अब तक आपने पढ़ा..
माया मेरे साथ बिस्तर चूमा चाटी में ही झड़ गई थी।
अब आगे..
माया मेरे बिना कुछ किए ही मुझे केवल चूमते हुए और अपने मम्मे मुझ पर रगड़ते हुए अपने चरम की तरफ आ गई थी। उसने मछली की तरह तड़पते हुए अपनी काम वासना की चरमसीमा को प्राप्त कर लिया था। वो इतने में ही झड़ कर मुझ पर ढेर होकर थोड़ी देर बेजान होकर पड़ी रही।
दोस्तो, यहाँ मैं आपको एक जादुई बात बता दूँ, औरत जिसको बहुत पसंद करती है और यदि उसी से चुदवाने की उसकी मन की चाह जग जाती है, तो वो चाह उसे बहुत तड़पाती है। परिणामस्वरूप जब वो आदमी उसे मिलता है.. तो वो बिना चुदे ही थोड़ी देर केवल चूमाचाटी करने पर ही झड़ जाती है।
पुरुष के अपेक्षा स्त्रियों में दस गुना अधिक कामवासना होती है। वो तो केवल अपने उस पसंदीदा को देखती भर है.. या उससे नजदीक जाकर बात भी करती.. तो उसकी चूत पनियाने लगती है। तो दोस्त जिस औरत को चोदना है.. उसके अन्दर तुम्हारे लिए एक आग लगाने वाली चाह पैदा करो। उसकी वासना को बहुत भड़काओ और फिर जब फल पक जाएगा तो वो अपने आप तुम्हारी झोली में गिर जाएगा।
माया की 30 साल की कुंवारी जवानी आज मेरी गोद में मचल कर बेहोश सी पड़ी थी।
मैं- क्यों क्या हुआ माया..!
माया- अरे..! मेरे अनाड़ी लल्ले.. मैं झड़ गई.. मेरा पानी छूट गया।
वो मेरी गोद से उठी।
मैं- मतलब.. क्या हुआ? तुम इतना मचल क्यों गईं?
हालांकि मुझे इस बात का इल्म ही नहीं था।
माया- ठहर.. तुझे अभी बताती हूँ.. क्या होता है।
उसने मेरी टी-शर्ट एक झटके के साथ ऊँची करके निकाल दी। साथ ही मुझे धक्का दे कर बिस्तर पर लिटा दिया और मेरे बरमूडा को एक झटके के साथ खींच कर मेरी जाँघों से खींचते हुए पूरी तरह से निकाल दिया।
अब मैं केवल निक्कर में ही था। मेरी धड़कनें तेज हो गई थीं। मेरा लौड़ा निक्कर में बम्बू सा तना हुआ था। मेरी सांसें तेज चल रही थीं। मेरा शरीर थिरक रहा था। मेरे अन्दर गज़ब की आग लग चुकी थी।
मैं- माया कुछ होगा तो नहीं ना.. मुझे डर है अगर कुछ हुआ तो?
वो हँसी- ओह्ह्ह मुन्ना.. भगवान का मुझ पर जो अभिशाप है.. वो आज आशीर्वाद बनेगा। तुझे पता है मैं माँ तो बन ही नहीं सकती.. तो मैं प्रेग्नेंट होऊँगी ही नहीं और कुछ होने का डर ही नहीं है। हां तुझे जरूर होगा.. तू आज मेरा चोदू पति बन जाएगा।
मेरे निक्कर में ही वो मेरे खड़े लंड को बड़े प्यार से सहलाने लगी। अब तड़पने की बारी मेरी थी।
वो अपनी एक हथेली लंड को रगड़ते हुए सहला रही थी और उसकी दूसरी हथेली मेरी बड़ी जाँघों को सहला रही थी।
मेरे लंड के सुपारे पर करंट सा लग रहा था और वो झटके मार रहा था। मेरे लंड में एक अजीब सी गुदगुदी हो रही थी। उसमें एक मीठी सिरहन सी पैदा होने लगी.. जो मुझे मीठा दर्द भी दे रही थी।
मेरी आंखें बन्द होने लगी थीं। मेरे लंड में एक अजीब सी फीलिंग्स पैदा होने लगी थी.. जिसका शब्दों में वर्णन असंभव है।
मैं सिकारने लगा- सी.. सीई.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… अह्ह.. ओह्ह्ह.. माया मुझे कुछ हो रहा है.. प्लीज मुझसे.. र..हा नहीं.. जाआता.. मा..या..
