Meri Premika Ki Ajib Prem Katha

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मेरा नाम प्रेम है, मैं सेक्टर 58 नॉएडा में रहता हूँ। मेरे घर में पापा-मम्मी और हम 3 भाई रहते हैं।

यह कहानी मेरी और मेरी प्रेमिका अनीता की है। पहले अनीता हमारे घर के पास ही रहती थी, हम स्कूल में बचपन से ही एक ही साथ पढ़े थे लेकिन हमारी प्रेम कहानी हमारी किशोरावस्था के बाद ही शुरू हुई।

उन्हीं दिनों मेरे पिताजी ने पुराना मकान बेचने के बाद अनीता के घर के सामने वाला मकान ले लिया था और हमारी दोस्ती और भी गहरी हो गई थी।

वो मुझसे प्यार करती थी इसकी खबर मुझे न थी।

आई लव यू
एक दिन मेरे ताऊजी के लड़के यानि मेरे भाई की शादी थी। मैंने बहुत ज्यादा दारू पी रखी थी.. अनीता भी शादी में आई हुई थी, जब इस बात का उसे पता चला कि मैंने पी रखी है.. तो उसने मुझे जोर का थप्पड़ मारा और मुझसे लिपट कर रोने लगी।

मैं उसके इस व्यवहार पर अचम्भित था।
तब उसने मुझे बताया कि वो मुझसे बहुत प्यार करती है।

अब मुझे भी उससे प्यार हो गया। मैंने भी उससे ‘आई लव यू..’ बोल कर उसे चुप करवाया और उसके होंठों से होंठ मिला कर किस किया।

उधर शादी में ही मैंने एक प्लेट में खाना रख कर उससे बोला- पहले तुम खाना खाओ।
उसने बोला- तुम भी मेरे ही साथ खाओ।

उसने मुझे अपने हाथों से खाना खिलाया। मैं चूंकि शराब के नशे में था.. तो मैं उसके कंधे पर हाथ रख कर नाचने लगा। इस तरह हम दोनों की प्रेम कहानी चल पड़ी।

अब मैं उसे रोज कॉलेज के पास मिलने जाने लगा और वो भी मेरे घर में किसी ना किसी बहाने से आ जाती थी। मैं उसे अकेले में ले जाकर किस करने लगता और उसकी चूची दबाने लगता।

उसने इस बार करवाचौथ पर भी मेरे लिए व्रत रख लिया था। उस रात को उसका फोन आया- मैंने तुम्हारे लिए व्रत रखा है.. तुम ही मुझे पानी पिलाने आना।

मैं सोच में पड़ गया कि ये कैसे होगा तो मैंने उससे अपनी दुविधा बताई।
वो बोली- मैं सब कर लूँगी तुम बस मुझे अपने हाथ से पानी पिलाना।

उस रात जब सब ने पूजा कर ली और खाना आदि में व्यस्त हो गए तब वो हमारे घर के बगल में एक खाली प्लाट पर कचरा फेंकने के बहाने से आई.. तो मैंने उसे पानी पिलाया और लड्डू खिलाया। उसने भी मेरे मुंह को देख कर ही पानी पिया। मुझे ये सब बहुत अच्छा लगा।

अगले दिन वो मेरे घर पेपर की तैयारी करने आई तो मैंने उसे अपने कमरे के अन्दर बुलाया और अपनी गोद में बिठा लिया। अब मैंने उसे किस किया.. तो उसने मेरा साथ देना शुरू कर दिया।

मैंने उठा कर कमरे का पर्दा डाल दिया और लाइट बंद कर दी। इसके बाद मैंने उसे कसके जकड़ लिया और किस करता रहा। किस करते करते हम दोनों के कपड़े कब उतर गए.. पता ही नहीं चला।

मैं उसके चूचे दबाने लगा.. साथ ही चूसने भी लगा। अनीता जोश में आकर ‘आह.. उह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… आह.. उह..’ करने लगी।
उसकी चूत पानी छोड़ चुकी थी.. जिससे उसकी पेंटी गीली हो गई।

मैंने उसकी चूत में उंगली डाली तो वो मुझे किस करने लगी और सीत्कार करते हुए हल्के से सुबकने लगी।
मैंने पूछा- क्या हुआ?
वो बोली- ये मत करो ये सब शादी के बाद करना प्लीज़..
 
