Maa Ne Lalaji Ke Samne Apni Tange Kholi

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम काजल है और यह Hot Sex Story पर मेरी पहली कहानी है। लेकिन मैंने इस पर बहुत सारी सेक्सी कहानियाँ पढ़ी है, पता नहीं यह सारी स्टोरी सच है या नहीं। लेकिन हाँ इस कहानी से मुझे प्रेरणा जरुर मिली है कि में भी अपने जीवन की एक सच्चाई आप सभी को बता सकूं। दोस्तों मेरी उम्र अभी 21 साल है और में बिहार के एक छोटे से गावं की रहने वाली हूँ और आपके सामने अपने जीवन की एक सच्चाई रखने जा रही हूँ। Maa Ne Lalaji Ke Samne Apni Tange Kholi.

मेरे परिवार में 4 लोग है। में, मेरे पापा, मम्मी और मेरी छोटी बहन। हम लोग बहुत गरीब परिवार से है और यह कहानी कुछ समय पहले की है। मेरी मम्मी का नाम प्रेमा है और वो दिखने में बहुत सुंदर है। दोस्तों मेरे गावं के सभी गैर मर्द मेरी मम्मी को घूर घूरकर देखते है और उनके पूरे बदन को गंदी गंदी नजरों से निहारते है, तो कुछ समय पहले की बात है जब में और मेरी बहन छोटी थी, तभी पापा की शहर में नौकरी लग गई और वो चले गये।

लेकिन कभी कभी ही आते थे और उस समय गावं में मेरी मम्मी, में और मेरी छोटी बहन ही रह गये और पापा के जाने का फ़ायदा बहुत लोगो ने उठना चाहा। वो हमेशा मेरी मम्मी को गंदी नज़र से देखते थे। उन्हे लगता था कि अब उनका रास्ता खुल गया है और शायद मम्मी उनके सामने अपने पैर खोल दे और वो मेरी मम्मी पर बहुत ताने मारते थे। वो कहते थे कि अब तो तेरा पति नहीं है, तू अपनी आग कैसे शांत करती होगी? मेरे पास आ जा, में तेरी आग बुझा दूँगा। लेकिन फिर मम्मी कुछ भी नहीं कह पाती थी।

दोस्तों, हमारे गावं में ही एक लालाजी है, उनका नाम सुरेन्द्र सिंह है। लेकिन गावं के सब लोग उन्हे लालाजी कह कर पुकारते है और वो गावं के बहुत अमीर आदमी है और उनका काम ही लोगो को ब्याज पर पैसे देना है। लालाजी बहुत अच्छे स्वभाव के थे। वो हमेशा हमारे परिवार का साथ दिया करते थे, क्योंकि वो पापा के बहुत अच्छे दोस्त थे। उनकी उम्र मम्मी से लगभग दस साल बड़ी थी और इसलिए मम्मी उनकी बड़ी इज़्ज़त किया करती थी और वो हमारे घर पर बराबर आया जाया करते थे, क्योंकि पापा ने उनसे कुछ पैसे ब्याज़ पर लिए हुए थे इसलिए वो घर पर आते थे और मम्मी से पूछते कि पापा घर कब आएँगे। अब में आप सभी का ज्यादा टाईम ना लेते हुए सीधे कहानी पर आती हूँ।

एक दिन की बात है, उस समय हमारे स्कूल में गर्मी की छुट्टियाँ चल रही थी। तो में और मेरी छोटी बहन उस समय घर में ही थी और दिन के 12 बज रहे होंगे। मेरी मम्मी नहा रही थी कि अचानक दरवाजे पर कोई आया। तो मम्मी ने मुझे दरवाजा खोलकर बाहर देखने के लिए आवाज़ दी कि कौन आया है? तो में उठकर गई और मैंने दरवाजा खोला तो देखा कि बाहर लालाजी आए है। उन्होंने मुझसे पूछा कि बेटी मम्मी कहाँ है? तो मैंने कहा कि वो तो नहा रही है।