माया मेरे साथ बिस्तर चूमा चाटी में ही झड़ गई थी।
अब आगे..
माया मेरे बिना कुछ किए ही मुझे केवल चूमते हुए और अपने मम्मे मुझ पर रगड़ते हुए अपने चरम की तरफ आ गई थी। उसने मछली की तरह तड़पते हुए अपनी काम वासना की चरमसीमा को प्राप्त कर लिया था। वो इतने में ही झड़ कर मुझ पर ढेर होकर थोड़ी देर बेजान होकर पड़ी रही।
दोस्तो, यहाँ मैं आपको एक जादुई बात बता दूँ, औरत जिसको बहुत पसंद करती है और यदि उसी से चुदवाने की उसकी मन की चाह जग जाती है, तो वो चाह उसे बहुत तड़पाती है। परिणामस्वरूप जब वो आदमी उसे मिलता है.. तो वो बिना चुदे ही थोड़ी देर केवल चूमाचाटी करने पर ही झड़ जाती है।
पुरुष के अपेक्षा स्त्रियों में दस गुना अधिक कामवासना होती है। वो तो केवल अपने उस पसंदीदा को देखती भर है.. या उससे नजदीक जाकर बात भी करती.. तो उसकी चूत पनियाने लगती है। तो दोस्त जिस औरत को चोदना है.. उसके अन्दर तुम्हारे लिए एक आग लगाने वाली चाह पैदा करो। उसकी वासना को बहुत भड़काओ और फिर जब फल पक जाएगा तो वो अपने आप तुम्हारी झोली में गिर जाएगा।
माया की 30 साल की कुंवारी जवानी आज मेरी गोद में मचल कर बेहोश सी पड़ी थी।
मैं- क्यों क्या हुआ माया..!
माया- अरे..! मेरे अनाड़ी लल्ले.. मैं झड़ गई.. मेरा पानी छूट गया।
वो मेरी गोद से उठी।
मैं- मतलब.. क्या हुआ? तुम इतना मचल क्यों गईं?
हालांकि मुझे इस बात का इल्म ही नहीं था।
माया- ठहर.. तुझे अभी बताती हूँ.. क्या होता है।
उसने मेरी टी-शर्ट एक झटके के साथ ऊँची करके निकाल दी। साथ ही मुझे धक्का दे कर बिस्तर पर लिटा दिया और मेरे बरमूडा को एक झटके के साथ खींच कर मेरी जाँघों से खींचते हुए पूरी तरह से निकाल दिया।
अब मैं केवल निक्कर में ही था। मेरी धड़कनें तेज हो गई थीं। मेरा लौड़ा निक्कर में बम्बू सा तना हुआ था। मेरी सांसें तेज चल रही थीं। मेरा शरीर थिरक रहा था। मेरे अन्दर गज़ब की आग लग चुकी थी।
मैं- माया कुछ होगा तो नहीं ना.. मुझे डर है अगर कुछ हुआ तो?
वो हँसी- ओह्ह्ह मुन्ना.. भगवान का मुझ पर जो अभिशाप है.. वो आज आशीर्वाद बनेगा। तुझे पता है मैं माँ तो बन ही नहीं सकती.. तो मैं प्रेग्नेंट होऊँगी ही नहीं और कुछ होने का डर ही नहीं है। हां तुझे जरूर होगा.. तू आज मेरा चोदू पति बन जाएगा।
मेरे निक्कर में ही वो मेरे खड़े लंड को बड़े प्यार से सहलाने लगी। अब तड़पने की बारी मेरी थी।
वो अपनी एक हथेली लंड को रगड़ते हुए सहला रही थी और उसकी दूसरी हथेली मेरी बड़ी जाँघों को सहला रही थी।
मेरे लंड के सुपारे पर करंट सा लग रहा था और वो झटके मार रहा था। मेरे लंड में एक अजीब सी गुदगुदी हो रही थी। उसमें एक मीठी सिरहन सी पैदा होने लगी.. जो मुझे मीठा दर्द भी दे रही थी।
मेरी आंखें बन्द होने लगी थीं। मेरे लंड में एक अजीब सी फीलिंग्स पैदा होने लगी थी.. जिसका शब्दों में वर्णन असंभव है।
मैं सिकारने लगा- सी.. सीई.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… अह्ह.. ओह्ह्ह.. माया मुझे कुछ हो रहा है.. प्लीज मुझसे.. र..हा नहीं.. जाआता.. मा..या..