[color=rgb(184,]Update 69[/color]

राघव नेहा को लिए वहा बने एक टेंट मे आया, पूरा टेंट लाइट्स से सजा हुआ था और वहा नर्म गद्दी और तकिये रखे हुए थे





राघव ने धीमे से नेहा को वह गद्दे पर लिटाया नेहा ने मन मे तो मानो तितलिया उड़ रही हो ऐसा एहसास हो रहा था, ऐसा नहीं था के वो पहली बार इतना करीब आ रहे थे फिर भी दोनों एक अलग ही रोमांच महसूस कर रहे थे

उसने फिर से उसके होठों पर पाने होंठ रख दिए और उसे बेतहाशा चूमते हुए उसके कपड़ों को उसके कंधे से नीचे सरकाते हुए उसकी क्लीवेज तक ले आया

जिसके बाद राघव ने अपना रुख नेहा की सुराहीदार गर्दन की ओर किया उसे गर्दन पर चूमने लगा

"आह" जब राघव ने उसकी गर्दन पर काटा तो वो हल्की सी कराह उठी तभी दर्द कम करने राघव वहा चाटने लगा, उसने उसके हाथों को पकड़ और अपने गले के चारों ओर डाल लिया और फिर से नेहा के होंठों को चूमने लगा

नेहा राघव के शर्ट के बटन खोलने लगी और जैसे ही वो आखरी बटन खोलने वाली थी राघव ने उसकी कलाई पकड़ ली और उसकी आँखों मे देखने लगा, राघव के चेहरे पर एक शरारती मुस्कान खेल रही थी

राघव- मुझे बगैर कपड़ों के देखने इतनी उतावली हो

वो उसकी बात पर शर्मा गई और अपनी मुस्कान छुपाते हुए दूसरी ओर देखने लगी

"आह" नेहा सिसक उठी जब राघव ने अपना हाथ बढ़ा कर उसके ढके हुए स्तन को दबाया

जैसे ही राघव ने अपने हाथ का दबाव उसके स्तनों पर डाला वो सूखे पत्तों की तरह कांप उठी, उससे भी अब रहा नहीं जा रहा था राघव ने अपने हाथ उसके सिने पर घूमते हुए उसकी ड्रेस को और नीचे सरका दिया था और वो अपने हाथों से उन अमृतकलशों का आनंद ले रहा था नेहा के ऊपरी शरीर पर अब बस काली लेस ब्रा बची थी

भारी सास लेने की वजह से ऊपर नीचे होते उसके उन उभारों को दखते हुए राघव ने अपने होंठों पर से जीभ घुमाई वही राघव की नजरों से नेहा बहुत ज्यादा शर्मा रही थी वो मुड़ने लगी लेकिन उसने उसे रोक दिया

राघव- आज नहीं

जिसके साथ ही राघव अपने चेहरे से नेहा को स्तनों को छेड़ने लगा उसे गर्दन से लेकन क्लीवेज तक चूमने लगा वही उसका एक हाथ नेहा की नंगी पीठ पर घूम रहा था और उसके उसकी ब्रा का हुक खोल दिया, नेहा ने तुरंत उसी स्तिथि मे शरमाते हुए राघव को कसकर गले लगा लिया, राघव ने धीरे से ब्रा को नीचे खिचते हुए उसके सीने से अलग कर दीया लेकिन नेहा ने आलिंगन नहीं तोड़ा

राघव- it's not the time to be shy, baby!

राघव उसके कान मे फुसफुसाया और उसे चूम लिया और उसे कंधे से पकड़ते हुए नीचे लेटाया

उसने नजाने उस ब्रा को कहा फेक दिया था और उन नग्न टीलों को आँखों मे चाहत लिए देख रहा था, वो उनपर अपने हाथ रखने ही वाली थी के राघव ने उसे रोक दिया और उन्हे कसकर दबा दिया, वही नेहा ने अपनी आंखे कस कर बंद कर ली

राघव- आखे खोलो बेबी, मैं चाहता हु जब हम प्यार करे तुम मेरी ओर देखो

राघव ने नेहा की आँखों को देखते हुए कहा, उसने अपने होंठों से उसके दाहिने कलश के ऊपरी भाग को छुआ वही नेहा ने अपने नीचे होंठ को काटा