तो उन्होंने कहा कि कोई बात नहीं में थोड़ा इंतज़ार कर लेता हूँ और फिर मैंने उनको घर में अंदर बुलाया और अपने रूम में ले गई, जहाँ पर हम लोग पढ़ रहे थे। तो मैंने उनसे पूछा कि काका क्या में आपके लिए चाय लेकर आ जाऊँ? तो उन्होंने कहा कि नहीं बेटा, अभी मत लाओ, बहुत गर्मी है, तुम बस एक ग्लास पानी पिला दो और में उनके लिए पानी लेकर आई और फिर बेड पर बैठ गई। तो उन्होंने हमसे पूछा कि क्या पढ़ाई हो रही है?

और हम दोनों ने उन्हे अपना किया हुआ काम दिखाया और उनसे बातें करने लग गए और मैंने मम्मी को नहीं बताया था कि लालाजी घर में ही है। तो कुछ देर बाद मम्मी नहाकर बाहर आई और अचानक से कमरे में घुसी। मम्मी सिर्फ़ पेटीकोट और ब्लाउज में थी, उन्होंने साड़ी नहीं पहन रखी थी क्योंकि मम्मी साड़ी हमेशा रूम में रखती है और नहाने के बाद रूम में आकर साड़ी पहनती है।

तो लालाजी को सामने देखकर मम्मी एकदम घबरा सी गई और उन्होंने अपने बूब्स को अपने दोनों हाथों से छिपा लिया और फिर उन्होंने मुझसे साड़ी लाने को कहा और साड़ी लेकर दूसरे रूम में चली गयी। तो लालाजी पता नहीं क्यों कुछ चुप से हो गये। लेकिन अब ना तो उन्हे हमारी नोटबुक में कुछ दिख रहा था, और ना ही हमारी बातों में और फिर मम्मी जब चाय लेकर आई तो वो भी घबराई हुई सी दिख रही थी और कुछ देर बाद लालाजी चले गये और कुछ दिनों तक वो नहीं आए। तो मैंने एक दिन मम्मी से पूछा कि लालाजी आज कल क्यों नहीं आते? तो मम्मी ने उस बात को टाल दिया और कहने लगी कि पता नहीं, हो सकता है कहीं बाहर चले गये होंगे।

तो यह एक रात की बात है, में और मेरी बहन सो रही थी और मम्मी दूसरे रूम में सो रही थी कि अचानक दरवाजे पर दस्तक हुई और फिर मम्मी उठकर गेट खोलने गयी और में भी डर से उठ गई कि कौन आया? तो मैंने देखा कि लालाजी है और फिर वो अंदर आए और मम्मी ने दरवाजा बंद कर दिया। दोस्तों, उस समय मेरे रूम की लाईट बंद थी, इसलिए शायद उन्हे पता नहीं चला कि में भी उठी हुई हूँ।

तो मम्मी ने पूछा कि आप इस समय यहाँ? तो उन्होंने कहा कि हाँ, तुमसे कुछ काम है और फिर मम्मी और लालाजी मम्मी के रूम में चले गये। उनके कमरे का दरवाजा खुला हुआ था। लालाजी मम्मी के बेड पर बैठ गये। मम्मी ने पूछा कि इतनी रात को आप क्यों आए हो और क्या बात है? तो लालाजी चुपचाप मम्मी को घूर रहे थे, शायद उन्होंने शराब पी रखी थी। उन्होंने मम्मी के जिस्म को ऊपर से नीचे तक देखा और कहा कि प्रेमा तुम बहुत सुंदर हो।

तो मम्मी ने कहा कि लालाजी आप यह क्या कह रहे हो? लालाजी ने पूछा कि प्रेमा क्या तुम्हे अपने पति की याद नहीं आती? तो मम्मी एकदम चुपचाप उनकी बातें सुन रही थी और उन्होंने कहा कि प्रेमा अगर तुम चाहो तो में तुम्हारे सारे पैसे माफ़ कर दूंगा और में उसके आलावा भी तुम्हे जो चाहिए सब दूँगा। "Apni Tange Kholi"

