नमस्ते.. मेरा नाम अभिषेक है, मैं जयपुर का रहने वाला हूँ, मैंने अभी अपनी बी.टेक. पूरी की है।
आज मैं आपके साथ एक कहानी नहीं वास्तविक घटना शेयर करने जा रहा हूँ.. आशा है आपको सभी को यह हिंदी सेक्स कहानी बहुत पसंद आएगी।
बी.टेक. के दौरान मेरी दो गर्लफ्रेंड रही थीं। उन दोनों के साथ मैंने चुदाई भी की थी। लेकिन अब उनकी शादी हो चुकी है तो अब उनसे मेरा रिलेशन भी खत्म हो गया। पर मुझे तो सेक्स की भूख अब भी लगी हुई थी।
पड़ोस की मस्त लड़कियाँ
बात कुछ दिनों पहले की ही है, हमने जयपुर में एक नया घर लिया था, हमें उसमें रहते हुए पांच महीने हो गए थे।
मेरे घर के पास बहुत सी मस्त लड़कियां भी रहती थीं.. पर वो दिखती ही बहुत कम थीं। उनमें से कोई जॉब करती थी तो कोई पढ़ती थी.. पर थीं सबकी सब मस्त माल!
उनमें से मुझे जो सबसे ज्यादा पसंद थी.. वो थी पूजा… पूजा मेरे घर के सामने ही रहती थी, वो मुझे शुरू से ही पसंद थी। वो कॉलेज में पढ़ती थी।
सच में वो क़यामत लगती थी.. पूजा बहुत ही कामुक थी। एक बार देख लो तो लौड़ा खड़ा हुए बिना नहीं रहेगा मेरी गारंटी है। उसका फिगर 32-28-34 का था। उसके अन्दर सबसे अच्छे मुझे उसके चूचे लगते थे।
कई बार मैं उसे अपने घर की छत पर जा-जा कर देखा करता था। मैं कई बार उसके नाम की मुठ भी मार चुका था.. लेकिन चुदाई करने की तो बात दूर पूजा से तो बात भी नहीं हो पा रही थी।
मेरे घर में भी सब रहते थे और उसके घर में भी.. तो उससे बात कर पाना मुश्किल हो रही थी।
आखिर एक दिन मौका मिल ही गया, हुआ कुछ यूँ कि पूजा और उसकी भाभी मार्किट जाकर आए थे.. और उनका कुछ सामान बाज़ार में ही छूट गया था।
वो मेरी मम्मी के पास आईं और मेरे लिए बोलीं- आप अपने लड़के को भेज दीजिएगा.. हमारा कुछ सामान छूट गया है.. वो सामान लेकर आना है। अभी हमारे घर में कोई भी नहीं है.. जो बाइक चला सके।
पहली मुलाकात
मम्मी ने मुझसे कहा.. तो मैं तो तैयार था।
पहले तो मुझे लगा कि सिर्फ पूजा की भाभी ही मेरे साथ बाइक पर जाएंगी। लेकिन जैसे ही मैंने बाइक स्टार्ट की.. वैसे ही पूजा मेरे पीछे आकर बैठ गई।
मुझे तो सच में यकीन ही नहीं हो रहा था कि मेरे साथ बाइक पर पूजा बैठी है।
पूजा की भाभी ने मुझसे बोला- आराम से जाना।
तो मैंने कहा- ओके।
फिर मैं और पूजा वहाँ से बाइक पर बैठ कर चल पड़े। वो पहले तो मुझसे थोड़ा दूर बैठी थी। फिर मैंने जैसे ही ब्रेक लगाए वैसे ही उसने अपने हाथ मुझ पर रख दिए।
सच बताऊँ.. तो मेरे लिए वो पल एक बहुत अच्छा अहसास वाला था।
अब मैंने उससे पूछा- अभी आप क्या कर रही हो?
तो उसने बताया- मैं बी.एड. कर रही हूँ।
‘हम्म.. मास्टरनी बनना है।’
उसने मुझसे पूछा तो मैंने बताया- अभी मैंने बी.टेक. पूरी की है और जॉब कर रहा हूँ।
उसने पूछा- पहले आप कहाँ रहते थे?