राघव- मेरा नाम पुकारने से अपने आप को मत रोको

राघव ने अपनी हस्की आवाज मे कहा, अपने होंठ उसके निपल के चारों को घुमाते हुए जिसने उन्हे कठोर बना दिया था, उसका दूसरा हाथ उसके बाये निपल को सहला रहा था और तभी उसने उसे चुटकी में भर के खिच दिया वो को उसका नाम पुकारते हुए सिसकने लगी और वो उसके निपल कर अपने होंठ टिकाए उन्हे चूसने लगा

नेहा- आह राघव!!

उसने अपने चेहरा दूसरी ओर घुमाते हुए कराहते हुए कहा जब वो उसके निपल को और जोर से चूसने लगे, नेहा को अब मजा आ रहा था और जब राघव का मन दाई ओर से भर गया उसने अपना रुख बाई ओर किया और नेहा के बाए स्तन को पकड़ लिया और उसपर वही ध्यान देना शुरू किया वो उसने दये पर दिया था

बगैर अपने आप को उसके ऊपर से हिलाए राघव ने एक ही बार मे नेहा के ड्रेस को नीचे खिच दिया था अब अब उसके शरीर पे केवल उसकी पैंटी बची थी

राघव उसकी दोनों टांगों के बीच था और नेहा ने अपनी दोनों तांगे उसकी कमर के इर्द गिर्द लपेट दी थी, वो उसे वापिस चूमने ही वाला था के उसके उसके सीने पर हाथ रखे उसे रोक दिया वही राघव कन्फ्यूजन मे उसे देखने लगा

नेहा- that's not fair आपने अब भी कपड़े पहन रखे है

नेहा की बात पर राघव मुस्कुराये बगैर नहीं रह पाया

राघव- तो बोलो ना के मुझे बगैर कपड़ों के देखना चाहती हो

राघव की बात पर नेहा के पहले से ही लाल गाल और लाल होने लगे थे राघव कुछ इस तरह उठ बैठा जिससे नेहा अब भी उसकी गोद मे थी और उसकी टांगे अब भी उसके इर्द गिर्द थी, दोनों एकदूसरे के बेहद करीब थे उनके माथे एकदूसरे से सटे हुए थे
राघव ने अपने शर्ट का आखरी बटन खोला और वो उत्सुकता से उसकी ओर देखने लगी

राघव ने अपना शर्ट खोल कर फेक दिया था और अब भी उसी स्तिथि मे था ताकि नेहा उसके वेल बिल्ड फिज़ीक को देख सके
नेहा की नजरे उसके पूरे शरीर पर घूम रही थी और, पहली बार वो इतना समय लेते हुए राघव को देख रही थी राघव ने उसका एक हाथ उठा कर अपने सीने पर रखा और उसकी बॉडी को फ़ील करते हुए नेहा अपनी उँगलिया उसके सीने पर घुमाने लगी, उसने वापिस झुक पर उसे किस करना शुरू किया वही उसका एक हाथ उसकी नग्न कमर पर घूम रहा था और नेहा के हाथ राघव की पीठ कर चल रहे थे और उसे अपने और पास खिच रहे थे दोनों के सीने एकदूसरे से टकराए उसका कठोर शरीर उसकी कोमल छाती को छु गया

उसने उसकी गर्दन पर हक्की मारी तो वो दर्द से सिसक उठी, उसकी आवाज मे रोमांच था और वो उसकी क्लीविज को चूमते हुए उसके निचले भाग की ओर बढ़ने लगा और उसके पेट पर आकार रुक गया उसने उसकी कमर पर चुटकी लेते हुए us जगह पर चूसते हुए लाल निशान छोड़ दिए थे, आनंद के इस महोल मे नेहा की शर्म उड़ चुकी थी उसने उसे अपने बगल मे धकेल दिया और अपने हाथों को कामुकता से उसकी छाती से उसकी गर्दन तक सरकाते हुए उसपर कूद पड़ी, उसने उसकी आँखों मे देखा, राघव इस वाइल्ड नेहा को देख मुस्कुराने लगा
उसके करीब जाते हुए नेहा उसकी गर्दन पर चूमने लगी वही राघव ने उसके नितंब पकड़ कर उसे ऊपर की ओर खिचते हुए अपने आंखे बंद कर ली, नेहा उसके गर्दन पर सिने पर गीली चुम्मी करते हुए नीचे की ओर बढ़ने लगी उसने उसकी पैन्ट की बेल्ट पकड़ ली और उसे खिच कर खोल दिया और वो अब उसकी पैन्ट का बटन खोलने ही वाली थी के उसने उसका हाथ पकड़ कर खिच लिया और फिर से उसके ऊपर मंडराने लगा