तो मम्मी ने कहा कि यह सब कैसे हो सकता है? उन्होंने कहा कि हाँ, हो सकता है अगर तू अपनी टाँगे मेरे सामने खोल दे तो, मम्मी ने कहा कि नहीं लालाजी ऐसा मत कहिये, में आपकी बहुत इज़्ज़त करती हूँ और आपके मुहं से यह बातें अच्छी नहीं लगती। तो लालाजी ने कहा कि मुझे तुम बहुत पसंद हो, में बहुत दिनों से तुम्हे चोदना चाहता हूँ और आज में अपनी हवस शांत करके रहूँगा और यह कहकर उन्होंने मम्मी को खींचकर अपने से चिपका लिया। तो मम्मी छुड़ाने की कोशिश कर रही थी।

लेकिन कुछ ना कर सकी और देखते ही देखते लालाजी ने मम्मी के गालों को चूम लिया। उन्होंने मम्मी को जकड़ रखा था, मम्मी रो रही थी और अब मुझे बहुत डर लगने लगा कि यह क्या हो रहा था? क्योंकि आज तक मैंने यह सब नहीं देखा था। लेकिन में फिर भी चुपचाप यह सब देखती रही। फिर लालाजी ने मम्मी को बेड पर उल्टा लेटा दिया। मम्मी रो रही थी और उनसे छोड़ने को कह रही थी, प्लीज़ लालाजी मेरे साथ ऐसा मत कीजिए। "Apni Tange Kholi"

लेकिन लालाजी ने मेरी मम्मी की एक ना सुनी और मेरी मम्मी की साड़ी को उठा दिया। उन्होंने मेरी मम्मी के दोनों हाथों को पकड़ रखा था इसलिए मम्मी कुछ नहीं कर सकती थी। फिर लालाजी ने मम्मी के चूतड़ को देखा, मम्मी ने पेंटी नहीं पहन रखी थी। उनकी गोल गोल चूतड़ देखकर लालाजी पागल हो गये और उनकी गांड पर हाथ घुमाने लगे। उसके बाद लालाजी एक हाथ से अपनी धोती को खोल दिया और मम्मी के ऊपर लेट गये। उन्होंने पीछे से मम्मी की दोनों टाँगे फैला दी थी। मम्मी चिल्ला रही थी और में बहुत डर गयी थी और अब मुझे लालाजी से डर लगने लगा था इसलिए में अपने मुहं को बंद किए यह सब देखती रही। "Apni Tange Kholi"

में डरकर बैठ गयी और सोचा कि किसको बुलाऊँ, क्या कहूँ? लेकिन तब तक मुझे मम्मी की एक जोरदार चीख सुनाई दी आईईईईई। तो मैंने सोचा कि शायद लालाजी मम्मी को मार रहे है और में देखने लगी। लालाजी उसी तरह मम्मी के ऊपर लेटे हुए थे और लालाजी की काली गांड मुझे दिख रही थी। उनकी गांड पर बहुत सारे बाल थे और मोटी जांघे बालों से भरी हुई थी और लालाजी अपनी कमर को ऊपर नीचे कर रहे थे। लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या कर रहे है? "Apni Tange Kholi"

लेकिन जब थोड़ी देर बाद लालाजी बुरी तरह से अपनी कमर हिलाने लगे तो मैंने देखा कि लालाजी का काला और बहुत मोटा सा लंड मेरी मम्मी की सू-सू निकलने वाली जगह के अंदर बाहर हो रहा था और मुझे बहुत अजीब लग रहा था और मैंने पहली बार यह सब देखा था। तो मम्मी ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी। लालाजी मुझे छोड़ दीजिए, मुझे जाने दीजिए। लेकिन लालाजी ने मम्मी की नहीं सुनी और मम्मी के साथ लगे रहे।