तो मैंने बताया- मैं चार साल हॉस्टल में रहा हूँ।
फिर ऐसे ही बातें चलती रहीं और हम मार्केट पहुँच गए। उसने वहाँ से वो सामान लिया और मुझसे कहा- मुझे कुछ और भी लेना है.. आप बाइक को साइड में लगाकर मेरे साथ ही आ जाओ।
आज मैं आपके साथ एक कहानी नहीं वास्तविक घटना शेयर करने जा रहा हूँ.. आशा है आपको सभी को यह हिंदी सेक्स कहानी बहुत पसंद आएगी।
बी.टेक. के दौरान मेरी दो गर्लफ्रेंड रही थीं। उन दोनों के साथ मैंने चुदाई भी की थी। लेकिन अब उनकी शादी हो चुकी है तो अब उनसे मेरा रिलेशन भी खत्म हो गया। पर मुझे तो सेक्स की भूख अब भी लगी हुई थी।
पड़ोस की मस्त लड़कियाँ
बात कुछ दिनों पहले की ही है, हमने जयपुर में एक नया घर लिया था, हमें उसमें रहते हुए पांच महीने हो गए थे।
मेरे घर के पास बहुत सी मस्त लड़कियां भी रहती थीं.. पर वो दिखती ही बहुत कम थीं। उनमें से कोई जॉब करती थी तो कोई पढ़ती थी.. पर थीं सबकी सब मस्त माल!
उनमें से मुझे जो सबसे ज्यादा पसंद थी.. वो थी पूजा… पूजा मेरे घर के सामने ही रहती थी, वो मुझे शुरू से ही पसंद थी। वो कॉलेज में पढ़ती थी।
सच में वो क़यामत लगती थी.. पूजा बहुत ही कामुक थी। एक बार देख लो तो लौड़ा खड़ा हुए बिना नहीं रहेगा मेरी गारंटी है। उसका फिगर 32-28-34 का था। उसके अन्दर सबसे अच्छे मुझे उसके चूचे लगते थे।
कई बार मैं उसे अपने घर की छत पर जा-जा कर देखा करता था। मैं कई बार उसके नाम की मुठ भी मार चुका था.. लेकिन चुदाई करने की तो बात दूर पूजा से तो बात भी नहीं हो पा रही थी।
मेरे घर में भी सब रहते थे और उसके घर में भी.. तो उससे बात कर पाना मुश्किल हो रही थी।
आखिर एक दिन मौका मिल ही गया, हुआ कुछ यूँ कि पूजा और उसकी भाभी मार्किट जाकर आए थे.. और उनका कुछ सामान बाज़ार में ही छूट गया था।
वो मेरी मम्मी के पास आईं और मेरे लिए बोलीं- आप अपने लड़के को भेज दीजिएगा.. हमारा कुछ सामान छूट गया है.. वो सामान लेकर आना है। अभी हमारे घर में कोई भी नहीं है.. जो बाइक चला सके।
पहली मुलाकात
मम्मी ने मुझसे कहा.. तो मैं तो तैयार था।
पहले तो मुझे लगा कि सिर्फ पूजा की भाभी ही मेरे साथ बाइक पर जाएंगी। लेकिन जैसे ही मैंने बाइक स्टार्ट की.. वैसे ही पूजा मेरे पीछे आकर बैठ गई।
मुझे तो सच में यकीन ही नहीं हो रहा था कि मेरे साथ बाइक पर पूजा बैठी है।
पूजा की भाभी ने मुझसे बोला- आराम से जाना।
तो मैंने कहा- ओके।
फिर मैं और पूजा वहाँ से बाइक पर बैठ कर चल पड़े। वो पहले तो मुझसे थोड़ा दूर बैठी थी। फिर मैंने जैसे ही ब्रेक लगाए वैसे ही उसने अपने हाथ मुझ पर रख दिए।
सच बताऊँ.. तो मेरे लिए वो पल एक बहुत अच्छा अहसास वाला था।
अब मैंने उससे पूछा- अभी आप क्या कर रही हो?
तो उसने बताया- मैं बी.एड. कर रही हूँ।
‘हम्म.. मास्टरनी बनना है।’
उसने मुझसे पूछा तो मैंने बताया- अभी मैंने बी.टेक. पूरी की है और जॉब कर रहा हूँ।
उसने पूछा- पहले आप कहाँ रहते थे?
तो मैंने बताया- मैं चार साल हॉस्टल में रहा हूँ।
फिर ऐसे ही बातें चलती रहीं और हम मार्केट पहुँच गए। उसने वहाँ से वो सामान लिया और मुझसे कहा- मुझे कुछ और भी लेना है.. आप बाइक को साइड में लगाकर मेरे साथ ही आ जाओ।