मैं मुम्बई के अन्धेरी में रहता हूँ। मैं अन्तर्वासना की हिंदी सेक्स स्टोरीज का एक नियमित पाठक हूँ। आज मुझे लगा कि क्यों ना मैं भी कुछ मसाला पेश करूँ। अगर सभी को मेरी कहानी पसंद आई तो मैं और भी कहानियां पेश करूँगा।
बात उन दिनों की है.. जब मैं 18 वर्ष का था। मैं हमेशा सेक्स के लिए सोचता रहता था.. पर कोई साथी मिल ही नहीं रहा था।
तभी मेरी मम्मी और पापा को किसी काम के लिए गाँव जाना था.. उनके साथ मामा जी भी जाने के लिए तैयार हो गए। मामा जी नवी मुम्बई रहते थे। मेरी पढ़ाई की वजह से मैं गाँव नहीं जा पा रहा था। उधर मेरे घर पर मामी को आना भी पड़ा.. क्योंकि मामा नहीं चाहते थे कि वो वहाँ घर में अकेली रहें।
मेरी मामी की उम्र उस समय 35 वर्ष की रही होगी.. उनके तीन बच्चे थे.. पर उनको देख कर कोई अंदाजा नहीं लगा सकता था कि ये 3 बच्चे की माँ होगीं और इनकी उम्र 35 साल की होगी। वे एकदम सेक्सी और गठीले बदन की थीं। कोई भी उनको देखे तो बस देखता ही रह जाए।
पर मैं इन बातों से बेखबर होकर अपने में मस्त था।
बाकी के दिनों में तो मैं बाहर रहता था लेकिन रविवार को पूरा दिन घर पर ही था।
मामी का नंगा शरीर देखा
उस दिन दोपहर में यही कोई 2 बज रहे होंगे। मैं सोकर उठा औऱ सीधे बाथरूम की तरफ गया।
वहाँ जो कुछ मैंने देखा तो मैं दंग रह गया, पहली बार मैंने किसी औरत का पूरा नंगा शरीर देखा था।
मैं देख ही रह गया, वहाँ मेरी मामी पूरी नंगी नहा रही थी और अपनी चूत में कुछ कर रही थी।
मामी ने मुझे वहाँ से जाने को कहा।
मेरा ध्यान टूटा तो मैं वहाँ से शर्मा कर वापस आ गया। पर अब मेरे दिमाग पर मामी को कमनीय जिस्म छाया हुआ था।
बाद में मामी आईं और मुझे समझाते हुए बोलीं- ये सब किसी को मत बोलना।
मैंने शरमाते हुए सर हिला दिया।
उस दिन हम दोनों शाम को खाना खाकर सोने के लिए कमरे में चले आए। मामी अपने बिस्तर में से ही मुझसे बोलीं- तू किसी को बताएगा तो नहीं?
मैंने कहा- नहीं..
मामी की अन्तर्वासना
फिर बोलीं- तू मुझे वहाँ देख कर हटा क्यों नहीं.. अच्छा बता तूने कुछ ज्यादा तो नहीं देखा था।
मुझे उनकी इस तरह की बातों पर शक होने लगा, मुझे लगा कि इनका कुछ मूड दिख रहा है तो आज बाजी मार ही लेता हूँ।
मैंने कहा- देखा तो था.. पर ठीक से नहीं देख पाया था।
तो वो मुस्कुराते हुए बोलीं- अच्छा.. तो क्या सब फिर से देखना चाहता है?
मैंने तुरंत ‘हाँ’ कहा..
तो बोलीं- पर एक शर्त है.. किसी को कहेगा तो नहीं?
मैंने कहा- कभी नहीं..
