके दाने को अपने दांतों में लेकर चूसने लगा और कभी-कभी दाने पर जीभ फेरता.. तो वो बहुत ज्यादा उत्तेजित होने लगती थी।

उसकी उत्तेजना बहुत बढ़ गई थी। मैंने भी उसको एक बार वहीं पर झाड़ने का फैसला कर लिया था।

दोस्तों चुदाई का सही मजा जब ही आता है.. जब एक बार की उत्तेजना बाहर ही झड़ जाए।

इसके आगे चुदाई का मस्त खेल होने वाला है तो आप सभी से गुजारिश है कि इस मस्त चुदाई की कहानी को अपना पूरा समर्थन दीजिएगा।
 
अब तक आपने पढ़ा..
नीलू और मैं मुख चोदन में मस्त और अस्त-व्यस्त थे।
अब आगे..

वो मेरे लंड को जोर-जोर से अन्दर-बाहर करने लगी थी, मेरे लंड के सभी तरफ वो अपनी जीभ को बहुत तेज-तेज अपनी जीभ चला रही थी.. जिससे मुझे भी काफी उत्तेजना महसूस हो रही थी।

मैंने अपने होंठों से फ्रेंच किस की तरह उसकी पूरी चूत को अपने मुँह में ले लिया, इससे नीलू बहुत उत्तेजित हो गई, मैंने अपनी जीभ को उसकी चूत में डाल रखी थी। अब की बार नीलू सिसकारी भी भर रही थी।

उसके दोनों मम्मे मेरी जांघों के नीचे थे, वो भी दब कर मज़ा दे रहे थे इसलिए ज़ल्दी ही उसकी जवानी का चश्मा (झरना) फूट पड़ा और नीलू की चूत से उसकी जवानी का रस पिघल कर मेरे मुँह में आने लगा।
वो काम आनन्द से सिसकारने लगी। मैंने उसका सारा रस अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया।

मैंने उसे और उत्तेजना देने के लिए उसके दाने पर भी लगातार जीभ से चुसाई जारी रखी।
वो मादकता से सिसकार रही थी और मेरे लंड को अपने मुँह में बहुत तेज-तेज आगे-पीछे कर रही थी जिसे मैं भी ज्यादा बर्दाश्त न कर पाया और मेरे लौड़े ने अपनी धार सीधे उसके मुँह में छोड़ दी।

मेरे लंड की पहली धार जैसे ही उसके मुँह में गिरी.. तो उसने मेरे लंड को हर बार की तरह जोर से कस लिया और अपने मुँह में गिर रहे लंड रस का मज़ा लेने लगी।
इधर नीचे से उसकी धार छोड़ रही चूत मेरे मुँह में थी और मैं भी उसकी चूत के रस को पिए जा रहा था।

करीब 2 मिनट तक हम ऐसे ही एक-दूसरे के रस को पीते रहे और एक-दूसरे के जिस्म को कस कर पकड़े रखा, उसकी टांगों को मैंने अपने हाथों में पकड़ा हुआ था।
मेरी दोनों टांगों को भी नीलू ने अपने हाथों में ले रखा था।

अब वो मेरे लंड का सारा रस पी चुकी थी और मेरे टट्टों को भी चूसने लगी थी। कुछ पल बाद हम दोनों अलग हुए और एक-दूसरे को छोड़ा और एक-दूसरे को चूमते हुए और हँसते हुए छेड़ने लगे।

मैंने उससे कहा- क्यों साली.. कैसा रहा तेरे मर्द का पहला राउंड मेरी कुतिया?
वो बोली- मादरचोद.. ये राउंड तो बढ़िया रहा.. बाकी रात को पता चलेगा.. चलो अब ज़ल्दी से कपड़े पहन लो.. शालू (उसकी नौकरानी का नाम शालू है) आने वाली होगी।

नीलू कपड़े पहन कर घर के काम में लग गई और मैं बाथरूम में नहाने चला गया।

जब तक मैं नहाकर बाहर आया.. तब तक शालू भी आ चुकी थी, नीलू और शालू दोनों किचन में काम कर रही थीं।

नीलू ने खाना लगवा दिया, मैं और नीलू एक साथ बैठकर खाना खाने लगे और शालू हमें खाना खिला रही थी।
तभी बातों बातों में नीलू ने मुझे धीमे स्वर में बता दिया था- शालू को मैंने बता दिया है कि तुम हमारे रिश्तेदार हो.. इधर किसी काम आए थे.. तो मिलने चले आए। रात को कहीं बाहर रुकने वाले थे तो मैंने जोर देकर तुम्हें यहीं पर रुकवा लिया।
नौकर होने की वजह से शालू ने कोई सवाल तो किया ही नहीं था।