राघव- इतनी जल्दी क्या है

वो उसके कान मे फुसफुसाया और उसके गले पे एक गीला चुंबन छोड़ दिया, उसका एक हाथ नेहा के नीचे की ओर बढ़ रहा था उसने अपनी तीन उंगलियों से उसके निचले भाग को छुआ, उसे सहलाने लगा, इस स्पर्श ने ही नेहा को ऐसा आनंद दिया था जिससे वो सिहरने लगी, उसने अपने पैरों को बंद कर अपनी जांघों को कस लिया राघव के हाथ उसकी जांघ पर घूम रहे थे और वो सीधी होकर बैठ गई
नेहा- दट्स नॉट राइट आप अभी भी, कपड़े पहन रखे हो

उसकी बात कर राघव हसा और हसते हुए कहा

राघव- तुमने भी तो पहना है

उसने उसके चेहरे के करीब आते हुए कहा, वो शरमाते हुए नीचे देखने लगी, वो खड़ा हुआ और अपनी पैन्ट का बटन खोल कर उसने उसे उतार दिया जिसके बाद वो वापिस नेहा के ऊपर आ गया

वो अब नेहा के ढके हुए हिस्से के पास था, उसने उसे वहा चूमा जिससे वो पागल हो गई, रोमांच से उसके रोंगटे खड़े हो गए थे
उसने अपनी उंगली को ऊपर से नीचे घुमाते हुए उसके योनी को छुआ, उसे रगड़ते हुए, वो हाफने लगी थी और तभी वो उसके दाहिने स्तन को चूसने लगा, कामोन्माद मे नेहा का दिमाग शून्य हो रहा था वो जोर जोर से सास ले रही थी

राघव ने धीरे धीरे नेहा के शरीर पर बचे हुए उस आखरी कपड़े के टुकड़े को भी नीचे कर दिया था, वो उसकी ओर देख नहीं रही थी, और जब उसने उसके गीले नग्न भाग को छुआ उसने अपनी जंघे कस ली

राघव- यू आर सो वेट!

वो अपना काम आगे बढ़ाता इससे पहले उसने उसे रोक दिया और वो उठ बैठी और उसे धक्का देकर पीछे ही ओर गिरा दिया
नेहा- इतनी जल्दी क्या है

नेहा ने उसकी की लाइन दोहरई

नेहा ने अपनी उंगली से राघव ने नीचे छुआ जो झटके मार रहा था नेहा उसपर बैठ गई और राघव को चूमने लगी, राघव ने नेहा की कमर को पकड़ लिया था और नेहा ने अपने कूल्हे हिलाना शुरू कर दिया राघव बगैर देरी किए अपने शरीर पर के आखरी कपड़े को हटाते हए अपने बर्थ सूट मे आ गया था, दोनों के नग्न शरीर आपस मे लिपटे हुए थे

राघव ने अपना लिंग नेहा की योनि पर रखा और अंदर डालने से पहले उसने नेहा को देखा

राघव- तुम चाहती को मैं आगे बढू? अगर तुम चाहो तो मैं रुक सकता हु

राघव की बात सुन नेहा थोड़ा चौकी, उसने राघव की आँखों मे देखते हुए ना मे गर्दन हिला दी

नेहा- I want this Raghav, आज मुझे अपना बना लो

राघव- tell me if you feel pain baby!