मुझे मम्मी की सिसकियाँ सुनाई दे रही थी आह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह बास माँ नहीं आईईईईई और कुछ देर तक ऐसा करते रहने के बाद लालाजी की कमर रुक गयी और वो शांत हो गए और मम्मी के ऊपर से हट गये और बेड पर लेट गए। मम्मी ने अपनी साड़ी को नीचे कर लिया और रोने लगी।

तो लालाजी ने मम्मी को अपने से चिपकाया और कहा कि रोने की ज़रूरत नहीं है प्रेमा, तुम्हे भी इसकी ज़रूरत है। तुम्हारा पति भी बाहर रहता है, तुम्हे भी तो अपने जिस्म की आग बुझाने के लिए कोई ना कोई चाहिए और उन्होंने कहा कि देखो तुम्हारा पति यहाँ नहीं और तुम तीनों को देखने वाला कोई होना चाहिए। में तुम तीनो का ख्याल रखूँगा और यह बात कहकर उन्होंने मेरी मम्मी को गले से लगा लिया। "Apni Tange Kholi"

अब मम्मी ने भी रोना बंद कर दिया था और लालाजी धीरे धीरे मेरी मम्मी की पीठ सहलाने लगे और गालों पर किस करने लगे और कुछ देर बाद लालाजी ने अपनी धोती पहन ली। तो में भी चुपचाप होकर सो गयी क्योंकि अब मुझे डर लगने लगा कि कहीं लालाजी मुझे देख ना ले और सुबह जब में उठी तो मैंने देखा कि मम्मी बिल्कुल ठीक है और वो अपने काम में लगी हुई थी। में मम्मी के पास गयी और मम्मी से पूछा कि मम्मी आप कैसी है?

तो मम्मी ने हंसकर जवाब दिया कि अच्छी हूँ। लेकिन आज तू मुझसे यह सब क्यों पूछ रही है? तो मैंने कहा कि कुछ नहीं मम्मी मैंने कल रात को एक डरावना सपना देखा था और में डर गयी। तो मम्मी ने मुझे लगे लगाया और कहा कि डरने की क्या बात है, में हूँ ना।

दोस्तों मैंने मम्मी से कुछ नहीं कहा कि मैंने कल रात को क्या देखा? लेकिन मम्मी और लालाजी के साथ रात का वो हादसा मेरे दिमाग़ में बैठ गया और धीरे धीरे में बड़ी होती गयी और लालाजी और मम्मी के बीच इस नाजायज़ संबंध को देखती रही। लेकिन मैंने मम्मी को कभी भी नहीं रोका, शायद अब मुझे भी यह सब देखने में मज़ा आ रहा था। लालाजी बराबर मेरे घर पर आते थे और मम्मी टाँगे खोल देती थी और कभी कभी तो रात भर वो मेरी मम्मी को चोदते और रात भर में मम्मी की चिल्लाने की आवाज़ सुनती थी। "Apni Tange Kholi"

इन आवाजों से मुझे बहुत मज़ा आता था और फिर एक रात की बात है, रोज़ की तरह लालाजी अंदर आए और मम्मी उन्हे लेकर अंदर चली गई और दरवाजा बंद कर लिया और दोनों बैठकर बातें करने लगे। मुझे आज भी याद है, उस दिन मैंने सलवार सूट पहन रखा था। तो लालाजी ने मम्मी के बूब्स को पकड़ रखा था और उसे दबा रहे थे। उन्होंने देखते ही देखते मेरी मम्मी की साड़ी को उतार दिया और अब मम्मी उनके सामने सिर्फ़ पेटीकोट और ब्लाउज में थी और लालाजी ने भी अपनी धोती को खोल दिया और अपना कुर्ता उतारकर मम्मी के सामने नंगे खड़े हो गये। मुझे लालाजी का शरीर बहुत पसंद था, क्योंकि उनका शरीर बहुत मजबूत, वो लंबे चौड़े और उनका लंड बहुत मोटा, काला और बड़ा था।