मैं नहीं माना क्योंकि जब आदमी होश में रहता है.. तो लंड उसके काबू में रहता है और जब लंड खड़ा होता है.. तो आदमी लंड के काबू में होता है।

इतने में मुझे मम्मी की आवाज आई- प्रेम तूने लाइट क्यों नहीं जलाई?

मैं डर गया और बल्ब निकाल कर नीचे गिरा दिया। मैंने और अनीता ने कपड़े ठीक करके पहन लिए।

मम्मी मेरे कमरे में आईं तो उन्होंने पूछा- क्या हुआ?
मैं बोला- बल्ब नीचे गिर के टूट गया है।
मम्मी- जा नया ले आ।

मैं नया बल्ब लेने चला गया, अनीता भी अपने घर चली गई।

रात को मुझे नींद नहीं आई तो मैं उसके नाम का मुठ मारने के बाद सो गया।

प्रेमिका ने चूत चुदवा ली
अगले दिन उसे मैं कॉलेज के पास मिलने गया तो हम दोनों एक पार्क में चले गए, इस पार्क में बहुत सी झाड़ियाँ थीं। हम झाड़ियों के बीच में जाकर बातें करने लगे।

उसने ‘आई लव यू..’ बोल कर मुझे किस किया.. तो मैंने उसको अपनी बाँहों में भर लिया।

मैं उसे ऊपर से नीचे तक किस करने लगा, वो भी मेरा साथ देने लगी, वो बोली- मेरी जान, मैं आपकी हूँ.. मुझे आप मेरे साथ जो भी करना चाहो.. कर सकते हो। मैं उसे पास ही एक अधबने मकान में ले गया जो सुनसान था, वहाँ रसोई की स्लैब बनी हुई थी, उसे मैंने स्लैब पर लिटा दिया और उसे नंगी करके उसकी गीली चूत को चाट कर साफ़ कर दिया।

मैंने ज्यादा देर न करते हुए अपनी पैंट खोली और उसकी सुन्दर सी बिना बाल की चूत पर लंड के सुपारे को लगाया और पेला तो मेरा लंड फिसल गया। मैं समझ गया ये सील पैक चूत है।

फिर मैंने लंड पर थूक लगाया और जोर से धक्का मारा तो वो ‘आह.. ओह्ह..’ करने लगी। मैंने और जोर से धक्का मारा तो मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया।

अब वो दर्द से बिलख उठी और रोने लगी.. जोर-जोर से चिल्लाने लगी।

वो बोली- प्लीज़ लंड को बाहर निकालो।

मैंने उसकी बात को अनसुना किया और उसकी चूत में जोर से धक्के देने लगा।
कुछ ही देर बाद उसका दर्द कम हो गया, वो मुझसे बोली- आह्ह.. फाड़ दो अपनी बीवी की चूत को.. और जोर से चोद दो।
वो मुझे जोरों से किस करने लगी।

धकापेल चुदाई के बीच वो झड़ गई थी, कुछ मिनट बाद मैं भी झड़ने वाला था, मैंने चूत से लंड निकाल कर उसके पेट पर माल झाड़ दिया।

वो घर वालों के डर से घर नहीं जाना चाहती थी.. तो मैंने उससे बोला- घर चलो और मम्मी को बोल देना कि पेट में दर्द हो गया था.. इसलिए घर आ गई।

वो मेरी बात मान गई। मैं उसे गली के पास छोड़ कर अपने दोस्त के घर चला गया। इसके बाद भी हमने कई बार सेक्स किया।

फिर मुझे घर की परेशानी के कारण जॉब करनी पड़ी.. तब मैं शहर से बाहर जॉब पर जाने लगा और अब मैं उसे टाइम नहीं दे पा रहा हूँ।

तीन महीने बाद उसका फोन आया- आपका किराएदार मुझसे दोस्ती के लिए बोल रहा है.. कर लूं क्या?
मुझे भी लगा कि अब मैं उसको टाइम नहीं दे पा रहा हूँ इसलिए वो ऐसा बोल रही है।
मैंने उससे बोल दिया- जब पूछ ही लिया है तो कर लो उससे दोस्ती।

उसने मुझे ‘आई लव यू..’ बोल कर फोन काट दिया।

वो उसके साथ भाग गई और उसने शादी भी कर ली मगर मैं आज भी उससे प्यार करता हूँ।

तो दोस्तो, यह थी मेरी सेक्स कहानी या प्रेम कथा जो भी आपको ठीक लगे सो समझिए पर आपको मेरी कहानी कैसी लगी.. ये जरूर बताएँ।
 
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