राघव ने उसे चूम लिया

राघव अपने लिंग को धीरे धीरे उसकी योनि मे सरकाने लगा और कुछ ही सेकंद मे उसने ऐसा कर दिया और नेहा दर्द से चिल्लाने लगी और राघव रुक गया और जब नेहा का दर्द कम हुआ उसने उसे आगे बढ़ने कहा, राघव धीरे धीरे हिलने लगा ताकि नेहा को दर्द महसूस ना हो और जल्द ही दर्द आनंद और चरम आनंद मे बदल गया और अब राघव ने अपने हिलने की गति बढ़ा दी

पूरा टेंट उनकी आवाजों से भर गया था वो आज प्यार और वासना के पैशन के साथ एक हो गए थे, उनका के खेल बहुत लंबे समय तक चला उन्होंने अपने प्रेम के इस आयाम को हर तरह से एक्सप्लोर किया उनकी कामोन्माद से भरी आवाजे इस बात का सबूत थी के वो पूरी तरफ से एक दूसरे के थे राघव ने इस बात का पूरा खयाल रखा था के नेहा को दर्द महसूस ना हो, वो आज पूर्ण हो गए थे,

आज एक कभी ना खत्म होने वाला प्यार का रिश्ता बन चुका था, जहा वो उससे प्यार करता था उसकी रीस्पेक्ट करता था वही वो भी उससे प्यार करती थी उसकी केयर करती थी, दोनों के प्रेम का इस पवित्र बंधन को कोई नहीं तोड़ सकता था, नेहा और राघव की कहानी इस बात का उदाहरण थी के अगर आपके पास इच्छाशक्ति है तो आप कुछ भी कर सकते है, अपने डर से लड़ सकते है, अपने आप को बदल सकते है बस जरूरत है थोड़े से प्यार की

The Never ending euphoria of Never Ending Love.!
 

[color=rgb(184,]Update 70[/color]
[color=rgb(184,]Epilogue[/color]

एक साल बाद....

नेहा- आज मेरे लिए इतना इम्पॉर्टन्ट दिन है और आप नहीं आ रहे?

राघव- आई एम सॉरी जान लेकिन यहा का काम पूरा नहीं हुआ है और मेरा यहां रुकना जरूरी है

नेहा- मैं आपको अभी से मिस कर रही हु

राघव- तो तुम्हें क्या लगता है मैं तुम्हें मिस नहीं कर रहा? मैं तुम्हारी आवाज तुम्हारी हसी सब बहुत बहुत मिस कर रहा हु

नेहा- तो आप नहीं आ रहे हैना?

राघव- नहीं आ पाऊँगा!

नेहा- तो वही रहिए कोई जरूरत नहीं आने की, I don't need you !

राघव - वो तो रात मे पता चलेगा मेरी जरूरत है या नहीं

नेहा- शट उप!

और नेहा ने फोन काट दिया, वो राघव को मिस कर रही थी तभी श्वेता वहा आई

श्वेता- भाभी रेडी हो आप? सब पुछ रहे है आपके बारे मे

नेहा- हा तुम चलो मैं अभी आई

श्वेता- ऐसे उदास मत होइए भाभी हम सब है आपके साथ, और भईया के बस मे होता तो वो ये दिन कभी मिस नहीं करते

श्वेता ने नेहा के उतरे चेहरे को देखते हुए कहा जिसपर नेहा ने एक फीकी मुस्कान दे दी

--

"कन्ग्रैट्स नेहा!" ये 30-35 साल की महिला ने नेहा से कहा

नेहा- थैंक यू सो मच मालिनी मैम, आपकी हेल्प के बिना ये पॉसिबल नहीं होता

नेहा मुसकुराते हुए कहा

आज नेहा की डांस अकादेमी की दूसरी ब्रांच का इनॉग्रेशन था, पिछले एक साल मे उसने अपनी अकादेमी मे बहुत मेहनत की थी और उसके मालिनी के साथ के कॉलेब्रेशन ने उसे आगे बढ़ने मे बहुत मदद की थी, उसका परिवार तो हमेशा उसके सपोर्ट मे था ही और उसका सबसे बाद सपोर्टर तो राघव था

मालिनी- आज तुम्हारा बहुत स्पेशल दिन है ऐसे ही आगे बढ़ते रहो, वैसे मिस्टर देशपांडे कहा है?