तो मम्मी बेड पर बैठी हुई थी और लालाजी उनके सामने आकर खड़े हो गये, मम्मी ने उनका लंड पकड़ा और धीरे धीरे सहलाने लगे। धीरे धीरे लालाजी का मोटा लंड तनकर खड़ा हो गया। मुझे ऐसा लग रहा था कि में खुद लालाजी का लंड सहला रही हूँ। में हमेशा महसूस करती थी कि जैसे लालाजी मम्मी की टाँगे खोलते है, मेरी भी खोले और मुझे अच्छे से पता है कि में इस दर्द को बर्दाश्त नहीं कर सकती। लेकिन पता नहीं क्यों? "Apni Tange Kholi"

लालाजी ने मुझे पागल कर दिया था। फिर मैंने अपना हाथ अपनी सलवार के अंदर घुसा दिया और अपनी चूत पर रगड़ने लगी। कुछ देर में मम्मी ने लालाजी का लंड अपने मुहं में ले लिया और चूसने लगी। लालाजी ने मेरी मम्मी के बालों को पकड़ लिया और उनके मुहं में अपना लंड अंदर बाहर करने लगे और अब उन्होंने मेरी मम्मी के ब्लाउज को खोल दिया और उनकी ब्रा को खींचकर निकाल दिया। मम्मी के बूब्स पर ब्रा के निशान दिख रहे थे। तो लालाजी ने मम्मी के बूब्स को पकड़ा और अपने मुहं में ले लिया और अब मम्मी के निप्पल लालाजी के मुहं में थे।

फिर लालाजी कभी मम्मी के निप्पल चूसते, तो कभी उनके बूब्स के आसपास चूमते। लालाजी ने मम्मी को लेटा दिया और मम्मी की साड़ी को उनकी कमर तक उठा दिया। मम्मी ने काली कलर की पेंटी पहन रखी थी। लालाजी अपना मुहं मम्मी की चूत के पास ले गये और थोड़ा सूंघने लगे और मुझे यह सब बहुत अच्छा लग रहा था। ऐसा लग रहा था कि जैसे मम्मी की जगह, वहां पर में हूँ और अब मेरी योनि थोड़ा थोड़ा पानी निकाल रही थी। "Apni Tange Kholi"

लेकिन मुझे ऐसा सुखद एहसास कभी नहीं हुआ था। तो लालाजी ने मम्मी की पेंटी को निकाल दिया। मम्मी की योनि पर बहुत बाल थे। लालाजी ने अपनी दो उंगलियों से मम्मी की योनि को फैला दिया और उसे अपनी जीभ से चाटने लगे। मम्मी ने लालाजी के बाल पकड़ रखे थे और अपने दातों से अपने होंठ दबाकर सिसकियाँ ले रही थी। लालाजी दो उंगलियां अंदर बाहर करते हुए मम्मी की योनि को चाट रहे थे। मुझे अपनी सू-सू वाली जगह पर बहुत अजीब महसूस हो रहा था और में अपने हाथों से अपनी योनि रगड़ रही थी और अब लालाजी बेड पर लेट गये और उन्होंने मम्मी से ऊपर आने को कहा। मम्मी ने वैसा ही किया और वो अपनी दोनों टाँगे खोलकर लालाजी के लंड पर बैठ गई और उनका पूरा लंड मेरी मम्मी की योनि में समा गया। "Apni Tange Kholi"

तो मम्मी ने अपने हाथ लालाजी की छाती पर रखा हुआ था और ऊपर नीचे हो रही थी। लालाजी मम्मी का पूरा सहयोग दे रहे थे। उनके चूतड़ को अपने हाथों से सहारा देकर ऊपर नीचे होने में मदद कर रहे थे। मम्मी अह्ह्ह्ह ओह उईईई कर रही थी और कुछ देर तक ऐसे होने के बाद लालाजी ने मम्मी की कमर को पकड़ते हुए नीचे पटक दिया और खुद उनके ऊपर चड़ गये और एक ही झटके में अपना मोटा लंड मेरी मम्मी की योनि में घुसा दिया।