कुछ पल बाद मुझे ऐसा लगा कि मामी जी मेरे ऊपर अपना हाथ सहला रही हैं। मैंने उनकी तरफ देखा तो उन्होंने मुझे अपने आगोश में ले लिया।
मैंने भी तुरंत उन्हें बांहों भर लिया और चूमने लगा। कुछ मिनट की किसिंग के बाद मामी ने मेरे पूरे कपड़े उतार कर मेरे लंड को हिलाने लगीं।
अभी मैं कुछ समझ पाता.. उन्होंने बैठते हुए मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगीं, मेरे पूरे शरीर में बिजली दौड़ने लगी। मैं भी उनकी चूची को चूसने लगा।
बात उन दिनों की है.. जब मैं 18 वर्ष का था। मैं हमेशा सेक्स के लिए सोचता रहता था.. पर कोई साथी मिल ही नहीं रहा था।
तभी मेरी मम्मी और पापा को किसी काम के लिए गाँव जाना था.. उनके साथ मामा जी भी जाने के लिए तैयार हो गए। मामा जी नवी मुम्बई रहते थे। मेरी पढ़ाई की वजह से मैं गाँव नहीं जा पा रहा था। उधर मेरे घर पर मामी को आना भी पड़ा.. क्योंकि मामा नहीं चाहते थे कि वो वहाँ घर में अकेली रहें।
मेरी मामी की उम्र उस समय 35 वर्ष की रही होगी.. उनके तीन बच्चे थे.. पर उनको देख कर कोई अंदाजा नहीं लगा सकता था कि ये 3 बच्चे की माँ होगीं और इनकी उम्र 35 साल की होगी। वे एकदम सेक्सी और गठीले बदन की थीं। कोई भी उनको देखे तो बस देखता ही रह जाए।
पर मैं इन बातों से बेखबर होकर अपने में मस्त था।
बाकी के दिनों में तो मैं बाहर रहता था लेकिन रविवार को पूरा दिन घर पर ही था।
मामी का नंगा शरीर देखा
उस दिन दोपहर में यही कोई 2 बज रहे होंगे। मैं सोकर उठा औऱ सीधे बाथरूम की तरफ गया।
वहाँ जो कुछ मैंने देखा तो मैं दंग रह गया, पहली बार मैंने किसी औरत का पूरा नंगा शरीर देखा था।
मैं देख ही रह गया, वहाँ मेरी मामी पूरी नंगी नहा रही थी और अपनी चूत में कुछ कर रही थी।
मामी ने मुझे वहाँ से जाने को कहा।
मेरा ध्यान टूटा तो मैं वहाँ से शर्मा कर वापस आ गया। पर अब मेरे दिमाग पर मामी को कमनीय जिस्म छाया हुआ था।
बाद में मामी आईं और मुझे समझाते हुए बोलीं- ये सब किसी को मत बोलना।
मैंने शरमाते हुए सर हिला दिया।
उस दिन हम दोनों शाम को खाना खाकर सोने के लिए कमरे में चले आए। मामी अपने बिस्तर में से ही मुझसे बोलीं- तू किसी को बताएगा तो नहीं?
मैंने कहा- नहीं..
मामी की अन्तर्वासना
फिर बोलीं- तू मुझे वहाँ देख कर हटा क्यों नहीं.. अच्छा बता तूने कुछ ज्यादा तो नहीं देखा था।
मुझे उनकी इस तरह की बातों पर शक होने लगा, मुझे लगा कि इनका कुछ मूड दिख रहा है तो आज बाजी मार ही लेता हूँ।
मैंने कहा- देखा तो था.. पर ठीक से नहीं देख पाया था।
तो वो मुस्कुराते हुए बोलीं- अच्छा.. तो क्या सब फिर से देखना चाहता है?
मैंने तुरंत ‘हाँ’ कहा..
तो बोलीं- पर एक शर्त है.. किसी को कहेगा तो नहीं?
मैंने कहा- कभी नहीं..
कुछ पल बाद मुझे ऐसा लगा कि मामी जी मेरे ऊपर अपना हाथ सहला रही हैं। मैंने उनकी तरफ देखा तो उन्होंने मुझे अपने आगोश में ले लिया।
मैंने भी तुरंत उन्हें बांहों भर लिया और चूमने लगा। कुछ मिनट की किसिंग के बाद मामी ने मेरे पूरे कपड़े उतार कर मेरे लंड को हिलाने लगीं।
अभी मैं कुछ समझ पाता.. उन्होंने बैठते हुए मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगीं, मेरे पूरे शरीर में बिजली दौड़ने लगी। मैं भी उनकी चूची को चूसने लगा।