नेहा- वो एक्चुअली बिजनस रेलेटेड काम ने आउट ऑफ सिटी है

नेहा ने कहा

राघव- हा लेकिन डील मेरी बीवी की खुशी से ज्यादा इम्पॉर्टन्ट नहीं है ना!

नेहा ने जैसे ही ये आवाज सुनी उसके आंखे चमक उठी उसने पीछे पलट कर देखा तो वहा राघव 3 पीस सूट पहने बिखरे बालों के साथ वहा खड़ा था वो अभी अभी डायरेक्ट एयरपोर्ट वो वहा आया था उसके हाथ उसके पैन्ट की जेब मे थे और चेहरे पर मुस्कान थी

वो नेहा के पास आकार खड़ा हुआ और नेहा को साइड से हग कर लिया

मालिनी- आपको देख कर अच्छा लगा मिस्टर देशपांडे

राघव- थैंक यू फॉर योर सपोर्ट मिसेज मालिनी

जिसके बाद उनलोगी के बीच कुछ बातचित हुए और फिर मालिनी ये कहते हुए चली गई के उसे और भी लोगों से मिलना है और अब वहा राघव और नेहा बस बचे थे

नेहा - आप तो नहीं आने वाले थे फिर क्या हुआ??

नेहा ने उसकी पोजिशन मे पूछा

राघव- मैं अपनी बेबी का सक्सेस कैसे मिस कर सकता था?

राघव ने नेहा के गाल खिचते हुए कहा और उसके होंठों पर हल्के से चूम लिया और नेहा की आंखे बड़ी हो गई

नेहा- बेशर्म! जगह तो देखिए सब लोग है यहा

नेहा ने उसके सीने पर हल्के से मारते हुए कहा

राघव- कम ऑन चिक्की तुम मालकिन हो यहा की, ये जगह तुम्हारी है और तुम मेरी

तभी

जानकी- तो आ गए तुम

जानकी जी ने वहा आते हुए कहा और वो दोनों एकदूसरे तो थोड़ा दूर हटे

राघव- हा आगया मा

राघव ने उनके पास जाते हुए कहा

जानकी- लेकिन तुम तो कह रहे थे नहीं आ पाओगे

राघव- आपको मिस कर रहा था न तो आ गया

जानकी- चल चल ड्रामेबाज़, सब जानती हु मैं, नेहा चलो बेटा रिबन काट कर ओपनिंग करो चलो

जिसके बाद वो तीनों वहा से चले गए

दादी ने नेहा से ओपनिंग करने कहा था क्युकी पहली अकादेमी की ओपनिंग दादी और दादू ने की थी, नेहा ने गेट के पास जाकर राघव को अपने पास आने का इशारा किया और राघव भी उसके पास पहुचा

नेहा- आप मेरी सबसे बड़ी ताकत है इसीलिए मैं चाहती हु के आप मेरे साथ इस जगह की ओपनिंग करे नेहा ने राघव का हाथ पकड़ते हुए कहा

रिद्धि- हाउ रोमांटिक!!

शेखर - हा हा इन दोनों ने तो रोमांटिक होने के सारे रिकार्ड तोड़ दिए है

शेखर ने कहा

धनंजय- अरे बस करो भाई अब रिबन कट करो मुहूरत निकल रहा है

जिसके बाद नेहा और राघव ने अकादेमी की ओपनिंग की,

जब ईवेंट खतम हो गया तब वहा सिर्फ घरवाले और कुछ वर्कर्स बचे थे

मीनाक्षी- चलो सब बढ़िया हो गया

राघव- नहीं चाची! अभी भी एक चीज बाकी है!

राघव ने अपनी चाची से कहा फिर अपने दादा दादी और मा बाप को देखा जिन्होंने हा मे गर्दन हिला दी

रमाकांत- राघव अब तुम लोग जाओ और उसके साथ जल्दी वापिस आओ, तुम जानते हो मैं क्या कह रहा हु