उन्होंने अपने हाथ पीछे करके मम्मी की गर्दन को ज़ोर से पकड़ लिया और मम्मी के निप्पल अपने मुहं में लेकर मेरी मम्मी को चोदने लगे और फिर मम्मी ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी उईईईईईइ माँ आआआहह ना आआहह नहीं आयाईईईईई लालाजी थोड़ा धीरे धीरे कीजिए में मर जाउंगी। तो लालाजी ने मम्मी से कहा कि साली रंडी चिल्ला मत, जैसे मन करेगा में तुझे चोदूंगा, तू रांड है, तेरे इतने गरम जिस्म को में ऐसे ही नहीं छोड़ूँगा और ज़ोर ज़ोर से मम्मी को चोदने लगे। "Apni Tange Kholi"

मुझे लालाजी की बातों का बुरा नहीं लगा, जो भी उन्होंने मम्मी से कहा क्योंकि एक तो लालाजी मर्द थे और उन्हे पूरा हक था मम्मी को जानवरों की तरह चोदने का और दूसरा उन्होंने इतने सालों से हमारे परिवार का ख्याल रखा है। हर समय मम्मी को पैसा देते थे, कभी हमारी स्कूल की फ़ीस, घर का खर्च और हर चीज़ का बहुत अच्छे से ख्याल रखा, या ऐसा कह सकते है कि वो मेरी मम्मी को बीवी की तरह रखते थे।

अब मम्मी के दोनों पैर हवा में थे और वो ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी। लालाजी मम्मी को पागलों की तरह चूम रहे थे और चोद रहे थे। तो कुछ देर चोदने के बाद उन्होंने अपना वीर्य मेरी मम्मी की बच्चेदानी में गिरा दिया और उनके ऊपर लेटे रहे और मम्मी को किस करते रहे। उसके बाद वो मेरी मम्मी के ऊपर से हट गये और बेड पर लेट गये। उनके काले से लंड पर अभी भी उनका वीर्य लगा हुआ था। "Apni Tange Kholi"

मम्मी ने उसे अपनी जीभ से चाटकर साफ किया, शायद लालाजी का वीर्य उन्हे अच्छा लगता था और उसके बाद मम्मी लेट गई। उन्होंने अपनी साड़ी को सीधा कर लिया और अब में भी शांत हो गयी थी। लेकिन अब मेरी योनि ने पानी छोड़ना बंद कर दिया था। में अपने बेड पर चली गयी और लेट गयी। लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी, क्योंकि लालाजी का काला, मोटा लंड, चौड़ी छाती और मोटी जांघो ने मुझे पागल कर दिया था।

मुझे ऐसा लगता था कि जैसे में अब बड़ी हो गयी हूँ और लालाजी मुझे भी चोद दे। दोस्तों, मेरी बहन मेरे पास में सो रही थी, लेकिन उसकी भी परवाह ना करते हुए मैंने अपनी सलवार जांघ तक सरका ली और अपनी पेंटी भी। मेरी पेंटी गीली हो चुकी थी और फिर मैंने अपनी योनि पे हाथ रखा और सोचने लगी कि लालाजी मेरी योनि सूंघ रहे है और चाट रहे है और में रगड़ने लगी। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। मैंने कुछ देर तक ऐसा ही किया। उसके बाद मुझे सू-सू आ गयी और में बाथरूम में चली गयी। "Apni Tange Kholi"