हमने खाना ख़त्म किया और उन्होंने मुझे नीचे का दूसरा बेडरूम जो खाली पड़ा था, वो शालू से खुलवा दिया था.. मैं वहाँ चला गया।
शालू अपना काम खत्म करके ऊपर चली गई थी।
नीलू भी अब फ्री हो गई थी, नीलू दो गिलास दूध लेकर मेरे बेडरूम में आ गई और बोली- लो मेरे राजा.. अब हम दोनों फ्री हैं.. आप बैठ कर टीवी देखो.. मैं फ्रेश हो आऊँ और नहा आऊँ।
 
मैंने कहा- बाद में चली जाना।
बोली- नहीं.. एक बार मुझे नहा लेने दो प्लीज़, बस मैं गई और अभी आई।

कहते हुए वो मेरे कमरे के ही बाथरूम में चली गई। मैं उतनी देर मैं टीवी पर न्यूज़ देखने लगा।
वो कुछ देर बाद बाथरूम से बाहर निकली.. तो क्या कयामत ढा रही थी। बस ब्रा और पैंटी और एक जालीदार लॉन्ग नाईट गाउन जिसमें से उसकी लाल पैंटी और लाल जालीदार ब्रा साफ़ दिख रही थी।

उसने आते ही ट्रे में रखे दूध के गिलास के को आगे किया और मुझे पीने के लिए दिया, बोली- डार्लिंग ये बादाम किशमिश मिक्स दूध है.. पी लो.. तभी तो तुम्हारा दूध निकलेगा न!

हम दोनों हँसने लगे।

मैंने भी नहाने के बाद बस सादा सा जालीदार नाईट गाउन पहना था.. जो उतारना बहुत आसान था। उसके नीचे मैंने भी बस अंडरवियर ही पहना था।

मैं बेड के ऊपर आ गया और नीलू भी मेरे पास आ गई, हमने अपनी टांगों पर कम्बल डाल लिया और साथ बैठ कर दूध पीने लगे।
मैंने नीलू को कहा- जानेमन, बहुत दिन हो गए.. तेरा ये मखमली बदन छुए हुए।
वो तुरंत हँसते हुए बोली- अभी तो छुआ है।
हम दोनों ऐसे ही हँसी-मज़ाक कर रहे थे।

फिर मैं नीलू के बदन को चूमने लगा और उसके बदन को फिर से हर जगह पर चूमते हुए मज़ा देने लगा, उसके होंठों से लेकर उसकी बांहों को मदभरे तरीके से चूम रहा था।

मैंने चूमने के साथ ही उसका नाईट गाउन उतार दिया था, वो मुझसे लिपटी पड़ी थी और मैं भी उसे बेतहाशा चूमे भी जा रहा था।
नीलू भी सिस्कारती हुई मेरा साथ देने लगी थी। मैंने उसके शरीर से गाउन उतार कर दूर फेंक दिया था और उसके शरीर पर बस अब एक जालीदार ब्रा और पैंटी रह गई थी।
मेरे जिस्म पर तो पहले से ही मैंने बस अंडरवियर पहना था।

मैं बोला- मादरचोद कुतिया… अब बोल कितना डर्टी कर दूँ तुझे.. ज्यादा शौक है न तुझे मेरे लौड़े को चूसने का.. तो ले इसे अपने मुँह में बहन की लौड़ी।
कहते हुए मैंने अपना लंड उसके मुँह में दे दिया।

नीलू भी सिसकार लेकर लंड को मुँह में लेती हुई बोली- हाँ कुत्ते कमीने कर आज कर दे मुझे हद से ज्यादा डर्टी.. जितना कर सकते हो.. चोद दे मेरी गांड तक.. पी ले मेरी जवानी का रस.. मेरे मम्मों और चूत से रस चाट ले बहन के लौड़े.. मेरे कुत्ते.. आह..

यह कहते हुए वो मेरा लौड़ा चूसने लगी, मैंने अपने दोनों हाथ उसके पीछे ले जाकर उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और आगे से ब्रा को दांतों में पकड़ कर उसके मुँह के ऊपर से लहराते हुए उसकी चूत को छुला कर साइड पर फैंक दी।

एक-एक किस दोनों मम्मों पर करके उसका एक मम्मा मुँह में लेकर चूसने लगा, फिर दूसरा मम्मा भी थोड़ी देर चूस कर नीचे उसकी पैंटी की तरफ मुँह ले गया।
मैंने अपने होंठों से उसकी पैंटी को खोल कर दांतों से पैन्टी को उसकी टांगों से निकाल कर बिना हाथ लगाए उसकी चूत पर लहराने लगा।

फिर चूत के पास दोनों टांगों के बीच पैंटी को छोड़ कर चूत पर अपनी गर्म-गर्म साँसें छोड़ने लगा।

मेरी फीमेल पाठिकाएं जानती होंगी कि जब मर्द चुदाई से पहले खुल कर मज़ा दे-दे कर तड़पा-तड़पा कर ऐसा चुदाई वाला गर्म रोमांस करे.. तो उन्हें चुदाई से भी ज्यादा मज़ा आता है और इस हरकत से चूत पानी-पानी होने को आतुर हो जाती है।
 
अब फिर से नीलू की चूत पानी-पानी थी और वो बहुत तड़प रही थी, नीलू ने कामुकता से सिसकते हुए कहा- उन्ह.. आह.. सीसी यार अब करो न..
मैंने उसे तड़पाते हुए कहा- क्या करूँ साली..