जानकी- हा अब और इंतजार नहीं होता

जानकी जी ने एक्साइट होते हुए कहा

गायत्री- हा जाओ अब तुम लोग हम घर पर सब तयारी करके रखते है

धनंजय- बेस्ट ऑफ लक

मीनाक्षी- और जल्दी आना

विवेक- हा भाई भाभी हमने भी तयारी करके रखी है

राघव- हा आप लोग घर पहुचो हम आते है

जिसके बाद राघव और नेहा वहा से निकल गए

कुछ समय बाद राघव और नेहा गाड़ी मे बैठे थे राघव ने नेहा को देखा तो वो काफी ज्यादा नर्वस थी और अपने नाखून चबा रही थी

राघव- डोंट वरी जान सब सही होगा देखना तुम

राघव ने नेहा का हाथ पकड़ते हुए कहा

नेहा- मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा, सब लोग कितने खुश है उन्होंने हमे हर बात मे सपोर्ट किया है, किसी ने एक बार भी हमे नहीं रोका या किसी को ऐसा नहीं लगा के हम गलत कर रहे है जैसा अक्सर होता है मैं उन्हे निराश नहीं करना चाहती

राघव- ऐसा कुछ नहीं होगा सब सही होगा देखना तुम

राघव ने कार रोकते हुए कहा वो अपनी मंजिल पर पहुच चुके थे उन्होंने बाहर आकार उस जगह को देखा

'जमनादास अनाथआश्रम'

वो लोग बच्चा गोद लेने आए थे, अब इसका ये मतलब बिल्कुल नहीं था के राघव या नेहा मे कोई कमी थी बल्कि वो किसी ऐसे हो जिंदगी देना चाहते थे जो पहले ही इस धरातल पर मौजूद था, उन्होंने इस बारे मे अपने परिवार से बात की थी जिसमे उन्होंने भी इन्हे सपोर्ट किया था

राघव ने नेहा का हाथ पकड़ा और उन्होंने अपना कदम आगे बढ़ाया, नेहा तो नर्वस थी ही लेकिन राघव की हालत भी कुछ अलग नहीं थी, वो पेरेंट्स बनने वाले थे, उन्होंने पहले ही सोचा था के नेहा के अकादेमी के इनॉग्रेशन के दिन वो बच्चा एडॉप्ट करेंगे लेकिन फिर राघव को बाहर जाना पड़ा था तो पहले तो नेहा ने सोचा किसी और दिन लेकिन जो होना तय था हो रहा था

"मैंने आपसे रिलेटेड सारे डॉक्युमेंट्स चेक कर लिए है मिस्टर एण्ड मिसेज देशपांडे, हम किसी को भी ऐसे ही बच्चे की कस्टडी नहीं देते है लेकिन आप बच्चा एडॉप्ट करने के लिए एलिजबल है और सबसे बड़ी बात आप दोनों ये खुद की मर्जी से कर रहे है ना की किसी दूसरी वजह से या किसी कॉम्प्लिकेशन की वजह से, आप जैसे बहुत कम लोग है दुनिया मे वरना यहां तो सबको अपना खून ही प्यारा है"

"वो बहुत ही शांत और शर्मिला है मिस्टर एण्ड मिसेज देशपांडे आपको उसे बहुत प्यार से हंडेल करना पड़ेगा, चलिए"

अनाथआश्रम के मैनेजर ने कहा और वो उनके साथ गार्डन की ओर आए

"वो रहा वो, अब आपको उसे संभालिए मैं आता हु"

गार्डन में एक और इशारा करके मैनेजर वहा से चला गया नेहा और राघव ने उस ओर देखा जहा बस एक बच्चा था, जिसे उन्होंने एडॉप्ट किया था, उसके साथ उनका नाम जुडने वाला था, जिससे आज दोनों ही खुश थे, आज उनकी फॅमिली कम्प्लीट हुई थी, इस नए मेहमान के आने से उनकी खुशिया दुगनी होने वाली थी

आज उनके पास सबकुछ था, ये कहानी जो एक बिखरे हुए रिश्ते से शुरू हुई थी आज निखर कर एक खूबसूरत प्रेमकहनी मे बदल चुकी थी, जरूरी नहीं के शादी से पहले ही प्यार हो, कभी कभी शादी के बाद भी आपको बेइंतेहा प्यार हो सकता है बस आपको थोड़ा वक्त देने की जरूरत है।

और इसीके साथ ये सफर यही खत्म होता है

With Never Ending Love..!!

The End..!!
 
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