तो मैंने देखा कि मम्मी के कमरे कि लाईट अभी तक जाली हुई थी। मैंने पेशाब किया और फिर से वो सब देखने लगी। लालाजी मम्मी को किस कर रहे थे और दोनों धीरे धीरे बातें कर रहे थे। तो मम्मी ने कहा कि आप हमेशा मेरे पास रहते है, आपकी बीवी आपसे कुछ नहीं कहती क्या? लालाजी हंसने लगे और कहा कि उसे पता है कि तू मेरी रानी है और उसे क्या सारे गावं को पता है कि तू मेरी रखैल है। तो मम्मी चुपचाप सुनती रही।

लालाजी ने कहा कि देख प्रेमा तू सबके बारे में ज्यादा मत सोच। तुझे भी पता है कि अगर में तेरे साथ नहीं होता तो आज तू कितनो का बिस्तर गरम कर चुकी होती और उन्होंने कहा कि में तुझसे बहुत प्यार करता हूँ, अगर तू मुझे पहले मिली होती तो में तुझसे शादी कर लेता और यह बात कहकर मम्मी को गले लगा लिया और मम्मी ने भी लालाजी को दोनों हाथ पीछे करते हुए गले लगा लिया। वो दोनों एक दूसरे को किस करने लगे। "Apni Tange Kholi"

तो लालाजी ने मम्मी से कहा कि तुझे किसी चीज़ के बारे में सोचने की ज़रूरत नहीं है। में हमेशा तेरे साथ हूँ और तेरा ख्याल रखूँगा, बस तू मेरी बनकर रह। तो मम्मी ने भी लालाजी से कहा कि में भी आपसे बहुत प्यार करती हूँ। जब आपने पहली बार मेरे साथ ज़बरदस्ती की थी तो मुझे बहुत रोना आया था, लेकिन अब में आपके बिना नहीं रह सकती। आपको जब भी मेरी ज़रूरत पड़ेगी, में आपके साथ रहूंगी।

लालाजी को मम्मी की यह बात बहुत अच्छी लगी और उन्होंने मम्मी के गालों को पकड़कर उनके होंठो पर किस किया। फिर सर पर और उसके बाद उन्होंने मेरी मम्मी के बूब्स पकड़ लिए और मम्मी की एक निप्पल को अपने मुहं में ले लिया। मम्मी ने अपने हाथ को पीछे करते हुए पलंग को पकड़ लिया, जिसकी वजह से उनके बूब्स आगे की तरफ तन गये थे। उन्होंने मेरी मम्मी की साड़ी को कमर तक कर दिया और मम्मी की टाँगे खोलकर उनके ऊपर लेट गये और मम्मी के बूब्स को चूसने लगे। उन्होंने मम्मी के बूब्स पर एक थप्पड़ मारा, मम्मी के बूब्स हिल गये और उनकी चीख निकली। "Apni Tange Kholi"

तो लालाजी ने कहा कि चिल्ला मत वरना तेरी बेटियाँ उठ जाएगी और उन्होंने मम्मी के बूब्स पर एक और थप्पड़ मार दिया। लालाजी ने पूछा कि बोल तेरा राजा कौन है? तो मम्मी ने दर्द भरी आवाज़ में कहा कि आप है। उन्होंने मम्मी को बैठा दिया और अपना लंड उनके मुहं में लंड दे दिया और मम्मी उसे अंदर बाहर करने लगी और कुछ देर में उनका लंड खड़ा हो गया तो में समझ गयी थी कि अब मम्मी फिर से चुदने वाली है। लालाजी ने मम्मी को उल्टा लेटा दिया और मम्मी के चूतड़ को सहलाने लगे। उन्होंने मम्मी की गांड के छेद को चौड़ा किया और उसे नाक डालकर सूंघने लगे। "Apni Tange Kholi"