तो वो थोड़ा चिढ़ कर और वासना में आकर बोली- अपनी नंगी चुदक्कड़ रांड को चोद दे.. कमीने कुत्ते.. तेरी कुतिया तेरे सामने नंगी पड़ी है बहन के लौड़े.. और तू है कि इसे तरसा रहा है… अब चोद दे मेरी चूत को माँ के लौड़े.. चोद इस फुद्दी को कमीने..

मैंने अब उसकी गांड में एक उंगली डाली और बोला- साली मादरचोद कमीनी कुतिया.. आज तेरी गांड भी फटेगी.. तू देख अभी बिठाता हूँ तुझे अपने लौड़े पर।

मेरा लंड जो उसने अपने मुँह से निकाल दिया था.. पूरा उठान पर था और चोदने के लिए खड़ा था।

मैंने जाँघों तक फंसा अपना अंडरवियर उतार दिया था। उसकी दोनों टांगों को ऊपर उठाया और पीछे से हो कर उसकी चूत को दो उंगलियों से खोल कर देखना चाहा। मैंने उसकी चूत की फांकों को खोला और देखा, देखते ही मैंने कहा- बहन की लौड़ी.. तेरी इस जवान चूत में अभी डालता हूँ अपना लौड़ा.. ले मेरी कुतिया.. गांड उठा अपनी..

मैंने अब भी उसकी चूत में लौड़ा डालने से पहले जीभ डाल दी और उसे और उत्तेजित कर दिया।
मेरी इस हरकत से नीलू बोली- उफ़ आह.. साले कुत्ते.. तू तो लंड डालने वाला था.. अब फिर जीभ का डाल दी कमीने.. लंड डाल.. नहीं तो मैं पेशाब कर दूंगी, तेरी जीभ पर कुत्ते।

मैंने तुरंत कहा- कर तो.. बहन की लौड़ी.. कर पेशाब.. देखूं तुझे.. मेरी जीभ यहीं है कुतिया.. ले कर सू सू.. मेरी रांड.. आह..
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मैंने उसकी चूत को जीभ से तेज-तेज थोड़ा रगड़ा और फिर अपने लंड को आगे बढ़ा दिया और बोला- बहनचोद, अब गांड नीचे मत करना.. अब तेरी जवानी को मेरा लौड़ा मिलने वाला है कुतिया।

नीलू ने गांड उठा कर इशारा किया कि अब देर मत करो। मैंने तुरंत उसकी चूत के मुँह पर लंड रखा और एक हल्का सा धक्का लगाया.. जिससे मेरा लंड उसकी चूत के मुँह पर फिट हो गया।

अब मैंने साथ ही एक जोरदार झटका लगाया.. जिससे मेरा आधे से ज्यादा लंड उसकी चूत के अन्दर चला गया। अब मैंने साथ ही दो-तीन झटके और लगाए और अपना लंड जड़ तक उसकी चूत में उतार दिया।

नीलू सिसकने लगी थी, उसकी मादक सीत्कारें निकलना लगातार जारी थीं, अन्दर घुसे हुए लंड का स्वागत वो गांड उठा-उठा कर कर रही थी।

मैंने आगे हाथ बढ़ा कर उसके दोनों चूचियों को पकड़ा और पीछे से मजेदार झटके लगाने लगा। नीलू मज़े से सरोबार होकर सिसकारियाँ भर रही थी।

वो कह रही थी- उ..ई.. आ..ह.. सी सी सी.. उई चोद.. भैन के लंड.. चोद ऐसे ही.. चोद.. मेरी बच्चेदानी तक ठोक भोसड़ी के.. चोद दो आह.. उई मेरी बहन चोद.. दे.. लौड़े.. साले कमीने चोद.. आह हाँ ऐसे ही.. मर्द बन कर पेलता रह.. मेरे कुत्ते.. साले चोद.. आह उई..

वो ऐसी चुदासी सीत्कारें भर रही थी कि मैंने पीछे हाथ ले जाकर उसकी गांड में एक उंगली डाल दी।
उसकी गांड में उंगली जाने का मतलब तो आप समझ ही गए होंगे।

तो चलिए जल्दी से अपने ईमेल भेजिएगा और मैं आपको आगे की कहानी में लिखता हूँ कि चुदाई के खेल में क्या और कैसे हुआ।
 
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