दोस्तों मैंने ऐसा करते हुए उन्हे पहले कभी नहीं देखा था इसलिए में और मज़े से देखने लगी। फिर कुछ देर उसे चाटा और थूक से गीला कर दिया और अब उन्होंने मम्मी को खड़ा किया और उन्हे दीवार के सहारे खड़ा कर दिया और उनके पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया। मम्मी लालाजी के सामने पूरी नंगी हो चुकी थी। फिर लालाजी इधर उधर कुछ ढूँडने लगे तो मम्मी ने पूछा कि क्या चाहिए? उन्होंने कहा कि तेल की शीशी कहाँ है और मम्मी ने उन्हे तेल लेकर दिया। उन्होंने अपने लंड पर सरसों का तेल लगाया और मम्मी के पीछे आकर खड़े हो गये। तो मम्मी थोड़ी सी झुक गयी और उन्होंने अपने हाथ पीछे करके अपनी गांड के छेद को फैला लिया।

तो लालाजी ने मम्मी की कमर को पकड़ लिया और उन्होंने अपना लंड उनकी गांड की छेद पर रख दिया और एक जोरदार झटका दिया मम्मी की चीख निकल गई और लालाजी के लंड का ऊपर का हिस्सा मम्मी की गांड के छेद के अंदर था। तो लालाजी ने एक और झटका देते हुए अपना पूरा लंड मेरी मम्मी की गांड के अंदर डाल दिया और अपनी कमर हिलाने लगे और मम्मी अह्ह्ह्हह ओफफफफफफ आईईईईईईईईईई और अब मम्मी को दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा था। "Apni Tange Kholi"

तो लालाजी ने मम्मी को सीधा किया और हाथ आगे की तरफ करके मम्मी के बूब्स को पकड़ लिए और लंड अंदर बाहर करने लगे। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था क्योंकि मैंने उन्हे आज तक मम्मी की गांड मारते हुए नहीं देखा था। मम्मी की आँखे बंद थी और वो सिसकियाँ लेकर लालाजी से चुद रही थी और मम्मी चुदते चुदते लालाजी को राजा राजा कह कर पुकार रही थी, जैसे कि राजा धीरे कीजिए दर्द हो रहा है या राजा बस कीजिए, कितना करोगे?

लेकिन मुझे बिल्कुल भी ध्यान नहीं रहा कि शायद उनकी नज़र भी मुझ पर पड़ सकती है और अचानक लालाजी ने मुझे देख लिया। में जल्दी से झुक गयी और घुटनों के बल चलते हुए अपने रूम में जाकर लेट गयी और अब मुझे बहुत डर लगने लगा क्योंकि अगर उन्होंने मम्मी से कह दिया तो क्या होगा क्योंकि मम्मी लालाजी के खिलाफ कुछ नहीं सुन सकती थी। "Apni Tange Kholi"

दोस्तों में चुपचाप सो गई। उसके बाद मैंने कुछ नहीं देखा, हो सकता है लालाजी ने रात भर मम्मी को चोदा हो या बीच रात में चले गये हो। लेकिन जब में सुबह उठी तो मम्मी सो रही थी और लालाजी कमरे में नहीं थे। मेरी बहन स्कूल जा चुकी थी। इन सबकी वजह से मेरी पढ़ाई भी खराब हो रही थी। में पढ़ने में बहुत तेज़ थी।

लेकिन इन सब बातों से में रात भर सो नहीं सकती थी और मुझे हमेशा यही सब नज़र आने लगा। शायद में भी उस उम्र में आ चुकी थी कि किसी के सामने टाँगे खोल दूँ। लेकिन मुझे लालाजी से डर लगने लगा। वो जब भी घर आते मुझे घूरकर देखते और में डरकर अंदर चली जाती। तो उसके बाद भी कई बार लालाजी ने मम्मी को घर में नंगा किया और उनकी टाँगे खोली। लेकिन अब में नहीं देखती थी, "Apni Tange Kholi"

में चुपचाप सी रहने लगी, सिर्फ़ कभी कभी रात में मम्मी की सिसकियों को सुनती थी और अपनी योनि सहलाकर काम चलाती। दोस्तों लालाजी यह बात बहुत अच्छी तरह से जानते थे कि में यह सब देखती हूँ, लेकिन उसके बावजूद वो आज भी मम्मी को चोदने आते है ।
 
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